Hba1c Test in Hindi: महत्व परिणाम तथा टेस्ट रिजल्ट
Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Kirti Saxena
on Feb 13, 2024
Last Edit Made By Kirti Saxena
on Apr 17, 2024
डायबिटीज (Diabetes) ये एक ऐसी बीमारी है, जो किसी इंसान को एक बार हो जाए, तो फिर उसका पीछा जिंदगी भर तक नहीं छोड़ती। यह बीमारी अनुवांशिक या ख़राब जीवन शैली की वजह से हो सकती है। आमतौर पर डायबिटीज चेक करने के लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं, जिसमें से एक HbA1c भी होता है। इस ब्लॉग में, हम र HbA1c टेस्ट क्या होता है कैसे किया जाता है तथा इसका क्या महत्व के बारे में चर्चा करेंगे।
HbA1c टेस्ट क्या होता है? (What is HbA1c Test?)
HbA1c, यानी हीमोग्लोबिन A1c टेस्ट का इस्तेमाल टाइप 2 डायबिटीज़ की स्क्रीनिंग और पहचान के लिए किया जाता है। इसमें आपके पिछले तीन महीने की ग्लूकोज़ काउंट होती है जिससे यह पता लगता है कि आपको डायबिटीज़ है या नहीं।
असल में हीमोग्लोबिन में एक प्रोटीन होता है, जो रक्त के लाल रक्त कोशिकाओं (Red blood cells) में पाया जाता है। इसी हीमोग्लोबिन की वजह से ही रक्त का रंग लाल होता है और ये हमारे शरीर के हर हिस्से में ऑक्सीजन सप्लाई करने का काम करता है।
लेकिन जब हमारे शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है तो यह शुगर हमारे ब्लड के हीमोग्लोबिन से जुड़ जाती है। और जब हमारे रक्त में शुगर लेवल बढ़ता है, तो ग्लूकोज़, हीमोग्लोबिन के साथ मिलकर ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन तैयार करता है। यानी कि रक्त में शुगर का लेवल जितना ज्यादा होगा, ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन उतनी ही ज्यादा लेवल में बनेगा। इसलिए समय-समय पर, डायबिटीज मरीजों को HbA1c टेस्ट को करवाना बहुत जरूरी है।
HbA1c Test क्यों महत्वपूर्ण है? (WHy is HbA1c Test Important?)
- डायबिटीज की डायग्नोसिस: HbA1c टेस्ट डायबिटीज की पहचान के लिए एक महत्वपूर्ण प्राधिकृत उपकरण है।
- डायबिटीज के स्तर का मूल्यांकन: यह टेस्ट डायबिटीज के स्तर को मूल्यांकित करने में मदद करता है, जिससे रोगी के इलाज को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।
- लक्षणों की निगरानी: यह टेस्ट डायबिटीज के लक्षणों की निगरानी में मदद करता है और डायबिटीज की स्थिति को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
- इलाज की प्रगति का मूल्यांकन: HbA1c टेस्ट रोगी के इलाज की प्रगति को मूल्यांकित करने में मदद करता है और उपयुक्त संशोधनों की आवश्यकता को स्पष्ट करता है।
- हृदय और वास्कुलर स्वास्थ्य: एक अच्छी तरह से नियंत्रित न होने पर, अधिक उच्च HbA1c स्तर दिल और धमनियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
- किडनी स्वास्थ्य: डायबिटीज के द्वारा किडनी स्वास्थ्य पर असर पड़ने के आसार होते हैं, और HbA1c टेस्ट किडनी की स्थिति का मूल्यांकन करने में मदद कर सकता है।
- सुरक्षित गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं के लिए एक स्वस्थ HbA1c स्तर गर्भावस्था के समय और शिशु के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
- रोगी के स्वास्थ्य पर निगरानी: HbA1c स्तर की निगरानी डायबिटीज के रोगियों के स्वास्थ्य की निगरानी करने में मदद करती है, जिससे उनके स्वास्थ्य की देखभाल में सुधार किया जा सकता है।
- रिस्क का मूल्यांकन: यह टेस्ट डायबिटीज के लिए जोखिम को मूल्यांकित करने में मदद कर सकता है और डायबिटीज के स्थायी नियंत्रण के लिए कदम उठाने में मदद करता है।
HbA1c टेस्ट कैसे किया जाता है?
