LFT Test in Hindi: Kya Hota Hai, कॉस्ट, नार्मल रेंज, और परिणाम
Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Prekshi Garg
on May 23, 2022
Last Edit Made By Prekshi Garg
on Nov 8, 2024
Table of Content
- लिवर फंक्शन टेस्ट कब किए जाते हैं?
- LFT टेस्ट क्यों जरूरी है?
- लिवर फंक्शन टेस्ट की कॉस्ट
- लिवर फंक्शन टेस्ट की नार्मल रेंज
- लिवर फंक्शन टेस्ट के जोखिम
- एलएफटी परीक्षण के परिणाम
- एलएफटी नसे पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
- लिवर फंक्शन टेस्ट कराने से क्या पता चलता है?
- ललिवर फंक्शन टेस्ट कितनी बार कराना चाहिए?
- सारांश
- एफएक्यू
मेडिकल की भाषा में एलएफटी या लिवर फंक्शन टेस्ट लेबोरेटरी टेस्ट्स का एक सेट है जो किसी भी व्यक्ति में लिवर बीमारी की उपस्थिति का निदान करने और उसके अनुसार उपचार करने के लिए किया जाता है। यह एक रक्त परीक्षण है जो रक्त में बिलीरुबिन, प्रोटीन और लिवर एंजाइम जैसे विभिन्न पैरामीटर्स के स्तर का मूल्यांकन करता है।
लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) में खून के नमूने की जांच की जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि लिवर ठीक से काम कर रहा है या नहीं। इस टेस्ट में विभिन्न प्रकार के एंजाइम्स और प्रोटीनों के स्तर की जांच की जाती है जो लिवर के स्वास्थ्य का संकेत देते हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भूल जाते हैं, खासकर लिवर का। लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो खून को साफ करता है, हानिकारक तत्वों को निकालता है और शरीर में पाचन प्रक्रिया को सही बनाए रखता है। परंतु, अनहेल्दी खान-पान और बुरी जीवनशैली के कारण लिवर की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
इसी वजह से आपको लिवर फंक्शन टेस्ट हर दूसरे या तीसरे महीने में कराना आवश्यक है, ताकि पता चले आपका लिवर कितना स्वस्थ है।
आइए जानते हैं लिवर फंक्शन टेस्ट कराने से क्या पता चलता है, लिवर फंक्शन टेस्ट कितनी बार करना चाहिए और किसे लिवर फंक्शन टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है?
लिवर फंक्शन टेस्ट कब किए जाते हैं?
क्योंकि लिवर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट के मेटाबोलिज्म में शामिल होता है, इसलिए ऐसे कई संभावित कारण हैं कि आपको लिवर फंक्शन टेस्ट रेकमेंडेड किया जा सकता है। इन कारणों में शामिल हैं:
- हेपेटाइटिस जैसे लिवर रोग का निदान
- लिवर पर चल रहे उपचार के प्रभाव की निगरानी करना
- सिरोसिस जैसी स्थितियों के कारण लिवर को हुए नुकसान का मूल्यांकन करें।
- कुछ दवाओं के दुष्प्रभावों का विश्लेषण करें
- मतली, पीलिया, उल्टी, पेट में दर्द, दस्त, थकान, हल्के रंग का मल या गहरे रंग का पेशाब जैसे लक्षण होना।
- लिवर की बीमारी की फैमिली हिस्ट्री
- शराब के सेवन के विकार से पीड़ित, यानी आप कितना पीते हैं, इस पर आपका नियंत्रण खो देना
- हेपेटाइटिस वायरस के संपर्क में होने की आशंका
LFT टेस्ट क्यों जरूरी है? ( Why is LFT test important? )
- यकृत की सेहत का आकलन: यह परीक्षण यकृत की कार्यप्रणाली की स्थिति को मापता है और यह पता लगाने में मदद करता है कि यकृत ठीक से काम कर रहा है या नहीं।
- यकृत रोगों की पहचान: यदि आपको यकृत में दर्द, पीलिया, या अन्य लक्षण महसूस होते हैं, तो LFT आपकी समस्याओं का कारण जानने में सहायक हो सकता है।
- उपचार की निगरानी: यदि आप यकृत संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयाँ ले रहे हैं, तो LFT टेस्ट यह देखने में मदद करता है कि दवाइयाँ यकृत पर कैसे प्रभाव डाल रही हैं।
- पुनरावृत्ति की पहचान: यह टेस्ट यकृत में किसी भी प्रकार की पुनरावृत्ति या सुधार की निगरानी करने में मदद करता है।
भारत में लिवर फंक्शन टेस्ट की कॉस्ट कितनी है?
