Food Poisoning Symptoms in Hindi

गर्मी के मौसम में तापमान और उमस काफी बढ़ जाती है। इस समय सही तरीके से खाना स्टोर न करने पर बैक्टीरिया तेजी से बढ़ने लगते हैं। ये बैक्टीरिया खाने की क्वालिटी के साथ स्वाद, रंग और गंध भी बिगाड़ देते हैं। इन्हें खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है। यह समस्या काफी गंभीर होती है और डॉक्टर की मदद की जरूरत पड़ सकती है।  इस लेख में हम फ़ूड पॉइजनिंग के कारण लक्षण और बचाव के बारे में बात करेंगे।

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Symptoms of food Poisoning – फूड पॉइजनिंग के सामान्य लक्षण 

यदि कोई व्यक्ति फ़ूड पॉइजनिंग से पीड़ित है तो उसके अंदर कुछ सामान्य लक्षण दिखाई दे सकते है जैसे की – 

  • पेट में दर्द (Stomach pain)
  • पेट में मरोड़ (Abdominal cramps)
  • दस्त होना (Diarrhea)
  • भूख न लगना (Loss of appetite)
  • मल में खून आना (Blood in stools)
  • ठंड लगना और बुखार आना (Feeling cold and having a fever)
  • लगातार सिरदर्द होना (Persistent headache)
  • मतली और उल्टी होना (Nausea and vomiting)
  • कमजोरी (गंभीर हो सकती है) (Weakness, which can be severe)
Symptoms of food Poisoning

फूड पॉइजनिंग के  सामान्य से ज्यादा गंभीर होने पर रोगी में निम्नलिखित लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं: जैसे की

  • गंभीर दस्त (एक्सक्रिशियां)
  • बहुत ज्यादा पेट में दर्द, जिसे सहन करना मुश्किल हो
  • उच्च तापमान (102°F या 38.9°C से अधिक)
  • अत्यधिक मुँह सुखावट
  • गंभीर निर्जलीकरण (भूख और प्यास की कमी)
  • पेशाब में खून आना या पेशाब कम आना या बिल्कुल न आना
  • पेट में एसिड की मात्रा बढ़ना
  • बोलने या देखने में कठिनाई

यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे  तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए, क्योंकि फूड पॉइजनिंग एक गंभीर स्थिति  हो सकती है जिसका उचित इलाज करना जरूरी होता है। विशेष रूप से बच्चों, बूढ़े व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, और इम्यून कंप्रोमाइज़ किए गए व्यक्तियों को फूड पॉइजनिंग के लक्षणों पर खास ध्यान देना चाहिए।

फूड पाइजनिंग के कारण – Causes of Food Poisoning Hindi

फूड पाइजनिंग निम्नलिखित कारणों से हो सकती है जैसे की – 

खाद्य सुरक्षा में आभाव :

खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण पहलू है जो अपने खाने को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न दिशा-निर्देश और मापदंड स्थापित करती है। लेकिन कई बार खाद्य संस्थानों और रसोईघरों में उचित खाद्य सुरक्षा की अनदेखी होती है, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। खाद्य सुरक्षा को अनदेखा करने से उत्पादित भोजन फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है।

खराब खाद्य संचयन और रख-रखाव :

खाद्य संचयन और रख-रखाव में लापरवाही फूड पॉइजनिंग का एक अहम कारण है। अगर खाद्य पदार्थों को संचयन के दौरान सही तरीके से नहीं रखा जाता है, तो वे बड़ी आसानी से  बाजारों तक पहुंचकर खराब हो सकते हैं और सेहत को खतरे में डाल सकते हैं।

खाद्य पदार्थों में जहरीले पदार्थों का मिलना :

ध्यान न देने पर खाद्य पदार्थों में जहरीले पदार्थों का मिलना भी फूड पॉइजनिंग का एक कारण हो सकता है। इसलिए उन्हें ध्यान से धोएं, साफ-सफाई बनाए रखें और खाने से पहले अच्छी तरह से धोने के बाद ही उपभोग करें।

अशुद्ध पानी:

