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Troponin I Test in Hindi: हृदय रोगों की पहचान: ट्रोपोनिन आई परीक्षण

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Troponin I Test in Hindi: हृदय रोगों की पहचान: ट्रोपोनिन आई परीक्षण

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Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma

Written By Komal Daryani
on Sep 7, 2023

Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 18, 2024

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Troponin I Test in Hindi
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दुनिया भर में चिकित्सा विज्ञान में तेजी से विकास हो रहा है और नए-नए टेस्ट के तकनीक विकसित किए जा रहे हैं जो रोगों की पहचान में मदद करते हैं। इन परीक्षणों में से एक अहम टेस्ट "ट्रोपोनिन आई" टेस्ट है, जिसका उपयोग हृदय संबंधित समस्याओं की जांच में किया जाता है।

ट्रोपोनिन आई क्या है?

ट्रोपोनिन एक प्रकार की प्रोटीन होती है जो हमारे हृदय की मांसपेशियों की कार्यक्षमता की देखभाल करने में में मदद करती है। ट्रोपोनिन के दो प्रमुख प्रकार होते हैं - ट्रोपोनिन आई और ट्रोपोनिन टी। की देखभाल करने में जरुरी भूमिका निभाता है। ट्रोपोनिन आई टेस्ट विशेष रूप से ह्रदय की चोट और क्षतिकी जाँच करने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट ह्रदय की कंडीशन जैसे हार्ट अटैक, छाती में दर्द में जल्दी परीक्षण में मदद करता है । 

ट्रोपोनिन आई टेस्ट क्यों किया जाता है?

ट्रोपोनिन आई टेस्ट का मुख्य उद्देश्य हृदय संबंधित समस्याओं की जांच करना होता है, जैसे कि हृदय अटैक या दिल की धड़कन में तकलीफ। जब हृदय मांसपेशियों में कोई क्षति होती है, तो ट्रोपोनिन आई प्रोटीन रिलीज होता है और इसका स्तर बढ़ जाता है। ट्रोपोनिन आई के स्तर में बढ़ोतरी यह संकेत हो सकता है कि हृदय में कोई समस्या हो सकती है और हृदय की कार्यक्षमता पर असर हो सकता है।

ट्रोपोनिन टेस्ट किन कारणों से किया जाता है 

ट्रोपोनिन आई टेस्ट का मुख्य उद्देश्य हृदय संबंधित समस्याओं की जांच करना होता है। ये कुछ जरूरी कारण हो सकते हैं। ट्रोपोनिन आई टेस्ट के द्वारा हम यह जान सकते हैं कि किसी व्यक्ति के हृदय में कोई असमानता हो रही है या नहीं।

  • हार्ट अटैक की पहचान: ये टेस्ट हार्ट अटैक (Myocardial Infarction) की पहचान में जरुरी होता है। हार्ट अटैक के दौरान, हृदय मांसपेशियों में डैमेज होता है और ट्रोपोनिन आई प्रोटीन रक्त में बढ़ जाता है। इसलिए ये टेस्ट पता लगाता है की  ट्रोपोनिन आई प्रोटीन की मात्रा खून में कितनी है ।
  • दिल की धड़कन में तकलीफ: इसमें हृदय के मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचने में समस्या से होती है, जिससे दर्द या तकलीफ होती है। 
  • दूसरी हार्ट से जुड़ी परेशानियां की पहचान: ट्रोपोनिन टेस्ट दूसरी हार्ट से जुड़ी परेशानियां, जैसे कि अस्थमा (asthma), रसोलेप्टिक घाव(rheumatic lesions), या हृदय में संकुचन, दिल की बड़ी नसों की ख़राबी की पहचान में भी मदद कर सकता है।
  • स्ट्रेस के कारण आने वाली परेशानियां: कभी-कभी शारीरिक या मानसिक स्ट्रेस के कारण भी हृदय में डैमेज हो सकता है जिसकी पहचान ट्रोपोनिन टेस्ट से की जा सकती है।
  • सर्जरी के बाद: हृदय से जुड़ी सर्जरी के बाद, ये टेस्ट सर्जरी के रिजल्ट्स की पहचान करने में मदद कर सकता है।
  • हार्ट हेल्थ की मॉनिटरिंग: लंबे समय तक हृदय स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग के लिए ये  टेस्ट किया जा सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनमे रिस्क फैक्टर्स हैं।
  • डॉक्टर की सलाह: जब किसी व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच में हृदय समस्याओं की संभावना होती है, तो डॉक्टर ट्रोपोनिन आई टेस्ट की सिफारिश कर सकते हैं। ये  टेस्ट इसलिए किया जाता है ताकि किसी भी संकेत को अगर पकड़ा जा सके तो सही समय पर उपचार किया जा सके।

ट्रोपोनिन टेस्ट की मदद से हृदय से जुड़ी बहुत सी परेशानियों की पहचान की जा सकती है और ये बहुत जरुरी जानकारी देने में मदद कर सकता है। 

ट्रोपोनिन टेस्ट कैसे किया जाता है?

