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Diabetes in Hindi - डायबिटीज क्या है? लक्षण, कारण, बचाव, तथा इलाज

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Komal Daryani
on Feb 3, 2024

Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 18, 2024

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Diabetes in Hindi
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आजकल की तेज़ जीवनशैली और अनियंत्रित आहार के कारण, डायबिटीज एक आम समस्या बन चुकी है। यह एक अस्थायी रूप से उच्च रक्त शर्करा स्तर की स्थिति है, जो दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इस ब्लॉग में, हम डायबिटीज के बारे में समझेंगे, इसके कारणों को जानेंगे, और इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ सरल उपायों पर चर्चा करेंगे।

डायबिटीज (मधुमेह ) क्या है? – What is Diabetes 

डायबिटीज एक अस्थायी रूप से उच्च रक्त शर्करा स्तर की स्थिति है जो शरीर के इंसुलिन नामक हार्मोन की कमी या शरीर के इंसुलिन के सही उपयोग की असमर्थता से होती है। इससे रक्त में शर्करा का सही रूप से उपयोग नहीं हो पाता और उच्च रक्त शर्करा स्तर की समस्या हो जाती है।

क्यों होती है डायबिटीज (मधुमेह )? Why Does Diabetes (Madhumeh) Occur?

मधुमेह (डायबिटीज) का कारण अनुवंशिक और पर्यावरणिक दोनों हो सकते हैं।

अनुवंशिक कारण: मधुमेह के अनुवंशिक कारणों में जीनेटिक प्रभाव, यानी वंशागत संक्रमण और परिवार में मधुमेह के संक्रमित होने की वजह से होने वाला मधुमेह शामिल होता है। इसके लिए कुछ विशेष जीनों के मुद्रण में बदलाव होता है जो इंसुलिन के उत्पादन, उपयोग या इंसुलिन के प्रतिरक्षा की क्षमता को प्रभावित करते हैं।

पर्यावरणिक कारण: मधुमेह के पर्यावरणिक कारण शामिल हैं अवज्ञात लाइफस्टाइल, खुराक विकार, मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, खाद्य पदार्थों की गलत आदतें, तंत्रिका विकार, तनाव और अनियमित नींद जैसे कारक। इन कारकों के संयोग से शरीर इंसुलिन के उत्पादन और उपयोग में असमर्थ हो जाता है या उपयोगिता कम हो जाती है, जिससे मधुमेह विकसित हो सकता है।

यह दृष्टिगत होने वाले कारण मधुमेह के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन सभी मामलों में यह स्पष्ट नहीं होता है कि विशेष कारण कौन सा है। अक्सर यह एक संयोगी तत्वों का परिणाम होता है जो एकदिवसीय जीवनशैली और आनुवंशिक प्रभाव के संयोग से प्रभावित होते हैं।

डायबिटीज के लक्षण – Symptoms of Diabetes

डायबिटीज (मधुमेह ) के निम्नलिखित लक्षण होते है जैसे की – 

  • Excessive Thirst – अत्यधिक प्यास
  • Unexplained Weight Loss – अपरिहार्य वजन कमी
  • Increased Hunger – बढ़ी हुई भूख
  • Fatigue – थकान
  •  Slow Healing of Wounds – घावों का धीमा भरना
  • Blurry Vision – धुंधली दृष्टि
  • Numbness or Tingling in Extremities – हड्डीयों में सुन्न या झिल्ली जैसा आभास:
  •  Frequent Infections – बार-बार संक्रमण:
  • Dry Skin and Itching – शुष्क त्वचा और खुजली:
  •  Mood Swings – मूड बदलना
  • Recurring Urinary Tract Infections (UTIs) – बार-बार होने वाले मूत्रमार्ग संक्रमण:
  • Slow Reflexes – धीमे प्रतिक्रियाएं
  • Erectile Dysfunction – यौन अक्षमता

डायबिटीज से बचाव – Prevention of Diabetes

 डायबिटीज ( मधुमेह ) का प्रबंधन मुमकिन है अगर आप निम्न चीजों का पालन करते है तो जैसे की – 