- डॉक्टर के साथ परामर्श: सबसे पहले, डॉक्टर के साथ परामर्श करें और वह आपकी स्वास्थ्य इतिहास, दवाओं की सूची, और आपके डायबीटीज के प्रबंधन की जरूरतों के आधार पर HbA1c टेस्ट की जरूरत को निर्धारित करेंगे।
- ब्लड टेस्ट: डॉक्टर द्वारा लैब में ब्लड सैम्पल लिया जाता है। आमतौर पर, यह सैम्पल आपके हाथ के अंगूठे के नुकीले हिस्से से लिया जाता है।
- जांच और रिपोर्ट: ब्लड सैम्पल को लैब में एक विशेष तरह के उपकरण का उपयोग करके HbA1c स्तर की मात्रा की जाती है। इस जाँच का परिणाम आमतौर पर प्रतिशत स्वरूप में होता है, जैसे कि 6% या 7%.
- आकलन और प्रबंधन: आपके HbA1c स्तर के परिणाम के आधार पर, डॉक्टर आपके डायबीटीज के प्रबंधन की योजना तैयार करेंगे। वे आपको दवाओं की डोज, आहार, और व्यायाम के साथ सही दिनचर्या और लाइफस्टाइल परिवर्तन की सलाह देंगे।
HbA1c टेस्ट के परिणाम
HbA1c टेस्ट के परिणाम आपके शुगर के स्तर की जानकारी प्रदान करते हैं। यह टेस्ट आपके शरीर में शुगर के स्तर को पिछले 2-3 महीनों का पता लगाता है।
- 5.7% या कम: नॉर्मल शुगर स्तर
- 5.7% से 6.4%: प्री-डायबिटिक अवस्था
- 6.5% या अधिक: डायबिटीज की स्थिति
HbA1c टेस्ट सबसे अलग कैसे है? (How is HbA1c test different?)
यह टेस्ट खासतौर से पिछले दो से तीन महीनों में मरीज के खून में शुगर के स्तर को पता लगाने के लिए किया जाता है। आमतौर पर जो भी टेस्ट होते हैं, उसे रोज-रोज नापना पड़ता है और इससे सिर्फ़ टेस्ट के वक्त का ब्लड ग्लूकोज़ लेवल ही पता चल पाता है। पर HbA1c टेस्ट, पिछले 3 महीनों में हुई ब्लड सुगर लेवल में फ्लक्चुएशन को भी बताता है।
यह टेस्ट न केवल डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए है, बल्कि जिन लोगों को डायबिटीज होने का खतरा है उनके लिए भी काफी मददगार है। इसके अलावा, HbA1c टेस्ट किसी भी समय करवाया जा सकता है और इसके लिए खानपान से जुड़ी कोई पाबंदी नहीं होती है। जबकि बाकी सामान्य ब्लड शुगर टेस्ट को करवाने के लिए खानपान से जुड़ी पाबंदियां होती हैं।
HbA1c टेस्ट रिजल्ट चार्ट
हर मरीज में HbA1c का स्तर अलग हो सकता है। किसी भी इंसान के लिए ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन का नॉर्मल लेवल क्या होना चाहिए, यह आप नीचे दिए गए चार्ट में देख सकते हैं।
A1c और ब्लड शुगर चार्ट
A1c(%) | Mean Fasting blood sugar (mg/dl) |
4 | 68 |
5 | 97 |
6 | 126 |
7 | 152 |
8 | 183 |
9 | 212 |
10 | 240 |
11 | 269 |
12 | 298 |
आमतौर पर ब्लड शुगर लेवल को खाने से पहले और बाद में चेक किया जाता है। जो ब्लड शुगर टेस्ट खाली पेट किया जाता है, उसे फास्टिंग शुगर कहा जाता है। वहीं खाने के 2 घंटे बाद चेक करने वाले शुगर लेवल को पोस्ट मील ब्लड शुगर कहा जाता है।
