Widal Test in Hindi – लक्षण, प्रक्रिया और विश्लेषण
Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra
Written By Komal Daryani
on Feb 3, 2024
Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 18, 2024
बुखार का पता लगाने के लिए बहुत से टेस्ट किये जाते हैं। ऐसा ही एक बुखार है टाइफाइड बुखार जो किसी व्यक्ति को 1 महीने तक हो सकता है। लम्बे समय तक बुखार, सुस्ती, कब्ज़, दस्त, रोज स्पॉट रैशेज़, सूखी खांसी बने रहती है तो डॉक्टर विडाल टेस्ट की सलाह देते है| वैसे समय पर इसका इलाज कर लिया जाये तो यह जल्दी ही ठीक भी हो जाता है। अपने खानपान का ध्यान रखें और संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाये रखें।
विडाल टेस्ट क्या है
विडाल टेस्ट को टाइफाइड टेस्ट रिपोर्ट से भी जानते हैं। विडाल टेस्ट टाइफाइड बुखार का पता लगाने के लिए करते हैं की पेशेंट को टाइफाइड है या नहीं। विडाल टेस्ट एक तरह का ब्लड टेस्ट है। यह टेस्ट उन एंटीबॉडी को टेस्ट करने का एक तरीका है जिस एंटीबॉडी को शरीर साल्मोनेला बैक्टीरिया के खिलाफ बनाता है। यह एंटीबॉडी टाइफाइड बुखार का कारण बनता है।
टाइफाइड बुखार जीवाणु संक्रमण है। टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) बैक्टीरिया की वजह से होता है। ख़ास कर यह दूषित भोजन या गंदे पानी से फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
विडाल टेस्ट को पहली बार 1896 में जॉर्जेस फर्डिनेंड विडाल ने किया था। उनके ही नाम पर इसका नाम रखा गया था। टाइफाइड बुखार के सही रिजल्ट तक पहुंचने के लिए विडाल टेस्ट करना जरूरी है। वैसे तो संक्रमण होने के बाद बुखार के शुरुआती लक्षण 6 से 30 दिन में दिखने लगते हैं, तो इन लक्षणों के दिखने पर पहले सप्ताह के बाद ही यह टेस्ट करना चाहिए। जिससे सही रिजल्ट मिलता है। बहुत से ऐसे कारण है जिससे डॉक्टर विडाल टेस्ट करने के लिए कहते हैं।
बैक्टीरिया दो प्रकार के होते हैं:
पहला है साल्मोनेला टाइफी (Salmonella Typhi), जिसे एस. टाइफी (S. Typhi) के नाम से भी जानते हैं।
दूसरा है साल्मोनेला पैराटाइफी (Salmonella Paratyphi), जिसे एस पैराटाइफी (S. Paratyphi) के नाम से भी जानते हैं।
बैक्टीरिया एस टाइफी में दो एंटीजन होते हैं।
एस. टाइफी ओ (टू) S. Typhi O (To), प्राइमरी एंटीजन
एस. टाइफी एच (टी एच) S. Typhi H (TH), सेकेंडरी एंटीजन
बैक्टीरिया एस. पैराटाइफी में दो एंटीजन होते हैं।
एस. पैराटाइफी ए (S. Paratyphi A)
एस. पैराटाइफी बी (S. Paratyphi B)
विडाल टेस्ट की प्रक्रिया क्या है?
