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PCOD Meaning in Hindi - पीसीओडी के कारण, लक्षण, निदान - पूरी जानकारी

Women's Reproductive Health

PCOD Meaning in Hindi - पीसीओडी के कारण, लक्षण, निदान - पूरी जानकारी

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Kirti Saxena
on Oct 31, 2023

Last Edit Made By Kirti Saxena
on Mar 18, 2024

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PCOD Meaning in Hindi
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PCOD का मतलब है "पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम" और यह एक महिलाओं के गर्भाशय में एक बड़ी समस्या है जो उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। यह रोग आमतौर पर हार्मोनल बदलाव और अनियमित मासिक धर्म के कारण होता है। इस ब्लॉग में, हम इस स्थिति के कारण, लक्षण, और इसके प्रबंधन के उपायों पर विचार करेंगे।

PCOD क्या होता है?

PCOD (Polycystic Ovary Syndrome) एक महिलाओं की स्वास्थ्य समस्या है जिसमें महिलाओं के अंडाणु (ovaries) में सामान्य से अधिक संख्या में छोटे गर्भाशय (cysts) बन जाते हैं। इस समस्या के कारण हार्मोनल असंतुलन होता है और इसके कई लक्षण हो सकते हैं।

पीसीओडी के लक्षण (PCOD Symptoms):

  • असामान्य मासिक धर्म (Irregular Menstrual Cycles): पीसीओडी की सबसे सामान्य पहचान असामान्य मासिक धर्म होता है। महिलाएं अक्सर अनियमित मासिक धर्म के साथ, अधिक या अधिक दिनों तक कुछ महीनों तक ब्लीड करती हैं।
  • अधिक या कम वजन (Weight Fluctuations): कुछ महिलाएं पीसीओडी के कारण वजन में बढ़ोतरी या कमी देखती हैं।

  • असामान्य बाल विकास (Hirsutism): पीसीओडी के लक्षणों में शरीर पर असामान्य बाल विकास हो सकता है, जिसे हिर्सटिज़्म कहा जाता है।

  • मुँहासे (Acne): अधिकतर मामलों में, मुँहासे या त्वचा पर दिक्कत बढ़ जाती है।

  • बालों का झड़ना (Hair Loss): पीसीओडी के कारण कुछ महिलाएं अपने सिर के बालों को गिरने की समस्या से गुजर सकती हैं।

  • ओवुलेटरी डिसफंक्शन  (Ovulatory Dysfunction): यह एक असामान्य मासिक धर्म कार्यान्विति के साथ जुड़ा हो सकता है और गर्भाधान में समस्याएँ पैदा कर सकता है.

  • अंडाशय की पॉलीसिस्टिक उपस्थिति (Polycystic Appearance of Ovaries): यह अल्ट्रासाउंड या एक्स-रे में दिखाई देने वाले अंडाशयकोण के साथ अपार से बढ़े हुए गर्भाशयकोण की छवि की चर्चा करता है, जिसके लिए यह स्थिति अपने नाम को प्राप्त करती है।

पीसीओडी के कारण (PCOD Causes):

  • पीसीओडी के कारण अब तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह विभिन्न कारकों के संयोजन के परिणामस्वरूप होता है। निम्नलिखित कुछ कारण हो सकते हैं:

  • अंतर्निर्माणित शिशु लक्षण (Genetic Factors): अंतर्निर्माणित कारकों के साथ परिवार का इतिहास पीसीओडी के विकास के साथ जुड़ा हो सकता है.

  • हार्मोनल बदलाव (Hormonal Changes): हार्मोनल असंतुलन, विशेषकर अधिक आंड्रोजन (पुरुष लिंग हार्मोन) के लिए, PCOD का मुख्य कारण माना जाता है।

  • इन्सुलिन आवश्यकता (Insulin Resistance): कुछ महिलाएं इन्सुलिन को सही तरीके से नहीं प्रतिक्रिया करती हैं, जिससे उनके रक्त में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है और यह PCOD का कारण बन सकता है.

  • जीवाणु और संक्रमण (Inflammation and Infections): जीवाणु और संक्रमण भी अंडाशयकोण के स्वस्थ कार्य को प्रभावित कर सकते हैं और PCOD के विकास में एक कारण बन सकते हैं

पीसीओडी का निदान (PCOD Diagnosis):

  • पीसीओडी की डायग्नोसिस के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाएँ की जाती हैं:

  • रोगी का इतिहास (Medical History): डॉक्टर से मरीज के मासिक धर्म के पैटर्न, लक्षण और परिवार का इतिहास पूछा जाता है।
  • फिजिकल जांच (Physical Examination): डॉक्टर द्वारा रोगी की शारीरिक जाँच की जाती है, जिसमें उसके वजन, उच्च रक्तचाप, और अन्य पारामर्शिक परीक्षण शामिल होते हैं.

