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Pregnancy Ke Lakshan, गर्भावस्था के लक्षण और संकेत

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Medically Reviewed By
Dr Sohini Sengupta

Written By Kirti Saxena
on Feb 3, 2024

Last Edit Made By Kirti Saxena
on Mar 18, 2024

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Pregnant woman
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प्रत्येक महिला के जीवन में माँ बनना एक अद्भुत और सौभाग्यपूर्ण अनुभव होता है। यह एक महत्वपूर्ण चरण होता है, जो नए जीवन की शुरुआत की ओर संकेत करता है, जिसमें एक शिशु को अपने गर्भ में धारित किया जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान, महिलाएं अनेक शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तनों का सामना करती हैं। इस लेख में, हम प्रेगनेंसी के उन लक्षणों पर चर्चा करेंगे जो इस महत्वपूर्ण अवस्था के साथ आते हैं।

प्रेगनेंसी के लक्षण (Pregnancy Ke Lakshan)

1. पीरियड्स समय पर ना आना 

पहला सबसे स्पष्ट संकेत है पीरियड्स के अभाव का। अगर आपकी मासिक धर्म की तारीखों में कोई असमानता है और आपका पीरियड्स विलंबित हो रहा है, तो यह एक प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है।

2. उबकाई और उल्टियाँ

प्रेगनेंसी के पहले कुछ हफ्तों में, महिलाएं अक्सर उबकाई और उल्टियों का सामना करती हैं। यह हार्मोनल परिवर्तनों के कारण हो सकता है जो शरीर में हो रहे हैं।

3. सीने में दर्द और सूजन

प्रेगनेंसी के दौरान, स्तनों में दर्द और सूजन हो सकती है। यह भी एक आम लक्षण है जो गर्भावस्था के पहले कुछ हफ्तों में हो सकता है।

4. पेट में दर्द और असुविधा

प्रेगनेंसी के पहले कुछ हफ्तों में, महिलाओं को पेट में हल्का दर्द और असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। यह गर्भावस्था के लक्षणों में से एक हो सकता है।

5. थकान 

प्रेगनेंसी के दौरान, महिलाएं अक्सर अधिक थकी हुई महसूस कर सकती हैं और उबाल भी हो सकता है। यह हार्मोनल परिवर्तनों और बच्चे के लिए शरीर की मेहनत के कारण हो सकता है।

6. मूड स्विंग्स

हॉर्मोनल परिवर्तनों के कारण, प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं मूड स्विंग्स का सामना कर सकती हैं। यह उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है।

7. वजन में बढ़ोतरी

प्रेगनेंसी के दौरान, महिलाओं का वजन बढ़ सकता है। यह बच्चे के विकास और मां के शरीर की तैयारी के लिए हो सकता है।

8.  स्तन सूजे हुए और कोमल होना 

पीरियड मिस होने के एक हफ्ते पहले, स्तनों में कोमलता और सूजन की अवस्था हो सकती है। इस समय, स्तनों में बेचैनी, दर्द, भारीपन, या गहरे रंग के घेरे महसूस हो सकते हैं। जब महिला गर्भधारण करती है, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में वृद्धि होती है, जिससे स्तनों में यह बदलाव आता है और उनमें बेचैनी और दर्द हो सकता है।

9. वेजाइना से खून आना

आपके पीरियड्स के शुरू होने से एक सप्ताह पहले, आपकी वेजाइना से हल्के गुलाबी या भूरे रंग के छोटे निशान उत्पन्न हो सकते हैं। इसे इम्प्लांटेशन कहा जाता है, और इससे बेचैनी और हल्की ब्लीडिंग हो सकती है क्योंकि गर्भाशय की परत से जुड़े हुए फर्टिलाइज्ड अंडे का चिपकाव इसे उत्पन्न कर सकता है। स्पॉटिंग को कभी-कभी पीरियड्स की तरह समझा जा सकता है, हालांकि इस खून का रिसाव आमतौर पर बहुत ही हल्का होता है।

10. डिस्चार्ज में बदलाव 

शरीर से होने वाले डिस्चार्ज में परिवर्तन होना, विशेषकर सर्वाइकल डिस्चार्ज का बढ़ना, गर्भावस्था का प्रारंभिक संकेत हो सकता है। इम्प्लांटेशन के बाद, सर्वाइकल डिस्चार्ज गहरा हो जाता है और यह स्थिति तब तक बनी रहती है जब तक कि मासिक धर्म लापरवाही न हो। पेशाब करते समय, चुभने वाली सनसनी का अहसास हो सकता है। इसके अतिरिक्त, योनि के परिसर में खुजली और असुकून भी हो सकता है।

