Chronic Liver Disease in Hindi - कारण, लक्षण और इलाज - जानकारी

Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra
Written By Komal Daryani
on Aug 23, 2023
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jan 10, 2025

लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसके बिना हम अपनी रोजाना गतिविधियों को करने में असमर्थ हैं। लिवर हमारे खून से हानिकारक पदार्थों को डिटॉक्सिफाई करने का काम करता है। जो कि हमारे पाचन क्रिया और ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में भी मदद करता हैं।इसलिए लिवर का स्वस्थ रहना बहुत ही जरूरी है।
हालांकि आजकल के लोगों की बदलती जीवनशैली के कारण, उनमें क्रोनिक लिवर से संबंधी कई तरह की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है। अब आप अपने शरीर में लिवर से जुड़ी बीमारियों का पता कैसे लगा सकते हैं? साथ ही अपने लिवर को स्वस्थ रखने के लिए, आपको क्या कदम उठाने चाहिए? आइए जानते हैं।
क्रॉनिक लिवर बीमारी क्या होती है?
क्रॉनिक लिवर बीमारी लंबे समय तक लिवर के खराब रहने की वजह से होती है। इस बीमारी में लिवर के टिश्यू नष्ट होने लगते हैं और ऐसे में लिवर ठीक से अपना काम करना बंद कर देता है। इन्हीं बीमारियों में से एक लिवर सिरोसिस भी है, ये एक तरह की क्रोनिक बीमारी है। क्योंकि इसे होने में काफी लंबा समय लगता है।
इसकी शुरुआत लिवर में फैट जमा होने से होती है। जब लिवर में फैट जमा होने लगता है तो उसकी वजह से लिवर डैमेज होना शुरू हो जाता है। इस बीमारी को आमतौर पर फैटी लिवर के नाम जाना है। इस स्थिति में लिवर अपने वास्तविक आकार में न रहकर सिकुड़ने लगता है। साथ ही अपना लचीलापन खोकर, कठोर होने लग जाता है।
एक बार जब किसी व्यक्ति को फैटी लिवर की समस्या हो जाती है, तो ऐसे में कई सालो बाद लिवर सिरोसिस होने का खतरा भी बढ़ जाता है। जिसकी वजह से लिवर में सिरोसिस के कारण स्कार टिश्यू (scar tissue) बनने लगते हैं, जो लिवर में खून के बहाव को रोक देते हैं। जब लिवर में ऐसा होता है तो इसकी वजह से, लिवर के सेल्स मरना शुरू हो जाते है। जिसकी वजह से लिवर सही से काम नहीं कर पाता। इस तरह लिवर के ठीक से काम नहीं करने के कारण, इस बीमारी के लास्ट स्टेज में जान जाने का खतरा रहता है।
क्रॉनिक लिवर के लक्षण
लिवर से जुड़ी बीमारी होने के शुरुआती चरण में इसके कोई खास लक्षण नहीं दिखते। लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसे संकेत हैं, जिनकी मदद से आप एक अस्वथ लिवर की पहचान कर सकते हैं। जैसे-
- भूख कम लगना
- थकान महसूस करना
- वजन में कमी होना या फिर अचानक वजन का बढ़ जाना
- शरीर पर लाल-लाल चकते आना
- त्वचा और आंखों का रंग पीला होना
- पेशाब का रंग पीला हो जाना
- त्वचा में खुजली होना
- एड़ी के जोड़ पर एडिमा होना (Edema feet)
- पेट में भी सूजन आना
- चक्कर आना
- सांस फूलना
- उल्टी आना
अगर आपको अपने शरीर में लगातार ऐसे लक्षण महसूस हो रहे हों, तो अपने आस पास मौजूद डॉक्टर के पास जाकर, उनकी सलाह जरूर लें।
क्रॉनिक लिवर के कारण
आमतौर पर लिवर कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से कुछ मुख्य कारण हैं-
- अधिक शराब का सेवन करना
- बिना सावधानी से दवाओं का सेवन करना
- हाई ब्लड प्रेशर
- डायबिटीज
- हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आना
- बुरी जीवनशैली या शारीरिक गतिविधियों की कमी
- गलत खानपान की आदतें
- ज्यादा आयरन या विटामिन ए का सेवन करना
