महिलाओं के पैरों में दर्द क्यों होता है? कारण, लक्षण और उपाय

Medically Reviewed By
Dr. Mayanka Lodha Seth
Written By Komal Daryani
on Jun 3, 2025
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 8, 2025

पैर हमारे शरीर का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये न केवल हमें चलने-फिरने में मदद करते हैं, बल्कि पूरे शरीर का वजन भी इन्हीं पर रहता है। महिलाओं में पैरों का दर्द एक आम समस्या है, जो कई कारणों से हो सकती है। यह दर्द कभी-कभी हल्का होता है, तो कभी इतना ज्यादा होता है कि दैनिक जीवन में बाधा डालता है। आज के इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि महिलाओं के पैरों में दर्द क्यों होता है, इसके मुख्य कारण क्या हैं, कैसे इसे पहचाना जाए और इसका उपचार कैसे किया जा सकता है।
महिलाओं के पैरों में दर्द के मुख्य कारण
पैरों में दर्द होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। विशेष रूप से महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, जीवनशैली, और शारीरिक संरचना के कारण ये समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। नीचे कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं
1. हार्मोनल बदलाव
महिलाओं के शरीर में हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर मासिक धर्म, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज़ के दौरान काफी बदलता है। यह बदलाव नसों और मांसपेशियों को प्रभावित करता है, जिससे पैरों में सूजन, भारीपन और दर्द महसूस हो सकता है।
उदाहरण:
- पीरियड्स के पहले और दौरान कई महिलाओं को पैरों में ऐंठन और थकान होती है।
- मेनोपॉज़ के समय शरीर में कैल्शियम की कमी और हड्डियों के कमजोर होने से दर्द बढ़ सकता है।
2. लंबे समय तक खड़े रहना या ऊँची हील पहनना
जो महिलाएं लंबे समय तक खड़े रहकर काम करती हैं—जैसे शिक्षिका, सेल्सगर्ल, नर्स आदि—उन्हें पैरों में थकान, सूजन और नसों में खिंचाव हो सकता है।
ऊँची हील पहनना फैशन स्टेटमेंट जरूर है, लेकिन इससे शरीर का भार पैर के आगे के हिस्से पर आ जाता है, जिससे एड़ी, पंजे और तलवों में दर्द होना आम है।
3. नसों की समस्या (Varicose Veins)
कई महिलाओं को नसें उभरकर दिखने लगती हैं, खासकर पिंडलियों के पास। इसे वैरिकोज़ वेन्स कहते हैं। इसमें नसों में खून जमा होने लगता है जिससे सूजन और दर्द होता है।
लक्षण:
- नसें नीली या बैंगनी दिखाई देती हैं
- पैरों में जलन या भारीपन
- देर तक बैठने या खड़े रहने पर दर्द बढ़ जाना
4. कैल्शियम और विटामिन D की कमी
महिलाएं अक्सर डायटिंग या अनहेल्दी खाने की आदतों के कारण शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं देतीं। इससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और मांसपेशियों में ऐंठन होती है।
क्या हो सकता है:
- हड्डियों में झुनझुनाहट
- मांसपेशियों में अकड़न
- चलने में तकलीफ
5. प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ा हुआ वजन
गर्भावस्था में शरीर का भार अचानक बढ़ जाता है जिससे पैरों और घुटनों पर दबाव आता है। इसके अलावा शरीर में फ्लूड रिटेंशन की वजह से पैरों में सूजन और दर्द हो सकता है।
6. डायबिटीज़ या थायरॉइड जैसी बीमारियाँ
महिलाओं में इन रोगों का खतरा ज्यादा होता है और इनके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है। इससे पैरों में जलन, सुन्नपन या दर्द होने लगता है।
7. गलत फुटवियर या सपोर्ट की कमी
फ्लैट सैंडल या पुराने टूटे-फूटे जूते पहनने से पैरों को पूरा सपोर्ट नहीं मिल पाता। इससे आर्च और एड़ी में दर्द होना शुरू हो सकता है।
8. मोटापा