लिवर फंक्शन टेस्ट एक साधारण रक्त परीक्षण है जिसकी कीमत भारत में रेडक्लिफ की लैब्स में लगभग Rs 370 से Rs 399 रुपये है।
लिवर फंक्शन टेस्ट की नार्मल रेंज क्या है?
चूंकि लिवर फंक्शन टेस्ट रक्त परीक्षण का एक सेट है, इसलिए टेस्ट में मूल्यांकन किए गए विभिन्न पैरामीटर्स अलग है। लिवर फंक्शन टेस्ट के प्रत्येक पैरामीटर के लिए नार्मल रेंज है:
- सीरम बिलीरुबिन: कुल सीरम बिलीरुबिन के लिए ऑप्टिमम रेंज 2 μmol/L से 21 μmol/L है। अनकंजुगेटेड बिलीरुबिन का स्तर 12 μmol/L से कम है और कंजुगेटेड बिलीरुबिन का स्तर 8 μmol/L से कम है।
- एलानिन एमिनोट्रांस्फरेज (एएलटी): सीरम एएलटी के लिए नार्मल रेंज 7 यू/ली से 56 यू/ली के अंदर है।
- एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज (एएसटी): सामान्य सीरम एएसटी के लिए ऑप्टिमम रेंज 0 यू/ली से 35 यू/ली के बीच है।
- एल्कलाइन फोस्फेटासे (एएलपी): सामान्य सीरम एएलपी के लिए ऑप्टिमम रेंज 41 यू/ली से 133 यू/ली के अंदर है।
- गामा-ग्लूटामाइल ट्रांसफ़ेज़ (GGT): जीजीटी का ऑप्टिमम लेवल 9 यू/ली से 85 यू/ली है।
- 5' न्यूक्लियोटिडेज़ (NTP): NTP की नार्मल रेंज लगभग 0 यू/ली से 15 यू/ली है।
- सेरुलोप्लास्मिन: सेरुलोप्लास्मिन का नार्मल प्लाज्मा लेवल 200 mg/L से 600 mg/L है।
- α-भ्रूणप्रोटीन (एएफपी): एएफपी का ऑप्टिमम लेवल 0 μg/L से 15 μg/L है।
लिवर फंक्शन टेस्ट के क्या जोखिम हो सकते है ?
लिवर फंक्शन टेस्ट एक सामान्य चिकित्सा टेस्ट होता है जो लिवर के स्वास्थ्य और कार्यक्षमता का मूल्यांकन करता है। लेकिन कुछ लोगों में यह टेस्ट नकारात्मक परिणाम देने के लिए जोखिम हो सकते हैं। इनमें से कुछ जोखिम निम्नलिखित हैं:
- शराब पीने वालों में लिवर फंक्शन टेस्ट नकारात्मक परिणाम दे सकता है।
- लिवर संबंधी रोगों जैसे कि हेपेटाइटिस बी और सी, किडनी संबंधी समस्याएं और कैंसर के मरीजों में भी लिवर फंक्शन टेस्ट नकारात्मक परिणाम दे सकता है।
- दवाओं या औषधियों का उपयोग भी लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
- गर्भवती महिलाओं में भी लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणामों में तरलता आ सकती है।
यदि आपको लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणाम असामान्य होते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आपके डॉक्टर आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और आपको आगे की जांच के लिए सलाह देंगे या अन्य उपचार के लिए भी सलाह दे सकते हैं।
एलएफटी परीक्षण के परिणाम क्या दिखा सकते हैं?
