SGOT Test in Hindi: जानें सामान्य रेंज,कारण और परिणाम

Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Komal Daryani
on Apr 25, 2024
Last Edit Made By Komal Daryani
on Nov 13, 2025

Table of Content
- एसजीओटी टेस्ट क्या है?
- एसजीओटी टेस्ट क्यों किया जाता है?
- एसजीओटी टेस्ट कब करवाना चाहिए?
- हाई एएसटी लेवल क्या मतलब है?
- एसजीओटी टेस्ट की तैयारी कैसे करें?
- एसजीओटी टेस्ट के बाद फॉलो अप टेस्ट
- एसजीओटी की नार्मल रेंज क्या है?
- SGOT टेस्ट में कौन से पैरामीटर शामिल होते हैं?
- SGOT अधिक होने से क्या होता है?
- एसजीओटी (SGOT ) टेस्ट के दौरान क्या होता है?
- Conclusion
लिवर और हार्ट हमारे शरीर के दो सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं, जिनकी सेहत का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। इन्हीं अंगों की स्थिति जानने के लिए डॉक्टर अक्सर SGOT Test in Hindi की सलाह देते हैं। इस ब्लड टेस्ट में SGOT (Serum Glutamic Oxaloacetic Transaminase) नामक एंजाइम की मात्रा मापी जाती है, जो तब बढ़ जाता है जब लिवर या हार्ट की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इसलिए, यह टेस्ट लिवर की कार्यक्षमता और हार्ट की सेहत का एक अहम संकेतक माना जाता है।
एसजीओटी जिसका फुल फॉर्म - सीरम ग्लूटामिक-ऑक्सालोएसेटिक ट्रांसएमिनेज़ है। ये एक तरह का ब्लड टेस्ट होता है। जिसे लिवर की जाँच करने के लिए किया जाता है। अगर लिवर में कोई घाव या लिवर की बीमारी हो गई है तो उसका इलाज करने के लिए ये टेस्ट करना जरूरी होता है। इस टेस्ट से ब्लड में एएसटी एंजाइम के लेवल को मापा जाता है।
इस ब्लॉग के माध्यम से हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि एसजीओटी टेस्ट क्या है, एसजीओटी टेस्ट क्यों किया जाता है, एसजीओटी टेस्ट कब करवाना चाहिए, और एसजीओटी टेस्ट की तैयारी कैसे करें ताकि आप इस जांच को बेहतर तरीके से समझ सकें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकें।
एसजीओटी टेस्ट क्या है? ( What is SGOT Test in Hindi )
एसजीओटी टेस्ट को एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज (एएसटी) टेस्ट के रूप में भी जानते हैं। एसजीओटी टेस्ट दो मुख्य एंजाइम जिसे लिवर प्रोड्यूस करता है उसके लेवल को मापता है। लीवर के अलावा ये ब्रेन, हार्ट, किडनी और मांसपेशियों में भी पाया जाता है। इस टेस्ट का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता हैं। इस टेस्ट में ब्लड की थोड़ी ही मात्रा निकाली जाती है। इसलिए ये एक तरह का ब्लड टेस्ट है और इससे डॉक्टर को लिवर की बीमारी के साथ ही लिवर के कम घाव या छोटी बीमारी के इलाज में मदद मिलती है।
एसजीओटी टेस्ट क्यों किया जाता है?
एसजीओटी टेस्ट से डॉक्टर को लीवर की चोट या लीवर की बीमारी का ट्रीटमेंट करने में मदद मिलती है। लीवर कोशिकाएं डैमेज होने पर एसजीओटी ब्लड फ्लो में लीक होता है। इस वजह से ब्लड में इस एंजाइम का लेवल बढ़ जाता है।
एसजीओटी शरीर के बहुत से हिस्सों में पाया जाता है जैसे: मांसपेशियां, किडनी, ब्रेन और हार्ट। अगर इनमें से कोई भी हिस्सा डैमेज है तो इसका मतलब है आपका एसजीओटी लेवल नार्मल से ज्यादा हो सकता है। मांसपेशियों में चोट लगने पर या हार्ट अटैक आने पर इसका लेवल बढ़ सकता है।
एसजीओटी टेस्ट उन लोगों के लिवर की हेल्थ को मापने के लिए किया जा सकता है जो पहले से ही ऐसी उस कंडीशन में है जो उनके लिवर की हेल्थ को प्रभावित करती हैं जैसे कि हेपेटाइटिस सी।
एसजीओटी टेस्ट कब करवाना चाहिए?