ध्यान दें कि ये सभी लक्षण हर महिला में अलग हो सकते हैं और प्रेगनेंसी के लक्षणों को साकारात्मकीकृत करने के लिए एक गर्भावस्था टेस्ट करवाना सबसे श्रेष्ठ है। यदि आपको लगता है कि आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं, तो एक चिकित्सक से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

प्रेगनेंसी के दौरान क्या सावधानी बरतें

प्रेगनेंसी के दौरान, आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि आपका शिशु स्वस्थ रहे और आपकी स्वास्थ्य को कोई नुकसान न हो। यहां कुछ सावधानियां हैं जो आपको प्रेगनेंसी के दौरान अपनानी चाहिए:

  • उपचार और निगरानी: अपने डॉक्टर की सलाह पर रहें और नियमित चेकअप कराएं।
  • सही आहार: स्वस्थ और बृहत्तर आहार लें, जिसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, फॉलिक एसिड, कैल्शियम, और अन्य पोषण सामग्री हो।
  • विशेषज्ञ की सलाह: किसी भी दवा, स्वास्थ्य सप्लीमेंट, या और किसी चीज का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
  • नियमित व्यायाम: सुनिश्चित करें कि आपने अपने डॉक्टर से मान्यता प्राप्त किये बिना कोई भी नया व्यायाम शुरू नहीं किया है।
  • हानिकारक चीजों से बचें: अल्कोहल, धूम्रपान, और अन्य हानिकारक तत्वों से दूर रहें।
  • नींद की सही मात्रा: प्रतिदिन कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें।
  • स्ट्रेस से बचें: स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान और योग जैसी तकनीकें अपनाएं।
  • सही पोजिशन में सोएं: सोते समय सावधानी बरतें और साइड पोजिशन में सोने का प्रयास करें।
  • हाइजीन का ध्यान रखें: साफ सुथरे रहने के लिए अच्छी हाइजीन बनाए रखें।
  • धूप और गर्मी से बचें: अधिक धूप और गर्मी से बचने के लिए उचित रूप से कपड़े पहनें और समय-समय पर ठंडे पानी का सेवन करें।
  • नुकसानकारी गतिविधियाँ : नुकसानकारी गतिविधाओं से बचें, जैसे कि भारी वजन उठाना और अधिक शारीरिक तनाव।

यदि आपको कोई समस्या या चिंता हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। समय-समय पर होने वाली नियमित चेकअप और सही दिशा में आपके डॉक्टर के साथ समर्थन रखना महत्वपूर्ण है।

FAQS 

1. पीरियड मिस होने के कितने दिनों बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए?

पीरियड मिस होने के बाद, प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सुझाव दो सप्ताह (14 दिन) बाद हो सकता है. यह समय प्रेरणा हो सकता है, क्योंकि इस समय तक शरीर में प्रेगनेंसी के लिए पर्याप्त होर्मोन उत्पन्न हो जाते हैं.

2. प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दिखते हैं?

प्रेगनेंसी के लक्षणों का प्रकार और समय व्यक्ति के शारीरिक और हारमोनल स्थिति पर निर्भर कर सकता है, लेकिन आमतौर पर वे गर्भावस्था के 4 से 6 हफ्ते के बाद दिखने लगते हैं.

3. प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण कब दिखते हैं?

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में शामिल हो सकते हैं उच्च बुखार, उबासी, ओटीप्लेक्सिया (शीघ्रता), उबासी, मामूल से बढ़ी हुई पेट में दर्द या तनाव, ब्रेस्ट में सूजन और तनाव, और वीर्य में बदलाव.

4. प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या-क्या होता है?

पहले महीने में, गर्भावस्था के लक्षण आमतौर पर गैर-स्पष्ट हो सकते हैं, लेकिन शामिल हो सकते हैं: गर्भाशय में अंडाणु लगना, हार्मोनल परिवर्तन, ब्रेस्ट में सूजन, उबासी, और अलग-अलग भारीपन का अहसास.

5. प्रेग्नेट होने के बाद भी पीरियड आता है क्या?

नहीं, गर्भावस्था के दौरान पीरियड नहीं होता. लेकिन, कुछ महिलाएं लाइट ब्लीडिंग या इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के रूप में थोड़ी सी रक्तस्राव का सामना कर सकती हैं.

6. पीरियड मिस होने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?

पीरियड मिस होने के कुछ दिनों बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना सुझावित है, जैसे कि पीरियड के 7-10 दिन बाद.

7. क्या मैं गर्भावस्था का पता लगाने के लिए घर पर परीक्षण कर सकती हूं?

हाँ, आप घर पर ही प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं. ये टेस्ट ऑवर-द-काउंटर (OTC) उपलब्ध होते हैं और उन्हें उपयोग करना सरल होता है. यदि परीक्षण पॉजिटिव होता है, तो चिकित्सक से सलाह प्राप्त करना उचित है.

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