एलएफटी परीक्षण के परिणाम संबंधित पैरामीटर्स की मात्रा दिखा सकते हैं और इनके आधार पर लिवर की सेहत और कार्यक्षमता का मूल्यांकन किया जा सकता है। यह परीक्षण निम्नलिखित परिणामों की जांच करने में मदद करता है:
- एलानीन अमिनोट्रांसफेरेस (एलएएसटी): यह परीक्षण आपके लिवर की स्थिति और कार्यक्षमता का मापन करता है।
- एस्पार्टेट अमिनोट्रांसफेरेस (एसएसएसटी): इस परीक्षण से लिवर की उचित स्थिति और कार्यक्षमता की जांच की जाती है।
- बिलीरुबिन: बिलीरुबिन के स्तर की मात्रा लिवर रोगों की जांच करने के लिए मापन की जाती है।
- एल्कालाइन फॉस्फेटेज़ (एलपी): इस परीक्षण के माध्यम से लिवर की स्थिति और अन्य लिवर संबंधी समस्याओं की जांच की जाती है।
- सीरम बिलीरुबिन: सीरम बिलीरुबिन के स्तर की मात्रा लिवर के रोगों की पहचान करने में मदद करती है।
कृपया ध्यान दें कि एलएफटी परीक्षण के परिणामों का समीक्षण केवल विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा किया जाना चाहिए। परीक्षण के परिणाम की व्याख्या और आपकी स्थिति के संबंध में सलाह के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Test) से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए ?
लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Test) से पहले आपको निम्नलिखित बातों का पता होना चाहिए:
टेस्ट के बारे में जानकारी: आपको लिवर फंक्शन टेस्ट के बारे में विस्तृत जानकारी होनी चाहिए, जैसे कि यह क्यों किया जाता है, टेस्ट कैसे किया जाता है, और इसके परिणाम क्या मतलब रखते हैं।
टेस्ट की तैयारी: डॉक्टर या स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के द्वारा दी गई तैयारी निर्देशों का पालन करें। यह आपको उन्हें अधिक सटीक रिजल्ट्स प्राप्त करने में मदद करेगा।
टेस्ट के लिए उपयुक्त समय: डॉक्टर के निर्देशानुसार, आपको किस समय टेस्ट कराना चाहिए, उसके बारे में जानकारी होनी चाहिए।
टेस्ट के लिए भूखे पेट की आवश्यकता: कुछ लिवर फंक्शन टेस्ट्स के लिए भूखे पेट की आवश्यकता होती है, तो आपको डॉक्टर द्वारा निर्धारित समय के लिए भूखे पेट की तैयारी करनी चाहिए।
स्वास्थ्य इतिहास: डॉक्टर को आपके द्वारा अनुभव किए गए या होने वाले रोगों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि इससे वह टेस्ट के परिणामों को समझने में मदद मिलेगी।
दवाओं या आहार पर प्रतिबंध: कुछ दवाओं और आहार पदार्थ टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर को इसके बारे में सूचित करना चाहिए।
लिवर फंक्शन टेस्ट कराने से क्या पता चलता है? ( What does a Liver Function Test Determine in Hindi ?)
लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) एक महत्वपूर्ण रक्त परीक्षण है जो लिवर की सेहत और उसकी कार्यप्रणाली का मूल्यांकन करता है। इस परीक्षण के माध्यम से लिवर में किसी भी प्रकार की असामान्यता या बीमारी का पता लगाया जा सकता है।
लिवर फंक्शन टेस्ट से मिलने वाली जानकारी
लिवर एंजाइम्स का स्तर:
एलेनाइन एमिनोट्रांसफरेज़ (ALT): इस एंजाइम का स्तर लिवर की क्षति को दर्शाता है। यदि इसका स्तर बढ़ा हुआ है, तो यह लिवर की समस्याओं का संकेत हो सकता है।
आस्पार्टेट एमिनोट्रांसफरेज़ (AST): यह एंजाइम भी लिवर की क्षति का संकेत देता है। उच्च स्तर लिवर की बीमारियों या मांसपेशियों की समस्याओं का संकेत हो सकता है।
बिलिरुबिन का स्तर: बिलिरुबिन लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने के बाद बनने वाला एक पिगमेंट है। इसका उच्च स्तर पीलिया (जॉन्डिस) और लिवर की बीमारियों का संकेत हो सकता है।
प्रोट्रॉम्बिन समय (PT): यह टेस्ट खून के जमने की प्रक्रिया का आकलन करता है। लिवर की बीमारियों से खून के जमने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है, जिससे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है।
लिवर फंक्शन टेस्ट कितनी बार कराना चाहिए? ( How often should one conduct liver function test in Hindi? )
लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) नियमित अंतराल पर कराना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आपकी जीवनशैली, खान-पान मैं लिवर की बीमारियों का जोखिम है।
कितनी बार कराना चाहिए?