- ऑटोइम्यून बीमारियां होना (ऐसी बीमारियां जो शरीर के एक खास हिस्से को प्रभावित करती है)
- वायरस या किसी वजह से लिवर में इन्फेक्शन
- आपके माता या पिता में से मिलने वाला एबनॉर्मल जीन (gene)
क्रॉनिक लिवर का इलाज
लिवर से जुड़ी कुछ समस्याओं का इलाज अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी किया जा सकता है। इसके लिए अपनी ज़िंदगी में छोटे छोटे बदलाव करने की जरूरत होती हैं। जैसे-
- बहुत अधिक शराब का सेवन करने से बचें। क्योंकि ऐसा करने से लिवर को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
- लिवर की बीमारियों से खुद का बचाव करने के लिए वजन को कंट्रोल करना भी बेहद जरूरी है। क्योंकि पेट में फैट जमा होने से लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा और बढ़ जाता है।
- लिवर को हेल्दी रखने के लिए कैलोरी, फैट, प्रोसेस्ड और कार्बोहाइड्रेट फूड जैसे तेल, घी, पनीर, मैदा और शक्कर जैसी चीज़ों का सेवन न करें।
- डाइट में फलों, सब्जियों और हाई फाइबर वाले पदार्थों से भरपूर चीज़ों को अपनी संतुलित डाइट में शामिल करें।
- स्ट्रेचिंग, वाकिंग जैसी हल्की एक्सरसाइज रोजाना करें। साथ ही स्ट्रेस या तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन या योग करें।
- एक साथ ज्यादा खाने से बचें, क्योंकि ज्यादा खाने से लिवर पर काफी दबाव पड़ सकता है।
- लिवर को बेहतर ढंग से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ की बहुत जरूरत होती है, इसलिए अधिक मात्रा में पानी पिए।
हालांकि, लिवर से जुड़ी कुछ समस्याओं का इलाज दवाओं से भी किया सकता है। लेकिन कुछ स्पेशल केसेस में लिवर से जुड़ी सर्जरी करनी पड़ती है। इन सभी समस्याओं से बचने के बचने के लिए जरूरी है कि अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर, इस बीमारी के शुरुआती चरण में ही रोक दिया जाए।
क्रॉनिक लिवर के टेस्ट
लिवर हमारे शरीर का एक बहुत जरूरी अंग है। इसलिए लिवर का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। अगर आपको अपने ऊपर बताए गए लिवर की बीमारी से जुड़े कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो बिना देरी किए अपना लिवर टेस्ट कराएं । नीचे बताए गए कुछ टेस्ट की मदद से, लिवर से जुड़ी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है-
- लिवर फंक्शन टेस्ट
- माइटोकॉन्ड्रियल एंटीबॉडी टेस्ट
- एस्पार्टेट ट्रांसएमिनेस टेस्ट
- लिवर एंजाइम्स टेस्ट
- एल्ब्यूमिन टेस्ट
- प्रोथ्रोम्बिन टाइम टेस्ट
- लैक्टिक डिहाइड्रोजनेज टेस्ट
- अल्फा-फेटोप्रोटीन टेस्ट
Leave a comment
3 Comments
Vishal yadav
Jun 20, 2025 at 10:55 PM.
Mujhe 10 month phele chronic liver btaya tha ab mjhe kon sa test krwana chahiye? Kyoki ab mai theek feel ke rha hu.
Myhealth Team
Jun 24, 2025 at 7:04 AM.
अगर आपको 10 महीने पहले chronic liver disease बताया गया था और अब आप ठीक महसूस कर रहे हैं, तब भी Liver Function Test (LFT), Ultrasound Whole Abdomen, Fibroscan (अगर संभव हो), HBsAg, Anti-HCV, और CBC जैसे टेस्ट करवाना जरूरी है। ये आपकी लिवर की वर्तमान स्थिति और किसी छुपी समस्या का पता लगाने में मदद करेंगे।
Ramswroop Tyagi
Apr 8, 2025 at 4:37 PM.
Nice
Myhealth Team
Apr 9, 2025 at 11:45 AM.
Thankyou We are glad you have liked the information.
Bachauddin
Jan 15, 2025 at 2:57 PM.
Very nice
Myhealth Team
Jan 17, 2025 at 8:02 AM.
We are glad you have liked the information.