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PCOS In Hindi - पीसीओएस (PCOS) क्या है ? लक्षण, कारण ,बचाव और उपचार

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PCOS in Hindi - पीसीओएस (PCOS) क्या है ? लक्षण, कारण ,बचाव और उपचार

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Komal Daryani
on Oct 4, 2023

Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 18, 2024

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PCOS in Hindi
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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome PCOS ) महिलाओ में होने वाला एक प्रमुख रोग है जो हार्मोन असुंतलन के कारण होता है, यह समस्या आजकल काफी सामान्य हो गई है, और इसके बारे में सही जानकारी होना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग में, हम PCOS के बारे में विस्तार से जानेंगे, जैसे कि इसके लक्षण, कारण, और इसका सही उपचार क्या है ? 

पीसीओएस (PCOS) क्या है ? 

PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) महिलाओं में होने वाला एक हार्मोनल विकार है। इसमें, अंडाशय (ovary) असामान्य रूप से पुरुष हार्मोन (androgens) उत्पन्न करते हैं, जो सामान्य से अधिक होते हैं। इसका कारण हार्मोनल असंतुलन होता है जो अंडाशय के सामान्य विकास और अंडाशय से अंडा का निष्कासन प्रभावित कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप, अंडाशयों में cysts बन सकती हैं। PCOS के लक्षण में मासिक धर्म के असामान्यता, अंडाशयों की बड़ी आकार, अनियमित या अभावी ओवुलेशन, हाइपरअंड्रोजेनिस्म (अधिक पुरुष हार्मोन), और वजन में वृद्धि शामिल हो सकती है।

PCOS के कारण अनिष्ट गर्भाशय गतिविधियाँ, बांझपन, अधिक बाल विकास, त्वचा समस्याएं, और दिल की बीमारियाँ जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। यह एक बहुत सामान्य हालत है और इसका प्रबंधन चिकित्सा, आहार, व्यायाम और जीवनशैली परिवर्तन के माध्यम से किया जा सकता है।

PCOS Image

पीसीओएस (PCOS) के लक्षण - PCOS Symptoms in Hindi 

  • बालो का झड़ना 
  • त्वचा पे कील मुहसो का बढ़ना 
  • मूड स्विंग्स 
  • अनियमित मासिक धर्म 
  • गर्भधारण करने में समस्या या बार बार गर्भपात होना। 
  • अनचाहे अंगो पे बाल आना जैसे की ठोड़ी, चेहरे, छाती, पीठ, पेट आदि
  • अत्यधिक वजन का बढ़ना 
  • डिप्रेशन या एंग्जायटी 
  • टेस्टोस्टेरोन स्तर का उच्च होना 
  • इंसुलिन प्रतिरोध
  • नींद ना आना 
  • सिर में दर्द होना 
  • थकान लगना आदि। 

यदि आपको लगता है की आप PCOS से ग्रसित है या आपको PCOS के लक्षण दिखाई दे रहे है तो आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए और सही उपचार की शुरुआत करनी चाहिए। 

पीसीओएस (PCOS) के कारण 

PCOS कई कारणो से हो सकता है जैसे की -

1 हार्मोनल असंतुलन: PCOS का मुख्य कारण हार्मोन असंतुलन होता है जिसमें एस्ट्रोजन, और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव होता है।

2 आनुवंशिक कारण: यदि परिवार में PCOS का इतिहास है, तो यह आपके भी हो सकता है।

3 जीवनशैली और आहार: अधिक तला भुना खाना और अस्वस्थ आहार भी PCOS को बढ़ावा देते हैं।

4 अधिक वजन: अतिरिक्त वजन या मोटापा भी PCOS के लिए एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।

5 इन्सुलिन का असमान उत्पादन: इन्सुलिन का असमान उत्पादन PCOS का एक बड़ा कारण हो सकता है।

6 व्यस्त जीवनशैली: तनाव और अनियमित जीवनशैली भी PCOS को बढ़ावा दे सकते हैं।

7 धूम्रपान : धूम्रपान और अधिक मात्रा में शराब का सेवन भी PCOS को बढ़ा सकते हैं।

8 डायबिटीज: डायबिटीज की समस्या वाले व्यक्तियों में PCOS का जोखिम अधिक हो सकता है।

9 हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप): उच्च रक्तचाप भी PCOS के कारण हो सकता है और उसकी समस्या को बढ़ावा देता है।

10 थायराइड ग्रंथि की समस्या: थायराइड की समस्याएं भी PCOS के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

11 ज़ीब्रोपोलिसिन (जीबी) सिंड्रोम: यह एक और महत्वपूर्ण सिंड्रोम होता है जो PCOS के साथ जुड़ सकता है।