लिवर डैमेज होने पर या लिवर की चोट की जांच करने के लिए डॉक्टर एसजीओटी टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। लीवर की अच्छी हेल्थ आपके डेली रूटीन और खाने पर डिपेंड करती है। ज्यादा शराब पीना, अनहेल्दी खाना, एक्सरसाइज न करना, मोटापा ये सब फैक्टर्स लीवर को नुकसान पहुंचाते हैं। और लिवर के काम करने के तरीके को प्रभावित करते हैं।
किसी व्यक्ति में इस तरह के रिस्क फैक्टर्स हैं। जो लीवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। तब डॉक्टर एसजीओटी टेस्ट करने की सलाह देते हैं।
- लिवर की बीमारी का पारिवारिक इतिहास रहा हो।
- लिवर डैमेज होने के लक्षण, जैसे अचानक वजन कम होना।
- पीलिया होने पर।
हाई एएसटी लेवल क्या मतलब है?
एएसटी लेवल ज्यादा है तो ये इस तरफ इशारा करता है।
- शराब से डैमेज होना।
- क्रोनिक हेपेटाइटिस।
- लिवर कैंसर।
- कोलेस्टेसिस, पित्त प्रवाह में कमी। (बाइल फ्लो)
- किडनी, हार्ट, हड्डी, या मांसपेशियों का डैमेज होना।
- लीवर में घाव होना, जिसे लीवर सिरोसिस के रूप में पहचानते है।
- एएसटी लेवल बहुत ज्यादा होने का मतलब है लिवर का ज्यादा डैमेज होना ये जो तेज हेपेटाइटिस के कारण होता है।
एएसटी लेवल लो होना इस तरफ इशारा करते हैं।
- किडनी रोग होना
- सिरोसिस
- लिवर रोग होना
- विटामिन बी6 की कमी होना
- स्वप्रतिरक्षी स्थितियाँ (ऑटोइम्म्युन कंडीशन)
- आनुवंशिक स्थितियाँ (जेनेटिक कंडीशन)
- कैंसर
एसजीओटी टेस्ट की तैयारी कैसे करें?
एसजीओटी टेस्ट एक सिंपल ब्लड टेस्ट है। इसके लिए किसी ख़ास तैयारी की जरूरत नहीं होती है। फिर भी कुछ ऐसे फैक्टर्स है जिन पर ध्यान देना जरुरी है। ताकि इस प्रोसेस को ज्यादा आसान बनाया जा सके। एसजीओटी टेस्ट लिवर से जुड़ी समस्याओं वाले रोगी या व्यक्ति से ब्लड का सैंपल लेकर किया जाता है।
इस टेस्ट के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है। बस टेस्ट से 2 दिन पहले एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) के साथ ही किसी भी तरह की ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) मेडिसिन लेने से बचें। अगर आप ये मेडिसिन लेते हैं तो अपने डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं। आपको टेस्ट कराने से पहले डॉक्टर को उन सभी मेडिसिन के बारे में बताना चाहिए जो आप ले रहे हैं।
टेस्ट से एक दिन पहले खूब पानी पियें। यानि की आपको हाइड्रेट रहना होगा। जिससे की आपका ब्लड सैंपल लेना आसान हो। ऐसे कपड़े ही पहनकर जाएँ जिससे आपकी बांह से ब्लड आसानी से निकाला जा सके।
एसजीओटी टेस्ट के साइड इफेक्ट्स
इस टेस्ट के कोई खास साइड इफेक्ट्स नहीं है। बस कुछ ही साइड इफेक्ट्स है जो हो सकते हैं वो भी कुछ मिनट के लिए।
- जी मिचलाना
- हल्का-हल्का महसूस होना
- बेहोशी आना
इसके लिए आपको आराम करना होगा और पोषण से भरपूर खाना खाकर इनसे निपटा जा सकता है। साथ ही कुछ लोगों की नसों का पता लगाना आसान नहीं होता है। तो सही से नस मिल जाए इसके लिए कई बार अपनी बांहों में छेद करवाना पड़ सकता है। जिसकी वजह से बांह में अकड़न और चोट लग सकती है। लेकिन ये कोई गंभीर मामला नहीं है बस थोड़ा सा आराम इन साइड इफेक्ट्स को दूर कर सकता है। इसके बाद भी अगर कोई परेशानी ज्यादा समय तक बनी रहती है तो डॉक्टर को दिखाएँ।
एसजीओटी टेस्ट के बाद फॉलो अप टेस्ट
सीरम ग्लूटामिक-ऑक्सालोएसिटिक ट्रांसएमिनेज़ या एसजीओटी टेस्ट को एक पैनल टेस्ट माना जाता है। कुछ दूसरे टेस्ट जो एएसटी या एसजीओटी टेस्ट से जुड़े होते हैं वे हैं:
- संपूर्ण मेटाबॉलिक पैनल (किडनी और लीवर की काम करने के तरीके को समझने के लिए ब्लड में इलेक्ट्रोलाइट्स की जांच करता है)
- प्लेटलेट काउंट
- एल्बुमिन टेस्ट
- एलानिन एमिनोट्रांस्फरेज़ या एएलटी टेस्ट । इसे सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसअमिनेज़ या एसजीपीटी टेस्ट के रूप में भी जाना जाता है।
- कोएग्युलेशन पैनल
- एल्कलाइन फॉस्फेट (एएलपी) टेस्ट
- ग्लूकोज टेस्ट
- बिलीरुबिन टेस्ट
- लिवर की अल्ट्रासाउंड इमेजिंग
- वायरल टेस्ट
एसजीओटी की नार्मल रेंज क्या है?