  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): अल्ट्रासाउंड परीक्षण द्वारा अंडाशयकोण का आकार, रूप, और संरचना की जाँच की जाती है।

  • लैब टेस्ट (Blood Tests): रक्त परीक्षण से हार्मोन के स्तर की माप की जाती है, जिसमें एंड्रोजन, इन्सुलिन, और अन्य अतिरिक्त पैरामीटर शामिल होते हैं.

पीसीओडी का उपचार (PCOD Treatment)

1 हॉर्मोन थैरेपी: पीसीओडी के उपचार के रूप में हॉर्मोन थैरेपी किया जा सकता है, जैसे कि औषधि गर्भनिरोधक पिल्स या गर्भावस्था के लिए हॉर्मोन इंजेक्शन।

2 डॉक्टर की सलाह: सबसे पहले, अपने डॉक्टर से परामर्श लें और सही डायग्नोसिस करवाएं।

3 आहार और व्यायाम: स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम रखें, जिसमें उनका वजन भी शामिल हो।

4 वजन प्रबंधन: अगर आपका वजन बढ़ गया है, तो वजन कम करने के लिए कठिन प्रयास करें।

5 दवाओं का सेवन: डॉक्टर द्वारा प्राप्त किया गया किसी भी दवा का सही तरीके से सेवन करें।

6 हार्मोनल उपचार: कुछ मामलों में, हार्मोन स्तर को संतुलित करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।

7 ब्लड सुगर की निगरानी: डायबिटीज के लिए स्क्रीनिंग करवाएं, क्योंकि PCOD से इसका खतरा बढ़ जाता है।

8 ओवुलेशन प्राबंधन: ओवुलेशन को बढ़ावा देने के लिए दवाएं लें, जिसका मतलब है कि गर्भाधान के अवसर में योग्यता बढ़ सकती है।

9 इंफेक्शन का इलाज: किसी भी साइक्लिक इंफेक्शन का इलाज करवाएं।

10 स्ट्रेस प्रबंधन: स्ट्रेस को कम करने के उपायों को अपनाएं, क्योंकि स्ट्रेस PCOD को बढ़ा सकता है।

11 नियमित चेकअप: PCOD के साथ नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर स्वास्थ्य की निगरानी करवाना महत्वपूर्ण है।

कृपया ध्यान दें कि हर व्यक्ति की आवश्यकताओं के आधार पर उपचार भिन्न हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर की सलाह और उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।

PCOD का घरेलू उपचार 

PCOD के घरेलू उपचार में  निम्न आहारों का पालन करके PCODकी समस्या से निजात पा सकते है जैसे की 

  • जंक और फास्ट फूड ना खाए।  
  • प्रतिदिन सुबह, दशमूल क्वाथ पीने का प्रयास करें।
  • सुबह उठकर पहले गर्म पानी पीने की आदत डालें।
  • आंवला और एलोवेरा का जूस पिए।  
  • सुबह के आरंभ में अंकुरित फल और सब्जियों का सेवन करें।
  • दशमूल क्वाथ या दशमूलारिष्ट का उपयोग करें।
  • शतावर चूर्ण का सेवन करे।  
  • अरंडी के तेल से ओवरी की मालिश करें।

पीसीओडी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए योग 

जैसा की हम सब जानते है PCOD और PCOS की समस्या महिलाओ में आम हो गयी है और इसके उपचार के लिए अनेक दवाइयां तथा चिकत्सा उपलब्ध है परन्तु  PCOD की समस्या को हम सवस्थ आहार तथा योग के द्वारा भी काफी हद तक ठीक कर सकते है।  तो आइए जानते हैं कि वे कौन- कौन  से आसन है जिनके माध्यम से पीसीओडी की समस्या से छुटकारा पाया  जा सकता है। 

  •  भुजंगासन -  भुजंगासन का नियमित अभ्यास, पीसीओडी समस्या के साथ-साथ महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत फायदेमंद होता है। इस आसन के अभ्यास से, प्रजनन अंगों को शक्ति मिलती  है, जो महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है। यह न केवल पीसीओडी समस्या को दूर करता है, बल्कि पीरियड्स की अनियमितता को भी कम करने में मदद करता  है। इसके अलावा, यह आसन किडनी और यूटेरस को मजबूत करने में भी सहायक होता है।  

  • तितली आसन -  तितली आसन  प्रजनन अंगों के साथ-साथ पैरों और जांघों को मजबूती प्रदान करता है और साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है। इस आसन को नियमित रूप से करने से पीरियड्स नियमित हो जाते है।  और शरीर में हल्कापन भी आता है। तितली आसन PCOD से पीड़ित महिलाओ के लिए एक सर्वोत्तम योगाभ्यास है।  

  • शशांक आसन -  शशांकासन के अभ्यास से पेल्विक की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, और यह रिप्रोडक्टिव अंगों की स्वास्थ्य को भी सुधारता है। इसके परिणामस्वरूप, रिप्रोडक्टिव ग्लैंड्स के हार्मोन स्राव में संतुलन बना रहता है, जिससे महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएं कम हो सकती हैं।PCOD से पीड़ित महिलाओ को ये सभी आसन नियमित रूप से करना चाहिए।