- सामान्य स्थितियों में: यदि आप सामान्य रूप से स्वस्थ हैं और आपको कोई लिवर संबंधित समस्या नहीं है, तो साल में एक बार LFT कराना पर्याप्त हो सकता है। यह आपके लिवर की सामान्य स्थिति का आकलन करने के लिए है।
- जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए: यदि आप उच्च जोखिम वाले समूह में आते हैं, जैसे:
- नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं
- मोटापे से ग्रस्त हैं
- डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर है
- आपके परिवार में लिवर की बीमारियों का इतिहास है
- आपको हेपेटाइटिस जैसी बीमारी है
इन स्थितियों में, हर 6 महीने में एक बार LFT कराना उचित है।
- लिवर संबंधित लक्षणों के प्रकट होने पर: यदि आपको थकान, कमजोरी, पेट में सूजन, यकृत में दर्द, आँखों या त्वचा का पीला पड़ना, उल्टी और मतली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत LFT कराना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
- चिकित्सा उपचार के दौरान: यदि आप लिवर की किसी बीमारी का इलाज करवा रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार आपको नियमित अंतराल पर LFT कराना पड़ सकता है। इससे उपचार की प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जा सकता है।
लिवर फंक्शन टेस्ट से पहले क्या जानना चाहिए ? ( What should one know before conducting a liver function test in Hindi ) ?
लिवर फंक्शन टेस्ट एक महत्वपूर्ण चिकित्सा परीक्षण है जिससे आपके लिवर की स्वस्थता को मापा जा सकता है। यह टेस्ट आपके डॉक्टर को बताता है कि आपके लिवर का काम कैसे कर रहा है और क्या उसमें किसी तरह की समस्या है। यदि आपको लिवर फंक्शन टेस्ट के लिए तैयारी करनी है, तो इस से पहले निम्नलिखित बातों को जान लेना चाहिए:
टेस्ट के लिए तैयारी: आपके डॉक्टर आपसे टेस्ट के लिए तैयारी के बारे में भी बात करेंगे। आमतौर पर यह शामिल होता है खाने-पीने की रोकथाम, विशेष दवाओं का सेवन या अन्य मार्गदर्शन।
टेस्ट का प्रकार: लिवर फंक्शन टेस्ट कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे कि ब्लड टेस्ट (रक्त परीक्षण), इमेजिंग परीक्षण (जैसे कि एकोग्राफी), या बायोप्सी।
टेस्ट का परिणाम: जब आप टेस्ट करवाएंगे, तो उसके परिणाम की रिपोर्ट समय पर प्राप्त करनी चाहिए और अपने डॉक्टर से उनकी समझावट लेनी चाहिए।
इन महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखकर, आप लिवर फंक्शन टेस्ट के लिए तैयार हो सकते हैं और इस प्रक्रिया से संबंधित सभी सवालों का सही उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
सारांश
लिवर की स्थिति का आकलन करने के लिए लिवर फंक्शन टेस्ट एक महत्वपूर्ण पैरामीटर है। रोग की स्थिति और कारण का सही मूल्यांकन करने के लिए लिवर टेस्ट के विभिन्न पैरामीटर्स को शामिल करता है। टेस्ट डॉक्टरों को उपचार के तरीके को तय करने में मदद करता है जो आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होते हैं। इसलिए, यदि आपको लिवर फंक्शन टेस्ट की सलाह दी जाती है, तो आपको निश्चित रूप से इसके लिए जाना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)
1. मैं लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) कैसे बुक कर सकता हूं?
रेडक्लिफ लैब्स में, आप लिवर फंक्शन टेस्ट को घर से आराम से बुक कर सकते हैं। आप हमारे सेंटर पर कॉल करके या हमारी वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन बुकिंग करके भी अपना टेस्ट बुक कर सकते हैं। टेस्ट के लिए आपका नमूना लेने रेडक्लिफ लैब से एक फ्लेबोटोमिस्ट जल्द ही आपके स्थान पर पहुंचेगा।
2. लिवर फंक्शन टेस्ट कैसे किया जाता है?
