Cholesterol Symptoms in Hindi - कारण, लक्षण, तथा बचाव
Medically Reviewed By
Dr Sohini Sengupta
Written By Kirti Saxena
on Mar 6, 2024
Last Edit Made By Kirti Saxena
on Mar 17, 2024
कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए आवश्यक होता है, लेकिन जब इसका स्तर बढ़ जाता है, तो यह हमें नुकसान पहुंचा सकता है। यह एक साधारण लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करती है। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को पहचानना और समय रहते उपचार लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग में, हम आपको कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों के बारे में जानकारी देंगे।
कोलेस्ट्रॉल क्या है ?
कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा (लिपिड) है जो हमारे शरीर में पाया जाता है और आवश्यक है ताकि हमारे शरीर के कई कार्य ठीक से कार्य कर सकें। इसमें दो प्रमुख प्रकार होते हैं - "लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन" (LDL) और "हाई डेन्सिटी लिपोप्रोटीन" (HDL)।
LDL कोलेस्ट्रॉल को 'बुरा' कोलेस्ट्रॉल माना जाता है, क्योंकि इसकी अधिक मात्रा में बढ़ जाने पर यह धमनियों में जमा हो जाता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। HDL कोलेस्ट्रॉल को 'अच्छा' कोलेस्ट्रॉल माना जाता है, क्योंकि यह धमनियों की सफाई में मदद करता है और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
यह अनुशंसा की जाती है कि कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और नियमित चेकअप की आवश्यकता होती है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण
हाई ब्लड प्रेशर: कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर उच्च रक्तचाप का कारण बन सकते हैं। यह वास्तव में धमनियों को ठोस करने में मदद कर सकता है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है और इससे हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है।
चेस्ट पेन और रैपिड हार्टबीट: कोलेस्ट्रॉल के अधिक स्तर दिल के लिए हानिकारक हो सकते हैं। यह धमनियों को बंद कर सकता है, जिससे हृदय को अपेक्षित ऑक्सीजन नहीं मिल सकती, जिससे चेस्ट पेन और रैपिड हार्टबीट हो सकती हैं।
त्वचा की रंगत में बदलाव आना: अधिक कोलेस्ट्रॉल के स्तर से त्वचा की रंगत में बदलाव आ सकता है। यह अक्सर गहरा नीला या काला हो सकता है, जो ज़ेन्थोमास कहलाता है।
पैरों का ठंडा पड़ना: अधिक कोलेस्ट्रॉल के स्तर से पैरों का ठंडा पड़ना हो सकता है, क्योंकि यह धमनियों को बंद कर सकता है, जिससे उनमें खून का संचार बाधित हो सकता है।
पैरों में दर्द रहना: कोलेस्ट्रॉल के अधिक स्तर से पैरों में दर्द हो सकता है, क्योंकि यह धमनियों के विस्तार को रोक सकता है और उनमें खून का संचार प्रतिबंधित हो सकता है।
ज़ेन्थोमास: यह एक प्रकार की त्वचा समस्या है जो अधिक कोलेस्ट्रॉल के स्तर से उत्पन्न होती है, और इसमें त्वचा पर पीले या गहरे रंग के घुमे हुए दाने होते हैं।
कॉर्नियल आर्कस: यह आंखों के आसपास की त्वचा में कोलेस्ट्रॉल के अधिक स्तर के कारण उत्पन्न हो सकता है।
Eruptive xanthoma: यह एक अद्भुत त्वचा समस्या है जो कोलेस्ट्रॉल के अत्यधिक स्तर के कारण हो सकती है, और इसमें चिकने या बड़े दाने त्वचा पर उत्पन्न हो सकते हैं।
सोरायसिस: यह त्वचा की एक अन्य समस्या है जो कोलेस्ट्रॉल के अत्यधिक स्तर के कारण हो सकती है, और इसमें त्वचा पर पीले या सुखे छाले हो सकते हैं।
वजन बढ़ना: अधिक कोलेस्ट्रॉल स्तर से वजन बढ़ सकता है, क्योंकि यह शरीर में वसा का उत्पादन बढ़ा सकता है।
त्वचा पीली पड़ना: अधिक कोलेस्ट्रॉल स्तर से त्वचा पीली पड़ सकती है, क्योंकि यह त्वचा के लिए उपयुक्त समर्थन नहीं कर सकता है।
थकान महसूस होना: अधिक कोलेस्ट्रॉल स्तर से थकान महसूस हो सकती है, क्योंकि यह रक्त के प्रवाह में बाधा डाल सकता है और ऊर्जा की कमी का कारण बन सकता है।
सांस फूलना: अधिक चोलेस्ट्रॉल स्तर से सांस फूल सकती है, क्योंकि यह हृदय को प्राप्त ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर सकता है।
झुनझुनी: चोलेस्ट्रॉल के अधिक स्तर से झुनझुनी हो सकती है, क्योंकि यह धमनियों को बंद कर सकता है और उनमें खून का संचार प्रतिबंधित हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण
कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं:
खानपान: अधिक तेलीय और मसालेदार भोजन, अधिक तेल और गर्म तेलों का उपयोग, अधिक चिकनी और गोश्त, और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है।
व्यायाम की कमी: नियमित शारीरिक गतिविधि की कमी कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ा सकती है।