आइए जानते हैं विडाल टेस्ट कैसे किया जाता है-
विडाल टेस्ट दो मेथड से कर सकते हैं : स्लाइड मेथड और ट्यूब मेथड।
स्लाइड मेथड :
- सबसे पहले मरीज का ब्लड सैंपल लिया जाता है और उसे जमने दिया जाता है।
- ब्लड का जो तरल भाग निकलता है उसे सीरम कहते हैं। इसे सेंट्रीफ्यूज मशीन की मदद से थक्के से अलग किया जाता है।
- अब सीरम की एक बूंद ली जाती है जिसे साफ कांच की स्लाइड पर रखा जाता है और उस पर मरीज का नाम और डेट लिख दी जाती है।
- सीरम ड्रॉप में एंटीजन सॉल्यूशन की एक बूंद को मिला दिया जाता है।
- अब साफ टूथपिक या कांच की रोड से दो बूंदों को मिलाते हैं।
- एग्लूटिनेशन हो इसके लिए स्लाइड को 4 मिनट तक घुमाएं।
- एग्लूटिनेशन देखने के लिए 40x मैग्निफिकेशन पर माइक्रोस्कोप के अंदर स्लाइड को चेक करते हैं। बैक्टीरिया जमने लगे तो यह पॉजिटिव रिजल्ट को बताता है।
ट्यूब मेथड:
- सबसे पहले मरीज का ब्लड सैंपल लेते हैं और उसे जमने दिया जाता है।
- थक्का बनने के बाद सीरम को कोशिकाओं से अलग करने के लिए नमूने को सेंट्रीफ्यूज करते हैं।
- इसके बाद पेशेंट का नाम और डेट लिख कर 4 टेस्ट ट्यूबों पर लेबल लगा दिया जाता है।
- हर एक टेस्ट ट्यूब में एंटीजन सोल्युशन के एक अलग डिल्यूशन (घोल) को जोड़ देते हैं।
- पेशेंट का जो सीरम है उसका फिक्स्ड अमाउंट (निश्चित मात्रा) सभी टेस्ट ट्यूब में जोड़ देते हैं।
- इन सभी टेस्ट ट्यूब की जो सामग्री है उन्हें अच्छी तरह से मिला लिया जाता है।
- इन टेस्ट ट्यूबों को 24 घंटे के लिए 37°c पर इनक्यूबेट (गर्म करने की एक प्रोसेस) किया जाता है।
- एग्लूटीनेशन के लिए टेस्ट ट्यूब को चेक करें। अगर बैक्टीरिया जमने लगते है तो यह पॉजिटिव परिणाम बताता है।
विडाल टेस्ट किसे करवाना चाहिए?
अगर किसी में कुछ इस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें डॉक्टर विडाल टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं।
- भूख में कमी : टाइफाइड बुखार में भूख कम लगती है यह भी एक लक्षण है।
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल : जो पेशेंट टाइफाइड बुखार में है उन्हें पेट से जुड़ी परेशानी हो सकती है। पहली स्टेज में कब्ज हो सकता है और बाद में दस्त भी हो सकते हैं।
- एनर्जी कम होना : जिसे टाइफाइड बुखार हुआ है उन्हें थकान महसूस हो सकती है और वह कमजोरी भी महसूस कर सकते हैं।
- दर्द : इस बुखार में सिरदर्द के साथ ही शरीर में दर्द भी हो सकता है।
विडाल टेस्ट की सीमाएँ
विडाल टेस्ट की कुछ सीमाएँ है जो आगे बताई गई है।
- विडाल टेस्ट पेशेंट के पिछले संक्रमण, वर्तमान संक्रमण, या एस टाइफी टीकाकरण इन तीनों में अंतर नहीं कर सकता है।
- जब तक इसका निदान नहीं हो जाता ट्रीटमेंट शुरू नहीं किया जाता है।
- ऐसे बहुत सारे कारण है जो इस टेस्ट के रिजल्ट को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए टाइफाइड के निदान के लिए सिर्फ विडाल टेस्ट पर निर्भर न रहें।
- कभी कभी विडाल टेस्ट का रिजल्ट ग़लत सकारात्मक भी हो सकता है जैसे : पिछले टीकाकरण या एस टाइफी संक्रमण के केस में।
विडाल टेस्ट का रिजल्ट कितने समय में आता है?
यह एक तरह का ब्लड टेस्ट है। जो टाइफाइड बुखार का पता लगाता है। इस टेस्ट को बैक्टीरिया के लिए इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) चेक करने के लिए करते हैं। विडाल टेस्ट का रिजल्ट रेडक्लिफ लैब्स के साथ 12 घंटो में आ जाता है।
विडाल टेस्ट के नेगेटिव रिजल्ट का क्या मतलब है?
अगर विडाल टेस्ट का रिजल्ट नेगेटिव आता है तो सैंपल में एंटीजन ओ और एच की अनुमापांक मूल्य (Titer Value) 1:160 से कम है तो इसका मतलब है कि आपको आंतों का बुखार नहीं है। आप में जो लक्षण दिखाई दे रहे हैं वह किसी और इन्फेक्शन की वजह से हैं।
Conclusion
टाइफाइड बुखार है या नहीं इसका पता लगाने के लिए विडाल टेस्ट किया जाता है। अगर आपको ऐसा लगता है की आप टाइफाइड बुखार के लक्षण महसूस कर रहे हैं तो आपको डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए। वह आपका विडाल टेस्ट करेंगे जो की एक सरल टेस्ट है। इस टेस्ट को लैब में या क्लिनिक में किया जा सकता है और 2 दिन में आपको इसकी रिपोर्ट भी दे दी जाएगी। कभी भी लक्षण महसूस होने पर देरी न करें अपने पास के क्लिनिक या किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें।