Lipase Test in Hindi: पाचन स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण जांच
Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Meenakshi
on Feb 24, 2024
Last Edit Made By Meenakshi
on Mar 18, 2024
लाइपेज टेस्ट" क्या होता है?
"लाइपेज टेस्ट" एक तरह का टेस्ट है जो आपके ब्लड में लाइपेज एंजाइम (lipase enzyme) की मात्रा नापने के लिए किया जाता है । इसे सीरम लाइपेज या पाचन रस भी कहा जा सकता है। ये टेस्ट आपकी पाचन प्रक्रिया यानी की Digestive Process की स्वास्थ्य की जांच के लिए किया जाता है। लाइपेज एंजाइम आपके शरीर में फैट को डीकंपोज करने में मदद करता है, और इस टेस्ट से आपकी पाचन प्रक्रिया (Digestive Process) को जानने में मदद मिलती है।" है। यह आपके शरीर को वसा पचाने में मदद करता है ।
लाइपेज टेस्ट क्यों किया जाता है?
आपका पैंक्रियास - आपके शरीर में पेट और रीढ़ के बीच एक लंबा, सपाट अंग ज्यादातर लाइपेस बनाता है। लाइपेस इंसान की लार या थूक ग्रंथियां और आपका पेट भी कुछ मात्रा में बनाते हैं। ये एक एंजाइम होता है जो पैंक्रियास की मदद से बनता है और बॉडी के फैट को पचाने में मदद करता है।
पैंक्रियास के रोगों का निदान (Diagnosing diseases of the pancreas):
यह टेस्ट पैंक्रियास से जुड़ी बीमारियाँ जैसे कि पैंक्राटिस pancreatitis (पैंक्रियास की सूजन), पैंक्रिएटिक कैंसर, या पैंक्रियास की नली में रुकावट से जुड़े इलाज़ में मदद कर सकता है। इसके जरिए, डॉक्टर्स बीमारी को पहचान सकते हैं और सही इलाज कर सकते हैं।
लाइपेज टेस्ट की नार्मल रेंज
लाइपेज टेस्ट की नार्मल रेंज आमतौर पर लैबोरेट्री के आधार पर की जाती है, और ये इंसान की आयु, लैब के द्वारा उपयोग किए गए तकनीकी प्रकार, और अन्य कुछ कारणों पर निर्भर करती है। हालांकि, नार्मल रेंज आमतौर पर देखी जाती है:
वर्ग (category) |
रेंज (Range) |
युवा के लिए (For adults) |
आमतौर पर 0 ईयू/ल से 160 ईयू/ल के बीच होती है। (0 EU/L to 160 EU/L) |
बच्चों के लिए (For children) |
बच्चों की नार्मल रेंज थोड़ी कम होती है और आमतौर पर 0 ईयू/ल से 60 ईयू/ल के बीच होती है। (between 0 EU/L to 60 EU/L) |
लाइपेज टेस्ट के असामान्य रेंज के नुकसान:-
लाइपेज टेस्ट के रिजल्ट असामान्य रेंज के होने पर कई पॉसिबल साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। ये कुछ आमतौर पर होने वाले साइड इफेक्ट है:-
- पैंक्रियाटिटिस (Pancreatitis): जब लाइपेज का स्तर असामान्य से बढ़ जाते हैं, तो यह पैंक्रियाटिटिस का संकेत हो सकता है, जो पैंक्रियास की सूजन होती है। यह स्थिति बहुत ही दर्दनाक हो सकती है और हाई तापमान (high temperature) और पेट के ऊपरी हिस्से में तकलीफ का कारण बन सकती है।
- पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic cancer): अगर लाइपेज़ के स्तर बढ़ जाते हैं, तो यह पैंक्रियाटिक कैंसर का संकेत हो सकता है। पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण हो सकते हैं जैसे कि पेट में दर्द, वजन कम होना, और भूख की कमी।
- पैंक्रिएटिक असंगतता (Pancreatic inconsistency): जब लाइपेज़ के स्तर कम होते हैं, तो इसका मतलब है कि पैंक्रियास में परेशानी हो सकती है, जो खाने को पचाने में मुश्किल पैदा कर सकती है। यह लक्षणों में भूख की कमी और पेट की परेशानियां शामिल हो सकती हैं।
- दूसरी गंभीर समस्याएं(Other serious problems): असामान्य लाइपेज के स्तर कई दूसरी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकते हैं, जैसे कि गॉलब्लैडर इन्फेक्शन (gall bladder infections), आइलिटिस (ileitis), और कुछ और पैंक्राटिक विकार (pancreatic disorders)।
इन समस्याओं के साथ, लाइपेज टेस्ट के असामान्य रिजल्ट से सही तरीके से निपटना बहुत जरूरी है। समय रहते इलाज किया जाना चाहिए ताकि समस्याओं का सामना किया जा सके और स्वास्थ्य को सुधारा जा सके।
लाइपेज टेस्ट कब करवाना चाहिए?
