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Platelet Count in Hindi – प्लेटलेट काउंट की पूरी जानकारी हिंदी में

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Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma

Written By Komal Daryani
on Feb 3, 2024

Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 18, 2024

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Platelet Count in Hindi
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प्लेटलेट काउंट एक जरूरी जाँच है जो रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या को मापता है। प्लेटलेट्स रक्त को जमने और थक्का बनाने में मदद करने वाली कोशिकाएं हैं। बहुत कम प्लेटलेट्स की संख्या कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है, जबकि अधिक प्लेटलेट्स रक्त के थक्के और स्ट्रोक की संभावना को बढ़ा सकते हैं। हर एक खून की बूंद में हजारों प्लेटलेट्स पाए जाते हैं। प्लेटलेट चोट लगने पर शरीर में खून को बहने से रोकती है | 

प्लेटलेट्स क्या हैं?

प्लेटलेट्स रक्त में मौजूद छोटी रंगहीन प्लेट के आकार की ब्लड सेल्स होती हैं। जब शरीर में कोई चोट लगता है तो ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स को संकेत भेजती है| संकेत मिलते ही प्लेटलेट्स उस चोट वाली जगह पर आकर ब्लड को थक्का बना देती है और रक्त बहने से रोकती है|   

प्लेटलेट्स क्या काम करते हैं?

प्लेटलेट्स ब्लीडिंग को रोकने का काम करते हैं। जब आपको चोट लगती है तो प्लेटलेट्स घाव वाली जगह पर एकत्रित होकर क्षतिग्रस्त टिश्यू को ठीक कर देते हैं। इसे क्लॉटिंग या थक्का कहते हैं। यह ज्यादा ब्लड को बह जाने से रोकने का काम करते हैं। प्लेटलेट्स पूरे ब्लड का सबसे हल्के घटक/ कंपोनेंट होते हैं इसलिए वे ब्लड वेसल्स को चिपके हुए होते हैं। इस वजह से प्लेटलेट्स ब्लीडिंग को रोकने के लिए चोट तक जल्दी पहुंच सकते हैं।

स्वस्थ प्लेटलेट काउंट क्या है?

  • एक सामान्य या स्वस्थ प्लेटलेट काउंट 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर ब्लड तक होती है। 
  • 450,000 से ज्यादा प्लेटलेट्स होने को थ्रोम्बोसाइटोसिस के रूप में जाना जाता है।
  • 150,000 से कम प्लेटलेट्स होने को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के रूप में जाना जाता है।

प्लेटलेट्स के कम या ज्यादा होने पर क्या होता है?

  1. थ्रोम्बोसाइटेमिया 

जब हमारी बोन मैरो बहुत ज्यादा प्लेटलेट्स बनाती है तो एक बीमारी होती है जिसे थ्रोम्बोसाइटेमिया कहा जाता है। बहुत ज्यादा प्लेटलेट्स होने से हमारा ब्लड का सामान्य रूप से थक्का या क्लॉट जमना मुश्किल हो जाता है। खून का असामान्य क्लॉट जमना शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

  1. थ्रोम्बोसाइटोपेनिया

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया तब होता है जब आपकी बोन मैरो शरीर के लिए आवश्यक पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट्स नहीं बनाती है। कम प्लेटलेट्स चोट लगने पर रक्त का थक्का या क्लॉट नहीं जम पाता जिससे बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है।

  1. प्लेटलेट डिसफंक्शन

यह तब होता है जब प्लेटलेट्स काउंट सामान्य होता है, लेकिन वे ठीक से काम नहीं करते हैं। खराब प्लेटलेट फंक्शन कई रेयर बीमारियों का कारण बनता है। ज्यादातर यह दवाइयों के कारण होता है। कोई भी दवा लेने से पहले आपको हमेशा डॉक्टर से पूछना चाहिए। यह जानना महत्वपूर्ण है कि कौन सी दवाएं प्लेटलेट्स को इफेक्ट करती हैं।

  1. सेकेंडरी थ्रोम्बोसाइटोसिस

यह बहुत ज्यादा प्लेटलेट्स के कारण होने वाली स्थिति है। यह बोन मैरो की वजह से नहीं बल्कि किसी अन्य बीमारी या मेडिकल कंडीशन जैसे इंफेक्शन, एनीमिया, सूजन, कैंसर और दवाओं के रिएक्शन के कारण होता है जो बोन मैरो को ज्यादा प्लेटलेट्स बनाने के लिए उत्तेजित/ स्टिमुलेट करता है। सेकेंडरी थ्रोम्बोसाइटोसिस बहुत कॉमन है। जब बीमारी ठीक हो जाती है तो प्लेटलेट काउंट सामान्य हो जाता है।

क्या हम प्लेटलेट्स डोनेट कर सकते हैं?

