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Cholesterol Test in Hindi: कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कोस्ट, प्रक्रिया और परिणाम

Lab Test In Hindi

Cholesterol Test in Hindi: कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कोस्ट, प्रक्रिया और परिणाम

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Komal Daryani
on Jul 23, 2024

Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 23, 2024

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Cholesterol Test
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कोलेस्ट्रॉल टेस्ट एक प्रकार का ब्लड टेस्ट होता है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा की जांच के लिए किया जाता है। यह जांच कोलेस्ट्रॉल के विभिन्न प्रकार को मापने में मदद करती है, जिसमें HDL (अच्छे कोलेस्ट्रॉल), LDL (बुरे कोलेस्ट्रॉल) और टोटल कोलेस्ट्रॉल शामिल होते हैं। कोलेस्ट्रॉल टेस्ट नियमित तौर कर करवाते रहना चाहिए। जिससे यह जानने में मदद मिलती है की हृदय का स्वास्थ्य कैसा है और क्या आपको किसी और चिकित्सा सलाह की आवश्यकता है।

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट क्या है 

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है। जिसमें रक्त में मौजूद चर्बी के स्तर को मापा जाता है। कोलेस्ट्रॉल टेस्ट से उन लिपिडों को माप सकते हैं। जो शरीर में मौजूद होते हैं जिनमें कोलेस्ट्रॉल, ट्रिग्लिसराइड्स, और विभिन्न प्रकार के लिपोप्रोटीन शामिल होते हैं। कोलेस्ट्रॉल टेस्ट यह बताता है कि आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कितना है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा हो तो इससे हृदय रोगों और अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

लो कोलेस्ट्रॉल क्या है 

लो कोलेस्ट्रॉल का मतलब होता है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो जाती है। यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, क्योंकि उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर से निपटने में मदद मिलती है और दिल की बीमारियों का जोखिम कम होता है। कम कोलेस्ट्रॉल वाली डाइट में फल, सब्जियां, अनाज, और हेल्दी फैट्स शामिल होते हैं, जो स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।

हाई कोलेस्ट्रॉल क्या है 

हाई कोलेस्ट्रॉल एक ऐसी स्थिति है जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे शरीर के विभिन्न हिस्सों में वसा का जमाव शुरू हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार की वसा होती है जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। हाई कोलेस्ट्रॉल से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएँ जुड़ सकती हैं, जैसे हृदय रोग और डायबिटीज।

कोलेस्ट्रॉल के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:

LDL (Low-Density Lipoprotein) या "बुरा" कोलेस्ट्रॉल: यह ज्यादा होने पर हृदय समस्याएँ बढ़ा सकता है।

HDL (High-Density Lipoprotein) या "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल: यह हृदय रोग से बचाव करने में मदद करता है।

शारीरिक व्यायाम, स्वस्थ आहार और नियमित चेकअप से हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।

कोलेस्ट्रॉल की नार्मल रेंज कितनी होती है ?

विभिन्न विशेषज्ञों के अनुसार यह परिणाम अलग हो सकते हैं। फिर भी, आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल टेस्ट की नॉर्मल रेंज लगभग इस प्रकार होती है।

कुल कोलेस्ट्रॉल: कुल कोलेस्ट्रॉल की सामान्य रेंज 125-200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) होती है।

LDL (निम्न घातक डेंसिटी लिपोप्रोटीन): इसकी सामान्य रेंज 60-130 मिलीग्राम/डीएल होता है, लेकिन यह रेंज व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति और अन्य कारकों पर निर्भर कर सकती है।

HDL (उच्च घातक डेंसिटी लिपोप्रोटीन): HDL की सामान्य रेंज 40 से 60 मिलीग्राम/डीएल होता है। इसे "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल माना जाता है क्योंकि यह हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।

TG (ट्राईग्लिसराइड्स): TG की सामान्य रेंज 150 मिलीग्राम/डीएल से कम होती है।

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट किसे कराना चाहिए?