लिवर फंक्शन टेस्ट एक साधारण रक्त परीक्षण है। सुई के माध्यम से आपकी बाहों से रक्त का नमूना एकत्र किया जाता है और फिर लैब में विभिन्न पैरामीटर के लिए जांच की जाती है।
3. क्या लिवर फंक्शन टेस्ट से जुड़े कोई जोखिम हैं?
नहीं, चूंकि लिवर फंक्शन टेस्ट एक सामान्य ब्लड टेस्ट की तरह ही होता है, इसलिए इससे कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होता है।
4. आपको अपना लिवर फंक्शन टेस्ट कब करवाना चाहिए? (When should you get your liver function test done?)
लिवर की बीमारी हमेशा ध्यान देने योग्य संकेत और लक्षण नहीं देती है। लेकिन यदि आपको सूचीबद्ध लक्षणों का अनुभव हो रहा हैं तो यह लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है। तो निम्नलिखित लक्षणों को ध्यान से पढ़ें:-
- त्वचा और आंखें का पीला होना जिसे पीलिया के नाम से जाना जाता है
- पेट में दर्द और सूजन
- पैरों और टखनों में सूजन
- त्वचा में खुजली
- पेशाब का रंग गहरा होना
- अत्यंत थकावट
- भूख में कमी
अगर आप ऊपर लिखे लक्षण में से किसी भी लक्षण से नियमित रूप से पीड़ित है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इस के अलावा आप नौजिया का भी अनुभव कर सकते हैं। नौजिया का हिंदी मलतब (Nausea meaning in hindi) मतली होता हैं। तो अगर आप ऊपर लिखे लक्षणों के साथ मतली या उल्टी जैसा अनुभव रहे हैं तो आपको बिना किसी देरी के अपना लिवर फंक्शन टेस्ट करवाने की जरुरत हैं।
5. मैं अपने लिवर फंक्शन में सुधार कैसे कर सकता हूं?
लिवर को स्वस्थ रखने के लिए आप कुछ आसान टिप्स अपना सकते हैं:
- नियमित व्यायाम
- संतुलित आहार
- स्वस्थ वजन बनाए रखें
- शराब का सेवन सीमित करें
- स्वच्छ रहें
- अवैध दवाओं के सेवन से बचें
- किसी भी दवा का सेवन करते समय निर्देशों का पालन करें
6. लिवर के लिए कौन से खाद्य पदार्थ खराब है ?
लिवर के लिए तले हुए और तीखे भोजन, शराब और बहुत अधिक आयरन युक्त भोजन खराब हो सकते हैं। इसके अलावा, बहुत ज्यादा शक्कर, तेल और वसा से भरे भोजन भी लिवर के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए, स्वस्थ लिवर के लिए, आपको सलाह दी जाती है कि आप स्वस्थ आहार लें जो ताजा फल, सब्जियां, पूर्ण अनाज और प्रोटीन से भरपूर हो।
7. खराब लिवर के समान्य लक्षण क्या है ?
खराब लिवर के सामान्य लक्षणों में थकान, बुखार, उल्टी, बार-बार पेशाब और त्वचा या आंखों का पीला हो जाना शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा अपच, त्वचा में खुजली, पेट में दर्द और वजन में कमी भी हो सकती है।
8. LFT टेस्ट के परिणाम असामान्य होने पर क्या करना चाहिए?
यदि LFT टेस्ट के परिणाम असामान्य आते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करें। वे आपके परीक्षण परिणामों की व्याख्या करेंगे और आवश्यक उपचार या जीवनशैली में बदलाव की सलाह देंगे।
9. LFT टेस्ट कितनी बार करवाना चाहिए?
यह आपके स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। सामान्य रूप से, अगर आपको यकृत संबंधित समस्याएँ हैं या आप उपचार के दौर से गुजर रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित अंतराल पर LFT टेस्ट करवाना चाहिए।
10. क्या LFT टेस्ट के लिए किसी विशेष आहार या दवाओं का परहेज करना चाहिए?
LFT टेस्ट से पहले डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है। कुछ दवाओं या आहार के सेवन से परिणाम प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए अपने डॉक्टर से पहले से परामर्श करें।
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6 Comments
Suraj gupta
Jun 26, 2024 at 8:05 AM.
