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पीरियड कम आने के नुकसान और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं

Menstrual Health

पीरियड कम आने के नुकसान और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं

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Medically Reviewed By
Dr. Geetanjali Gupta

Written By Komal Daryani
on Mar 4, 2025

Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 19, 2025

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पीरियड्स महिलाओं के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह महिलाओं के शरीर में हार्मोनल संतुलन और प्रजनन क्षमता को दर्शाने वाला एक संकेतक होता है। आमतौर पर, एक महिला को 28-35 दिनों के भीतर पीरियड्स आते हैं, और उनका प्रवाह 3 से 7 दिनों तक रहता है। लेकिन कई महिलाओं को यह समस्या होती है कि उनके पीरियड्स कम आते हैं या बहुत हल्के होते हैं।

यह समस्या कभी-कभी सामान्य हो सकती है, लेकिन अगर यह बार-बार हो रही है, तो यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। हल्के या कम पीरियड्स को हाइपोमेनोरिया (Hypomenorrhea) कहा जाता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे पीरियड्स कम आने के कारण, इसके संभावित जोखिम और इसे सुधारने के उपाय।

पीरियड्स कम आने के मुख्य कारण

1. हार्मोनल असंतुलन

महिलाओं के शरीर में हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का संतुलन बहुत जरूरी होता है। जब यह संतुलन बिगड़ जाता है, तो पीरियड्स पर असर पड़ता है।

  • हार्मोनल गड़बड़ी के कारण पीरियड्स की मात्रा कम हो जाती है
  • एस्ट्रोजन का कम स्तर एंडोमेट्रियम (गर्भाशय की अंदरूनी परत) को सही तरीके से विकसित नहीं होने देता
  • कई बार यह समस्या युवावस्था और रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़) के दौरान होती है

2. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)

पीसीओएस एक ऐसी समस्या है, जिसमें महिलाओं के अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट (गांठें) बन जाती हैं, जिससे अंडाणु का उत्पादन सही से नहीं हो पाता।

  • पीसीओएस के कारण अनियमित पीरियड्स और हल्का रक्तस्राव हो सकता है
  • हार्मोनल बदलाव के कारण ओव्यूलेशन ठीक से नहीं होता, जिससे पीरियड्स कम हो सकते हैं
  • इस समस्या से ग्रस्त महिलाओं को चेहरे पर अनचाहे बाल और मुंहासे भी हो सकते हैं

3. तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं

हमारा शरीर और दिमाग आपस में जुड़े हुए हैं। अगर आप लंबे समय तक तनाव में रहती हैं, तो यह आपके पीरियड्स को प्रभावित कर सकता है।

  • तनाव शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाता है, जिससे अन्य हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ सकता है
  • अधिक तनाव के कारण पीरियड्स कम या देर से आ सकते हैं
  • मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ध्यान, योग और रिलैक्सेशन तकनीकों का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है

4. वजन का बहुत ज्यादा या बहुत कम होना

शरीर के वजन का महिला की मासिक धर्म चक्र पर सीधा असर पड़ता है।

  • अधिक वजन होने से एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं
  • बहुत ज्यादा वजन कम होने से शरीर में आवश्यक वसा की कमी हो जाती है, जिससे पीरियड्स हल्के या पूरी तरह बंद भी हो सकते हैं
  • सही वजन बनाए रखना हार्मोनल संतुलन के लिए जरूरी है

5. थायरॉयड की समस्या

थायरॉयड ग्रंथि शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।

  • हाइपोथायरायडिज्म (थायरॉयड हार्मोन की कमी) से पीरियड्स कम या अनियमित हो सकते हैं
  • हाइपरथायरायडिज्म (थायरॉयड हार्मोन की अधिकता) से अत्यधिक हल्के या बहुत ज्यादा पीरियड्स हो सकते हैं
  • थायरॉयड की समस्या को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर की सलाह से उचित उपचार लेना जरूरी है

6. अत्यधिक एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी

अगर आप जरूरत से ज्यादा वर्कआउट करती हैं, तो इसका असर आपके मासिक धर्म चक्र पर पड़ सकता है।

  • ज्यादा एक्सरसाइज करने से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर घट सकता है
  • यह समस्या उन महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है, जो एथलीट हैं या जिनका फिजिकल एक्टिविटी बहुत ज्यादा होती है
  • संतुलित डाइट और सही वर्कआउट प्लान से इस समस्या को दूर किया जा सकता है

7. बर्थ कंट्रोल पिल्स और अन्य दवाइयों का प्रभाव

कुछ दवाइयां, खासकर बर्थ कंट्रोल पिल्स और हार्मोनल इंजेक्शन, मासिक धर्म को प्रभावित कर सकती हैं।

  • बर्थ कंट्रोल पिल्स एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन को नियंत्रित करती हैं, जिससे पीरियड्स हल्के हो सकते हैं
  • कुछ एंटी-डिप्रेशन और ब्लड प्रेशर की दवाइयां भी मासिक धर्म चक्र को बदल सकती हैं
  • डॉक्टर की सलाह लेकर सही दवाइयों का चयन करना जरूरी है

पीरियड्स कम आने से होने वाले नुकसान

1. गर्भधारण में कठिनाई

अगर किसी महिला को नियमित रूप से हल्के या कम पीरियड्स आते हैं, तो इससे उसकी फर्टिलिटी (गर्भधारण की क्षमता) पर असर पड़ सकता है।

  • ओवुलेशन सही से न होने के कारण प्रेग्नेंसी में दिक्कत आ सकती है
  • पीरियड्स की कमी का मतलब यह भी हो सकता है कि शरीर में आवश्यक हार्मोन्स की मात्रा सही नहीं है

2. हड्डियों की कमजोरी

एस्ट्रोजन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर यह कम हो जाता है, तो हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।

  • कम पीरियड्स या हार्मोनल असंतुलन के कारण ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी) हो सकती है
  • यह खासकर मेनोपॉज़ के करीब पहुंचने वाली महिलाओं में अधिक देखा जाता है

3. दिल की बीमारियों का खतरा

एस्ट्रोजन हार्मोन हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

  • अगर शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो जाती है, तो हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है
  • ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी असंतुलित हो सकता है

4. त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याएं

अगर पीरियड्स अनियमित हैं, तो इससे स्किन और बालों पर भी असर पड़ता है।

  • अनचाहे बाल, एक्ने, और बालों का झड़ना हो सकता है
  • स्किन ड्राई और डल लगने लगती है

पीरियड्स कम आने की समस्या को कैसे दूर करें?

अगर आपके पीरियड्स कम आ रहे हैं या अनियमित हैं, तो इन उपायों को आजमा सकते हैं:

  • संतुलित आहार लें जिसमें आयरन, प्रोटीन, विटामिन B12 और फाइबर भरपूर हो
  • रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें लेकिन ज्यादा वर्कआउट से बचें
  • वजन को संतुलित बनाए रखें, न बहुत कम और न बहुत ज्यादा
  • रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें
  • स्ट्रेस कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें
  • डॉक्टर से सलाह लेकर थायरॉयड, हार्मोनल इंबैलेंस या पीसीओएस की जांच कराएं

निष्कर्ष

अगर आपके पीरियड्स कम आ रहे हैं या बहुत हल्के हो रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। अपने खान-पान, दिनचर्या और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखकर आप अपने मासिक धर्म चक्र को संतुलित रख सकती हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और खुद को स्वस्थ रखें!

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