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट किसी भी व्यक्ति के लिए उपयुक्त हो सकता है, खासकर जिन लोगों में यह स्थितियाँ हैं:

  • वयस्कों को।
  • खराब खानपान वाले व्यक्तियों को।
  • उच्च रक्तचाप के रोगीयों को।
  • डायबिटीज के मरीजों को।
  • जिनका परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा हो।

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट की तैयारी

यहां कुछ सामान्य निर्देश हैं जो कोलेस्ट्रॉल टेस्ट की तैयारी में मदद कर सकते हैं:

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट की तैयारी करने से पहले यह जाने की आप किस तरह के टेस्ट की तैयारी कर रहे हैं। यह लिपिड प्रोफाइल या अन्य किसी टेस्ट के लिए हो सकता है।

कुछ मामलों में टेस्ट से 9-12 घंटे पहले डॉक्टर आपको उपवास करने के लिए बोल सकते हैं। कई बार डॉक्टर या टेस्टिंग सेंटर से कुछ विशेष निर्देश भी दिए जा सकते हैं। जैसे कि किसी विशेष दवाओं को नहीं लेना या कोई विशेष आहार नहीं करना। 

टेस्ट से पहले अपने डॉक्टर को इसके बारे में भी बताएं।

  • किसी भी तरह का लक्षण या आपको कोई स्वास्थ्य समस्या महसूस हो रही हो तब। 
  • परिवार में हृदय स्वास्थ्य का इतिहास क्या रहा है। 
  • अगर किसी तरह की सभी दवाएँ और पूरक अभी ले रहे हो तो डॉक्टर को जरूर बताएं।

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कैसे किया जाता है? 

कोलेस्ट्रॉल ब्लड टेस्ट को भी लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करने के लिए डॉक्टर ब्लड सैंपल लेते हैं ब्लड सैंपल सुबह के समय लिया जाता है। ब्लड टेस्ट में ज्यादा समय नहीं लगता है जिसमें दर्द भी नहीं होता है। कोलेस्ट्रॉल टेस्ट किसी डायग्नोस्टिक लैब, क्लिनिक पर या इस टेस्ट को घर पर भी किया जा सकता है। 

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट खर्च

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट प्राइस विभिन्न तत्वों पर निर्भर करता है जैसे कि आपके रहने के स्थान (शहर), टेस्ट कराने वाले लैब की स्थिति, टेस्ट का प्रकार आदि। फिर भी इसका सामान्य खर्च 300 से 500 रुपये तक होता है।

कोलेस्ट्रॉल का इलाज 

जब कोलेस्ट्रॉल टेस्ट के आधार पर कोलेस्ट्रॉल का इलाज की बात आती है तो उपचार में आमतौर पर जीवनशैली में बदलाव और ज्यादा आवश्यक होने पर दवाओं का उपयोग किया जाता है। 

कोलेस्ट्रॉल लेवल: बहुत ज्यादा होने पर डॉक्टर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करने के लिए स्टैटिन (जैसे, एटोरवास्टेटिन, सिमवास्टेटिन) जैसी दवाएं लिख सकते हैं।

जीवन शैली में परिवर्तन: जितनी स्वस्थ आपकी जीवनशैली होगी आपका कोलेस्ट्रॉल उतना ही नियंत्रण में रहेगा। इसमें स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम आपकी मदद कर सकता है।

आहार: हृदय स्वस्थ रहे ऐसे आहार को शामिल करें जिसमें फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और लिन प्रोटीन शामिल हैं। ट्रांस वसा और कोलेस्ट्रॉल युक्त खाद्य पदार्थों को सीमित करना जरुरी है।

व्यायाम: नियमित रूप से एक्सरसाइज एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने और एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद कर सकती है। 

वजन मैनेज करें: यदि आवश्यक हो तो वजन कम करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार करने में मदद मिल सकती है।

धूम्रपान न करें: धूम्रपान छोड़ने से एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर में सुधार हो सकता है।

निष्कर्ष:

हार्ट से जुड़े रोग का जोखिम होने पर कोलेस्ट्रॉल टेस्ट जरूर कराएं। यदि आपके परिवार में कोई पहले इससे ग्रस्त रह चूका है तो टेस्ट करवाएं। अगर आपका कोलेस्ट्रॉल उच्च है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएँ और अपनी लाइफस्टाइल को स्वस्थ बनाएं। यह आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल नार्मल बनाये रखने में मदद करेगा। 

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