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CBNAAT Test in Hindi, क्या होता है? क्यों, और कब करना चाहिए

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CBNAAT Test in Hindi, क्या होता है? क्यों, और कब करना चाहिए

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Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma

Written By Komal Daryani
on Apr 16, 2024

Last Edit Made By Komal Daryani
on May 22, 2024

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CBNAAT Test in Hindi
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CBNAAT को टीबी भी कहते हैं, जो की एक बहुत ही खतरनाक बीमारी इस बीमारी में इंसान की मौत भी हो जाती है। टीबी या फिर हम इसे क्षय रोग (tuberculosis) का एक संक्रमण भी कह सकते हैं। यह बीमारी एक माइक्रो बैक्टीरिया ट्यूबरक्लॉज नाम के एक बैक्टीरिया से फैलती है। जिसके शरीर में यह बैक्टीरिया हो जाता उसको गुप्त टीवी (लेटेंट टीबी) हो जाती हैं, यानी कि आपका शरीर बैक्टीरिया की चपेट में तो आ जाएगा मगर आपको इसके कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देंगे। गुप्त टीवी की बीमारी बाद में चल कर एक सक्रिय टीबी की बीमारी बन जाती हैं, जिसके लिए आपको डॉक्टर से इसका इलाज जल्द से जल्द करवाना बहुत जरूरी होता है।

टीवी का असर खासकर फेफड़ों पर ही होता है, लेकिन यह शरीर के दूसरे हिस्सों पर भी असर करती है जैसे कि गुर्दे, रीड की हड्डी या दिमाग आदि। अगर इस बीमारी का सही समय पर इलाज न किया जाए तो इस बीमारी में इंसान की मौत भी हो सकती है। 

CBNAAT टेस्ट क्या होता है? 

हमने ये तो जान लिया की टीवी की बीमारी क्या होती है, और किस बैक्टीरिया से होती है, आइए अब जान लेते हैं कि टीबी टेस्ट आखिरकार होता क्या है? 

इस बीमारी की जांच करने के लिए दो प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं,

लेकिन इन दोनों टेस्टों को होने के बाद इनका रिजल्ट ये नहीं बताता कि मरीज को कौन सी टीबी है (गुप्त टीवी) या ( सक्रिय टीवी)। ये टेस्ट डॉक्टर्स इसलिए करते हैं, ताकि वो इस टेस्ट से ये पता लगा सके कि मरीज का इलाज कैसे किया जाए और कौन- कौन सी दवा दिया जाए ।

आमतौर पर ये बैक्टीरिया फेफड़ों पर असर करता है लेकिन कभी-कभी ये शरीर के बाकी हिस्सों पर भी असर कर देता है। 

अगर किसी इंसान को गले और फेफड़ों में टीबी है, तो उस व्यक्ति के खांसने, छींकने या उसके बात करने से उसकी टीबी की बीमारी हवा में फैल सकती हैं। अगर आपको लगता है कि आप भी किसी टीबी मरीज के संपर्क में आ गए हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इसके टेस्ट करवाने चाहिए और उनका परामर्श लेना चाहिए। 

आइए अब जानते हैं कि गुप्त टीवी और सक्रिय टीबी क्या होता है?

गुप्त टीबी: 

गुप्त टीबी में मरीज टीबी से संक्रमित हो जाता है, लेकिन इस बीमारी में बैक्टीरिया शरीर के निष्क्रिय स्थान पर होने के वजह से कोई भी संकेत पता नहीं कर पाता, जिससे कि पता नहीं चलता कि इंसान को टीबी है या नहीं। गुप्त टीबी को निष्क्रिय टीबी या टीबी संक्रमण भी कहा जाता है। कभी-कभी गुप्त टीबी, सक्रिय टीबी में भी बदल जाती हैं, इसलिए गुप्त टीबी का इलाज करवाना बहुत जरूरी है, क्योंकि ऐसा करने से आपके शरीर में जो टीबी फैल रही होगी उसमे रोक लग जाती है। 

सक्रिय टीबी :

सक्रिय टीबी व्यक्ति को बहुत बीमार कर देते हैं, और जो लोग इनके आस पास होते हैं, वो भी संक्रमित हो जाते हैं। ये टीबी के बैक्टीरिया के संपर्क में आने से कुछ ही हफ्तों बाद होने लगती है ।

टीबी टेस्ट क्यों किया जाता है? 

