Homocysteine Test in Hindi: होमोसिस्टीन टेस्ट क्या है, कैसे, और, क्यों करते हैं
Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Meenakshi
on Mar 4, 2024
Last Edit Made By Meenakshi
on Mar 18, 2024
शरीर में हो रही बीमारी का पता लगाने और अगर किसी तरह का उपचार चल रहा है तो उसके प्रभाव को जानने के लिए कई तरह के मेडिकल टेस्ट किये जाते हैं। जैसे : ब्लड टेस्ट या यूरिन टेस्ट, इन टेस्ट को करके बीमारी का इलाज करना डॉक्टर के लिए आसान हो जाता है। ऐसा ही एक टेस्ट है होमोसिस्टीन टेस्ट। जो खून में होमोसिस्टीन की मात्रा का पता लगाता है। साथ ही यह Homocysteine Test दिल से जुड़ी बिमारियों, जेनेटिक्स रोग और विटामिन की कमी का पता लगाने और उसके निदान के लिए भी किया जाता है।
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होमोसिस्टीन टेस्ट क्या है
होमोसिस्टीन टेस्ट आपके ब्लड में होमोसिस्टीन की मात्रा को मापता है। होमोसिस्टीन एक अमीनो एसिड है। अमीनो एसिड एक तरह के अणु होते हैं। यह शरीर में प्रोटीन बनाने में मदद करते हैं। यदि शरीर में होमोसिस्टीन ज्यादा होता है तो इसका मतलब है की आपमें विटामिन बी की कमी है। आपका शरीर विटामिन बी12, बी6 और फोलिक एसिड (फोलेट या विटामिन बी 9) का उपयोग करके होमोसिस्टीन को तोड़कर शरीर के लिए जरुरी अन्य केमिकल बनाते हैं। अगर होमोसिस्टीन ज्यादा मात्रा में है तो यह धमनियों के अंदर के हिस्से को नुकसान पहुंचा सकता है। जिसकी वजह से रक्त के थक्के बन सकते हैं। जिससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक, ब्लड वेसल डिसऑर्डर, दिल की बीमारियां होने का खतरा रहता है।
होमोसिस्टीन लेवल हाई होने के कारण क्या है ?
होमोसिस्टीन लेवल हाई होने के कारण में शामिल है :
- किडनी की बीमारी
- थायराइड हार्मोन का लेवल कम होना
- जेनेटिक्स
- कुछ दवाइयों की वजह से
- सोरायसिस
होमोसिस्टीन का क्या काम है?
जब होमोसिस्टीन विटामिन बी के साथ इंटरैक्ट करता है, तो यह दो सब्स्टेन्स में बदल जाता है।
मेथिओनिन : यह एक अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट है जो प्रोटीन को बनाता है।
सिस्टीन : मेथियोनीन से बना एक अमीनो एसिड है जो सूजन को कम करता है, लिवर की हेल्थ को बढ़ाता है, इम्यून सेल्स के बीच कम्युनिकेशन बढ़ाता है।
होमोसिस्टीन टेस्ट क्यों करते हैं?
कुछ ऐसे लक्षण जिनसे पता चलता है की शरीर में विटामिन बी12 या फोलिक एसिड की कमी है तो होमोसिस्टीन टेस्ट किया जाता है इनमें कुछ यह लक्षण आते हैं।
- चक्कर आना
- थकान या कमजोरी महसूस होना
- सिरदर्द बने रहना
- दिल की धड़कन तेज होना
- त्वचा या नाखूनों के रंग में बदलाव
- जीभ पर या मुँह में घाव होना
- हाथ, पैर, बांहों और टांगों में झुनझुनी या सुन्नता आना
अगर आपमें विटामिन बी12 या फोलिक एसिड की बहुत कमी है तो डॉक्टर आपको यह टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं। यदि आपमें नीचे बताये गए लक्षण है तब।
- आप कुपोषण है।
- आपकी उम्र ज्यादा है तब क्योंकि बूढ़े लोगों को फ़ूड से sufficient विटामिन बी12 नहीं मिल पाता है।
- यदि आप शराब पीते हैं या आपको नशीली दवाओं की लत है।
- हार्ट अटैक या स्ट्रोक आने की एक से ज्यादा वजह है। जैसे हाई एलडीएल "खराब" कोलेस्ट्रॉल या हाई ब्लड प्रेशर।
- आपको कभी हार्ट अटैक या स्ट्रोक आया हो।
हाई होमोसिस्टीन लेवल कॉम्प्लीकेशन्स
होमोसिस्टीन लेवल हाई होने पर आगे दी गई मेडिकल कंडीशंस का सामना करना पड़ सकता है। इनमें आते हैं।
मल्टीपल स्केलेरोसिस जो ऑटोइम्यून बीमारी है। यह बीमारी रीढ़ की हड्डी और दिमाग को नुकसान पहुँचाती है।
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
- स्ट्रोक
- कैंसर
- कार्डिओवैस्क्युलर रोग
- मिरगी
- पागलपन
- ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियां कमजोर होने पर होता है)
- एक्लम्पसिया, यह हाई ब्लड प्रेशर के कारण आने वाले दौरे की शुरुआत है।
- हार्ट अटैक
- पार्किंसंस रोग (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का डिसऑर्डर)
- हाइपोथायरायडिज्म, यह तब होता है जब शरीर थायराइड हार्मोन प्रोड्यूस नहीं कर पाता है।
- एथेरोस्क्लेरोसिस, जो एक धमनी रोग है।
- रक्त के थक्के
- आखिरी स्टेज की किडनी की बीमारी
इसका मतलब सिर्फ यह नहीं है की हाई होमोसिस्टीन लेवल होने पर यह बीमारियां हो सकती है। लेकिन लंबे समय तक हाई लेवल बने रहने पर जोखिम बढ़ सकता है।
होमोसिस्टीन टेस्ट की तैयारी
आमतौर पर, होमोसिस्टीन टेस्ट के लिए आपको कुछ ख़ास तैयारी की जरूरत नहीं होती है। आपको डॉक्टर बताएंगे की टेस्ट से पहले कोई दवाई या सप्लीमेंट लेना बंद करना चाहिए या नहीं। अगर आपने टेस्ट से पहले कोई दवाई ली है तो इस बारे में अपने डॉक्टर को बताएं और विटामिन बी के बारे में तो जरूर बताएं।
होमोसिस्टीन टेस्ट कैसे होता है?