  1. स्वस्थ आहार ( Healthy Eating)- अनाज, फल, सब्जियों, और कम चर्बी वाले प्रोटीन की बैलेंस्ड आहार अपनाएं।
  1. नियमित व्यायाम (Regular Exercise ) – नियमित शारीरिक गतिविधियों में शामिल हों, जैसे कि एयरोबिक और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग।
  1. रक्त शर्करा का मॉनिटरिंग (Blood Sugar Monitoring ) – नियमित रक्त शर्करा स्तर की मॉनिटरिंग करें और आपके जीवनशैली को अनुसार समायोजित करें।
  1.  दवा का पालन ( Medication Adherence ) –  स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा निर्दिष्ट की गई दवाएं नियमित रूप से लें।
  1.   नियमित जाँच (Regular Check-ups) – समृद्ध डायबिटीज प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ नियमित जाँचें कराएं।
  1.  वजन प्रबंधन (Weight Management ) – आहार और व्यायाम का संयोजन करके स्वस्थ वजन बनाए रखें।।
  1. तनाव काम करे –  Stress Reduction – ध्यान, योग, या गहरी सांसें लेने जैसी तनाव कम करने की गतिविधियों का अभ्यास करें।
  1.  पर्याप्त नींद( Adequate Sleep ) – डायबिटीज प्रबंधन को समर्थन करने के लिए पर्याप्त और गुणवत्ता वाली नींद सुनिश्चित करें।
  1.  पर्याप्त पानी पीना (Hydration  ) – हाइड्रेटेड रहने और किडनी को समर्थन करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  1. पैर की देखभाल(Foot care) – अक्सर पैरों की चेकअप करें, कटाव, घाव, या संक्रमण के लिए अगर आवश्यक हो तो त्वरित चिकित्सा सलाह लें।
  1. रक्तचाप नियंत्रण (Blood Pressure Control ) – हृदयरोग की जोखिम को कम करने के लिए सिफारिश की गई सीमा के अंदर रक्तचाप को नियंत्रित करें।

डायबिटीज का निदान – Diagnosis of diabetes 

डायबिटीज का इलाज विभिन्न तरीकों से किया जाता है और इसमें चिकित्सक आपको निम्नलिखित टेस्ट्स करवाने के आदेश दे सकते है,और टेस्ट के रिपोर्ट के अनुसार आपका इलाज किया जाता है।  चिकित्सक द्वारा सुझाए गए कुछ टेस्ट हो सकते है – 

ग्लाइकोहेमोग्लोबिन (HbA1c) टेस्ट: यह टेस्ट रक्त शर्करा के स्तर को लंबे समय तक मापने का एक माध्यम है, और यह बताता है कि पिछले 2-3 महीनों में रक्त शर्करा का स्तर कैसा रहा है।

फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट(Fasting Blood Sugar test ): यह टेस्ट रात्रि को भोजन के बाद की अवधि के बाद निर्धारित किया जाता है और यह बताता है कि आपके रक्त में शर्करा की मात्रा कैसी है जब आपने बिना खाए हुए अवधि बिता रखी है।

पोस्टप्रैंडियल रक्त शर्करा टेस्ट(Post-Prandial blood suagr test ): यह टेस्ट भोजन के बाद की अवधि में रक्त में शर्करा की मात्रा को मापता है और यह दिखाता है कि आपके शरीर को खाने के बाद शर्करा को कैसे प्रबंधित करता है।

रक्त शर्करा की निगरानी (Self-Monitoring of Blood Glucose – SMBG): यह आपको खुद ही रक्त शर्करा का स्तर मापने की अनुमति देता है और डायबिटीज के प्रबंधन में मदद करता है।

इंसुलिन टेस्ट( Insulin Test): इस टेस्ट के माध्यम से इंसुलिन की मात्रा और कार्य को मापा जा सकता है, जिससे इंसुलिन संबंधित समस्याओं का पता चल सकता है।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट(Lipid Profile Test ) : यह टेस्ट रक्त में विभिन्न प्रकार के लिपिड (चर्बी) के स्तरों को मापता है और डायबिटीज से संबंधित हृदय और सिरदर्दी से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है।

