महिलाओं के सिर दर्द के कारण: जानिए प्रमुख वजहें और समाधान

Medically Reviewed By
Dr. Mayanka Lodha Seth
Written By Komal Daryani
on May 1, 2025
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 8, 2025

सिरदर्द महिलाओं में एक आम समस्या है, लेकिन जब यह बार-बार हो या लंबे समय तक बना रहे, तो इसे नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए। अक्सर इसे थकान या नींद की कमी मान लिया जाता है, जबकि इसके पीछे कई गंभीर कारण हो सकते हैं। कुछ मामलों में यह दिनचर्या पर असर डाल सकता है और कभी-कभी किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि महिलाओं को सिरदर्द क्यों होता है और कब डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
महिलाओं में सिरदर्द के पीछे हार्मोनल बदलाव की भूमिका
महिलाओं को सिरदर्द की समस्या पुरुषों की तुलना में ज्यादा होती है, और इसका मुख्य कारण होता है हार्मोनल बदलाव। महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोन के उतार-चढ़ाव के कारण सिरदर्द होने की संभावना बढ़ जाती है।
हार्मोन से जुड़े सिरदर्द के आम कारणों में शामिल हैं:
- मासिक धर्म (पीरियड्स)
- गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
- गर्भावस्था
- स्तनपान (दूध पिलाना)
- रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़)
इन सभी अवस्थाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन के स्तर में बदलाव होता है, जो सिरदर्द को बढ़ावा दे सकते हैं।
हार्मोन क्यों बनते हैं सिरदर्द की वजह?
महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन एक अहम हार्मोन होता है, जो प्रजनन प्रणाली के विकास और संतुलन में मदद करता है। जब एस्ट्रोजन के स्तर में अचानक बदलाव होता है — जैसे मासिक धर्म के समय इसकी मात्रा घटती है — तो इससे सिरदर्द हो सकता है।
इसके अलावा, रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़) के आसपास या जब महिलाओं की यूटेरस (गर्भाशय) को सर्जरी द्वारा हटाया जाता है (हिस्टेरेक्टॉमी), तब भी हार्मोन में भारी बदलाव होते हैं, जो सिरदर्द को बढ़ा सकते हैं।
क्यों यह जानकारी जरूरी है?
कई बार महिलाएं सिरदर्द को सिर्फ थकान या नींद की कमी मानकर नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन अगर हर महीने एक ही समय सिरदर्द होता है, या रजोनिवृत्ति के दौरान दर्द बढ़ जाता है, तो यह हार्मोनल बदलाव का संकेत हो सकता है।
मासिक धर्म से जुड़ा सिरदर्द
यौवन (puberty) से पहले लड़के और लड़कियों को सिरदर्द लगभग एक जैसी दर से होता है। लेकिन जैसे ही लड़कियों में मासिक धर्म शुरू होता है, उनमें सिरदर्द की शिकायत बढ़ने लगती है। यह समस्या आमतौर पर रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़) के बाद कम हो जाती है।
अगर आपको शक है कि आपका सिरदर्द मासिक धर्म से जुड़ा हुआ है, तो एक डायरी या कैलेंडर में अपने लक्षणों को नोट करना शुरू करें। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि क्या हर महीने एक ही समय सिरदर्द हो रहा है। अगर कोई पैटर्न दिखे, तो डॉक्टर से बात करना ज़रूरी है।
डॉक्टर किन उपायों की सलाह दे सकते हैं
दवा समय पर शुरू करना- अगर आप मासिक धर्म शुरू होने से पहले ही दवा लेना शुरू कर दें, तो सिरदर्द को रोका या कम किया जा सकता है।
गर्भनिरोधक गोलियां या हार्मोन थेरेपी- कुछ महिलाओं को इससे राहत मिलती है, लेकिन यह हर किसी के लिए असरदार नहीं होती।
