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डबल मार्कर टेस्ट: इसे क्यों किया जाता है, कॉस्ट और अन्य महत्वपूर्ण बातें

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गर्भावस्था के दौरान डबल मार्कर टेस्ट: इसे क्यों किया जाता है, इसकी कॉस्ट और अन्य महत्वपूर्ण बातें

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Srujana Mohanty
on May 23, 2022

Last Edit Made By Srujana Mohanty
on Mar 18, 2024

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Double Marker Test During Pregnancy Why is It Done, Cost in India, Results, and More
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एक डॉक्टर आमतौर पर फर्स्ट ट्राइमेस्टर के दौरान डबल मार्कर टेस्ट निर्धारित करता है। यह एक ऐसा टेस्ट है जो बताता है की बढ़ते भ्रूण में कोई क्रोमोसोमल असामान्यताएं तो नहीं हैं। वैसे यह टेस्ट सभी महिलाओं के लिए सुझाया गया है, लेकिन 35 से अधिक उम्र की महिलाओं को विशेष रूप से इसे करने की सलाह दी जाती है क्योंकि उम्र के साथ जेनेटिक एब्नार्मेलिटीज वाले बच्चे का गर्व धारण करने का खतरा बढ़ जाता है।

चलिए देखते हैं डबल मार्कर टेस्ट क्या है और इसके परिणाम क्या हैं?

डबल मार्कर टेस्ट वास्तव में क्या है?

डबल मार्कर परीक्षण एक ऐसा टेस्ट है जो भ्रूण में बीमारियों या जन्मजात समस्याओं को देखने के लिए के लिए फर्स्ट ट्राइमेस्टर के दौरान किया जाता है। इस टेस्ट के दौरान दो प्रमुख हार्मोन के स्तर की जाँच की जाती है: फ्री बीटा ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन और गर्भावस्था से जुड़े प्लाज्मा प्रोटीन-ए। परीक्षण आमतौर पर गर्भावस्था के सप्ताह 11-14 में किया जाता है।

एक महिला को डबल मार्कर टेस्ट कब करवाना चाहिए?

अधिकांश गर्भवती महिलाओं के लिए डबल मार्क टेस्ट एक नियमित डायग्नोस्टिक असेसमेंट है। हालांकि, कुछ महिलाओं को जन्मजात विकलांग बच्चों के होने का अधिक खतरा होता है, जिसके लिए डबल मार्कर टेस्ट की आवश्यकता होती है।

  • महिला की उम्र 35 वर्ष से अधिक है। जैसे-जैसे मां की उम्र बढ़ती है, भ्रूण में जन्मजात असामान्यताएं होने की संभावना अधिक होती है।
  • जन्मजात विकृतियों का पारिवारिक इतिहास है।
  • यदि मां को डायबिटीज है या इंसुलिन रेजिस्टेंस का पारिवारिक इतिहास है, तो भ्रूण में क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटीज मिल सकती हैं।

यह क्यों किया जाता है? 

 डबल मार्कर टेस्ट कई तरह की बीमारियों के खिलाफ भ्रूण की प्रेडिक्शन करने में काफी सफल होता है जैसे 

  • एडवर्ड सिंड्रोम: यह 18 के ट्राइसॉमी (क्रोमोजोम 18 की तीन कॉपी) के कारण होता है, जो सामान्य मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है, जिसमें डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स और विभिन्न मौखिक समस्याएं शामिल हैं। इनका पता डबल मार्कर टेस्ट से लगाया जा सकता है।
  • डाउन्स सिन्ड्रोम: यह क्रोमोसोम 21 की ट्राइसॉमी है। इसमें कई कॉग्निटिव, बिहेवियरल और मेडिकल परेशानियां होती हैं। परीक्षण यह निर्धारित करने में भी सहायक होता है कि क्या बच्चे को मांसपेशियों की हानि होगी, गर्दन के पीछे अत्यधिक त्वचा का विकास होगा, या छोटी गर्दन होगी।
  • माइक्रोसेफली डिटेक्शन: परीक्षण भ्रूण में सिर के दोषों का पता लगा सकता है, जैसे कि माइक्रोसेफली, जिसमें सिर अविकसित और छोटा होता है। यह पटाऊ सिंड्रोम के साथ पैदा हुए शिशुओं में देखा जाता है (13 का ट्राइसॉमी)।
  • माइक्रोगैनेथिया डिटेक्शन: डबल मार्कर टेस्ट से नवजात शिशुओं में असामान्य जबड़े और धनुषाकार रीढ़ के साथ माइक्रोगैथिया की सफलतापूर्वक जांच की जा सकती है।

डबल मार्कर टेस्ट की क्या कॉस्ट है?