एसजीओटी टेस्ट की नार्मल रेंज 8 से 45 यूनिट प्रति लीटर सीरम के बीच होती है। सिजेंडर पुरुषों के लिए 50 और सिजेंडर महिलाओं के लिए 45 से ऊपर का स्कोर ज्यादा है। जो की नुकसान का संकेत दे सकता है। पुरुषों के लिए एसजीओटी की नार्मल रेंज 10 से 40 यूनिट/लीटर के बीच है। और महिलाओं के लिए 9 से 32 यूनिट/लीटर के बीच है। लैब की अपनी - अपनी तकनीक के आधार पर एसजीओटी की नार्मल रेंज अलग - अलग हो सकती है।
SGOT टेस्ट में कौन से पैरामीटर शामिल होते हैं? ( What parameters are included in the SGOT Test in Hindi?)
SGOT या Serum Glutamic Oxaloacetic Transaminase, जिसे आमतौर पर AST भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण प्रकार की रक्त परीक्षण है जो लिवर की सेहत को मापने में मदद करता है। यह परीक्षण लिवर के कुछ महत्वपूर्ण फ़ंक्शन की स्थिति को जांचने के लिए किया जाता है। SGOT टेस्ट में निम्नलिखित पैरामीटर शामिल होते हैं:
SGOT या AST स्तर: यह पैरामीटर उच्च होने पर लिवर के डैमेज की सूचना देता है।
लिवर एंजाइम्स के अन्य स्तर: इसमें अक्सर ALT (Alanine Aminotransferase) भी मापा जाता है, जो लिवर की सेहत के बारे में और अधिक सूचना प्रदान कर सकता है।
अन्य रक्त परीक्षण: SGOT टेस्ट के साथ-साथ, रक्त में अन्य पैरामीटर भी देखे जा सकते हैं जैसे कि बिलीरुबिन और अल्कालाइन फ़ॉस्फ़ेटेज़।
इन पैरामीटर्स के माध्यम से, डॉक्टर लिवर की सेहत को मापने में सक्षम होते हैं और समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, यदि आपको लिवर संबंधी किसी भी समस्या का संदेश मिले, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनकी सलाह का पालन करना चाहिए।
SGOT अधिक होने से क्या होता है? ( What happens if SGOT is high? )
एसजीओटी (SGOT) या अस्पार्टेट अमीनोट्रांस्फेरेज (AST) एक प्रमुख एंजाइम है जो प्रमुख रूप से लीवर में पाया जाता है।
जब SGOT की मात्रा अधिक होती है, तो इसका मतलब हो सकता है कि व्यक्ति की लीवर में कोई समस्या हो सकती है।
एसजीओटी की मात्रा बढ़ने के कारण निम्नलिखित समस्याएँ हो सकती हैं:
लीवर समस्याएँ: एसजीओटी की मात्रा अधिक होने का प्रमुख कारण लीवर के विभिन्न रोग हो सकते हैं, जैसे कि फैटी लीवर, हेपेटाइटिस, या सिरोसिस।
दवाओं का उपयोग: कुछ दवाओं का उपयोग भी एसजीओटी की मात्रा में वृद्धि का कारण बन सकता है।
अन्य समस्याएँ: विशेष रूप से मानसिक तनाव या अत्यधिक शराब पीने से भी एसजीओटी की मात्रा बढ़ सकती है।
अगर किसी व्यक्ति के एसजीओटी की मात्रा अधिक होने का पता चलता है, तो डॉक्टर द्वारा जांच कराना और सही निदान प्राप्त करना जरूरी होता है।
एसजीओटी (SGOT ) टेस्ट के दौरान क्या होता है? (What happens during the SGOT test in Hindi?)
