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Polycystic Ovaries Meaning in Hindi: कारण, लक्षण और उपचार

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Polycystic Ovaries Meaning in Hindi: कारण, लक्षण और उपचार

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Medically Reviewed By
Dr. Geetanjali Gupta

Written By Kirti Saxena
on Jan 24, 2025

Last Edit Made By Kirti Saxena
on Jan 27, 2025

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Polycystic Ovaries Meaning in Hindi: कारण, लक्षण और उपचार
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पॉलीसिस्टिक ओवरी (Polycystic Ovaries) एक आम समस्या है, जो हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं को प्रभावित करती है। इस स्थिति में अंडाशय (ओवरी) में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिससे पीरियड्स में अनियमितता, चेहरे और शरीर पर अनचाहे बाल, मुंहासे, वजन बढ़ना और गर्भधारण में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) और पॉलीसिस्टिक ओवरी (PCO) में फर्क होता है। PCO में सिर्फ अंडाशय में सिस्ट होते हैं, जबकि PCOS एक गंभीर स्थिति होती है, जिसमें हार्मोनल असंतुलन ज्यादा होता है और यह शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है।

यह समस्या अधिकतर 15 से 44 वर्ष की महिलाओं में देखी जाती है। हालांकि, सही खान-पान, व्यायाम और जीवनशैली में सुधार करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी के कारण

इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से यह हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी होती है।

  • हार्मोनल असंतुलन: शरीर में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे अंडाणु का सही तरीके से विकास नहीं हो पाता।
  • इंसुलिन रेजिस्टेंस: जब शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है, तो ओवरी ज्यादा एंड्रोजन बनाने लगती है, जिससे सिस्ट बनने लगते हैं।
  • अनुवांशिक कारण: अगर परिवार में किसी को यह समस्या रही हो, तो अगली पीढ़ी में भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
  • तनाव और गलत जीवनशैली: अनियमित खान-पान, जंक फूड, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधियों की कमी से हार्मोनल संतुलन बिगड़ सकता है।

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पॉलीसिस्टिक ओवरी के लक्षण

हर महिला में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं में यह हल्का होता है, जबकि कुछ में यह गंभीर रूप ले सकता है।

  • पीरियड्स में अनियमितता: पीरियड्स देर से आना, बहुत हल्का या बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना या कई महीनों तक न आना।
  • अनचाहे बाल: चेहरे, छाती और पीठ पर ज्यादा बाल उगना (हिर्सुटिज्म), जो एंड्रोजन हार्मोन की अधिकता के कारण होता है।
  • मुंहासे और स्किन समस्याएं: चेहरे पर तैलीय त्वचा, मुंहासे और गर्दन व बगल में काली त्वचा (इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण)।
  • बालों का झड़ना: सिर के आगे या बीच में बालों का पतला होना या गंजापन।
  • वजन बढ़ना: खासकर पेट और कमर के आसपास चर्बी जमा होना, जिससे वजन कम करना मुश्किल हो जाता है।
  • गर्भधारण में कठिनाई: अनियमित ओवुलेशन के कारण महिलाओं को प्रेग्नेंसी में दिक्कत हो सकती है।
  • मूड स्विंग और तनाव: हार्मोनल बदलाव से तनाव, चिंता और चिड़चिड़ापन हो सकता है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी का शरीर पर असर

यह समस्या केवल ओवरी तक सीमित नहीं रहती, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकती है।

  • दिल की बीमारियां: इंसुलिन रेजिस्टेंस और मोटापा हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ा सकता है।
  • डायबिटीज: हाई इंसुलिन लेवल के कारण टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना रहती है।
  • इन्फर्टिलिटी: ओवुलेशन प्रभावित होने से गर्भधारण में कठिनाई होती है।
  • हाई ब्लड प्रेशर: वजन बढ़ने और हार्मोनल असंतुलन के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
  • स्लीप एप्निया: मोटापे के कारण सांस लेने में रुकावट हो सकती है, जिससे नींद की समस्या होती है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी का इलाज

इस समस्या का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

खान-पान में बदलाव

  • फाइबर से भरपूर आहार लें, जैसे हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और दालें।
  • अधिक प्रोटीन और हेल्दी फैट जैसे नट्स, बीज और मछली खाएं।
  • प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड और शुगर वाले पदार्थ कम खाएं।

व्यायाम और योग

  • रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जरूरी है।
  • योग और ध्यान से तनाव कम किया जा सकता है।
  • कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम किया जा सकता है।

मेडिकल ट्रीटमेंट

  • डॉक्टर हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए दवाएं दे सकते हैं।
  • मेटफॉर्मिन जैसी दवाएं इंसुलिन रेजिस्टेंस को नियंत्रित कर सकती हैं।
  • गर्भधारण में दिक्कत हो तो डॉक्टर फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की सलाह दे सकते हैं।

पॉलीसिस्टिक ओवरी में क्या करें और क्या न करें

क्या करें

✔ हेल्दी डाइट लें और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
✔ नियमित व्यायाम करें और वजन को नियंत्रित रखें।
✔ पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचने के लिए ध्यान करें।
✔ समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराएं।

क्या न करें

✖ ज्यादा मीठा और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन न खाएं।
✖ धूम्रपान और शराब से बचें, क्योंकि ये हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकते हैं।
✖ ज्यादा कैफीन न लें, क्योंकि यह स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ा सकता है।
✖ अनावश्यक दवाएं न लें, हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।

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निष्कर्ष

पॉलीसिस्टिक ओवरी (Polycystic Ovaries) महिलाओं में एक आम समस्या बनती जा रही है, लेकिन इसे सही खान-पान, नियमित व्यायाम और डॉक्टर की सलाह से नियंत्रित किया जा सकता है। यह समस्या सिर्फ ओवरी को प्रभावित नहीं करती, बल्कि पूरे शरीर पर असर डाल सकती है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह हार्मोनल असंतुलन, वजन बढ़ने, टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग और प्रजनन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है।

महिलाओं को इस समस्या के लक्षणों को पहचानकर जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए। अगर आपको अनियमित पीरियड्स, चेहरे और शरीर पर अनचाहे बाल, बालों का झड़ना, मुंहासे, वजन बढ़ना या गर्भधारण में कठिनाई जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। सही आहार, हेल्दी लाइफस्टाइल और समय-समय पर मेडिकल जांच से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

स्वस्थ जीवन जीने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच बहुत जरूरी है। अगर आप पॉलीसिस्टिक ओवरी से संबंधित कोई भी समस्या महसूस कर रही हैं, तो Redcliffe Labs में अपनी जांच करवाएं। सही समय पर किए गए टेस्ट आपकी सेहत को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। अभी अपॉइंटमेंट बुक करें और अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें!

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