898 898 8787

Cholesterol in Hindi - कोलेस्ट्रॉल क्या है? प्रकार, कारण, लक्षण, तथा उपाय

Heart

Cholesterol in Hindi – कोलेस्ट्रॉल क्या है? प्रकार, कारण, लक्षण, तथा उपाय

author

Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma

Written By Kirti Saxena
on Feb 3, 2024

Last Edit Made By Kirti Saxena
on Mar 17, 2024

share
Cholesterol in Hindi
share

बढ़ती हुई भाग -दौड़ तथा अव्यवस्थित जीवनशैली में कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या लोगों में तेजी से बढ़ रही है, कोलेस्‍ट्रॉल का बढ़ना मतलब हार्ट की समस्या शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने से दिल से जुडी अनेक बीमारिया हो सकती है,और सही समय पर इलाज ना करवाने पर लोग हार्ट अटैक का शिकार हो सकते है, इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे की आखिर कोलेस्‍ट्रॉल होता क्या है ? और यह चिंता का विषय क्यों बना हुआ है? शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने का कारण क्या है ? इसके लक्षण क्या है ? तथा कोलेस्‍ट्रॉल को कैसे कम किया जा सकता है,जिससे हमारा दिल स्वस्थ रहे।  

कोलेस्‍ट्रॉल क्या है ? – What is Cholesterol

कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा है जो हमारे शरीर में पाया जाता है। यह शरीर के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह हमारे शरीर के कई कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होता है, जैसे कि सेल मेम्ब्रेन का निर्माण, हार्मोन उत्पादन और विटामिन डी के निर्माण में मदद करना। कोलेस्‍ट्रॉल का निर्माण लिवर करता है,तथा हम जितना जंक फ़ूड,चिकनाईयुक्त फ़ूड या अधिक तेल वाले फूड्स का सेवन करते है उतनी इसकी मात्रा बढ़ती जाती है, तथा कोलेस्‍ट्रॉल के ज्यादा बढ़ जाने से शरीर में रक्त का संचार सही ढंग से नहीं हो पता जिससे हृदय समन्धित रोगो का खतरा बढ़ जाता है,जिससे व्यक्ति को हार्ट अटैक आदि जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।  

कोलेस्‍ट्रॉल के प्रकार – Types of Cholesterol 

हमारे शरीर में दो प्रकार के कोलेस्‍ट्रॉल होते है 

1 हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL):  एचडीएल कोलेस्ट्रॉल ( Good Cholesterol )  जिसे अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है यह हमारे शरीर के लिए अच्छा होता है, क्योंकि यह हृदय के रोगों के खतरे को कम करने में मदद करता है। यह धमनियों से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है।  

2 लोव-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL): एलडीएल कोलेस्ट्रॉल ( Bad Cholesterol ) हमारे लिए हानिकारक होता है, क्योंकि यह हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाता है।इसे “बुरा” कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है क्योंकि यह उच्च होने पर धमनियों में जमा होकर आधारित कोलेस्ट्रॉल प्लैक्स का कारण बन सकता है, जो धमनियों को संकुचित करने की क्षमता को कम  करता है जिससे दिल के रोग का खतरा बढ़ता है।  

Types of Cholesterol

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के क्या कारण है  – Causes of Increase Cholesterol

कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के अनेक कारण हो सकते हैं, जैसे 

  1. अनौपचारिक आहार (Unhealthy Diet) – संतृप्त और ट्रांस फैट्स से भरपूर आहार का सेवन
  1. शारीरिक गतिविधि की कमी(Lack of Physical Activity) – आलस्यपूर्ण जीवनशैली कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ाती है.
  1.  मोटापा(Obesity ) – अत्यधिक वजन कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि कर सकता है.
  1. आनुवांछिकता(Genetics) – परिवार का इतिहास और आनुवांछिकता कोलेस्ट्रॉल स्तर में भूमिका निभाते हैं.
  1. आयु(age) – आयु के साथ कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ सकता है.
  1. धूम्रपान(Smoking) – तंबाकू का धूम्रपान HDL (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है.
  1. चिकित्सा स्थितियाँ(Medical Conditions) – डायबीटीज़ और थायराइड की स्थितियाँ कोलेस्ट्रॉल स्तर पर प्रभाव डाल सकती हैं.
  1. दवाएँ(Medications )  – कुछ दवाएँ कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकती हैं.
  1.  तनाव(Stress) – दीर्घकालिक तनाव (Chronic stress ) कोलेस्ट्रॉल स्तर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
  1.  शराब का सेवन(Alcohol Consumption) – अत्यधिक शराब का सेवन कोलेस्ट्रॉल स्तर को प्रभावित कर सकता है.

