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FNAC Test in Hindi: सूक्ष्म शूलक अभियंता साइटोलॉजी से सही और तेज़ निदान - MyHealth

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FNAC Test in Hindi: सूक्ष्म शूलक अभियंता साइटोलॉजी से सही और तेज़ निदान

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Kirti Saxena
on Nov 20, 2023

Last Edit Made By Kirti Saxena
on Mar 18, 2024

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FNAC Test
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एफएनएसी टेस्ट का पूरा नाम फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी टेस्ट है। यह एक डायग्नोस्टिक टेस्ट है, जिसका इस्तेमाल ट्यूमर या शरीर में हो रही असामान्य बढ़ती हुई कोशिकाओं का नमूना पाने के लिए किया जाता है। आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में छोटे-मोटे गांठ होने लगती है। इस गांठ को नजरअंदाज करने से वह आगे जाकर कैंसर बन सकता है। इसलिए आज हम आपको इस टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी देते वाले हैं।

एफएनएसी टेस्ट क्या होता है?

जब शरीर के बाहरी अंगों जैसे गले, नसों या स्तन में गांठ बन जाती है या फिर हेल्थ चेकअप या किसी परीक्षणों के दौरान कोई असामान्य गांठ देखे जाने पर डॉक्टर इस टेस्ट को करवाने की सलाह देते है। 

एफएनएसी टेस्ट यानी कि फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी टेस्ट, इस टेस्ट के नाम से हम जान सकते है कि यह टेस्ट में एक सुई का इस्तेमाल करके शरीर के टिश्यू की एक छोटी मात्रा को लेकर उसकी जांच की जाती है। 

एफएनएसी टेस्ट का उद्देश्य

एफएनएसी टेस्ट का उद्देश्य आमतौर पर निम्नलिखित क्षेत्रों में जांच करने के लिए किया जाता है, जैसे: 

  • स्तन (breast)
  • थायरॉयड ग्लैंड (thyroid gland)
  • गर्दन या बगल में लिम्फ नोड्स

इन सब के अलावा साइटोलॉजिकल असामान्यताओं की जांच करने के लिए भी, रोगियों को फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है। यह किसी भी तरह के सिस्ट , लिम्फ नोड्स और शरीर में पाए जाने वाले किसी ठोस गांठों की जांच के लिए किया जाने वाला है।

एफएनएसी टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

एफएनएसी टेस्ट के लिए किसी ख़ास तैयारी की ज़रूरत नहीं होती। हालांकि, आप इन कुछ बातों का ज़रूर ख़्याल रखें।

  • अपना टेस्ट कराने से पहले अगर आप किसी दवा का सेवन करते है, तो एक बार डॉक्टर को इस बारे में जरूर सूचित करें। क्योंकि इस टेस्ट को करने के लिए, खून को पतला करने जैसी वाली दवाओं को अस्थायी रूप से बंद करना जरूरी होता है।
  • टेस्ट के दौरान आरामदायक कपड़े पहने। टेस्ट के दौरान डॉक्टर द्वारा बताई गई सभी नियमों का पालन करें।
  • अगर आप को ब्लीडिंग डिसऑर्डर जैसी समस्या है, या फिर आप ऐसी दवाएं ले रहे है, जो खून के थक्के को प्रभावित कर सकती हैं, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बातचीत करें।

एफएनएसी टेस्ट कैसे किया जाता है?

एफएनएसी टेस्ट करने से पहले डॉक्टर आपसे आपकी गांठ के बारे में कुछ जानकारी लेते है। जैसे कि जब आपको गांठ के बारे में पता चला तो वो गांठ किस जगह पर थी? क्या आपको वहां दर्द होता है या नहीं? या फिर क्या आपको गांठ भारीपन का एहसास होता है? इस के बारे में भी डॉक्टर आपसे पूछ सकते हैं।

इसके बाद डॉक्टर अपने हाथ से आपके गांठ के आकार को और वह किस जगह पर है यह भी देखेंगे। इतनी सब जानकारी लेने के बाद, एफएनएसी टेस्ट के प्रक्रिया शुरू की जाती हैं। इस प्रक्रिया में अगर गांठ स्पर्शनीय होती है, तो उस जगह के आस पास की जगह को डॉक्टर दबाकर सुई लगाने के लिए एक सही जगह ढूंढते है। लेकिन अगर गांठ स्पर्शनीय नहीं होती है, तो जिस जगह सुई लगानी है उस जगह की पहचान करने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करते है। 

एक बार जब सुई लगाने वाली जगह का पता लगा लिया जाता है, तब डॉक्टर हल्के हाथ से गांठ को हल्के दबाव से पकड़ते हुए, प्रेशर के साथ सुई लगाते है। इस टेस्ट में एक बारीक सुई का इस्तेमाल किया जाता है। ये अंदर से खोखली होती है और खून निकलने वाली सामान्य यानी नॉर्मल सुई से बहुत ही बहुत अलग होती है। यह सुई उस जगह डाली जाती है, जहां आपको सूजन की दिक्कत होती है, और फिर एक सिरिंज की मदद से वह शरीर से थोड़ी मात्रा में टिश्यू निकाला जाता है। इस तरह निकाले गए टिश्यू को जांच के लिए एक स्लाइड पर रखा जाता है और उस सैंपल को परीक्षण के लिए लैब में भेज दिया जाता है। फिर करीब 2 या 3 दिन के बाद रोगी को एक एफएनएसी परीक्षण रिपोर्ट तैयार करके दी जाती है।

आमतौर पर टिश्यू के जांच के लिए दो तीन सैंपल लेने पड़ते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में यानी सुई लगाने से लेकर और सैंपल लेने तक में करीब तीस से चालीस सेकेंड तक का समय लगता हैं। इस टेस्ट के बाद, सुई लगी जगह पर थोड़े समय के लिए हल्का सा नील पड़ सकता है, जो कि कुछ दिनों बाद अपने आप ठीक हो जाती है।

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1 Comments

  • Ashok Kumar Jha

    Apr 11, 2024 at 7:22 AM.

    It's very beneficial information for awareness people regarding FNAC.

    • Myhealth Team

      Apr 12, 2024 at 7:25 AM.

      Thankyou for your positive comment.

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