Lft mein dikkat kare chek kare
MyHealth Team
Jun 26, 2024 at 11:33 AM.
Liver function test (LFT) mein dikkat hone par kuch cheezein check karni chahiye: SGPT aur SGOT levels high hone se liver damage ya inflammation ka sanket milta hai. Bilirubin levels high hone se jaundice aur liver problem ka pata chalta hai. Alkaline Phosphatase (ALP) levels high hone se bile duct problems ya liver diseases ka pata chalta hai. Albumin aur Total Protein levels low hone se liver dysfunction ka sanket milta hai. Prothrombin Time (PT) high hone se blood clotting mein dikkat hoti hai jo liver dysfunction ko darshata hai. Agar LFT mein dikkat ho, toh turant apne doctor se salah lein aur unki guidance ke anusar further tests aur treatment karwayein.
Vipin kumar singh
Apr 20, 2024 at 6:07 AM.
Good information this subject and human awareness I m happy for lft information thankyou
Myhealth Team
Apr 20, 2024 at 6:39 AM.
You're Welcome!
Shivani
Aug 4, 2023 at 10:37 PM.
Mujhe stomach se uper bhut pain h.dr. ne liver m jyada problem batayi h.medicine or injections se bhi dard nahi ruk Raha h kya kre?
Myhealth Team
Aug 17, 2023 at 9:44 AM.
Hi Shivani, Stomach pain aur liver samasya ke liye doctor se sampark karein. Poshtik aahar khayein, pani piyein, aur doctor ki salah ka palan karein. Dard aur samasya badhti hai to turant doctor se milein. Thank you
Kalra
May 18, 2023 at 7:36 AM.
Mujhe 2020 sa constipation ha or hatho or paro ma khujli bhi Sara din hoti ha ab bhi medicine la rha hu lakin cnstptn sahi nahi ho rha kya kru
Md Habibur Rahman
Oct 14, 2023 at 6:42 AM.
Fatty liver grade 2 bataya gaya hai pet mai gais adhik Banta gais dawai khane ke baad bhi bahut jiyada gais Banta hai Kiya Karu sir bataiye please
Myhealth Team
May 19, 2023 at 6:23 PM.
Hi Kalra, कब्ज़ (constipation) और खुजली कई विभिन्न कारणों से हो सकती हैं। कुछ सामान्य सुझावों के अलावा, इस मुद्दे को हल करने के लिए एक चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लेना सर्वोत्तम होगा। यदि आपके द्वारा इस समस्या के लिए दवाएं ली जा रही हैं और कब्ज़ ठीक नहीं हो रहा है, तो निम्न कुछ उपाय आपकी सहायता कर सकते हैं: 1. पूरे दिन में पर्याप्त पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें। 2. फल, सब्जियां, पूरे अनाज, और फाइबर युक्त आहार खाएं। 3. नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। 4. स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यानाभ्यास और रिलैक्सेशन तकनीकों का उपयोग करें। इन सुझावों के अलावा, आपके लिए सर्वोत्तम निदान के लिए चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श करना सबसे बेहतर होगा। वे आपकी स्थिति का मुल्यांकन करें |
Zoya
May 2, 2023 at 6:29 PM.
Mujhe thakan bhot rehti bhuk achi lgti h par khaya piya kuch nhi lgta kya kru??
Myhealth Team
May 3, 2023 at 5:31 AM.
Hi Zoya, Thakan aur acchi bhukh hone ke baad bhi pet bhara nahi lagna kai tarah ke karan ho sakte hain, jaise ki kam paani peena, pachan tantra ki samasya, khana galat tarike se khana ya khane ke beech mein bahut lambi gap, ya fir kuch anya sharirik samasya. Hame advice krte hai k iske liye aap apne doctor sai bhi consult kre. Thankyou
Ratna Gupta
Apr 29, 2023 at 6:40 AM.
Mukhe ulti jaisa lagta h.thakan bahot rhti h.over age samajh me aata h.right neck ,hand leg me dard rahta h .
Myhealth Team
May 2, 2023 at 5:55 AM.
Hi Ratna, Aapko immediately doctor ko consult karna chahiye. Thankyou