APTT Test in Hindi - एपीटीटी टेस्ट क्या है, क्यों कराया जाता है, जाने

Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra
Written By Komal Daryani
on Aug 3, 2023
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jan 23, 2025

अक्सर हमारे शरीर के किसी भाग में किसी भी कारणवश चोट लग जाए या कट जाए तो वहां पर खून बहने लगता है। खून के बहाव को रोकने के लिए हम थोड़ा दबाव देकर उस स्थान पर एक टाइट पट्टी भी बांध देते है। यदि जख्म ज्यादा गहरा नहीं है तो वहां पर खून का थक्का बन जाता है और खून बहना बंद भी हो जाता है।यदि यह खून का थक्का बनने में ज्यादा समय लगे, तो डॉक्टर एपीटीटी टेस्ट कराने को कहते है।
एपीटीटी टेस्ट क्या है?
किसी भी चोट या अन्य किसी कारण से यदि शरीर में खून बह रहा है, तो बहते हुए खून को रोकने में हमारा शरीर खुद ही कोशिश करता है। हमारे शरीर में ऐसी कई रासायनिक क्रियाएं होती हैं जिससे खून बहना बंद हो जाता है। हमारा शरीर खुद ही चोट वाले स्थान पर एक आवश्यक प्रोटीन के मिश्रण को भेजता है, वहां पर खून का थक्का बन जाता है और इसके साथ ही खून बहना बंद हो जाता है। यदि यह खून का थक्का बनने में ज्यादा समय लगे, या फिर थोड़ी सी चोट लगने पर भी जल्दी ही खून बहने लगे तो यह शरीर में हो रही किसी प्रकार की असामान्यता को दर्शाता है। ऐसी स्थिति में एपीटीटी टेस्ट कराया जाता है। एपीटीटी ( APTT) एक ब्लड टेस्ट है जिसके द्वारा खून के थक्के बनने में लगने वाले समय को मापा जाता है।
ज्यादातर एपीटीटी टेस्ट सीबीसी (कंपलीट ब्लड काउंट ) टेस्ट का एक हिस्सा है। यह टेस्ट उम्र, लिंग या दवाओं के उपयोग से प्रभावित होता है।
एपीटीटी टेस्ट क्यों कराया जाता है?
यह जांच हीमोफीलिया या वॉन विलेब्रांड नामक बीमारी से ग्रसित लोगों में खून के थक्के बनने की स्थिति को जानने के लिए की जाती है। यह जांच खून को पतला करने वाली दवाएं जैसे हेपरिन या वारफेरिन के असर का पता लगाने के लिए भी की जाती है। यह दवा व्यक्ति को हार्ट की बीमारी या स्ट्रोक आने पर दी जाती है।
कुछ अन्य कारणों की वजह से भी यह टेस्ट कराया जाता है। जैसे:
- जल्दी खून बहने लगना
- थ्रोम्बो एंबॉलिज्म होना, जिसमें खून के थक्के बन जाने से रक्त वाहिकाओं में रुकावट आ जाती है
- नाक से खून बहना, सूजन या जोड़ों में दर्द होना
- यूरिन में या मल में खून आ जाना
- महिलाओं में मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव होना
- अक्सर ऐसी जगह पर रक्त के थक्के बन जाना, जहां नहीं बनना चाहिए
- लीवर संबंधित रोग होना
इस टेस्ट द्वारा ब्लड सेल्स में हो रहे विकार जिसे ऑटोइम्यून डिजीज कहते हैं, का पता लगाने में मदद मिलती है। इस टेस्ट से दवा की उचित मात्रा जानने में भी मदद मिलती है और अचानक ही खून के थक्के बनने को रोका जा सकता है।
एपीटीटी टेस्ट कराने से पहले:
यह एक सामान्य ब्लड टेस्ट है लेकिन यदि आप किसी भी प्रकार की दवा, विटामिन या सप्लीमेंट लेते हैं तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं। यदि कोई ब्लड थिनर या एस्पिरिन या किसी एंटीहिस्टामाइन दवा का सेवन करते हैं तो इसके विषय में डॉक्टर को बताना आवश्यक है क्योंकि इन दवाओं का प्रभाव टेस्ट की रिपोर्ट पर पड़ता है।