इसके लिए हेल्थ केयर प्रोफ़ेशनल एक छोटी सुई की मदद से आपकी बांह की नस से ब्लड का सैंपल लेता है। वह बांह के चारों ओर एक टाइट बैंड बांधेगा। फिर उस जगह को जहां सुई डाली जाएगी उसे साफ़ करेगा। थोड़ा सा ब्लड एक टेस्ट ट्यूब या शीशी में ले लिया जाएगा। सुई से आपको हल्की सी चुभन महसूस हो सकती है। इस प्रोसेस में 5 मिनट का समय लगता है।
होमोसिस्टीन लेवल कैसे माप सकते हैं?
सबसे आम होमोसिस्टीन टेस्ट की बात करे तो वह है मेथियोनीन/होमोसिस्टीन टेस्ट। यह एक ब्लड टेस्ट है। जो मेथिओनिन और होमोसिस्टीन के लेवल को एक साथ मापता है। ऐसे और भी टेस्ट होते हैं जो होमोसिस्टीन के लेवल को मापते हैं। इनमें सबसे आम है इम्यूनोएसे टेस्ट। यह टेस्ट ब्लड में होमोसिस्टीन के स्तर का पता लगाने के लिए एंटीबॉडी का यूज करता है। जिसे केमिलुमिनसेंस जांच कहा जाता है। इस टेस्ट में ब्लड में होमोसिस्टीन के लेवल का पता लगाने के लिए लाइट का यूज होता है। अगर आपको होमोसिस्टीन लेवल का पता करना है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए की आपके लिए कौन सा टेस्ट सही रहेगा।
होमोसिस्टीन लेवल को कैसे कम कर सकते हैं
ऐसे बहुत से फूड्स है जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल करके होमोसिस्टीन लेवल को कम कर सकते हैं।
- अनाज
- फल और सब्जियाँ
- फोर्टफाइड ग्रेन प्रोडक्ट्स
- पालक जो फोलेट का अच्छा सोर्स हैं।
- मसूर की दाल
- फलियाँ
- एस्परैगस
आपको अपने फ़ूड में विटामिन बी-6 को बढ़ाने की जरूरत हो सकती है। विटामिन बी-6 इन फूड्स में होता है।
- आलू
- हैवी अनाज
- गारबान्ज़ो बीन्स (चना)
- केले
- चिकन
आपको अपने फ़ूड में विटामिन बी-12 को बढ़ाने की जरूरत हो सकती है। विटामिन बी-6 इन फूड्स में होता है।
- मछलियाँ
- डेयरी प्रोडक्ट
- ऑर्गन मीट (लिवर)
Conclusion
होमोसिस्टीन लेवल को कंट्रोल में रखना चाहिए नहीं तो आप किसी बड़ी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। अपने खाने में वो फूड्स शामिल करें जो होमोसिस्टीन लेवल को कम रखते हैं। अगर आपको भी ऊपर बताये गए लक्षण महसूस होते है तो होमोसिस्टीन टेस्ट जरूर करवाएं या टेस्ट करवाने के पहले डॉक्टर को दिखाएँ क्योंकि डॉक्टर आपको सही सलाह दे सकेंगे।
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1 Comments
Surendra Gautam
Mar 19, 2024 at 10:19 AM.
Homocystein 17.38 hai kya lena cahiye?
Myhealth Team
Apr 17, 2024 at 7:04 PM.
आपके होमोसिस्टीन स्तर उच्च हैं, और इसका अर्थ हो सकता है कि आपको कार्डियोवास्कुलर रोग का जोखिम बढ़ सकता है। आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लेना चाहिए।