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण –  Symptoms of Increased Cholesterol Levels

वैसे तो कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पे कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते परन्तु कुछ आम लक्षण है जिससे आप पता लगा सकते है की आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है, तथा इन लक्षणों के आधार पर आप उचित समय पर चिकित्सक से सम्पर्क कर सकते है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कुछ सामान्य लक्षण है – 

  • Chest Pain or Angina (छाती में दर्द या एंजाइना):  छाती में दर्द या असहजता, जिसे एंजाइना कहा जाता है, कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर का एक संकेत हो सकता है।
  • Shortness of Breath (सांस की तकलीफ): सांस लेने में कठिनाई या सांस की तकलीफ कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर की सूचक हो सकती है।
  • Fatigue (थकान): स्थायी थकान या कमजोरी कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर के प्रभाव का संकेत हो सकती है।
  • Peripheral Artery Disease (बाह्य धमनी रोग): कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर से होने वाले प्रभाव के कारण अंगों में रक्त परिसंचरण में कमी हो सकती है, जिसे बाह्य धमनी रोग कहा जाता है।
  •  Vision Problems (दृष्टि समस्याएं):कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर दृष्टि समस्याओं का कारण बन सकते हैं या दृष्टि की हानि की दिशा में जानकारी कर सकते हैं।
  •  Yellowish Deposits on Skin (त्वचा पर पीला ठोस पदार्थ): आँखों के चारों ओर या त्वचा पर पीले ठोस पदार्थ कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर का संकेत हो सकते हैं।
  •  Frequent Headaches (बार-बार सिरदर्द): स्थायी सिरदर्द, खासकर माइग्रेन, कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर से जुड़ा हो सकता है।
  • Digestive Problems (पाचन समस्याएं): पेट में दर्द या सूजन जैसी पाचन समस्याएं कोलेस्ट्रॉल के साथ जुड़ी हो सकती हैं।
  • Memory Loss or Cognitive Issues (स्मृति हानि या मानसिक समस्याएं): कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर से मानसिक क्षमता पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे स्मृति हानि या अन्य मानसिक समस्याएं हो सकती हैं

कोलेस्ट्रॉल लेवल कितना होना जरूरी है – What should be the necessary cholesterol level

कोलेस्ट्रॉल लेवल का मापन व्यक्ति के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यह मात्रा व्यक्ति की आयु, लिंग, और अन्य स्वास्थ्य लाभों पर भी निर्भर करती है। सामान्यत: व्यक्ति में कोलेस्ट्रॉल का लेवल होता है – 

कोलेस्ट्रॉल:

आमतौर पर, कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) से कम होना चाहिए।

  • 200-239 mg/dL को “बढ़ा हुआ” कोलेस्ट्रॉल  कहा जाता है।
  • 240 mg/dL या उससे अधिक को “उच्च” माना जाता है।

लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) या “बुरा” कोलेस्ट्रॉल:

  • 100 mg/dL से कम होना चाहिए।
  • 100-129 mg/dL को “नॉर्मल/सीमा से अधिक” माना जाता है।
  • 130-159 mg/dL को “बढ़ा हुआ” कहा जाता है।
  • 160 mg/dL या उससे अधिक को “उच्च” माना जाता है।

हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) या “अच्छा” कोलेस्ट्रॉल:

  • 40 mg/dL से कम (उन्हें अधिकतम रूप से कम माना जाता है)।
  • 40-59 mg/dL को “बेहतर” माना जाता है।
  • 60 mg/dL या उससे अधिक को “बहुत अच्छा” माना जाता है।

कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के उपाय क्या है – Ways to Lower Cholesterol Levels

कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए कुछ सामान्य तरीके हैं जैसे – 

स्वस्थ आहार – हृदय के लिए सही आहार चयन करें, जैसे कि फल, सब्जियां, अनाज, और फलियां.तेज़ी से पकने वाली अनाज जैसे कि ओट्समील, ब्राउन राइस को पसंद करें.सत्तू और दालों में प्रोटीन समृद्धि को बढ़ावा दें.

हेल्दी फैट्स – ऑमेगा-3 फैट्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि मछली, अलसी बीज, और अखरोट.

नियमित व्यायाम- नियमित रूप से व्यायाम करना कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है,कम से कम 30 मिनट का व्यायाम प्रतिदिन करें, जैसे कि टहलियों की साइकिलिंग, टहलियों का चलना, या जिम जाना

वजन कम करें- अतिरिक्त वजन कम करना भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है.

धूम्रपान और शराब  के सेवन से बचे – तंबाकू उपयोग और शराब की मात्रा को कम करें या बिल्कुल छोड़ें, क्योंकि इससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है.

स्ट्रेस कम करें – स्ट्रेस को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन, या अन्य तंत्र साधने की कोशिश करें.