12 उम्र : PCOS महिलाओं की उम्र के साथ बढ़ सकता है, खासतर जो 30 साल की उम्र के बाद होता है।

13 अन्य अस्पष्ट कारण: कुछ कारण अज्ञात हो सकते हैं, जिनका PCOS में योगदान हो सकता है।

PCOS से बचाव के उपाय - Prevention of PCOS

1 स्वस्थ आहार:

  • नियमित रूप से आहार लें और अधिकतम सुगर और प्रोसेस्ड फ़ूड खाने से बचें।
  • फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि सब्जियां, फल, और पूरे अनाज।
  • प्रोटीन और हेल्दी फैट्स को अपने आहार में शामिल करें, जैसे कि मछली, मूंगफली, और अवोकाडो आदि। 

2 व्यायाम:

  • नियमित रूप से व्यायाम करें, कम से कम 30 मिनट तक, प्रतिदिन।
  • योग, ध्यान, और प्राणायाम जैसे ध्यानिक अभ्यास करने से भी लाभ हो सकता है।

3 वजन प्रबंधन:

  • वजन को संभालने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
  • अतिरिक्त वजन कम करने के लिए आहार और व्यायाम की मदद लें।

4 दवाइयां:

  • डॉक्टर के सलाहनुसार दवाइयों का सेवन करें, जैसे कि ओवाल्यट या मेटफॉर्मिन।
  • दवाइयों के साथ सही तरीके से अपनाएं और डॉक्टर की सलाह पर रहें।

5 स्त्री रोग स्वास्थ्य:

  • अपने डॉक्टर से चेकअप करवाएं। 
  • गर्भधारण से जुड़े सभी मुद्दों को अपने डॉक्टर से चर्चा करें।

6 स्ट्रेस प्रबंधन:

  • स्ट्रेस को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन, और अन्य रिलेक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें।
  • सही नींद और समय से खाने का पालन करें।

7 डॉक्टर की सलाह:

  • अपने डॉक्टर की सलाह और निरीक्षण पर ध्यान दें और उनके सुझावों का पालन करें।
  • चिकित्सा उपचार और जांच के लिए समय-समय पर जाएं।

PCOS के प्रबंधन में डॉक्टर की सलाह बेहद महत्वपूर्ण होती है, तो आपको अपने स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करना चाहिए और उनके दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।

पीसीओएस का उपचार (PCOS Treatment in Hindi)

PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) का इलाज व्यक्ति के लक्षणों, उम्र, और उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। यह रोग आपके डॉक्टर द्वारा सलाह दी जाने वाली दवाओं, आहार और व्यायाम की विशेष जरूरतों के साथ नियंत्रित किया जा सकता है।

ध्यान दे।

इस लेख में दिए गए सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के लिए है इन्हे किसी मेडिकल प्रोफेसनल या डॉक्टर की सलाह के रूप में ना ले,यदि बीमारी के गंभीर लक्षण या स्थिति का संकेत होता है, तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करे।

FAQS 

1. PCOS का पहला संकेत क्या हैं? (What are the first sign of PCOS?)

PCOS का पहला संकेत बार-बार और अनियमित मासिक धर्म हो सकता है, जिसके साथ ही अत्यधिक बालों की वृद्धि भी हो सकती है।

2. क्या पीसीओएस का इलाज संभव है? (Is PCOS curable?)

PCOS का पूरी तरह से ठीक होना संभव नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को प्रबंधित करने और समस्याओं को कम करने के लिए उपाय और इलाज उपलब्ध हैं। चिकित्सक के सुझाव पर आपको डाइट, व्यायाम, दवाओं और अन्य उपायों का संयोजन करना पड़ सकता है, जिससे आपकी स्थिति में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, जरूरी हो सकता है कि आप अपने चिकित्सक से नियमित रूप से सलाह लें और अपने स्वास्थ्य की निगरानी रखें।

3. पीसीओएस का पता लगाने के लिए कौन सा टेस्ट करना चाहिए?

पीसीओएस का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपको कुछ निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं:

हॉर्मोन टेस्ट: यह टेस्ट आपके हॉर्मोन स्तर की मापन करता है, जैसे कि LH (ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन), FSH (फोलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन), टेस्टोस्टेरोन, और अन्य हॉर्मोन।

ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट (GTT): यह टेस्ट इंसुलिन प्रतिरक्षमता और डायबिटीज की संभावना की जाँच करने के लिए किया जा सकता है, क्योंकि पीसीओएस रोगी में डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
अन्य टेस्ट: आपके डॉक्टर अन्य टेस्ट भी करवा सकते हैं, जैसे कि थायराइड टेस्ट, चूर्ण जाँच, और अन्य संबंधित टेस्ट, जो आपके स्वास्थ्य स्तिथि की समझने में मदद कर सकते हैं।

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