898 898 8787

PTH Test in Hindi - महत्व, प्रक्रिया और परिणाम - जानें सब कुछ - MyHealth

Lab Test

PTH Test in Hindi - महत्व, प्रक्रिया और परिणाम - जानें सब कुछ

author

Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma

Written By Komal Daryani
on Dec 6, 2023

Last Edit Made By Komal Daryani
on Jan 23, 2025

share
https://myhealth-redcliffelabs.redcliffelabs.com/media/blogcard-images/3692/b32868d6-d1c4-4b18-bcc6-4a41cae77ab3.jpg
share

पैराथाइरॉइड हार्मोन (PTH) टेस्ट क्या है?

PTH टेस्ट ब्लड में पैराथाइरॉइड हार्मोन (पीटीएच) के स्तर को मापता है। पीटीएच को पैराथार्मोन भी कहा जाता है। यह पैराथाइरॉइड ग्रंथि द्वारा बनाया और ब्लड में छोड़ा या स्रावित किया जाता है।

पैराथाइरॉइड हार्मोन क्या है?

पैराथाइरॉइड ग्लैंड द्वारा बनाए जाने वाले हार्मोन को पैराथाइरॉइड हार्मोन या PTH कहा जाता है। यह ब्लड में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है। यह फॉस्फोरस और विटामिन डी के स्तर को भी नियंत्रित करता है। पैराथाइरॉइड हार्मोन का असामान्य स्तर कैल्शियम के असामान्य स्तर का संकेत देता है।

पैराथाइरॉइड ग्रंथियाँ क्या हैं?

गर्दन में तितली के आकार की थायरॉयड ग्रंथि के पास या पीछे स्थित चार मटर के आकार की ग्रंथियों को पैराथायराइड ग्रंथि कहा जाता है। वे एंडोक्राइन सिस्टम का भी हिस्सा हैं। कभी-कभी पैराथाइरॉइड ग्रंथियां अन्नप्रणाली के साथ या छाती, ट्रेकिओसोफेगल ग्रूव और रेट्रोएसोफेगल में स्थित होती हैं। इन्हें ectopic पैराथाइरॉइड ग्रंथि कहते हैं। एक्टोपिक मतलब असामान्य जगह।

पैराथाइरॉइड ग्रंथि का काम -

पैराथाइरॉइड ग्रंथियों का मुख्य काम पैराथाइरॉइड हार्मोन (पीटीएच) को बनाना और ब्लड में छोड़ना होता हैं।

पैराथाइरॉइड हार्मोन का काम -

पैराथ्योरॉइड हार्मोन का काम ब्लड में कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन डी का स्तर बनाए रखना होता है। 

पैराथाइरॉइड हार्मोन निम्नलिखित कामों को स्टिमुलेट / प्रभावित करता है:

  1. हड्डियाँ – कैल्शियम के स्तर को बनाए रखने के लिए पैराथाइरॉइड हार्मोन हड्डियों से कैल्शियम निकलता और ब्लड में छोड़ता है। इसके परिणामस्वरूप नई हड्डियों का निर्माण होता है।
  2. किडनी – पैराथाइरॉइड हार्मोन यूरिन में कैल्शियम को कम करता है। हार्मोन गुर्दे में एक्टिव विटामिन डी के प्रोडक्शन को भी प्रभावित करता है।
  3. छोटी इंटेस्टाइन – पैराथाइरॉइड हार्मोन इंटेस्टाइन को स्टिमुलेट करता है और खाने से कैल्शियम को अब्जॉर्ब करता है।

पीटीएच टेस्ट के दौरान क्या होता है?

एक लैब प्रोफेशनल द्वारा एक सुई से आपकी बांह की नस से ब्लड का सैंपल लिया जाता है। थोड़ा ब्लड निकल के एक टेस्ट ट्यूब या शीशी में टेस्ट करने के लिए रखा जाता है। हल्की सी चुभन महसूस हो सकती है। पीटीएच टेस्ट बहुत छोटी प्रक्रिया है जिसमें 5 मिनट से भी कम समय लगता है।

टेस्ट रिजल्ट का मतलब

नॉर्मल पैराथ्योरॉइड लेवल - 15 से 65 पिकोग्राम प्रति मिलीलीटर (pg/mL)

असामान्य पीटीएच लेवल से hyperparathyroidism और hypoparathyroidism होता है।

  1. हाइपरपैराथायरायडिज्म तब होता है जब ब्लड में पैराथाइरॉइड हार्मोन की मात्रा आवश्यकता से अधिक होती है।

पैराथाइरॉइड हार्मोन का हाई लेवल से दो स्तिथियां बनती है।

  • हाइपरकैल्सीमिया – आपके ब्लड में कैल्शियम का हाई लेवल।
  • हाइपोफोस्फेटेमिया – आपके ब्लड में फॉस्फोरस का कम होना।
  1. हाइपोपैराथायरायडिज्म- यह तब होता है जब पैराथाइरॉइड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन का प्रोडक्शन नहीं करती है।

यह दो स्थितियों का कारण बनता है।

  • हाइपोकैल्सीमिया – ब्लड में कैल्शियम का लो लेवल।
  • हाइपरफॉस्फेटेमिया – ब्लड में फॉस्फोरस का हाई लेवल।

कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन डी के असामान्य लेवल के कारण पैराथ्योरॉइड हार्मोन कम या ज्यादा होता हैं। इसीलिए ये टेस्ट्स करने ज़रूरी हैं।

हाई पीटीएच के लक्षण 

  • जोड़ों और हड्डियों का दर्द।
  • बार-बार यूरिन आना।
  • ज्यादा प्यास लगना।
  • मांसपेशियों में दर्द।
  • कमजोरी, ऐंठन और/या मरोड़।
  • थकान।
  • कमजोर बुद्धि।
  • कम भूख लगना।
  • उल्टी।
  • कब्ज़।

हाइपरपैराथायरायडिज्म के कारण :

  1. पैराथाइरॉइड एडेनोमा: किसी एक पैराथाइरॉइड ग्रंथि पर ट्यूमर जैसी ग्रोथ। ये कैंसर सेल्स जैसा नहीं होता। यह एक्सट्रा pth बनाने का कारण है। यह हाइपरपैराथायरायडिज्म का सबसे आम कारण है।
  2. हाइपरप्लासिया: जब दो या दो से अधिक पैराथाइरॉइड ग्रंथियां बढ़ जाती हैं और बहुत अधिक pth बनाती हैं।
  3. कैल्शियम और विटामिन डी की गंभीर कमी।
  4. कैंसर के लिए रेडिएशन थेरेपी ली हो जो आपकी गर्दन के संपर्क में आ गई है।
  5. जेनेटिक बीमारी जैसेमल्टीपल एंडोक्राइन नियोप्लासिया टाइप 1, हाइपरपैराथायरायडिज्म का कारण बन सकता है।
  6. पैराथायराइड कैंसर: पैराथायराइड कैंसर बहुत कम होता है, लेकिन यह हाइपरपैराथायरायडिज्म का कारण बन सकता है।
  7. कुछ दवाएँ।

हाइपोपैराथायरायडिज्म के लक्षण 

  • होठों, उंगलियों या पैरों में झुनझुनी।
  • मांसपेशियों में ऐंठन।
  • शुष्क त्वचा और खराब नाखून।
  • मतिभ्रम और दौरा पड़ना।
  • अनियमित हार्ट बीट।
  • रक्त में बहुत अधिक फास्फोरस संतुलन बनाए रखने के लिए रक्त में अधिक कैल्शियम खींचता है। इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। 

हाइपोपैराथायरायडिज्म के कारण

  1. पैराथाइरॉइड ग्रंथियों को नुकसान: गर्दन या थायरॉयड सर्जरी से पैराथाइरॉइड ग्रंथियों को नुकसान।
  2. कुछ जेनेटिक स्थितियाँ: डिजॉर्ज सिंड्रोम,  हाइपोपैराथायरायडिज्म का कारण बन सकती है।
  3. ऑटोइम्यून बीमारी – टाइप 1 ऑटोइम्यून पॉलीग्लैंडुलर सिंड्रोम आपकी इम्यून सिस्टम को आपके पैराथाइरॉइड ग्रंथियों पर हमला करने का कारण बनता है, जो क्रोनिक हाइपोपैराथायरायडिज्म का कारण बनता है। एडिसन रोग और घातक एनीमिया भी हाइपोपैरथायरायडिज्म का कारण बन सकते हैं।
  4. मैग्नीशियम का लो स्तर: मैग्नीशियम का लो स्तर जिसे हाइपोमैग्नेसीमिया कहा जाता है, हाइपोपैराथायरायडिज्म का कारण बन सकता है। ऐसे में मैग्नीशियम टेस्ट करना चाहिए

अगर आपको ऊपर दिए गए किसी भी तरह के लक्षण हो तो टेस्ट्स करना जरूरी हैं। और अगर आपको ऑटोइम्यून बीमारी,  जेनेटिक बीमारी, ट्यूमर जैसी ग्रोथ या कोई रेडिएशन थेरेपी ली हो तो pth टेस्ट जरूर लें। 

देखभाल कैसे करें

  • मॉनिटर करें कि आपको अपने आहार में कितना कैल्शियम और विटामिन डी मिलता है।
  • अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीना चाहिए।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • धूम्रपान करने से थायराइड, पैराथ्योरॉइड, हड्डियां और इम्यून सिस्टम डैमेज होता है।
  • कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम बढ़ाने या कम करने वाली दवाओं से बचें।

Leave a comment

Consult Now

Share MyHealth Blog