शरीर का अतिरिक्त वजन घुटनों, एड़ियों और तलवों पर दबाव डालता है। मोटापा बढ़ने से जोड़ों और हड्डियों पर स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे चलना-फिरना भी मुश्किल हो सकता है।
9. गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस
उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं को गठिया (arthritis) और हड्डियों के कमजोर होने (osteoporosis) की शिकायत बढ़ जाती है। इसके कारण घुटनों और पैरों में लगातार दर्द और सूजन होती है।
महिलाओं के पैरों में दर्द के लक्षण
पैरों के दर्द के साथ कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं, जैसे:
- पैरों में सूजन आना
- मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी
- पैरों में जलन या झुनझुनी महसूस होना
- चलने में कठिनाई होना
- पैरों का रंग या तापमान बदलना
- दर्द के कारण नींद में खलल आना
महिलाओं के पैरों में दर्द से बचाव और उपचार के उपाय
पैरों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए हम कुछ आसान लेकिन प्रभावी उपाय अपना सकते हैं।
1. सही जूते पहनें
महिलाओं को ऐसे जूते पहनने चाहिए जिनमें अच्छी फुट सपोर्ट हो, ऊँचाई बहुत ज्यादा न हो, और जो आरामदायक हों। फ्लैट या कम हील वाले जूते बेहतर होते हैं।
2. नियमित व्यायाम करें
पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम, स्ट्रेचिंग, योग या सैर करना लाभदायक होता है।
3. विटामिन और मिनरल लें
यदि आपके शरीर में विटामिन या मिनरल की कमी है तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लें। कैल्शियम, मैग्नीशियम, और विटामिन D खास तौर पर जरूरी हैं।
4. आराम करें
अगर दिनभर पैरों में दर्द रहता है तो समय-समय पर आराम करें और पैरों को ऊपर उठाएं। इससे रक्त संचार बेहतर होगा और दर्द कम होगा।
5. मालिश और गर्म पानी से सिकाई
पैरों की मालिश और गर्म पानी से सिकाई करने से मांसपेशियों का दर्द कम होता है और रक्त संचार बढ़ता है।
6. हाइड्रेटेड रहें
पानी की कमी से भी मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है, इसलिए दिनभर पर्याप्त पानी पीना जरूरी है।
7. डॉक्टरी सलाह लें
अगर दर्द लगातार बना रहता है, या दर्द के साथ सूजन, रंग में बदलाव या कमजोरी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हो सकता है कि आपको फिजियोथेरेपी, दवाइयां या अन्य उपचार की जरूरत हो।
घरेलू नुस्खे जो मदद कर सकते हैं
हल्दी दूध: हल्दी में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, इसे रोजाना गर्म दूध के साथ पीने से आराम मिल सकता है।
अदरक की चाय: अदरक में भी सूजन कम करने वाले तत्व होते हैं, यह मांसपेशियों के दर्द में लाभकारी होता है।
नमक वाला पानी: पैर को हल्के गर्म नमक वाले पानी में भिगोना भी दर्द और थकान दूर करता है।
एलोवेरा जेल: पैरों पर एलोवेरा जेल लगाना भी सूजन और दर्द कम करता है।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
- अगर पैरों में दर्द के साथ अचानक सूजन या लालिमा हो।
- चलने-फिरने में कठिनाई हो रही हो।
- दर्द लगातार बढ़ रहा हो और घरेलू उपायों से आराम न मिले।
- आपको किसी पुरानी बीमारी जैसे डायबिटीज या हृदय रोग है और पैरों में दर्द हो रहा हो।
- पैरों में कमजोरी या सुन्नपन महसूस हो।
निष्कर्ष
महिलाओं के पैरों में दर्द एक आम लेकिन नजरअंदाज न की जाने वाली समस्या है। इसका सही कारण जानना और समय पर उपचार करना बहुत जरूरी है ताकि यह समस्या और गंभीर न हो। स्वस्थ जीवनशैली, सही जूते पहनना, नियमित व्यायाम, और डॉक्टर की सलाह से इस दर्द को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आप या आपकी जान-पहचान में कोई महिला इस समस्या से जूझ रही है, तो इस ब्लॉग के टिप्स अपनाएं और पैरों की सेहत का खास ध्यान रखें।