Pregnancy Symptoms in Hindi: गर्भधारण के लक्षण
Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra
Written By Komal Daryani
on Sep 25, 2023
Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 3, 2025

प्रेगनेंसी एक महिला के जीवन का एक अद्वितीय चरण होता है, जिसमें उसके शरीर में नए जीवन का विकास होता है। यह बड़ी खुशियों की बात है, लेकिन इसके साथ ही कई प्रकार के शारीरिक और आत्मिक बदलाव भी होते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान, महिलाओं को अपने शरीर की एक अद्वितीय भाषा सीखनी पड़ती है, जिसमें वे अपने बच्चे की देखभाल करती हैं। इस लेख में, हम प्रेगनेंसी के लक्षणों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों के बारे में भी बताएँगे।
Pregnancy Symptoms in Hindi (Pregnancy Ke Lakshan):
रुका हुआ मासिक धर्म ( Stopped menstruation )
सबसे पहला संकेत यह होता है कि कुछ अच्छा हो रहा है। जब आपका मासिक धर्म समय पर नहीं आता है, तो यह प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है।
सीने में दर्द और सूजन ( Chest Pain and Swelling )
गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं के सीने में दर्द और सूजन हो सकती है। यह हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है।
उल्टियाँ और अपेक्षाकृत उबकाई ( Vomiting and Retching )
मॉर्निंग सिकनेस कहलाती है जब गर्भावस्था के पहले कुछ हफ्तों में उल्टियाँ और उबकाई हो सकती हैं।
बढ़ी हुई पेट और पेट में दर्द ( Enlarged abdomen and abdominal pain )
गर्भ के विकास के साथ ही, पेट में दर्द और बढ़ी हुई पेट की समस्याएं हो सकती हैं।
बढ़ी हुई पानी की खासी ( Increased water retention )
गर्भावस्था के दौरान, पानी की खासी या भूख बढ़ सकती है।
बढ़ी हुई यूरिन और ज्यादा पेशाब आना ( Increased urination and frequent urination )
प्रेगनेंसी के साथ, महिलाओं के पेशाब के अंतराल में बदलाव हो सकता है और उनके पेट में दबाव का आभास हो सकता है।
थकान महसूस होना ( Feeling tired )
गर्भावस्था के दौरान आपको थकान भी महसूस होती है। यह गर्भावस्था का संकेत भी हो सकता है
मूड स्विंग्स ( Mood Swings )
हार्मोनल बदलावों के कारण मूड अचानक बदल सकता है, जिससे कभी खुशी तो कभी चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।
खाने की आदतों में बदलाव ( Changes in Eating Habits )
गर्भावस्था में किसी विशेष चीज़ को खाने की इच्छा (क्रेविंग) बढ़ सकती है, वहीं कुछ चीजों से अचानक नफरत भी हो सकती है।

पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण
प्रेगनेंसी के लक्षण पीरियड्स के आने से पहले भी महिलाओं को अनुभव हो सकते हैं। यह लक्षण महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होते हैं। इन लक्षणों को समझना महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर जिन महिलाओं को गर्भाधान के बारे में जानकारी होती है और जो गर्भाधान की उम्मीद रख रही हों।
प्रैग्नेन्सी के पहले हफ्ते में लक्षण ?
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इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग': प्रेगनेंसी के प्रारंभिक चरण में, जब भ्रूण गर्भाशय की दीवार में जमा होता है, तो कुछ महिलाओं को थोड़ी सी ब्लीडिंग या सामान्य मासिक धर्म की तुलना में कम मात्रा में ब्लीडिंग हो सकती है, जिसे 'इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग' कहा जाता है।
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मामूली थकान और उत्सुकता: गर्भाधान के प्रारंभिक दिनों में, महिलाओं को अक्सर थकान और अधिक उत्सुकता का अनुभव हो सकता है।
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स्तनों में सूजन: गर्भाधान के प्रारंभिक चरण में, महिलाओं के स्तनों में सूजन या तनाव का अनुभव हो सकता है।
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मांसपेशियों का दर्द: कुछ महिलाओं को गर्भाधान के प्रारंभिक चरण में मांसपेशियों में हल्का या मध्यम दर्द का अनुभव हो सकता है।
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मुख्य मूड में परिवर्तन: गर्भाधान के शुरूआती चरण में, कुछ महिलाओं को मूड में परिवर्तन और आंदोलन का अनुभव हो सकता है।
प्रैग्नेन्सी के दौरान कौन से टेस्ट्स करवाने चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट्स होते हैं जो महिलाओं को करवाने चाहिए। ये टेस्ट्स गर्भावस्था के दौरान मां और शिशु के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। कुछ मुख्य टेस्ट्स निम्नलिखित हैं:
