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Urea Test in Hindi: उपयोग, महत्व, और प्रक्रिया

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Urea Test in Hindi: उपयोग, महत्व, और प्रक्रिया

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Meenakshi
on Mar 30, 2024

Last Edit Made By Meenakshi
on Mar 30, 2024

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Urea Test
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ब्लड यूरिया नाइट्रोजन टेस्ट (Blood Urea Nitrogen Test) का उपयोग किया जाता है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि आपकी किडनी कितनी अच्छी तरह से काम कर रही है। इस टेस्ट में रक्त में यूरिया नाइट्रोजन की मात्रा को मापा जाता है। यूरिया नाइट्रोजन एक शरीर का बेकार पदार्थ है जो लीवर में तैयार होता है, जब शरीर में प्रोटीन की खराबी होती है। आम तौर पर, किडनी इस कचरे को छान लेते हैं, और पेशाब के रास्ते शरीर से निकाल देते हैं।

जब किडनी या लीवर में कोई प्रॉब्लम होता है, तो शरीर में ब्लड यूरिया नाइट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है। और यदि ब्लड में अधिक मात्रा में यूरिया नाइट्रोजन का जमाव हो जाता है तो किडनी या लीवर की समस्या हो सकता है।

यूरिया टेस्ट क्या है?

यूरिया नाइट्रोजन टेस्ट से किडनी के फंक्शन्स की उपयोगी जानकारी मिलती है। ये जानकारी ब्लड सैंपल में यूरिया नाइट्रोजन की मात्रा को मापने से मिलती है। किडनी की बीमारी होने पर वेस्ट मटेरियल को फ़िल्टर कर पाना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से ब्लड में ये वेस्ट मटेरियल बनने लगते हैं। जिससे की हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, एनीमिया जैसी हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती है। 

डॉक्टर आपके ब्लड में यूरिया नाइट्रोजन की मात्रा को मापने के लिए यूरिया नाइट्रोजन टेस्ट करने की सलाह देते हैं। जिससे उन्हें यह पता लगाने में मदद मिलती है की किडनी कितनी अच्छी तरह काम कर रही है। अगर यूरिया टेस्ट में यूरिया लेवल ज्यादा आता है तो यह इस बात का संकेत है की किडनी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। 

जिन व्यक्तियों को किडनी की बीमारी है उन्हें शुरू में यह लक्षण महसूस नहीं होते हैं। लेकिन यूरिया टेस्ट के बाद शरीर में हो रहे किसी भी तरह के बदलाव को पहचानने में मदद मिल सकती है। 

यूरिया टेस्ट क्यों किया जाता है 

इस टेस्ट को रेगुलर चेकअप के लिए या अगर आपको किडनी की समस्या है तो डॉक्टर यूरिया टेस्ट करने की सलाह देते हैं। वैसे शुरू में कोई लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन आपके पास इस तरह किडनी की बीमारी होने के चांसेस है। 

  • परिवार में किसी को किडनी की समस्या रही हो 
  • डायबिटीज 
  • हाई ब्लड प्रेशर 
  • हार्ट डिजीज 

अगर आपको किडनी की बीमारी के बाद की स्टेज के लक्षण हैं तो डॉक्टर आपके यूरिया टेस्ट के स्तरों की जांच कर सकता है जैसे:

  • नींद न आना
  • पैरों या टखनों में सूजन आना 
  • ज्यादा या कम पेशाब आना 
  • थकान बनी रहना 
  • खुजली होना 
  • मांसपेशियों में ऐंठन होना

यूरिया टेस्ट से पहले तैयारी 

अगर आप किसी तरह की दवाई ले रहे हैं तो यूरिया टेस्ट करवाने से पहले आपको अपने डॉक्टर को इस बारे में बताना होगा। अगर इन दवाओं में से कोई सी दवा आपके टेस्ट रिजल्ट को प्रभावित करती है तो डॉक्टर कुछ समय के लिए इन दवाओं को लेने से मना कर देगा।

यूरिया टेस्ट के दौरान क्या होता है?

यूरिया टेस्ट करने के लिए लैब तकनीशियन आपकी बांह की नस से ब्लड सैंपल लेगा। यह सुई की मदद से लिया जाता है सुई के स्किन पर लगने से हल्की सी चुभन महसूस हो सकती है। चुभन के साथ ही हल्का दर्द भी हो सकता है जो की कुछ ही मिनटों में ठीक भी हो जाता है। जिसके बाद चाहे तो सीधे अपनी रोज की एक्टिविटी कर सकते हैं। इस ब्लड सैंपल को लैब में भेजा जाएगा फिर 1 से 2 दिनों में आपको रिपोर्ट मिल जाएगी। 

यूरिया टेस्ट का रिजल्ट 

यूरिया टेस्ट रिजल्ट उम्र, हेल्थ हिस्ट्री, जेंडर के आधार पर अलग - अलग हो सकते हैं। यह लैब की वजह से भी अलग-अलग हो सकते हैं। नार्मल यूरिया टेस्ट का लेवल लगभग 7 से 20 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) के बीच होता है। यह लेवल 60 मिलीग्राम/डीएल से ज्यादा न हो तब तक यह हेल्थ प्रोवाइडर को आपकी किडनी की हेल्थ को मापने में मदद नहीं कर सकता है।

ब्लड यूरिया नाइट्रोजन और क्रिएटिनिन का अनुपात 10:1 और 20:1 के बीच होना चाहिए। अगर यह अनुपात इससे कम या ज्यादा है तो इसका मतलब यह है कि आपकी किडनी में कोई समस्या है या आप सही मात्रा में पानी नहीं पी रहे हैं।