आमतौर पर, डॉक्टर टेस्ट करने से पहले कुछ घंटे तक भोजन नहीं करने की सलाह देते हैं, जिससे टेस्ट के रिजल्ट पर कोई असर न हो। खासकर आपको ट्रोपोनिन टेस्ट के लिए 8-12 घंटे की भूख की स्थिति में आना चाहिए, जिससे टेस्ट की सटीकता बढ़ सके। टेस्ट से पहले यदि कोई दवा ली जा रही है तो उस पर कोई रोक नहीं होती।

इस टेस्ट को कुछ इस तरह से किया जाता है:

  • ब्लड सैंपल: पहले, डॉक्टर एक छोटी सी नीडल का इस्तेमाल करके आपकी बांह की एक नस से थोड़े से खून का सैंपल लेते हैं। सही परिणाम के लिए लक्षण दिखने के तीन से  छह घंटे में खून के सैंपल ले लेना चाहिए ।
  • ट्रोपोनिन आई मॉनिटरिंग: सैंपल अलग-अलग समय के अंतराल  पर लिया जाना चाहिए ताकि ट्रोपोनिन के बढ़ते और घटते स्तर का पता लगाया जा सके। 
  • लेबोरेटरी टेस्ट : लैब में,  ब्लड सैंपल की जांच की जाती है। खास मशीनों का इस्तेमाल करके डॉक्टर ब्लड में ट्रोपोनिन आई के प्रोटीन की मात्रा को मापते हैं।
  • रिसीप्ट और रिजल्ट्स: जब जाँच पूरी होती है, तो डॉक्टर को "ट्रोपोनिन आई" की मात्रा  के बारे में पता चलता है। ये डॉक्टर को पेशेंट के हेल्थ कंडीशन के बारे में बताता है और सही इलाज़ की सलाह देने में मदद करता है।

इस तरह से, आपके ब्लड के मदद से ट्रोपोनिन आई के प्रोटीन की मात्रा का पता चलता है जो हार्ट हेल्थ के बारे में जानकारी देता है और डॉक्टर को सही इलाज करने में मदद करता है। ये टेस्ट डॉक्टर को आपके हृदय से जुड़ी स्थिति की जानकारी देता है। इस तरह से ट्रोपोनिन टेस्ट से जुडी परेशानियों की जाँच की जाती है।

ट्रोपोनिन आई  टेस्ट के परिणाम और नार्मल रेंज  

सामान्य परिणाम :

निर्देशित रेंज (Recommended Range): 0.0 ng/mL से 0.04 ng/mL या उससे कम।

सक्रिय रेंज (Active Range): 0.04 ng/mL से 0.40 ng/mL या उससे कम।

यह टेस्ट किसी भी हृदय सम्बन्धी लक्षण दिखने पर पांच-छह घंटे में फिर से किया जाना चाहिए। 

असामान्य परिणाम:

  • 0.05  से 0.49 ng/mL भविष्य में हृदय सम्बन्धी समस्या का खतरा बना रहता है। 

ये ध्यान देना जरूरी है कि हर एक लैब की रेंज थोड़ी सी अलग हो सकती है, इसलिए आपके डॉक्टर से ये पूछना जरूरी होता है कि उनके लैब की रेकमेंडेड रेंज क्या है और टेस्ट के परिणाम कैसे कोरिलैटड हो रहे हैं।

साथ ही ये ध्यान दें कि टेस्ट के रिजल्ट्स को डॉक्टर से सही ढंग से समझाया जाना चाहिए ताकि आपको आपके हेल्थ की सही  जानकारी मिल सके।

ट्रोपोनिन आई टेस्ट हार्ट से जुड़ी परेशानियों को पहचानने में मदद करने वाला एक जरूरी टेस्ट है। इस टेस्ट से डॉक्टर हार्ट की हेल्थ की जांच करके इलाज़  के बारे में सही फैसला ले सकते हैं। यदि आपको सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी या ऊपरी शरीर में दर्द रहना जैसी परेशानिया होती हैं, तो आपको जल्दी डॉक्टर से टेस्ट करवाना चाहिए। टेस्ट की मदद से आपको समय रहते इलाज़ मिल पाएगा।

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2 Comments

  • MANSOOR ALAM SIDDIQUI

    Feb 21, 2024 at 5:50 AM.

    Very informative

    • MyHealth Team

      Apr 24, 2024 at 12:24 PM.

      Thank you Mansoor for Your Kind Words, we are Glad You Liked it.

  • Anuj

    Dec 14, 2023 at 10:35 AM.

    Mam tropin i test report is 0.01 .... Is it normal

    • Myhealth Team

      Dec 15, 2023 at 12:11 PM.

      A growth hormone level of 0.01 ng/mL may be low, but interpretation requires consultation with a healthcare professional for accurate assessment and guidance.

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