SGOT टेस्ट रक्त में लिवर के SGOT एंजाइम के स्तर का मापकर्म होती है। यह टेस्ट लिवर के स्वास्थ्य की जांच के लिए किया जाता है। रक्त सैंपल लेकर लैब में इसे टेस्ट किया जाता है और इसके परिणामों का विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा विश्लेषण किया जाता है।
अगर SGOT का स्तर अधिक है, तो इससे लिवर की समस्याओं का पता चलता है, जैसे कि जिगर की बीमारी या अन्य उतकों में नुकसान। यह टेस्ट व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति का महत्वपूर्ण संकेतक होता है और उचित इलाज की सलाह देने में मदद करता है।
Conclusion
एसजीओटी टेस्ट लिवर की हेल्थ को जांचने के लिए किया जाता है। ये लिवर की बीमारी या लिवर की चोट की पहचान करने के लिए सबसे अच्छा ब्लड टेस्ट है। अगर ब्लड में एंजाइमों का लेवल ज्यादा होता है तो ये लिवर डैमेज होने की तरफ इशारा करता है। लीवर कैसे काम कर रहा है और लीवर की बीमारी की शुरुआती स्टेज में उसका इलाज करने के लिए एसजीओटी टेस्ट का उपयोग किया जाता है।
FAQ
1. SGOT नार्मल कितना होना चाहिए?
SGOT का नॉर्मल रेंज महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग हो सकता है, लेकिन आमतौर पर इसका नॉर्मल रेंज 5 से 40 units per liter (U/L) होता है। यह रेंज लैब की परीक्षण तकनीक और मापन प्रणाली पर भी निर्भर कर सकता है, इसलिए आपको अपनी परीक्षण रिपोर्ट में दी गई नॉर्मल रेंज को समझने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
2. SGOT and Sgpt बढ़ने पर क्या होता है?
SGOT और SGPT बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य हैं लिवर के अस्वस्थ होने की स्थिति जैसे कि जिगर की बीमारी, जैसे कि हेपेटाइटिस या सिरोसिस, जो कि असामान्य लिवर फ़ंक्शन को सूचित कर सकती है। इन टेस्ट के उच्च परिणाम उपचार की आवश्यकता को सूचित कर सकते हैं, इसलिए उन्हें डॉक्टर से निरीक्षण के बाद विश्लेषण के लिए समझना चाहिए।
3. SGOT बढ़ने पर क्या खाये?
यदि आपका SGOT बढ़ा है, तो आपको सेहतमंद आहार पर ध्यान देना चाहिए। इसमें अनाज, फल, सब्जियाँ और प्रोटीन-युक्त आहार शामिल होना चाहिए। तेल, मिठाई, प्रोसेस्ड फ़ूड, अल्कोहल और तला हुआ भोजन से बचना चाहिए। पानी का सही सेवन करना भी महत्वपूर्ण है। अपने डॉक्टर से सलाह लें और उनके दिए गए उपचार पर ध्यान दें।
4. क्या SGPT टेस्ट से पहले उपवास करना चाहिए ?
SGPT टेस्ट के लिए आमतौर पर फास्टिंग की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन इसे आपके डॉक्टर द्वारा अनुशंसित तरीके से करना उचित हो सकता है। अगर आपके डॉक्टर ने फास्टिंग की सलाह दी है, तो आपको उनके निर्देशों का पालन करना चाहिए। वे आपको सही तरीके से तैयार करने के लिए कोई अन्य निर्देश भी दे सकते हैं।
5. SGOT टेस्ट से पहले क्या तैयारी करनी चाहिए?
SGOT Test in Hindi करवाने से पहले 8–10 घंटे तक फास्टिंग रखें। शराब या तैलीय भोजन से बचें और जो दवाएं आप ले रहे हैं, उनके बारे में डॉक्टर को ज़रूर बताएं।
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6 Comments
Prabhjot kaur
Jun 23, 2025 at 3:07 PM.