पीसीओडी से जुड़ी परेशानियां (Risk of PCOD in Hindi)

पकड़ का इलाज उचित समय पर ना करने पर निम्न परेशानियों का सामना करना पड सकता है जैसे की - 

  • डायबीटिज टाइप 2 (Type 2 Diabetes)
  • हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)
  • हार्ट डिजीज (Heart Diseases)
  • खराब मेटाबॉलिज्म (Poor Metabolism)
  • लिवर में सूजन (Swelling in Liver)
  •  सांस लेने में दिक्कत (Sleep Apnea)
  • एबनॉर्मल ब्लीडिंग (Abnormal Bleeding in Uterus)
  •  यूटेरस में कैंसर होने का खतरा 
  • एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy)  आदि। 

ध्यान रक्खे  - Things to Keep in Mind

  • डॉक्टर के साथ सम्पर्क: PCOD का परिचय किसी अच्छे गर्भावस्था डॉक्टर या गिनेकोलॉजिस्ट से करवाएं।

  • आहार: स्वस्थ आहार खाएं और शुगर और वसा की मात्रा को नियंत्रित करें।

  • व्यायाम: नियमित व्यायाम करें, जैसे कि योग, प्राणायाम, और व्यायाम।

  • वजन प्रबंधन: अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है, तो वजन कम करने का प्रयास करें, क्योंकि यह PCOD के लक्षणों को कम कर सकता है।

  • दवाइयाँ: डॉक्टर की सलाह पर दवाइयाँ लें, जैसे कि बर्थ कंट्रोल पिल्स, मेटफॉर्मिन, और अन्य दवाइयाँ।
  • नियमित मासिक धर्म: मासिक धर्म के नियमित आने का प्रयास करें, क्योंकि अनियमित मासिक धर्म पर PCOD के लक्षणों को बढ़ावा देते हैं।

  • स्ट्रेस प्रबंधन: स्ट्रेस को कम करने के उपायों को अपनाएं, क्योंकि यह PCOD के लक्षणों को बढ़ा सकता है।

  • डाइट सप्लीमेंट्स: डॉक्टर की सलाह पर आप विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स का उपयोग कर सकते हैं, यदि आवश्यक हो।

  • नियमित जाँच: PCOD के लिए नियमित डॉक्टर की जाँच करवाते रहें ताकि आपकी स्थिति पर नजर रहे और उसका सही इलाज किया जा सके।

डिस्क्लेमर  -  कृपया ध्यान दें कि डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी स्वास्थ्य समस्या का निदान और उपचार नहीं करना चाहिए।

FAQS 

1. पीसीओएस (PCOS) और पीसीओडी (PCOD) में क्या अंतर है?

PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) और PCOD (Polycystic Ovarian Disease) दोनों ही महिलाओं के गर्भाशय के आसपास मस्तिष्क से जुड़े रोग होते हैं, लेकिन इनके बीच थोड़ा सा अंतर हो सकता है। PCOS एक सिंड्रोम है जिसमें बड़े संख्या में मासिक धर्म की समस्या, अनियमित अवधि, और उच्च एंड्रोजन स्तर (पुरुष हॉर्मोन) होते हैं। PCOD उसका एक प्रकार हो सकता है जिसमें गर्भाशय के अंडाणुओं के साथ छोटे गोलियों के अविकसित गुच्छे होते हैं।

2.पीसीओडी को जड़ से खत्म कैसे करें?

PCOD को जड़ से खत्म करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन उपाय हो सकते हैं। डॉक्टर की सलाह और उपयुक्त इलाज के साथ आपके जीवनशैली में परिवर्तन, सही आहार, और योग आपकी स्थिति में सुधार कर सकते हैं।

3. क्या पीसीओडी में प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

हां, पीसीओडी में प्रेग्नेंट होने की संभावना हो सकती है, लेकिन यह अधिक मुश्किल हो सकता है क्योंकि अनियमित मासिक धर्म के कारण ओव्युलेशन (अंडाणु छूटना) की समस्या होती है।

4. पीसीओडी कितने दिन में ठीक होता है?

पीसीओडी को ठीक करने का समय व्यक्ति के लिए भिन्न हो सकता है। सही उपचार, आहार, और जीवनशैली के साथ, यह कुछ महीनों से लेकर सालों तक लग सकता है।

5. पीसीओडी का मुख्य कारण क्या है?

PCOD का मुख्य कारण आंतरदायिक हॉर्मनल परिवर्तन हो सकता है, जिससे अंडाणुओं के विकसन में समस्या होती है। जीवनशैली, आहार, और आनुवांशिक कारक भी इसका कारण हो सकते हैं।

6. पीसीओडी की समस्या क्यों आती है?

PCOD के आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि आनुवांशिक आपत्ति, असही आहार, जीवनशैली में अनियमितता, और हॉर्मोनल परिवर्तन। यह समस्या महिलाओं में अधिकांश उम्र में होती है।

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