डायबिटीज के इलाज के लिए डॉक्टर आपकी स्थिति और लक्षणों की आधारित आपके लिए सबसे उपयुक्त ट्रीटमेंट का निर्धारण करेंगे।

 डायबिटीज़ का उपचार –  Treatment of Diabetes

वैसे तो डायबिटीज का कोई स्थायी उपचार नहीं है टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को नियमित रूप से इंसुलिन लेना पड़ता है जिससे जिससे उन्हें अपनी शुगर स्तिति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

दूसरी ओर, टाइप-2 डायबिटीज के लक्षणों को बिना किसी दवा के भी नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए रोज़ाना एक्सरसाइज, संतुलित आहार, समय पर नाश्ता, और वजन को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण हैं। सही डाइट का पालन करके टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद होती है।

इसके अलावा, कुछ ओरल एंटीबायोटिक्स दवाएं भी हैं जो टाइप-2 डायबिटीज को बढ़ने से रोकने में सहायक हो सकती हैं। इन उपायों का समृद्धिकरण करके, व्यक्ति अपनी स्वास्थ्य स्थिति को सुरक्षित रख सकता है और डायबिटीज के प्रबंधन में सफलता प्राप्त कर सकता है।

 निष्कर्ष:

डायबिटीज एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसका प्रबंधन संभव है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, सही आहार और नियमित व्यायाम से इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आप में भी डायबिटीज के लक्षण हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और उपयुक्त इलाज करवाएं।

आपकी स्वस्थता हमारी जिम्मेदारी है, इसलिए ध्यान रखें और स्वस्थ रहें!

FAQS 

1. डायबिटीज क्या होती है?

डायबिटीज एक रोग है जिसमें शरीर का रक्त शर्करा सामान्य से अधिक हो जाता है, जिससे शरीर के ऊतकों को सही तरीके से इस्तेमाल करने में कठिनाई होती है।

2. क्या डायबिटीज को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है?

अब तक कोई डायबिटीज का सटीक इलाज नहीं है, लेकिन उचित दवाओं, आहार और व्यायाम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

3. क्या डायबिटीज किडनी को भी प्रभावित करती है?

हाँ, डायबिटीज किडनी को प्रभावित कर सकती है और दीवारें डैमेज होने की संभावना बढ़ा सकती है।

4. कौन सी डायबिटीज ज्यादा खतरनाक होती है?

प्रकृति 1 डायबिटीज ज्यादा खतरनाक हो सकती है क्योंकि इसमें शरीर इन्सुलिन नहीं बना पाता, जिससे उच्च रक्त शर्करा हो सकता है।

5. मधुमेह या डायबिटीज के मरीज को क्या खाना चाहिए?

मधुमेह के मरीजों को कम शर्करा और सही पोषण वाला आहार लेना चाहिए, जिसमें फल, सब्जियां, अनाज, और प्रोटीन शामिल हों।

6. शुगर लेवल 600 होने पर क्या होता है?

शुगर लेवल 600 अत्यधिक है और यह तत्परता आवश्यक है। ऐसी स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता लेना आवश्यक है, क्योंकि यह जीवनसंगी स्थिति हो सकती है।

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1 Comments

  • Ramvilas paswan

    Mar 31, 2024 at 11:26 AM.

    Sugar leve up 300 hai

    • Myhealth Team

      Apr 1, 2024 at 10:19 AM.

      Hi, एक ब्लड शुगर स्तर 300 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मि/डीएल) उच्च रहता है, जो हाइपरग्लाइसेमिया (उच्च रक्त शर्करा) का संकेत हो सकता है। इसे नियमित रूप से मापना महत्वपूर्ण है, विशेषकर अगर यह स्तर नियमित रूप से सामान्य स्तरों से अधिक है। उच्च रक्त शर्करा स्तर को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई करना आवश्यक हो सकता है, जैसे पानी पीना, शारीरिक गतिविधि में भाग लेना, और किसी भी निर्धारित दवाओं या उपचार को अनुसरण करना। उच्च रक्त शर्करा स्तर के प्रबंधन के लिए विशेषज्ञ की सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि मधुमेह से संबंधित संभावित जोखिमों से बचा जा सके। Thankyou

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