हाँ, ब्लड प्लाज्मा डोनेशन की तरह ही प्लेटलेट्स डोनेट किए जा सकते हैं। प्रोसेस ये है कि लैब अटेंडेंट एक हाथ से थोड़ा ब्लड निकलता और इसे एक सेंट्रीफ्यूज मशीन में रखता है जो स्पीड में घूमती/ स्पिन होती है और आपके ब्लड के घटकों/कंपोनेंट्स को अलग करती है। मशीन आपके ब्लड से प्लेटलेट्स निकालती है और बचा हुआ ब्लड आपके दूसरे हाथ की नस से आपके शरीर में वापस आ आता हैं। यदि आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं है तो आपको प्लेटलेट्स ज़रूर डोनेट करना चाहिए। इस डोनेशन से उन लोगों को मदद मिलती है जिन्हें गंभीर चोटें, पुरानी बीमारियाँ और कैंसर है।

असामान्य प्लेटलेट काउंट के लक्षण

असामान्य प्लेटलेट्स काउंट के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं –

थ्रोम्बोसाइटेमिया/ हाई प्लेटलेट्स काउंट के लक्षण

आमतौर पर हाई काउंट के कोई संकेत नहीं होते हैं। 

  • सिरदर्द
  • बोलने में दिक्कत
  • छाती में दर्द।l
  • सांस की तकलीफ और मतली
  • कमजोरी
  • हाथ या पैर में जलन वाला दर्द

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया / कम प्लेटलेट काउंट के लक्षण

  • मसूड़ों से खून आना: ब्रश करते समय टूथब्रश पर खून लगना। आप अपने मसूड़ों में सूजन और खून भी देख सकते हैं।
  • मल में खून: आपका मल बहुत डार्क रंग का दिखाई दे सकता है और उसमें खून भी हो सकते हैं।
  • यूरिन में खून: आपके यूरिन में खून आ सकता है या उसका रंग गुलाबी हो सकता है।
  • उल्टी में खून: इसे हेमेटेमेसिस कहा जाता है जिसका मतलब है कि आपके ऊपरी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में अंदरूनी चोट है या खून बह रहा है।
  • भारी मासिक धर्म: मासिक धर्म या पीरियड्स पहले की तुलना में ज्यादा लंबा होता है और फ्लो ज्यादा होता है जिसे मेनोरेजिया भी कहा जाता है।
  • पेटीच्या: वह स्थिति जब आपके निचले पैरों पर छोटे लाल या बैंगनी बिंदु दिखाई देते हैं।
  • पुरपुरा: आपकी त्वचा पर लाल, बैंगनी या भूरे रंग के धब्बे हो सकते हैं। ऐसा तब होता है जब त्वचा के नीचे छोटी ब्लड वेसल्स से ब्लड लीक हो रहा हो।
  • चोट: आपको आसानी से चोट लग जाती है। चोट तब लगती है जब आपकी त्वचा के नीचे रक्त जमा हो जाता है।
  • रेक्टल ब्लीडिंग: आपके रेक्टल एरिया खून देख सकते हैं। बवासीर या पाइल्स जैसा भी दिख सकता है।

असामान्य प्लेटलेट काउंट के कारण

  1. थ्रोम्बोसाइटोपेनिया निम्न के कारण हो सकता है:
  • अप्लास्टिक एनीमिया (जब शरीर ब्लड सेल्स बनाना बंद कर देता है)
  • ऑटोइम्यून रोग
  • ब्लड के थक्के या क्लॉट्स का विकार/ रोग
  • जेनेटिक रोग
  • ब्लीडिंग संबंधी रोग
  • गर्भावस्था
  • दवाएं
  • कैंसर, जैसे ल्यूकेमिया, या कीमोथेरेपी सहित कैंसर उपचार
  • बोन मैरो इन्फेक्शन
  • स्प्लीन
  • कुछ दवाएँ
  • बहुत ज्यादा शराब पीना
  1. थ्रोम्बोसाइटोसिस के कारण 
  • इन्फेक्शन
  • सूजन संबंधी स्थितियाँ
  • चोट
  • किडनी संबंधी रोग
  • कुछ दवाइयाँ
  • सर्जरी
  • एनीमिया
  • रक्त विकार
  • कैंसर

डॉक्टर से संपर्क कब करें।

प्लेटलेट्स हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि गिनती कम या ज्यादा हो तो यह हमारे ऑर्गन को नुकसान पहुंचा सकती है और अनावश्यक समस्याएं पैदा कर सकती है। यदि आपको अत्यधिक रक्तस्राव या थक्का/ क्लॉट नहीं जमना, मुंह या नाक से खून आना, मामूली चोटों से सिरदर्द होता है या आपको आसानी से चोट लग जाती है और वे जल्दी ठीक नहीं होते हैं, आपको डॉक्टर कुछ टेस्ट करने के लिए कहेंगे जैसे –

प्लेटलेट काउंट कैसे बढ़ाएं।

  • विटामिन बी12 -विटामिन बी-12 आपके ब्लड सेल्स को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • फोलेट एक विटामिन बी है जो आपकी सेल्स को हेल्थी रखने में मदद करता है जैसे मूंगफली, ब्लैक आइड पीज़, राजमा, संतरे।
  • आयरन आपके शरीर की स्वस्थ ब्लड सेल्स बढ़ाने के लिए आवश्यक है। जैसे कद्दू के बीज, मसूर की दाल।
  • विटामिन सी जैसे आम, अनानास, ब्रोकोली, हरी या लाल शिमला मिर्च, टमाटर।

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