हाई ब्लड यूरिया का क्या मतलब है 

हाई ब्लड यूरिया का मतलब है कि आपकी किडनी वैसे काम नहीं कर रही है जैसा करना चाहिए। भले ही आपकी किडनी ठीक से काम कर भी रही हो लेकिन अगर आगे बताई गई स्थिति आपके साथ है तो आपको हाई ब्लड यूरिया है।

  • यूरिनरी सिस्टम में रुकावट जिससे पेशाब करने में परेशानी आती है।
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) ब्लीडिंग। 
  • हाई प्रोटीन डाइट। 
  • उम्र का बढ़ना (शिशुओं और बच्चों में ब्लड यूरिया कम होता है)।
  • दिल का दौरा आने पर। 
  • डिहाइड्रेशन।
  • कार्बामाज़ेपाइन, मेथोट्रेक्सेट और टेट्रासाइक्लिन दवाएं।
  • तनाव लेना।
  • जलने पर। 

लो ब्लड यूरिया का क्या मतलब है 

लो ब्लड यूरिया का होना सामान्य नहीं है। अगर आप में भी लो ब्लड यूरिया प्रॉब्लम है तो आपके साथ नीचे दी गई स्थिति हो सकती है। 

  • शरीर का आकार छोटा होना (जैसे: अचानक दुबले होना)
  • लो प्रोटीन डाइट 
  • ओवरहाइड्रेशन (आपके शरीर में बहुत अधिक पानी होना)
  • लिवर डिजीज

ब्लड यूरिया बढ़ने की जटिलताएं 

ब्लड यूरिया बढ़ना जिसे यूरीमिया कहते हैं। यूरीमिया बढ़ने से बहुत सी जटिलताएं हो सकती है। यह एक घातक मेडिकल कंडीशन है। जो किसी लंबी बीमारी का संकेत है। यूरीमिया का ट्रीटमेंट ना होने पर किडनी फैल होने का खतरा रहता है। जिन लोगों को यूरीमिया है उन्हें इन जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।

  • दिमाग को नुकसान
  • व्यक्ति को दौरे पड़ना
  • यूरीमिया से प्रभावित व्यक्ति की जान भी जा सकती है। 
  • इंसान का होश में न रहना
  • एनीमिया 
  • हाई बीपी होना 
  • हार्ट अटैक आना और दूसरे जानलेवा लक्षण

यूरिया टेस्ट की कीमत कितनी है?

यूरिया टेस्ट की कोई फिक्स कीमत नहीं है। इसकी कॉस्ट इस बात पर डिपेंड करती है की टेस्ट कहाँ पर करवाया है। हर लैब की Cost अलग - अलग हो सकती है और आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस है या नहीं इस पर भी यह Cost डिपेंड करती है। यूरिया टेस्ट में दूसरे मापों वाले पैनल का उपयोग किया गया है तो भी Cost अलग हो सकती है। यूरिया टेस्ट की कीमत के बारे में ज्यादा जानने के लिए अपनी बीमा कंपनी और डॉक्टर से संपर्क करें।

टेस्ट का रिजल्ट जानने के बाद क्या करें 

अपनी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए यह करें। 

  • रोज ताजे फल और सब्जियां खाएं।
  • वजन मेंटेन रखें।
  • ब्लड प्रेशर स्वस्थ रखें। (ज्यादातर लोगों के लिए 120/80 से कम)
  • डॉक्टर से उन दवाओं के बारे में पूछे जो आपकी किडनी को स्वस्थ रखती हो। 
  • डायबिटीज वाले लोगों को ब्लड शुगर कंट्रोल में रखना चाहिए। 
  • सप्ताह के ज्यादातर दिनों में कम से कम 30 मिनट तक एक्टिव रहें।
  • कम नमक और कम सैचुरेटेड वसा वाले फूड्स खाएं।
  • तम्बाकू और सिगरेट का सेवन न करें।

यूरिया टेस्ट के जोखिम क्या हैं

आप यूरिया टेस्ट करवाने के बाद अपनी नार्मल एक्टिविटीज कर सकते हैं। अगर आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर है या आप ब्लड को पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं तो आपको अपने डॉक्टर को बताना होगा। क्योंकि इससे आपको टेस्ट के समय ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है।

इसके जोखिम में शामिल है:

  • त्वचा के नीचे ब्लड का जमा होना।
  • टेस्ट के लिए सुई लगाई हुई जगह पर ब्लीडिंग होना। 
  • सुई लगी हुई जगह पर इन्फेक्शन होना।
  • जहां सुई लगी वहां चोट लगना। 

टेस्ट के लिए ब्लड लेने के बाद कुछ लोगों का सिर चकरा जाता है या वे बेहोश हो जाते हैं। अगर आपको भी ऐसा होता है या कोई साइड इफ़ेक्ट लंबे समय तक बना है तो डॉक्टर को बताएं।

Conclusion 

यूरिया टेस्ट एक बहुत ही सरल ब्लड टेस्ट है। ये किडनी के फंक्शन्स को चेक करने के लिए किया जाता है। अगर आपको किडनी से जुड़ी कोई प्रॉब्लम है तो डॉक्टर की सलाह लेकर यूरिया टेस्ट जरूर करवाएं। इस टेस्ट में ज्यादा समय नहीं लगता है। यह कुछ ही मिनटों में किया जाता है। और इसका रिजल्ट भी जल्दी ही मिल जाता है।

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