मासिक धर्म को नियंत्रित करना- कुछ मामलों में, अगर सिरदर्द बहुत गंभीर हो, तो डॉक्टर दवा की मदद से मासिक धर्म को कुछ समय के लिए रोकने का सुझाव दे सकते हैं।
आपका सिरदर्द माइग्रेन है या तनाव से जुड़ा है
महिलाओं में सबसे आम सिरदर्द दो प्रकार के होते हैं — तनाव से होने वाला सिरदर्द और माइग्रेन।
तनाव सिरदर्द अक्सर सिर के चारों ओर एक कसने वाले बैंड की तरह महसूस होता है। ये हल्के से मध्यम स्तर का दर्द होता है और आमतौर पर पूरे सिर में फैला होता है।
अगर आपको सिर में धड़कन जैसा तेज़ दर्द महसूस होता है, खासकर एक तरफ, तो ये माइग्रेन हो सकता है।
माइग्रेन के आम लक्षण
- सिरदर्द 4 से 72 घंटे तक रह सकता है (कई बार इससे पहले और बाद में भी लक्षण रहते हैं)
- सिरदर्द के साथ आंखों के सामने धब्बे या टेढ़ी-मेढ़ी लकीरें दिखाई देना (हर किसी को नहीं होता)
- आमतौर पर दर्द सिर के एक तरफ होता है (हालांकि कुछ लोगों को दोनों तरफ भी हो सकता है)
- चलने-फिरने या किसी भी शारीरिक गतिविधि से दर्द बढ़ जाता है
- तेज़ रोशनी, आवाज़ या किसी खास गंध से परेशानी होती है
- मतली या उल्टी भी महसूस हो सकती है (जबकि तनाव वाले सिरदर्द में ये लक्षण कम ही होते हैं)
- अगर आपको ये लक्षण बार-बार महसूस होते हैं, तो यह माइग्रेन हो सकता है और आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
जीवनशैली में बदलाव से सिरदर्द से राहत कैसे पाएं?
अगर आपको माइग्रेन या बार-बार होने वाला सिरदर्द परेशान कर रहा है, तो केवल दवाओं पर निर्भर रहने के बजाय अपनी दिनचर्या में कुछ छोटे लेकिन असरदार बदलाव करके भी राहत पाई जा सकती है।
- भरपूर पानी पिएं - डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) सिरदर्द की एक बड़ी वजह हो सकती है। कोशिश करें कि आप हर दिन 1.5 से 2 लीटर पानी जरूर पिएं। खासकर अगर मौसम गर्म हो या आप ज़्यादा एक्टिव रहते हैं।
- शराब और स्ट्रेस से दूरी बनाएं- शराब और तनाव दोनों ही माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। अगर आप जानते हैं कि कोई खास चीज़ सिरदर्द बढ़ाती है, तो उससे बचना बेहतर है।
- कैफीन का संतुलन बनाए रखें- थोड़ी मात्रा में कैफीन कुछ लोगों को राहत दे सकती है, लेकिन ज्यादा कॉफी या एनर्जी ड्रिंक्स से नींद खराब हो सकती है जिससे सिरदर्द और भी बढ़ सकता है। ध्यान दें कि कैफीन आपकी नींद के पैटर्न को बिगाड़ तो नहीं रहा।
- नींद का रूटीन बनाए रखें- हर दिन एक तय समय पर सोना और जागना, और समय पर खाना, सिरदर्द से बचाव में बहुत मदद करता है। नींद की गुणवत्ता और मात्रा, दोनों का ध्यान रखना ज़रूरी है।
- गर्दन और कंधों की देखभाल- कई बार तनाव सिरदर्द की वजह होती है गर्दन और कंधों की मांसपेशियों में खिंचाव या अकड़न। इसके लिए फिजिकल थेरेपी यानी फिजियोथेरेपिस्ट से इलाज लेना मददगार हो सकता है।
- मानसिक तनाव कम करना- रिलैक्सेशन एक्सरसाइज़, मेडिटेशन, या ब्रीदिंग प्रैक्टिस जैसी आदतें तनाव को कम करती हैं और सिरदर्द की तीव्रता को भी घटा सकती हैं।
कब डॉक्टर से मिलें?
अगर ये उपाय भी असर नहीं कर रहे हैं या सिरदर्द रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर डाल रहा है, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है। माइग्रेन और तनाव से होने वाले सिरदर्द दोनों का सही इलाज संभव है — बस आपको यह जानने की ज़रूरत है कि आपके शरीर में क्या बदलाव हो रहे हैं और हार्मोन इसका क्या रोल निभा रहे हैं।
सही जानकारी और सही समय पर की गई पहल से आप फिर से बिना सिरदर्द वाली जिंदगी जी सकते हैं!