खाद्य पकाने में या साफ-सफाई के लिए प्रयुक्त पानी की गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण होती है। अगर पानी अशुद्ध होता है, जैसे कि भीगी हुई मिट्टी या कीटाणुयुक्त पानी, तो वह पकाने वाले खाद्य पदार्थ में भी कीटाणुओं को शामिल कर सकता है। इसलिए, भोजन पकाने के लिए साफ़ पानी का प्रोयग करे।  

बैक्टीरिया:

कुछ बैक्टीरिया, जैसे कि स्टाफिलोकोकस, लिस्टेरिया, और सैल्मोनेला, भोजन या पेय पदार्थों में  प्रतिक्रिया के कारण फूड पॉइजनिंग को उत्पन्न कर सकते हैं। ये बैक्टीरिया खाद्य पदार्थों में आसानी से विकसित हो जाते हैं, खासकर जब खाद्य पदार्थ गरमाया गया या कुछ समय तक रखा गया होता है, तथा अशुद्ध या अस्वच्छ प्रक्रिया से तैयार किया हुआ होता है। 

वंशानुगत होने के कारण – अन्य गंभीर रोगो की तरह ही  फूड पॉइजनिंग भी एक वंशानुगत रोग (hereditary disease) हो सकता है। अगर आपके परिवार में पहले  किसी व्यक्ति में फूड पॉइजनिंग की समस्या रही है तो आपको भी यह समस्या हो सकती है।  

पाचन तंत्र का कमजोर होना – कमजोर पाचनतंत्र वाले व्यक्तियों को फ़ूड पॉइजनिंग की समस्या अतयधिक होती है जो कि सासामान्यतया अपने आप ठीक हो जाती है। 

फूड पॉइजनिंग से बचाव – Prevention of Food Poisoning

  • साफ पानी पिए
  • कच्ची सब्जियों और फलो को नमक वाले पानी में धो कर इस्तेमाल करे 
  • अलग अलग कटिंग बोर्ड का उपयोग करें, सब्जी, फल, और मांस को अलग-अलग कटिंग बोर्ड पर काटें, ताकि क्रॉस कंटैमिनेशन न हो।
  • पके हुए खाने को देर तक फ्रिज में न रखे
  •  खाने को हमेशा ढक कर रखे 
  • किसी संक्रमित और गन्दी वस्तु को छुने के बाद अपने  हाथो को साबुन से अवश्य धोए। 
  • बाहर का खाना खाने से बचे। 
  • सी फ़ूड को कम से कम मात्रा में खाए या खाने से बचे।
  • सफाई का ध्यान रखे।

अगर  आप फ़ूड पॉइजनिंग से जूझ रहे है तो इन सब नियमो का पालन करके आप अपने आप को बचा सकते है। 

फूड पाइजनिंग का इलाज – Treatment of Food Poisoning

फूड पाइजनिंग का इलाज व्यक्ति के अनुभव किए गए लक्षणों और समय पर उपचार करने पर निर्भर करता है। फूड पाइजनिंग का इलाज आम तौर पर घरेलू उपायों और विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह द्वारा किया जा सकता है। नीचे दिए गए उपाय और सुझाव आम तौर पर फूड पाइजनिंग के इलाज में मदद कर सकते हैं:

शरीर को आराम देना: फूड पाइजनिंग के समय शरीर को अधिक आराम की आवश्यकता होती है। इससे शरीर को विश्राम मिलता है और ताक़त बढ़ती है।

हाइड्रेशन: फूड पाइजनिंग के कारण दस्त (डायरिया) हो सकता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए, पर्याप्त पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है। शरबत, नींबू पानी, नारियल पानी या आम पानी पीना फायदेमंद होता है।

खाना: फूड पाइजनिंग के समय खाने का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। अधिक तले हुए, तीखे, मसालेदार और तला हुआ खाना न खाएं। सूप, खिचड़ी, बना हुआ दही, पके हुए सब्जियां आदि शाकाहारी और स्वादिष्ट विकल्प हो सकते हैं।