एपीटीटी टेस्ट की प्रक्रिया:
इस टेस्ट को करने के लिए एक ब्लड सैंपल लिया जाता है। जिसका तरीका इस प्रकार हैं:
- शरीर के जिस हिस्से से ब्लड सैंपल लेना होता है उस जगह को अच्छे से साफ किया जाता है, और एक पतले बैंड से उस जगह को बांध दिया जाता है।
- एक पतली सुई को नस के अंदर डालकर खून निकाला जाता और एक ट्यूब में इकट्ठा किया जाता है, जिसे बाद में परीक्षण के लिए लेबोरेटरी में भेजा जाता है।
- अब बैंड को खोलकर, उस जगह को एक छोटी बैंडेज लगाकर सुरक्षित किया जाता है।
एपीटीटी परीक्षण के रिजल्ट :
एक सामान्य एपीटीटी टेस्ट रिजल्ट का समय सीमा 35 सेकंड से कम या उसके बराबर होता है। इस टेस्ट की सामान्य समय सीमा अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकती है। स्वस्थ लोगों में APTT टेस्ट की समय सीमा 35 सेकंड से भी कम हो सकता है। लंबे समय तक चलने वाला एपीटीटी ब्लड टेस्ट शरीर में निम्न स्तर की सूजन होने का संकेत देता है।
1.0 से अधिक का पीटी/एपीटीटी रेंज हृदय रोग और असामान्य हार्ट फंक्शन की और इशारा करता है।
एपीटीटी टेस्ट की नार्मल रेंज : 25 से 35 सेकंड होती है जिसका अर्थ है खून के थक्के बनने या रक्तस्राव से जुड़ी समस्या नहीं है और इंट्रिन्सिक कोएगुलेशन पाथवे सही काम कर रहा है।
एबनार्मल रेंज : एबनार्मल रेंज को सही तरह से जानने के लिए तीन भागों में बांटा गया है।
<30 (30 से कम) :
- तीव्र रक्त स्राव की स्थिति
- कैंसर का फैलाव
- डी आई सी की आरंभ अवस्था
>40(40 सेकंड से अधिक समय) :
जिसका अर्थ है कि व्यक्ति के शरीर में लिवर की बीमारी, डी आई सी, हेपरिन , प्रीकैलीक्रियन कीकांग्रेटेल डेफिशियेंसी, हीमोफीलिया ए और हीमोफीलिया बी, विटामिन के की कमी भी हो सकती है और इन बीमारियों के कई कारण हो सकते है।
>100 (100 सेकंड से अधिक) :
- हेपरिन या वार्फरिन जैसी औषधि की अधिकता
- रक्तस्राव की स्थिति
इन सब बातों से यह निष्कर्ष निकलता है कि यदि आपको अकारण रक्तस्राव है या खून के थक्के जमने का खतरा है और यदि आप खून को पतला करने वाली दवाओं का सेवन करते है, तो आपको डॉक्टर के परामर्श पर एपीटीटी टेस्ट कराने की आवश्यकता हो सकती है। आप अपने डॉक्टर से राय ले सकते हैं ताकि आपको सही उपचार मिले।
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1 Comments
Mohini kushwah
Jun 13, 2024 at 5:24 PM.
Hi sir iam pregnant and my aptt test is a 51.1 please a gaid me result good and bed
MyHealth Team
Jun 14, 2024 at 12:30 PM.
An APTT test result of 51.1 is higher than the normal range (typically 25-35 seconds). This indicates slower blood clotting. Consult your doctor immediately as it could suggest a bleeding disorder, medication effects, or other health conditions. Your doctor will provide the best guidance and necessary treatment.