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उल्ट्रासाउंड स्कैनिंग: इस टेस्ट के द्वारा गर्भावस्था के दौरान शिशु की विकास और स्थिति का निगरानी किया जाता है।
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ब्लड टेस्ट: ब्लड टेस्ट गर्भावस्था के दौरान महिला और शिशु के स्वास्थ्य की जांच के लिए किया जाता है, जैसे कि ब्लड ग्रुप, हेमोग्लोबिन लेवल, और वायरस और बैक्टीरियल इन्फेक्शन का पता लगाना।
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नॉन-स्ट्रेस टेस्टिंग (NST): इस टेस्ट में, शिशु के हृदय की स्थिति की जांच की जाती है जब वह गर्भावस्था के दौरान मां के पेट में होता है।
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11-13 हफ्तों में होने वाले टेस्ट्स (Second Trimester Test)
11-13 हफ्तों के बाद, महिलाओं को एक और सीरीज ऑफ़ टेस्ट्स करवाने की आवश्यकता होती है, जो गर्भावस्था की स्थिति और शिशु के विकास की निगरानी करने में मदद करते हैं। इन टेस्टों में उल्ट्रासाउंड स्कैनिंग, ब्लड टेस्ट, और अन्य जांचें शामिल हो सकती हैं।
प्रेगनेंसी के प्रारंभिक चरण में, महिलाओं को कई लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जैसे कि इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग, स्तनों में सूजन, मूड में परिवर्तन, और मांसपेशियों का दर्द। यह लक्षण सामान्यतः पीरियड्स से पहले अनुभव किए जाने वाले लक्षणों के समान हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी की सावधानियाँ:
1. डॉक्टर की सलाह: प्रेगनेंसी की पुष्टि के लिए डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
2. सही पोषण: आपको सही पोषण की जरूरत होती है, इसलिए फल, सब्जियाँ, अंडे, और दूध जैसे पोषण स्रोतों को अपने आहार में शामिल करें।
3. नियमित व्यायाम: सावधानी से व्यायाम करना गर्भावस्था के दौरान बेहद महत्वपूर्ण है।
4. तंबाकू और शराब का परहेज: तंबाकू और शराब का सेवन गर्भावस्था के दौरान बंद करें, क्योंकि ये नए जन्म के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
5. ध्यान: गर्भावस्था के दौरान आपको अपने शारीरिक और आत्मिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
प्रेगनेंसी एक रोमांचक और महत्वपूर्ण अनुभव है, और इसे स्वस्थ और सुरक्षित रूप से बिताने के लिए सही जानकारी और सावधानियों का पालन करना महत्वपूर्ण है। आपके डॉक्टर से नियमित रूप से मिलना और उनकी सलाह का पालन करना गर्भावस्था को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने में मदद कर सकता है।
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FAQs
1. गर्भ ठहरने के शुरुआती लक्षण क्या है?
गर्भ ठहरने के शुरुआती लक्षण में सबसे पहला संकेत है मासिक धर्म के बिना आने वाला दर्द और सूजन।
2. प्रेग्नेंट होने के लक्षण कितने दिन में दिखाई देते हैं?
प्रेग्नेंट होने के लक्षण आमतौर पर 10-14 दिनों में दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ महिलाएं इससे पहले भी महसूस कर सकती हैं।
3. प्रेगनेंसी में कहाँ कहाँ दर्द होता है?
प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से, पीठ, और पेट के बाएं या दाएं ओर दर्द हो सकता है।
4. बिना किट के प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें?
बिना किट के प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों का ध्यान दें और एक डॉक्टर से सलाह लें।
5. घर पर कैसे पता करें कि मैं प्रेग्नेंट हूं या नहीं?
घर पर प्रेगनेंसी का पता लगाने के लिए प्रेगनेंसी टेस्ट किट का उपयोग करें, जो दिखा सकती है कि क्या आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं।
6. क्या मैं अपने सुबह के पेशाब को प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए बचा सकती हूं?
हां, प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए पहले सुबह के पेशाब का उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि इसमें गर्भावस्था के हर्मोन्स की अधिक मात्रा होती है, जिससे टेस्ट के परिणाम सटीक हो सकते हैं।
7. गर्भावस्था में डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें, ताकि आवश्यक जांचें और देखभाल शुरू की जा सके।
8. प्रेग्नेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?
पीरियड मिस होने के 7-10 दिन बाद घर पर प्रेग्नेंसी टेस्ट करना सबसे सही रहता है।
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1 Comments
Annu singh
Apr 9, 2024 at 3:45 AM.
Mujhe kuch din ki pregnancy h dawai se tik ho jayga ky
Myhealth Team
Apr 17, 2024 at 8:29 AM.
Hi, Please consult with your doctor regarding this. Thanksyou