डबल मार्कर टेस्ट अफॉर्डेबल कॉस्ट मैं हो जाता है क्योंकि यह एक साधारण गर्भावस्था परीक्षण है जो स्क्रीनिंग के लिए आवश्यक है। भारत में डबल मार्कर टेस्ट की अंतिम कॉस्ट शहर, प्रयोगशालाओं, परीक्षण की उपलब्धता और गुणवत्ता और डायग्नोस्टिक सेंटर मान्यता के आधार पर भिन्न होती है। एवरेज,लागत INR 1500 और INR 3500 के बीच हो सकती है।

विभिन्न शहरों में रेडक्लिफ लैब्स डबल मार्कर टेस्ट की कीमत

City NameDiscounted Price
Delhi₹2249
Noida₹2249
Mumbai₹2249
Bangalore₹2249
Kolkata₹2149
Pune₹2249
Lucknow₹2400
Ahmedabad₹2249
Hyderabad₹2249
Chennai₹2249
Gurgaon₹2249
Jaipur₹2400
Faridabad₹2249
Indore₹2400
Patna₹2400

डबल मार्कर टेस्ट के परिणाम?

डबल मार्कर टेस्ट के परिणाम आम तौर पर दो अलग-अलग श्रेणियों में रखे जाते हैं।

रिस्क हॉर्मोन कंसंट्रेशनअनुमान
कम रिस्क /स्क्रीन नेगेटिव HCG का स्तर लगभग 25700-288000 mIU/ml  है पीएपीपी - A 1 MoM (माध्यिका के गुणक) हैयहां हार्मोनल कंसंट्रेशन सामान्य के करीब है। क्रोमोसोमल असामान्यता वाले बच्चे की कम संभावना।
मध्यम से उच्च/स्क्रीन पॉजिटिव सामान्य स्तरों से अत्यधिक नॉन इनवेसिव प्रीनेटल टेस्टिंग या एमनियोसेंटेसिस जैसे अतिरिक्त निर्णायक परीक्षण किए जाने चाहिए

सारांश

असामान्यताओं की जल्द पहचान करने के लिए डबल मार्कर टेस्ट एक आवश्यक टेस्ट है, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है। टेस्ट करवाने से अतिरिक्त जानकारी मिल सकती है जो आपकी गर्भावस्था की प्रगति और आपकी गर्भावस्था के समग्र प्रबंधन में मदद कर सकती है।

सामान्य प्रश्न:

1 .NT स्कैन और डबल मार्कर टेस्ट में क्या अंतर है?

एनटी स्कैन गर्भावस्था के फर्स्ट ट्राइमेस्टर के दौरान किया जाने वाला एक अन्य डायग्नोस्टिक टेस्ट है। यह एक प्रकार का अल्ट्रासाउंड है जिसमें डाउन सिंड्रोम जैसी असामान्यताओं के लिए भ्रूण की जांच की जाती है। डबल मार्कर टेस्ट की तुलना में एनटी स्कैन आमतौर पर कम प्रभावी होता है। यह वास्तविक समय में भ्रूण की छवियां उत्पन्न करता है। दूसरी ओर, डबल मार्कर टेस्ट, एक रक्त टेस्ट है जो मां के रक्त में भ्रूण में जन्मजात असामान्यताओं की तलाश करता है। आमतौर पर, स्पष्ट अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए ये दोनों टेस्ट फर्स्ट ट्राइमेस्टर में एक साथ किए जाते हैं।

2 .मुझे कितने दिनों में डबल मार्कर टेस्ट रिपोर्ट मिल जाएगी?

विभिन्न टेस्ट लैबोरेट्रीज अलग-अलग समय सीमा में टेस्ट के परिणाम प्रदान करती हैं। यदि आप रेडक्लिफ के साथ एक टेस्ट बुक करते हैं, तो आप अपने टेस्ट के 24-48 घंटों के अंदर अपनी डबल मार्कर टेस्ट रिपोर्ट छवियां प्राप्त कर सकते हैं। रेडक्लिफ फ्री होम सैंपल कलेक्शन के साथ जल्दी रिपोर्ट देने की सुविधा प्रदान करती है।

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