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Troponin T Test in Hindi: उद्देश्य, प्रक्रिया और महत्व - विस्तृत जानकारी

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Troponin T Test in Hindi: उद्देश्य, प्रक्रिया और महत्व - विस्तृत जानकारी

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Komal Daryani
on Oct 31, 2023

Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 18, 2024

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Heart Blood test
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आजकल युवाओं में हार्ट अटैक की समस्या ने लोगों को चौंका दिया है। ये हार्ट अटैक जेनेटिक कारणों या हार्ट डिसीस की फैमिली  हिस्ट्री से ज्यादा अनहेल्दी लाइफ स्टाइल  के कारण हो रही है। देखा जाए तो हमारे देश में पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक से डेथ की संख्या बढ़ी है। किसी भी बीमारी के लक्षण नजर आने पर टेस्ट किए जाते हैं। वैसे ही हार्ट अटैक के लक्षण नजर आने पर जो टेस्ट की जाती है उसे ट्रोपोनिन टी टेस्ट कहते हैं। 

ट्रोपोनिन टी टेस्ट क्या है 

जब हार्ट की muscles खराब हो जाती है तो एक तरह का प्रोटीन जिसे ट्रोपोनिन कहते हैं ये खून में दिखाई देने लगता है। ट्रोपोनिन टी टेस्ट  करके खून में ट्रोपोनिन के लेवल का पता लगा सकते हैं। 

ऐसा हार्ट अटैक आने पर भी होता है। ट्रोपोनिन हार्ट की मसल्स में होता है न कि ब्लड में। बहुत से लोगों को लगता है ये ब्लड में होता है लेकिन ऐसा नहीं है। हार्ट में जितना ज्यादा डैमेज होता है खून में ट्रोपोनिन का लेवल उतना ही ज्यादा बढ़ता जाता है। 

ट्रोपोनिन प्रोटीन स्केलेटन और हार्ट की मसल्स के सिकुड़ने के लिए जरुरी होता है। बहुत से ऐसे कारण हैं  जिससे ट्रोपोनिन टी का लेवल बढ़ता है।  इनमें सबसे नार्मल है हार्ट अटैक आना। ट्रोपोनिन टी टेस्ट से ब्लड में ट्रोपोनिन टी के बहुत कम लेवल का भी पता लगाया जा सकता है। 

ये हार्ट अटैक को जल्दी ही diagnose करता है। इसके अलावा इस टेस्ट से हार्ट से जुड़ी दूसरी बीमारी जैसे : एनजाइना, coronary artery disease,  कार्डियोमायोपैथी, congestive heart failure का इलाज करने के लिए किया जाता है। जिन लोगों को सीने में दर्द बना रहता है उन्हें डॉक्टर की सलाह से ट्रोपोनिन टी टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए।

ट्रोपोनिन टी टेस्ट क्यों करते हैं

ट्रोपोनिन टी टेस्ट इन लक्षणों के दिखाई देने पर किया जाता है जैसे -

  • ज्यादा पसीना आने पर 
  • अगर साँस लेने में तकलीफ़ हो रही है तो 
  • चक्कर आने पर 
  • थकान ज्यादा हो रही हो तब 
  • सीने में दर्द होने पर
  • बेचैनी जैसा लगना 
  • उल्टी होना 
  • कमजोरी होना 
  • होंठ और स्किन का पीला या नीला हो जाना  
  • हार्ट बीट का तेज हो जाना 
  • जबड़े, बांह, गर्दन, पीठ के साथ शरीर के दूसरे हिस्सों में दर्द होना 

कुछ तरह की कार्डियक क्लीनिकल कंडीशन में भी इस टेस्ट को करवाना सही होता है।

  • सर्जरी के समय हार्ट अटैक का पता करने के लिए।
  • छाती में अगर कम या ज्यादा दर्द हो रहा हो तब। 
  • कंजेस्टिव हार्ट फेलियर।
  • हार्ट अटैक की स्थिति को गंभीरता से जांचने के लिए।
  • पल्मोनरी एम्बोलिस्म की स्थिति कितनी गंभीर है ये पता लगाने के लिए।

ट्रोपोनिन टी टेस्ट का रिजल्ट 

वैसे ब्लड में ट्रोपोनिन टी के लेवल का पता सिर्फ रेगुलर ब्लड टेस्ट से नहीं लगाया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्लड में प्रोटीन कम मात्रा में ही पाया जाता है। ब्लड में ट्रोपोनिन टी की नार्मल वैल्यू 0.04 एनजी/एमएल से कम होती है। 0.40 एनजी/एमएल से ज्यादा वैल्यू हार्ट अटैक के जोखिम की तरफ इशारा करती है।

ट्रोपोनिन टी लेवल की नार्मल रेंज पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग होती है और साथ ही ये एक लैब से दूसरी लैब में भी अलग हो सकती है। ब्लड में ट्रोपोनिन टी के लेवल का ज्यादा होने का मतलब हमेशा हार्ट के मसल्स का डैमेज होना या हार्ट फेलियर के कारण नहीं हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर इस स्थिति के कारण को खोजने के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ईसीजी) टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।

ट्रोपोनिन टी टेस्ट की रिपोर्ट कब मिलेगी?