वजन: अत्यधिक वजन या मोटापा भी कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है।
धुम्रपान: धूम्रपान करने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।
अतिरिक्त अल्कोहल: अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन भी कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है।
उम्र: उम्र बढ़ने पर भी कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ सकता है।
कोलेस्ट्रॉल कैसे कम करें
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कुछ निम्नलिखित सुझाव अमल में लेने से फायदा हो सकता है:
- आहार में संतुलित और स्वस्थ आहार शामिल करें: अधिकतम तेल, चिकन, मिठाई, और प्रोसेस्ड फूड्स की बजाय फल, सब्जियाँ, अनाज, और प्रोटीन जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- व्यायाम करें: नियमित व्यायाम करना कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है।
- वजन कम करें: अतिरिक्त वजन से बचें, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है।
- धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें या बंद करें: इनका सेवन कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है।
- नियमित चेकअप: नियमित तौर पर डॉक्टर से परामर्श करें और अपने कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच करवाएं।
- चाय और कॉफ़ी की बजाय हर्बल चाय और कॉफ़ी का सेवन करें।
- अतिरिक्त शहद का सेवन करें: शहद में अनेक गुण होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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FAQS
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के क्या लक्षण होते हैं?
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कुछ सामान्य लक्षण शामिल हो सकते हैं:
- चक्कर आना
- उच्च ब्लड प्रेशर
- चक्कर आना
- चापकी
- हृदय दौरा
शरीर में कोलेस्ट्रॉल कैसे चेक करें?
कोलेस्ट्रॉल जांच करने के लिए डॉक्टर आपको आपके रक्त में चिकित्सीय टेस्ट कराने की सलाह देते हैं, जिसे लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट कहा जाता है। इस टेस्ट में आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्रिग्लिसराइड्स, हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL), और लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) की मात्रा की जाँच की जाती है।
कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए क्या करें?
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- स्वस्थ आहार: कम वसा और कोलेस्ट्रॉल वाले आहार का सेवन करें।
- व्यायाम: नियमित व्यायाम करें।
- तंबाकू और अल्कोहल का सेवन न करें।
- वजन नियंत्रण: अतिरिक्त वजन को कम करें।
- दवाओं का सेवन: डॉक्टर के सलाह पर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए दवाएँ लें।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का सबसे बड़ा कारण क्या है?
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का मुख्य कारण अनियमित आहार, अत्यधिक वसा और अधिक उच्च आकार का सेवन है। अन्य कारण शामिल हो सकते हैं जैसे धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन, वजन अतिरिक्त, नियमित व्यायाम का अभाव, और उच्च तनाव।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर क्या परहेज करना चाहिए?
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- स्वस्थ आहार लें।
- नियमित व्यायाम करें।
- तंबाकू और अल्कोहल का सेवन न करें।
- वजन को नियंत्रित करें।
- डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दवाएँ लें।
कोलेस्ट्रॉल कितना होना चाहिए?
सामान्यत:
- आम लोगों के लिए, कुल कोलेस्ट्रॉल 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिग्राम/डीएल) से कम होना चाहिए।
- एचडीएल (HDL) लेवल 40 मिग्राम/डीएल से कम नहीं होना चाहिए।
- लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) 100 मिग्राम/डीएल से कम होना चाहिए।
- ट्रिग्लिसराइड्स 150 मिग्राम/डीएल से कम होना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल कितने प्रकार का होता है?
कोलेस्ट्रॉल प्रमुखतः दो प्रकार का होता है:
- एचडीएल (HDL): इसे "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, क्योंकि यह लिवर के लिए अच्छा होता है और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) को नष्ट करता है।
- एलडीएल (LDL): इसे "बुरा" कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, क्योंकि यह धमनियों में जमा हो जाता है और हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है।