नॉर्मल लेवल (Normal level): अगर आपके HbA1c टेस्ट की रेंज 7% से कम है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। एक स्वस्थ इंसान में डायबिटीज न होने का नॉर्मल लेवल 6.0% से नीचे या 42 mmol/mol से कम होना चाहिए। यानी कि हमारे शरीर में फास्टिंग ब्लड शुगर का नॉर्मल लेवल 100 mg/dL से कम और पोस्ट मील शुगर लेवल 120 से 140 mg/dL के बीच होना चाहिए।
प्री डायबिटीज लेवल (Pre diabetes level): जब ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल से थोड़ा ज्यादा हो जाता है, तो इसे प्री डायबिटिक कहा जाता है। हालांकि इसे बैलेंस्ड डाइट के जरिए आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। HbA1c लेवल से थोड़ा ज्यादा यानी 6.0% से 6.5%, या 42 से 47 mmol/mol को प्री डायबिटीज लेवल कहा जाता है। मतलब फास्टिंग शुगर लेवल 100-125 mg/dL और पोस्ट मील शुगर 140-160 mg/dL हो, तो इसे प्री डायबिटीज कहा जाता है।
डायबिटीज लेवल (Diabetes level): अगर किसी भी इंसान का नॉर्मल मान 6.5% से ज्यादा, या 48 mmol/mol से ज्यादा हो तो उसे डायबिटीज मरीज कहा जाता है। यानी कि जब हमारे शरीर में फास्टिंग ब्लड शुगर 126 mg/dL से ज्यादा हो और पोस्ट मील शुगर लेवल 160 mg/dL से ज्यादा हो, तब इसे डायबिटीज माना जाता है।
इसका मतलब है - |
नॉर्मल लेवल |
5.7 के कम होना चाहिए |
प्री डायबिटीज लेवल |
5.7 से 6.4 तक माना जाता है | |
डायबिटीज लेवल |
6.5 या उससे ज्यादा |
HbA1c को सामान्य करने के तरीके
- नियमित रूप से डॉक्टर के साथ चेकअप करें और डॉक्टर के सुझावों का पालन करें.
- खानपान में स्वस्थ आहार शामिल करें, जैसे कि फल, सब्जियां, अदरक, लहसुन, अनाज, और दूध उत्पाद.
- पूरी तरह से तली हुई चीजों, चिप्स, तला हुआ खाना, और मिठाई की खपत को कम करें.
- अपने आहार में पौष्टिक ग्रेन्स (whole grains) शामिल करें, जैसे कि ब्राउन चावल और ओट्स.
- तला हुआ तेल और आलू के चिप्स की जगह स्वादिष्ट फल और सब्जियों के स्नैक्स खाएं.
- रोजाना नियमित व्यायाम करें, जैसे कि चलना, दौड़ना, योग, या जिम जाना कम से कम 30 मिनट
- तंबाकू और शराब का सेवन करने से बचें.
- रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद प्राप्त करें.
- रात के समय में भोजन का सेवन कम करें और जल्दी सो जाएं.
- स्ट्रेस को कम करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य तकनीकों का उपयोग करें, जैसे कि योग और मेडिटेशन.
- डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें.
- वजन की निगरानी करें और अगर आवश्यक हो, वजन कम करें.
- सावधानी बरतें और डॉक्टर के सुझावों के अनुसार ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करें.