नुक्सानदायक पदार्थों से बचें: फूड पाइजनिंग के समय नुक्सानदायक खाद्य पदार्थों जैसे कि अधिक मीठा , तला हुआ खाना, मांस, अंडे, सीफूड और डेयरी उत्पादों का सेवन कम करना चाहिए।

चिकित्सा सलाह: यदि लक्षण गंभीर हो रहे हैं या अधिक समय तक बने रहते हैं, तो चिकित्सक से सलाह लेना बहुत आवश्यक होता है । वे आपके स्वास्थ्य की जांच करेंगे और आपको उचित दवाओं के बारे में जानकारी देंगे। चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवाइयों का समय से सेवन करे अपनी मर्जी से दवाइयां बंद ना करे। 

वैसे तो फ़ूड पॉइजनिंग  स्वतः ही ठीक हो जाता है परन्तु यदि आपको फूड पाइजनिंग के लक्षण गंभीर लग रहे हैं या यह लक्षण लंबे समय तक बने रहते है तो आपको चिकित्सक से तुरंत सम्पर्क करना चाहिए। 

नोट :- आप जब भी आहार में कोई भी परिवर्तन करने या किसी भी औषधि का उपयोग करने का विचार करें, तो इससे पहले अपने चिकित्सक से सलाह ज़रूर लें।

Faqs 

1. फूड पाइजनिंग के लिए सबसे अच्छी दवा क्या है?

फूड पाइजनिंग के इलाज के लिए बेस्ट दवा डॉक्टर के सलाह पर निर्भर करती है। आम तौर पर, इलाज में विशेष दुर्लभता के कारण, रिहाई के लिए हाइड्रेशन (अधिक पानी पीना) और आराम की जरूरत होती है।

2. फूड पाइजनिंग की समस्या कितने दिन में ठीक हो सकती है?

फूड पाइजनिंग की ठीक होने की अवधि व्यक्ति के संबंधित लक्षणों और सूखे का प्रमुख कारण है। सामान्यतः, यह 1 से 3 दिनों में स्वतः ही ठीक हो जाती है। लेकिन गंभीर मामलों में, यह अधिक समय ले सकती है और चिकित्सा जांच आवश्यक होती है।

3. क्या फूड पाइजनिंग में बुखार आ सकता है?

हां, फूड पाइजनिंग के कुछ मामलों में बुखार हो सकता है, लेकिन यह हमेशा जरूरी नहीं है। बुखार दिखने पर तुरंत चिकित्सा सलाह लेना चाहिए।

4. क्या फूड पाइजनिंग के कारण सिरदर्द हो सकता है?

हां, फूड पाइजनिंग के कुछ मामलों में सिरदर्द भी हो सकता है। यह शामिल हो सकता है जिसमें पेट दर्द, उलझन, और तकलीफ शामिल होती है।

5. फूड पाइजनिंग और स्टमक वायरस में क्या फर्क है?

फूड पाइजनिंग एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जो खाद्य सामग्री के खराब होने के कारण होती है। इसके विपरीत, स्टमक वायरस वायरल संक्रमण का परिणाम है जो पेट के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है।

6. फूड पॉइजनिंग के लिए घरेलू उपचार क्या हो सकते हैं?

फूड पाइजनिंग में घरेलू उपचार शामिल हाइड्रेशन (पर्याप्त पानी पीना), आराम करना, खाने पर परहेज़ करना, खासकर रोटी, छाछ या नारियल पानी की मदद से आराम पाने का प्रयास कर सकते हैं। हालांकि, गंभीर मामलों में या लक्षणों में सुधार न होने पर चिकित्सा सलाह लेना अनिवार्य है।

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For the past six years, Komal Daryani has been writing healthcare-related articles for multiple websites with the sole purpose of answering the queries of the readers precisely. She possesses a vast knowledge of the need for preventive health checkups and different measures to adopt in your routine for maintaining a healthy lifestyle. Her passion lies in reading the latest research, studies, and revelations in science and technology. Not only does she enhance her knowledge base regularly, but she keeps sharing the same with her readers to keep them close to clinical and medical realities.

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