टीबी टेस्ट इसलिए भी किया जाता है कि जो लोग टीबी के मरीजों के की चपेट में आ गए हैं जैसे कि उनकी छींक आप तक पहुंच गई हो या अपने उनका कुछ जूठा खा लिया हो। इसलिए डॉक्टर्स टेस्ट करते हैं ताकि बीमारी का पता लगा सके, कि इंसान को टीबी की बीमारी है या नहीं और अगर टीवी की बीमारी है भी तो कौन सी टीवी है, जिसका पता लगाने के लिए डॉक्टर्स कुछ टेस्ट करते हैं जो कि कुछ इस प्रकार हैं:

  • जिन लोगों को लगातार खांसी आती रहती है, उनमें टीवी के लक्षण बहुत दिखाई देते हैं।
  • वे लोग जिनका हाल ही में ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो। 
  • जिनकी इम्यूनिटी खराब हो, जैसे कि एचआईवी (ह्यूमन ईमानडिफिसेंसी वायरस)
  • जिनमें टीबी के लक्षण बहुत दिखाई देते हैं, जैसे कि जिनको बहुत खांसी आती है, रात में पसीना आना, शरीर का वजन घटना और वजन किस वजह से घट रहा है, इस बात का पता न लगना। 
  • वे लोग जो टीबी के मरीजों के संपर्क में बहुत रहते हैं।
  • हेल्थ केयर कर्मचारी जो टीबी की बीमारी की चपेट में बहुत ज्यादा आते हैं। 

टीबी टेस्ट कब करवाना चाहिए

टीबी की बीमारी बनाने वाले बैक्टीरिया को आपका शरीर उनको अपने अंदर शरण दे देते सकता है, लेकिन जो प्रतिरक्षा प्रणाली होती है, वो आपको बीमार होने से बचा कर रखती है। आइए अब जानते हैं कि टीबी टेस्ट कब कब करवाने चाहिए:

  • जब आपको लगातार तीन से भी अधिक खांसी रहे। 
  • खांसी में खून आने लगे। 
  • सीने में दर्द, सांस लेते समय या खांसते समय दर्द होना।
  • बिना वजह वजन घटना। 
  • थकान 
  • बुखार 
  • रात के समय पसीने आना। 
  • ठंड लगना 
  • भूख कम लगना 
  • पेशाब में खून आना। 
  • कमर दर्द। 

अगर इन सब में से आपको अगर कोई सा भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए ताकि वो टेस्ट करके आपको दवा दे या इलाज कर सकें, लेकिन ऐसा नहीं है कि टीबी की बीमारी का बस इन्हीं चीजों से पता चलता हैं कि आपको टीबी है। ऐसा नहीं हैं, टीबी हमारे शरीर के अन्य हिस्सों पर भी असर करती है, जिसमें कि रीड की हड्डी, किडनी आदि भी शामिल होते हैं। अगर टीबी का संक्रमण शरीर के फेफड़ों से बाहर हैं तो टीबी के लक्षण उस अंग पर निर्भर करते हैं। 

टीबी टेस्ट के क्या जोखिम होते हैं? 

अगर आपको टीबी है, तो आपको ट्यूबरकुलीन स्किन टेस्ट से आपको बहुत ही गंभीर रिएक्शन हो सकता है। एलर्जिक रिएक्शन की वजह से आपको अधिक सूजन और दर्द हो सकता है, एलर्जी वाली जगह पर घाव या दाने भी बन सकता है। ट्यूबरकुलीन स्किन टेस्ट से टीबी की बीमारी नहीं होती और न ही फैलती, क्योंकि इस टेस्ट के लिए किसी भी जीवित बैक्टीरिया का इस्तेमाल नहीं किया जाता। ट्यूबरकुलिन टेस्ट उनके लिए ठीक है, जो औरतें प्रेग्नेंट होती हैं या स्तनपान करने वाली औरतों के लिए यह टेस्ट बिल्कुल ठीक हैं, इससे उन महिलाओं को कोई भी परेशानी नहीं होती हैं, और न ही कोई रिएक्शन होता है।

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