- स्वस्थ लाइफस्टाइल और ब्लड शुगर के स्तर के अनुसार डॉक्टर के साथ जुड़कर योजना बनाएं.
- सबसे महत्वपूर्ण है, डॉक्टर के सुझावों का पालन करें और उनके साथ सहयोग करें, ताकि HbA1c को सामान्य किया जा सके।
HbA1c टेस्ट का रिजल्ट अलग-अलग वजहों से काफी प्रभावित हो सकता है। जैसे कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं के ब्लड में शुगर का लेवल अक्सर बढ़ जाता है। अक्सर प्रेगनेंसी में उन महिलाओं का भी शुगर लेवल बढ़ने लगता है, जिन्हें पहले कभी शुगर की बीमारी नहीं होती। इसलिए यह जरुरी हो जाता है कि डॉक्टर से बात करें और आपके नतीजों को समझने के लिए उनसे सही लेवल के बारे में पूछें ।
असल में इस टेस्ट में आपके ब्लड शुगर को एक अलग तरीक़े से मापा जाता है। जैसे, अगर टेस्ट से ठीक पहले कुछ हफ़्तों में आपने ज्यादा मीठा खाया हो या आपको हाईब्लड शुगर हो, तो इस टेस्ट के नतीजे इससे ज़रूर प्रभावित होंगे। फिर भले ही टेस्ट से 2 से 3 महीने पहले आपका ग्लूकोज़ लेवल नॉर्मल ही क्यों न रहा हो। इसलिए, HbA1c के अलावा ग्लूकोज़ फास्टिंग टेस्ट (Glucose fasting test), ग्लूकोज़ रैंडम टेस्ट (glucose random test) करना भी जरूरी है।
ध्यान दे
अपने डॉक्टर की सलाह और मार्गदर्शन का पालन करें और अपने शुगर के स्तर को सामान्य सीमा में रखने के लिए समय रहते ही आवश्यक कदम उठाएं।
FAQS
1. HbA1c टेस्ट क्या है?
HbA1c टेस्ट एक रक्त परीक्षण है जो यह मापता है कि आपका रक्त शर्करा स्तर पिछले 2-3 महीनों में कितना रहा है।
2. ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1c) टेस्ट क्यों किया जाता है?
HbA1c टेस्ट डायबिटीज के प्रबंधन के लिए किया जाता है, जिससे व्यक्ति के औसत ब्लड ग्लूकोज कंट्रोल की जांच होती है.
3. HbA1c का लेवल कितना होना चाहिए?
आमतौर पर, HbA1c का स्तर 6.5% से कम होना चाहिए
4. HbA1c बढ़ने से क्या होता है?
HbA1c बढ़ने से अधिक ब्लड ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
5. hba1c उम्र के साथ बढ़ता है?
हां, HbA1c उम्र के साथ बढ़ सकता है, लेकिन यह आपके ब्लड ग्लूकोज कंट्रोल पर भी निर्भर होता है.
6. एक हफ्ते में HbA1c कैसे कम करें?
HbA1c के स्तर को कम करने के लिए डॉक्टर के सुझाव के अनुसार आहार और व्यायाम का सामान्य अभ्यास करें.
7. क्या hba1c मधुमेह के बिना उच्च हो सकता है?
हां, बिना मधुमेह के भी HbA1c बढ़ सकता है, क्योंकि यह आपके ब्लड ग्लूकोज कंट्रोल की जांच करता है.
8. HbA1c टेस्ट कैसे होता है?
HbA1c टेस्ट एक रक्त परीक्षण है जो बिना उपवास के किया जा सकता है। एक छोटे से रक्त सैंपल को लेकर यह मापता है कि आपका रक्त शर्करा स्तर पिछले कुछ महीनों में कितना रहा है।
9. HbA1c टेस्ट के लिए तैयारी कैसे करें?
कोई विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है, आप आम तौर पर खाने-पीने में सामान्य रूप से जारी रख सकते हैं।