898 898 8787

HB Test in Hindi - हीमोग्लोबिन टेस्ट क्या होता है और क्यों किआ जाता है?

Lab Test

HB Test in Hindi - हीमोग्लोबिन टेस्ट क्या होता है और क्यों किआ जाता है?

author

Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Komal Daryani
on Jun 14, 2023

Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 18, 2024

share
HB test in hindi
share

हीमोग्लोबिन टेस्ट रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट आनुवंशिक रक्त रोगों, एनीमिया और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों का पता लगाने में मदद करता है।

हीमोग्लोबिन टेस्ट के द्वारा, चिकित्सक आपके खून के हीमोग्लोबिन स्तर को मापते हैं और इसे ग्राम प्रति डेसीलीटर (g/dL) में निर्दिष्ट करते हैं। यह परीक्षण आपके खून की कमी या अधिकता का पता लगाने में मदद करता है जो हीमोग्लोबिन विकारों, रक्तसंचार समस्याओं, खून की खोपड़ी की बीमारियों, या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण हो सकते हैं।

यह टेस्ट आपके द्वारा खून संग्रहीत किए गए नमूने के आधार पर प्रायोगिक लैबोरेटरी में किया जाता है। आपके नमूने को रक्तकणिकाओं से अलग करके और फिर

 इसे एक मशीनी उपकरण में डालकर मापा जाता है। परीक्षण के परिणाम आमतौर पर थोड़ी समय में उपलब्ध होते हैं और चिकित्सक आपको उनकी व्याख्या और आवश्यकता अनुसार उपचार सलाह देते हैं।

हीमोग्लोबिन के स्तर के बारे में कब चिंता करें (When to worry about Hemoglobin levels)

हीमोग्लोबिन के स्तर के बारे में चिंता करने के लिए कुछ संकेत हो सकते हैं जिन्हें आप ध्यान में रख सकते हैं:

1. थकान और कमजोरी: अगर आपको बिना कारण के थकान और कमजोरी का अनुभव हो रहा है, तो इसका कारण हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है।

2. सांस लेने में परेशानी: अगर आपको सांस लेने में परेशानी हो रही है और आप आसानी से सांस नहीं ले पा रहे हैं, तो इसका कारण हो सकता है हीमोग्लोबिन की कमी।

3. चक्कर या भूकम्प की तरह का अनुभव: हीमोग्लोबिन की कमी से यह अनुभव हो सकता है कि आपको चक्कर आ रहे हैं या भूकम्प की तरह लग रहा है।

4. त्वचा का पीलापन: हीमोग्लोबिन की कमी से त्वचा का पीलापन या पीलापन हो सकता है।

5. पाचन संबंधी समस्याएं: हीमोग्लोबिन की कमी से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कि आपको उलटी या कब्ज़ की समस्या हो सकती है।

यदि आपको इन संकेतों में से किसी का अनुभव हो रहा है, तो आपको चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। वे आपके ही

मोग्लोबिन स्तर की जांच करेंगे और उपयुक्त उपचार का सुझाव देंगे।

हीमोग्लोबिन टेस्ट (Haemoglobin test) कैसे किया जाता है? (How is Hemoglobin test done?)

हीमोग्लोबिन टेस्ट को आमतौर पर निम्नलिखित तरीकों में से किया जाता है:

1. संप्रेषण टेस्ट (Complete Blood Count - CBC): इस टेस्ट में आपका खून संग्रहीत किया जाता है, जिसमें रेड ब्लड सेल्स की संख्या, हीमोग्लोबिन स्तर, हेमाटोक्रिट (रक्त संकुलन), और अन्य पैरामीटर्स मापे जाते हैं। यह टेस्ट हीमोग्लोबिन के स्तर का सटीक मापन करने में मदद करता है।

2. फिंगर प्रिक (Fingerstick Test): इस टेस्ट में, आपके उंगली के अंगूठे आदि की साइड पर छोटी सी नीदल लगाई जाती है और उससे खून लिया जाता है। इस खून के संकलन को हीमोग्लोबिन के स्तर का मापन के लिए उपयोग किया जाता है।

3. वेनस ब्लड टेस्ट (Venous Blood Test): इस टेस्ट में, आपके बाजू के नीचे के भाग में स्थित नसे ढूंढी जाती हैं और उनमें से एक नस में निर्धारित स्थान पर एक इंजेक्शन लगाया जाता है। इससे खून निकाला जाता है और इस खून का हीमोग्लोबिन स्तर मापा जाता है।

ये तरीके आमतौर पर उपयोग किए जाते हैं हीमोग्लोबिन के स्तर का मापन करने के लिए। यह टेस्ट संबंधित चिकित्सा प्रयोगशाला या अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा किया जाता है। टेस्ट के परिणामों का विश्लेषण चिकित्सक द्वारा किया जाता है और आपको उचित सलाह दी जाती है।

हीमोग्लोबिन टेस्ट से पहले (Before hemoglobin test )

हीमोग्लोबिन टेस्ट से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

1. आपको टेस्ट के लिए तालिका निर्धारित किए गए समय पर उपस्थित होना चाहिए। आपके चिकित्सक या चिकित्सा प्रयोगशाला आपको टेस्ट के लिए आवश्यक दिशानिर्देश देंगे।

2. टेस्ट के लिए आपका खाली पेट होना चाहिए। आपको टेस्ट से 8-12 घंटे पहले खाना-पीना नहीं चाहिए, ताकि आपके खून के नतीजों में कोई प्रभाव न हो।

3. टेस्ट से पहले अपने चिकित्सक को बताएं यदि आपको किसी विशेष दवा का सेवन करना हो या अन्य चिकित्सा निर्देशों का पालन करना हो।

4. आपको टेस्ट से पहले अपने चिकित्सक को अपने स्वास्थ्य का बारीकी से वर्णन करना चाहिए। आपको अपने चिकित्सक के साथ अपने लक्षण, रोगों का इतिहास, और दवाओं का उपयोग संबंधित सूचना साझा करनी चाहिए।

इन सभी बातों को ध्यान में रखकर, आप अपने चिकित्सक के निर्देशानुसार तैयारी कर सकते हैं और हीमोग्लोबिन टेस्ट के लिए तैयार हो सकते हैं।

हीमोग्लोबिन टेस्ट के दौरान ( During hemoglobin test )

हीमोग्लोबिन टेस्ट के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

1. टेस्ट के दौरान आपको शांत और सुस्थ रहने की कोशिश करनी चाहिए।

2. टेस्ट करने वाले व्यक्ति या चिकित्सक के निर्देशों का पालन करें। वे आपको टेस्ट की प्रक्रिया के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे और आपके सभी सवालों का उत्तर देंगे।

3. टेस्ट के लिए आपके शरीर के एक विशेष स्थान पर नीदल लगाई जा सकती है, जिससे खून निकला जाता है। आपको इस प्रक्रिया में धीरज रखना चाहिए और इंजेक्शन स्थान को साफ रखने के लिए निर्देशों का पालन करना चाहिए।

4. आपको शांत रहकर खून के संकलन के लिए प्रयास करना चाहिए।

5. टेस्ट की पूर्णता और सटीकता के लिए, आपको सभी निर्देशों का पालन करना चाहिए और टेस्ट के अंत तक प्रशासकीय कर्मचारी के निर्देशों का पालन करना चाहिए।

यदि आपके दौरान कोई परेशानी या समस्या होती है, तो आपको तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

हीमोग्लोबिन टेस्ट के बाद (After hemoglobin test)

हीमोग्लोबिन टेस्ट के बाद आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

1. टेस्ट के बाद, आपको अपने चिकित्सक से परिणामों की विवरणी और विश्लेषण के लिए संपर्क करना चाहिए। आपके चिकित्सक आपको आपके हीमोग्लोबिन स्तर के बारे में सही जानकारी देंगे और यदि कोई समस्या हो, तो आपको उचित उपचार का सुझाव देंगे।

2. यदि टेस्ट के बाद आपको कोई दवाएं या उपायों की सलाह दी गई है, तो आपको उन्हें नियमित रूप से लेना चाहिए।

3. टेस्ट के परिणामों का समीक्षण करने के बाद, चिकित्सक आपको आपके आहार, व्यायाम और जीवनशैली में बदलाव की सलाह दे सकते हैं। आपको उनकी सलाह का पालन करना चाहिए ताकि आपके हीमोग्लोबिन स्तर को सुधारा जा सके।

4. यदि आपको टेस्ट के दौरान किसी अनुभव में कोई दिक्कत या असामान्यता हुई है, तो इसे अपने चिकित्सक के साथ साझा करना चाहिए। वे आपको उचित सलाह और आगे की प्रक्रिया के बारे में निर्देश देंगे।

5. टेस्ट के बाद, आपको अपने चिकित्सक से अगली नियमित जांच की तारीख की सलाह लेनी चाहिए। यह आपके हीमोग्लोबिन स्तर के नियंत्रण और प्रगति की निगरानी करने में मदद करेगा।

आपको अपने चिकित्सक के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखना चाहिए और उनकी सलाह का पालन करते रहना चाहिए।

हीमोग्लोबिन टेस्ट के क्या जोखिम होते हैं (What are the risks of Hemoglobin (Hb) Test?)

हीमोग्लोबिन (Hb) टेस्ट कराने के बहुत कम जोखिम होते हैं, लेकिन कुछ व्यक्तिगत प्रश्न और स्थितियाँ हो सकती हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए:

1. खून की नीदल कराने के समय, कुछ लोगों को इंजेक्शन स्थान पर दर्द, लालिमा या सूजन का अनुभव हो सकता है। यह आमतौर पर अस्थायी होता है और कुछ समय बाद स्वयं ठीक हो जाता है।

2. रक्तस्राव: कभी-कभी, खून की नीदल करने से रक्तस्राव हो सकता है। यह आमतौर पर आंतरिक होता है और खुद से ठीक हो जाता है।

3. आंकुशकारी संक्रमण: खून की नीदल के दौरान आंकुश या इंजेक्शन स्थान संक्रमित हो सकता है। यह बहुत ही असामान्य है, लेकिन यदि आपको किसी प्रकार की जलन, सूजन या अन्य संक्रमण के लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

4. अनुचित परिणाम: कभी-कभी, टेस्ट के परिणामों में त्रुटि हो सकती है या अनुचित परिणाम प्राप्त हो सकता है। ऐसे मामलों में, चिकित्सक को सही

 विवरणी करनी चाहिए और उचित सलाह देनी चाहिए।

यदि आपको टेस्ट के बाद किसी अनुभव में कोई गंभीर समस्या होती है, तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। वे आपको सही सलाह देंगे और आपकी समस्या का समाधान करेंगे।

हीमोग्लोबिन टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज (Hemoglobin (Hb) Test Result and Normal Range)

हीमोग्लोबिन (Hb) टेस्ट के परिणाम खून के हीमोग्लोबिन स्तर को मापते हैं और इसे आपके चिकित्सक या परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। हीमोग्लोबिन स्तर को आमतौर पर ग्राम प्रति डेसीलीटर (g/dL) या ग्राम प्रति लीटर (g/L) में निर्देशित किया जाता है।

हीमोग्लोबिन (Hb) टेस्ट के लिए सामान्य रेंज व्यक्ति की आयु, लिंग, स्वास्थ्य स्थिति और अन्य कारकों पर निर्भर कर सकती है। यहां कुछ आम रेंज दी जा रही है, लेकिन यह आपके प्रशासकीय कर्मचारी या चिकित्सक द्वारा प्रदान की गई वास्तविक रेंज से भिन्न हो सकती है:

1. पुरुष: 13.5-17.5 g/dL या 135-175 g/L

2. महिला: 12.0-15.5 g/dL या 120-155 g/L

3. गर्भवती महिला: 11.0-15.0 g/dL या 110-150 g/L

यदि आपके हीमोग्लोबिन स्तर नॉर्मल रेंज से ऊपर या नीचे है, तो आपके चिकित्सक आपको संबंधित उपचार या परीक्षण के बारे में सलाह देंगे। स्वास्थ्य समस्याओं, आयु, लिंग, गर्भावस्था और अन्य कारकों के आधार पर आपके चिकित्सक आपके लिए उचित हीमोग्लोबिन स्तर की निर्देशिका तय करेंगे।

ध्यान दें कि यह सामान्य रेंज है और आपके चिकित्सक द्वारा निर्धारित की गई विशेष रेंज को ही अंतिम आदेश माना जाना चाहिए। अपने चिकित्सक से अपने हीमोग्लोबिन टेस्ट के परिणामों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें और उनकी सलाह का पालन करें।

हीमोग्लोबिन टेस्ट कब करवाना चाहिए? (When to get tested with Hemoglobin Test)

हीमोग्लोबिन (Hb) टेस्ट को निर्धारित करने के लिए कुछ स्थितियाँ हो सकती हैं, जिनके आधार पर आप टेस्ट करवा सकते हैं। यहां कुछ सामान्य स्थितियाँ दी गई हैं, जिनमें आप हीमोग्लोबिन टेस्ट करवा सकते हैं:

1. आपके शारीरिक लक्षण: यदि आपको शारीरिक लक्षणों में किसी तरह की बदलाव या असामान्यता का अनुभव हो रहा है, जैसे कि थकान, खून की कमी, त्वचा की पीलापन, सुस्ती या चक्कर आना, तो आपको हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाना चाहिए।

2. आरोग्य समस्याएं: यदि आपको रक्ताल्पता, एनीमिया, कोई पुरानी या विरासत में मौजूद रक्त संबंधी समस्या, या किसी अन्य रक्त संबंधी समस्या का पता है, तो आपको हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाना चाहिए।

3. चिकित्सा समीक्षा: यदि आप एक चिकित्सा समीक्षा के दौरान हैं और आपका चिकित्सक हीमोग्लोबिन टेस्ट की सलाह देता है, तो आपको टेस्ट करवाना चाहिए।

4. आरंभिक परीक्षण: कई बार, आरंभिक परीक्षण के द

ौरान या स्वास्थ्य जांच के भाग के रूप में हीमोग्लोबिन टेस्ट किया जाता है। यह आपके स्वास्थ्य स्थिति का मूल्यांकन करने में मदद कर सकता है।

हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाने की सटीक सलाह और समय निर्धारित करने के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करें। वे आपके स्वास्थ्य इतिहास, लक्षणों और आपकी विशेष परिस्थितियों के आधार पर आपको सही निर्देश देंगे।

मुझे हीमोग्लोबिन ब्लड टेस्ट (haemoglobin blood test) के लिए क्या तैयारी करनी चाहिए? (How should I prepare for the haemoglobin blood test?)

हीमोग्लोबिन ब्लड टेस्ट के लिए तैयारी करने की कोई खास आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन निम्नलिखित सामान्य निर्देशों का पालन कर सकते हैं:

1. डॉक्टर के साथ संपर्क करें: आपको अपने चिकित्सक के साथ संपर्क करके टेस्ट के लिए निर्देश लेना चाहिए। वे आपको सटीक जानकारी देंगे कि क्या आपको टेस्ट के लिए रोक लगाने की आवश्यकता है और क्या आपको कुछ विशेष तैयारी करनी चाहिए।

2. उपयुक्त समय चुनें: डॉक्टर के साथ बातचीत करें और टेस्ट के लिए सबसे उपयुक्त समय चुनें। आपको संभवतः रोज़ाना खाने-पीने की प्रतिबंधन करने की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन अपने डॉक्टर की सलाह पर चलें।

3. दिन के पहले की तैयारी: आपको टेस्ट से पहले आदेश और उपयुक्त पाठ्यक्रम के बारे में चिकित्सक के निर्देशों का पालन करना चाहिए। आपको टेस्ट से पहले रसोईघरीय समान उपयोग करना और विशेष खाद्य पदार्थों की खानपान से बचना चाहिए।

4. वैद्यकीय रिपोर्ट और दवाओं का सूची: यदि आपके पास किसी वैद्यकीय रिपोर्ट की प्रतियां हैं या आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो इसे अपने चिकित्सक के साथ साझा करें। वे आपको सही मार्गदर्शन देंगे कि क्या आपको टेस्ट से पहले किसी और दवा के सेवन को रोकना चाहिए या नहीं।

यदि आपके पास कोई अतिरिक्त संदेह या प्रश्न हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपको संदेह को दूर करने और टेस्ट के लिए सही तैयारी करने में मदद करेंगे।

हीमोग्लोबिन रक्त जाँच का सामान्य स्तर क्या है? (What is the normal level of haemoglobin blood test?)

हीमोग्लोबिन (Hb) का सामान्य स्तर पुरुषों और महिलाओं के लिए थोड़ा अलग होता है। यह निम्नलिखित रेंज में हो सकता है:

1. पुरुषों के लिए:

- वयस्क: 13.5 - 17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर (g/dL)

- अवयस्क (60 साल से अधिक उम्र के लिए): 12.5 - 16.5 g/dL

2. महिलाओं के लिए:

- वयस्क: 12.0 - 15.5 g/dL

- अवयस्क (60 साल से अधिक उम्र के लिए): 11.5 - 15.5 g/dL

हीमोग्लोबिन के सामान्य स्तर में छोटे विवरणी में व्यक्ति के आयु, लिंग, स्वास्थ्य स्थिति और अन्य कारकों का प्रभाव हो सकता है।

यदि आप हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाने जा रहे हैं, तो आपके चिकित्सक आपको आपके विशेष परिस्थितियों के आधार पर स्वामित्विक सामान्य स्तर की निर्देशिका तय करेंगे। इसलिए, आपको अपने चिकित्सक से विस्तृत जानकारी लेनी चाहिए और वे आपको सटीक मार्गदर्शन देंगे।

हीमोग्लोबिन की कमी का उपचार (Treatment of Haemoglobin in Hindi)

हीमोग्लोबिन की कमी का उपचार उसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करेगा। यदि हीमोग्लोबिन की कमी अनुमानित सामान्य सीमा से कम है और आपको कोई लक्षण नहीं हैं, तो चिकित्सक आमतौर पर आपको उपचार की जरूरत नहीं बताएंगे। इसके बावजूद, आप अपने आहार और जीवनशैली में कुछ परिवर्तन करके हीमोग्लोबिन स्तर को सुधार सकते हैं।

हीमोग्लोबिन की कमी के संभावित उपचार में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं (Possible treatments for hemoglobin deficiency may include the following)

1. पौष्टिक आहार: हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार लेना महत्वपूर्ण है। आपको अपने आहार में हीमोग्लोबिन युक्त आहार जैसे कि हरे पत्तेदार सब्जियाँ, अंडे, दूध और दूध से बने उत्पाद, खाद्यान्न की पत्तियाँ, मेवे, और लीफी सब्जियाँ शामिल करने की सलाह दी जा सकती है।

2. आयरन सप्लीमेंट्स: यदि आपका हीमोग्लोबिन स्तर काफी कम है और पौष्टिक आहार से उपचार करने पर भी सुधार नहीं हो रहा है, तो चिकित्सक आपको

 आयरन सप्लीमेंट्स या आयरन की दवाएं प्रेस्क्राइब कर सकते हैं। इसे आपके चिकित्सक के संपर्क में लेना चाहिए, क्योंकि उचित खुराक और उपयोग की विधि के बारे में उनकी मार्गदर्शन का पालन करना महत्वपूर्ण है।

3. उपचार कार्यक्रम: यदि हीमोग्लोबिन की कमी कारण जैसे अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो रही है, तो उपचार कार्यक्रम उसी समस्या के आधार पर निर्धारित होगा। आपके चिकित्सक द्वारा संचालित उपचार कार्यक्रम में औषधियाँ, रोग निदान, या अन्य चिकित्सा प्रक्रियाएँ शामिल हो सकती हैं।

यदि आप हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण अनुभव कर रहे हैं या आपको संदेह है, तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करके उचित निदान और उपचार के लिए सलाह लेनी चाहिए। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री, लेब टेस्ट के परिणाम और अन्य लक्षणों के आधार पर सटीक उपचार योजना तय करेंगे।

अक्सर पुछे जाए वाले सवाल (FAQs)

1. HB की कमी से कौन सा रोग होता है?

यदि HB (हीमोग्लोबिन) की कमी होती है, तो व्यक्ति एनीमिया रोग का शिकार हो सकता है। एनीमिया एक स्थिति है जिसमें रक्त में स्वस्थ हीमोग्लोबिन की कमी होती है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त नहीं होती है।

2. नार्मल हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए?

सामान्यतः, पुरुषों का सामान्य हीमोग्लोबिन स्तर 13.5-17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर (g/dL) और महिलाओं का सामान्य हीमोग्लोबिन स्तर 12.0-15.5 g/dL होता है। यह स्तर आयु, लिंग और अन्य अंकुरणों पर निर्भर कर सकता है।

3. हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण क्या है?

हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण में थकान, पाले या चक्कर आना, निपटान कमजोरी, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, मस्तिष्क में ध्यान कम होना, त्वचा की पीलिया, नाखूनों में चकत्ता चढ़ना, खांसी और सांस लेने में तकलीफ शामिल हो सकती हैं।

4. HB का फुल फॉर्म क्या है?

HB का पूरा रूप "हीमोग्लोबिन (Haemoglobin)" होता है।

5. हीमोग्लोबिन गिरने का क्या कारण है?

हीमोग्लोबिन गिरने का मुख्य कारण शरीर में रक्त की कमी होना होती है, जिसके परिणामस्वरूप हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है। इसके पीछे कारणों में आयरन की कमी, पौष्टिक खाद्य पदार्थों की कमी, अनुपातिक आहार, एनीमिया, गर्भावस्था या रक्त संक्रमण शामिल हो सकते हैं।

Leave a comment

Consult Now

Share MyHealth Blog