Sgot level 39.0 hai iska kya mtlab hai
Myhealth Team
Jun 24, 2025 at 6:54 AM.
Hi, Appka SGOT level normal range k andar hai.
Santosh tiwari
Jun 11, 2025 at 9:51 AM.
मेरा sgot leval 908.5 है मुझे क्या करना चाहिए
Myhealth Team
Jun 13, 2025 at 11:30 AM.
आपका SGOT लेवल 908.5 बहुत ज्यादा है, जो गंभीर लिवर डैमेज, हेपेटाइटिस या दवा/शराब के दुष्प्रभाव का संकेत हो सकता है। तुरंत लिवर स्पेशलिस्ट से मिलें और SGPT, GGT, बिलीरुबिन जैसी जांच कराएं। शराब और तली-भुनी चीज़ें बिल्कुल बंद करें और खुद से कोई दवा न लें।
9424287588
Apr 28, 2025 at 7:50 AM.
44.08u/l sgot kya doctor ko dikhane ki jarurt h
Myhealth Team
Apr 29, 2025 at 9:35 AM.
SGOT (AST) का सामान्य रेंज आमतौर पर 5–40 U/L होता है। आपका SGOT लेवल 44.08 U/L थोड़ा बढ़ा हुआ है, लेकिन यह हल्की वृद्धि है और कई बार थकान, दवाइयों, हल्के इंफेक्शन, या हल्की लिवर स्ट्रेस के कारण भी हो सकता है। अगर आपको लक्षण हैं जैसे थकान, पेट दर्द, मतली, या पीलिया (त्वचा या आंखों में पीलापन), तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है। साथ ही अगर SGPT, GGT या अन्य लिवर एंजाइम्स भी बढ़े हों, तो भी डॉक्टर की सलाह लें।
Siya
Feb 3, 2025 at 9:34 AM.
Sgot [ast]value 56.8 u/ l toh solution kya hai
Myhealth Team
Apr 19, 2025 at 3:34 PM.
SGOT (AST) का लेवल 104 U/L है, जो नॉर्मल (10–40 U/L) से ज़्यादा है। ये लिवर, हार्ट या मसल्स से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है, जैसे हेपेटाइटिस, फैटी लिवर या दवाओं का असर। SGPT भी चेक कराएं और डॉक्टर से सलाह लें।
JAGDISH KUMAR
Apr 19, 2025 at 11:50 AM.
sgot(ast)104 u/l hai isska matlab
Myhealth Team
Feb 3, 2025 at 11:56 AM.
SGOT (AST) 56.8 U/L थोड़ा बढ़ा हुआ है, जो लिवर या मसल्स से जुड़ी समस्या दिखा सकता है। तला-भुना और प्रोसेस्ड फूड से बचें, ज्यादा पानी पिएं और लिवर फ्रेंडली फूड लें। अगर थकान, भूख कम लगना या पीलिया के लक्षण हों, तो डॉक्टर से जांच करवाएं।
Darshan
Nov 29, 2024 at 10:37 AM.
S.G.P.T (ALT) value 5-40 lu/l h S.G.O.T(ALT) value 5-40 lu/L Kuch solution bataiye sir
Myhealth Team
Nov 30, 2024 at 12:58 PM.
S.G.P.T (ALT) और S.G.O.T (AST) की सामान्य सीमा 5-40 IU/L होती है। अगर यह सीमा में है, तो चिंता की बात नहीं। बढ़े हुए स्तर लिवर की समस्याओं, जैसे फैटी लिवर, हेपेटाइटिस या एल्कोहल सेवन का संकेत हो सकते हैं। समाधान के लिए स्वस्थ आहार लें, जंक फूड से बचें, हाइड्रेशन बनाए रखें, और डॉक्टर से सलाह लें।
vinay kumar dhiver
Sep 21, 2024 at 11:23 AM.
apki lab ke sgot normal range kiya hai
MyHealth Team
Sep 21, 2024 at 2:48 PM.
हमारी लैब में SGOT (AST) की सामान्य रेंज आमतौर पर 5 से 35 यूनिट प्रति लीटर (U/L) होती है। हालांकि, विभिन्न लैब्स में यह रेंज थोड़ी भिन्न हो सकती है। आपकी रिपोर्ट में दी गई सामान्य रेंज की जांच करना बेहतर होगा या डॉक्टर से सलाह लें।