डॉक्टर की सलाह – हमेशा डॉक्टर से सलाह लें और उनकी दिशा निर्देशों का पालन करें.

किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है, ताकि वह आपकी स्थिति को ठीक से मूल्यांकित कर सकें और सटीक उपचार सुझा सकें।

कोलेस्ट्रॉल का इलाज – Treatment for High Cholesterol

कोलेस्ट्रॉल का इलाज मुख्यत: आहार और जीवनशैली में परिवर्तनों पर निर्भर करता है। फिर भी अगर उचित देख रेख के बाद भी अगर आपका कोलेस्ट्रॉल कम नहीं होता तो आपको चिकित्स्क से सम्पर्क करना चाहिए, कोलेस्ट्रॉल के लेवल की जाँच के लिए चिकित्स्क आपको कुछ टेस्ट्स के सुझाव दे सकते है जैसे की – 

1 लिपिड प्रोफाइल ( Lipid Profile Test) : इसमें टोटल कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल), एलडीएल (बुरा कोलेस्ट्रॉल), और ट्राइग्लिसराइड्स शामिल होते हैं।

2 क्रीटिनाइन टेस्ट(Creatinine Test) : किडनी के स्वास्थ्य की जाँच के लिए।

3 ग्लूकोज टेस्ट(Glucose Test) : डायबिटीज की जाँच के लिए।

4 एकोकार्डियोग्राम (ECG) या दिल की जाँचें: हृदय संबंधित समस्याओं की जाँच के लिए।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर क्या खाए और क्या नहीं खाएं – What to Eat and Avoid When Cholesterol is High

खाद्य पदार्थखाने योग्यन खाएं
अनाज और धान्यब्राउन राइस, ओटमील, बाजरा, जौ, विटा-ए इनरिचेड रोटीसफेद मैदा, मैदा, नमकीन बिस्किट
दलियाँ और पुल्सेसमूंग दाल, तूअर दाल, चना दालमसूर दाल, उड़द दाल
सब्जियाँशाकाहारी सब्जियाँ, लौकी, टोमेटो, गोभी, स्पिनेचभूने आलू, गोभी की सब्जियाँ, भिन्डी
फलखुबानी, सेब, केला, अंगूर, नारंगीअमरूद, चीकू, आम, चेरी
दूध और दूध से बने उत्पादछाछ, दही, लाउकी का सूपफुल क्रीम दूध, मलाई, मिठाई
सुपरफ़ूड्सओमेगा-3 युक्त फिश, फ्लैक्ससीड, ओट्सतला हुआ मांस, बटर, तले हुए नमकीन

निष्कर्ष – Conclusion 

इस ब्लॉग के माध्यम से हमने जाना कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है, और इसका अत्यधिक मात्रा में होना शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। बढ़ते हुए जीवनशैली और अव्यवस्थित आहार के कारण कोलेस्ट्रॉल की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

यह ब्लॉग हमें यह बताता है कि कोलेस्ट्रॉल क्या होता है और इसका सही स्तर क्यों जरूरी है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण होने वाली बीमारियों के लक्षणों को समझना और इसे कम करने के उपाय करना कितना आवश्यक है।  

सही आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से हम कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रख सकते हैं और हार्ट से जुड़ी समस्याओं से बच सकते हैं। इसके लिए हमें अपने खानपान में सुधार करना और नियमित चेकअप करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस तरह से, हम स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से हार्ट से संबंधित समस्याओं से बच सकते हैं और अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं।

ध्यान रहे – Keep in mind

कोलेस्ट्रॉल से जुड़े मामलो में किसी भी इलाज को करने से पहले चिकित्स्क से सलाह अवश्य ले। 

FAQS 

1. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से शरीर में क्या क्या दिक्कत आती है?

A. उच्च कोलेस्ट्रॉल से हृदय रोग, धमनीय समस्याएं, और दूसरी दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

2. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का मतलब क्या होता है?

A. जब शरीर में ‘लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन’ (LDL) या ‘बुरा’ कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है, तो इसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ना कहा जाता है।

3. कोलेस्ट्रॉल कम करने में कितना समय लगता है?

A. समय काफी व्यक्ति के स्वास्थ्य, आहार, और व्यायाम की श्रेणी पर निर्भर करता है, लेकिन सामान्यतः कुछ हफ्तों से कुछ महीनों में परिणाम दिख सकते हैं।

4. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का मुख्य कारण क्या है?

A. अधिक तेल, तल, और प्रोसेस्ड फूड का सेवन, अल्कोहल की अधिकता, और बैठे रहने की अधिकता जैसे अनेक कारकों से कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।

Leave a comment

Consult Now

Share MyHealth Blog