यदि आपके डॉक्टर को लगता है कि आपके पैंक्रियास में कुछ गड़बड़ है तो वे लाइपेज परीक्षण का आदेश देंगे। Pancreatitis, जो पैंक्रियास की अचानक गंभीर सूजन है, सबसे आम समस्या है जिसका इलाज करने के लिए लाइपेज टेस्ट किया जा सकता है। यदि आपको अग्नाशयशोथ है, तो आपको ये लक्षण हो सकते हैं
ये टेस्ट आमतौर पर ऐसे लोगों के लिए है जिसके शरीर में नॉर्मल समस्या होने का संदेश होता है जैसे कि
- पेट में दर्द
- कमर में दर्द
- बुखार
- उल्टी
- नवस तेज होना
- भूख कम लगना
- त्वचा और आंखों का पीला पड़ना
- दिल की धड़कन तेज महसूस होना
लाइपेज टेस्ट कैसे किया जाता है?
- ब्लड सैंपल :- डॉक्टर एक छोटी सी सुई से ब्लड का सैंपल लेते हैं। यह सैंपल आमतौर पर आपके हाथ के कुछ बारीक नसों में से लिया जाता है।
- लैब में परीक्षण:- फिर ब्लड को लैब में भेजा जाता है, जहां विशेष उपकरणों यानी की स्पेशल इक्विपमेंट से लाइपेज एंजाइम के स्तर को मापते हैं।
- रिजल्ट:- टेस्ट के रिजल्ट को रिपोर्ट के रूप में डॉक्टर तक पहुंचाया जाता है। इससे पेशेंट की हेल्थ कंडीशन का पता लगाया जाता है।
इस तरह से, लाइपेज टेस्ट पेशेंट की स्थिति का पता लगाने में मदद करता है और उपचार के लिए मददगार होता है।
लाइपेज के स्तर को नार्मल कैसे करें?
लाइपेज के स्तर को सही करने में ये कुछ खास चीजें शामिल हो सकती हैं:
- सही आहार (Healthy diet): सेहतप्रद आहार का सेवन करना, जैसे कि प्रोटीन, फल, सब्जियां, और पूरे अनाज, लाइपेज को नॉर्मल बनाने में मदद कर सकता है।
- संतुलित व्यायाम (Balanced exercise): रेगुलर व्यायाम करना लाइपेज के स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकता है। ये खासतौर पर अधिकतम लाइपेज स्तर को कम करने में मदद करता हैं।
- संतुलित वजन (Balanced weight): वजन कम करना संतुलित वजन बनाए रखना लाइपेज के स्तर को नॉर्मल बनाने में मदद कर सकता है।
- अच्छी नींद (Adequate sleep): अच्छे से नींद लेना भी लाइपेज के स्तर को सही करने में मदद कर सकता है।
- दवाओं का सही सेवन (Correct intake of medicines): अगर आपकी किसी बीमारी का इलाज चल रहा है तो अपने डॉक्टर की एडवाइस के अनुसार दवाइयां का सही सेवन करना चाहिए ये भी आपके लाइपेज के स्तर को सही करने में मदद कर सकता है।
इस आर्टिकल की मदद से हमने जाना की लाइपेज टेस्ट क्या है और ये टेस्ट हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी है साथ ही ये टेस्ट हमारे शरीर की स्वास्थ्य की निगरानी के लिए बहुत अहम रोल प्ले करता है, अगर किसी को लगता है कि उनका लाइपेज असामान्य है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। सही तरीके से देखभाल करने और उचित इलाज कराने से हम स्वस्थ रह सकते हैं और साथ जीवन का आनंद भी बढ़ा सकते हैं। इसलिए, हमें स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना और नियमित चेकअप करवाना चाहिए।