ट्रोपोनिन टी टेस्ट की रिपोर्ट 12 - 16 घंटे में दे दी जाती हैं। कुछ केसेस में रैपिड ट्रोपोनिन टी टेस्ट की रिपोर्ट 30 मिनट में भी मिल जाती है जिससे emergency situations में तुरंत ट्रीटमेंट करने के लिए permission दे दी जाती है।

ट्रोपोनिन टी टेस्ट सेफ है?

हाँ, यह बिल्कुल सेफ है। यह एक नार्मल ब्लड टेस्ट है जिसमें मामूली सी चुभन होती है। इस प्रोसेस में नस से ब्लड सैंपल लिया जाता है। जिससे उस जगह पर इंजेक्शन लगने से हल्का सा दर्द हो सकता है। बाकी यह टेस्ट बिल्कुल सेफ है।

ट्रोपोनिन टी टेस्ट कैसे होता है

ट्रोपोनिन टी टेस्ट के लिए कोई ख़ास तरह की तैयारी करने की जरूरत नहीं होती है। इस टेस्ट को करने के लिए डॉक्टर हाथ की नस में सुई लगाकर ब्लड का सैंपल लेते हैं। ब्लड लेने पर उस जगह हल्का सा दर्द हो सकता है जो की कुछ ही देर में ठीक भी हो जाता है। 

अगर आप इससे पहले भी कभी ब्लड टेस्ट करवा चुके हैं और आपको चक्कर आया हो या बेहोश हुए हों  तो इस बारे में आप डॉक्टर को जरूर बताएं। अगर रिजल्ट में सीने में दर्द शुरू होने के 12 घंटे बाद तक नार्मल ट्रोपोनिन का लेवल आ रहा है तो ये अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि जो लक्षण आपके शरीर में दिखाई दे रहे थे वह हार्ट अटैक की वजह से ही हुए थे। 

ब्लड में ट्रोपोनिन का थोड़ा सा भी लेवल बताता है कि हार्ट में कुछ डैमेज जरूर है और अगर ट्रोपोनिन टी टेस्ट में एक या एक से ज्यादा बार ट्रोपोनिन का लेवल अधिक होता है तो इसका मतलब है कि आपको हार्ट अटैक आया है।

क्या follow up test की जरूरत होती है?

डॉक्टर उनको जो हार्ट अटैक के मरीज है उन्हें समय के साथ change हो रहे level को देखने के लिए 24 घंटे के अंदर एक या एक से ज्यादा बार ट्रोपोनिन के लेवल की जांच करने के लिए कह सकते हैं। इन टेस्ट में आते हैं। 

क्या ट्रोपोनिन टी टेस्ट के साइड इफ़ेक्ट है?

ज्यादातर cases में इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है। बस जब ब्लड सैपल लिया जाता है तब सुई को हाथ में इंजेक्ट करते समय थोड़ी सी चुभन महसूस होती है और हल्का सा दर्द जो की कुछ ही मिनट में ठीक भी हो जाता है।

हार्ट को हेल्दी रखने के लिए इन बातों का ध्यान रखें -

  • मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम से कम करें ।
  • खाने में एंटी ऑक्सीडेंट फ़ूड को शामिल करें। 
  • इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को हार्ट से  दूर रखें। 
  • नियमित रूप से योग और टहलने की आदत डालें। 
  • अल्कोहल और स्मोकिंग से दूर रहें। 
  • BMI लेवल को कंट्रोल में रखें। 

Conclusion 

ट्रोपोनिन टी टेस्ट एक सरल प्रोसेस है। जिसमें बस थोड़ा सा ही ब्लड लिया जाता है। वैसे तो आपको कोशिश करना चाहिए कि अपने daily routin को एकदम healthy बनाया जाए जिससे आपका हार्ट स्वस्थ रहेगा और आप दिल की बिमारियों से दूर रहेंगे। अगर आप में से कोई भी हार्ट की मसल्स से जुड़े किसी भी डैमेज के लक्षण महसूस कर रहे है तो तुरंत डॉक्टर को बताएं  ताकि समय पर आपका इलाज हो सके।

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