ANA Test in Hindi - क्या है और कैसे किया जाता है, पूरी जानकारी

Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma
Written By Komal Daryani
on Jun 22, 2023
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jan 23, 2025

एएनए (ANA) (एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी), जिसका मतलब होता है एंडोजीनस एंटीबॉडी (Endogenous Antibodies) | ये वे एंटीबॉडीज़ होती हैं जो शरीर के अंदर पैदा होती हैं। इन एंटीबॉडीज़ को नेचुरल एंटीबॉडीज़ भी कहा जाता है। ये एंटीबॉडीज़ नेचुरल तरीके से शरीर के अंदर बनती हैं और लगातार बाहरी या अनजान चीजों से बचाने में मदद करती हैं। साथ ही ये एक ऐसे तरीके के ऑटोएन्टीबॉडी हैं जो शरीर के अपने सेल न्यूक्लियस को टारगेट बनाते हैं और हमला करते हैं। आम तौर पर, ये डिफेंस सिस्टम वायरस और बैक्टीरिया जैसे बाहरी चीजों के खिलाफ एंटीबॉडी बनाते हैं।
एएनए टेस्ट क्या है?
एएनए टेस्ट (ANA Test) ऑटोइम्यून (autoimmune) बीमारी की पहचान करने के लिए एक मेडिकल टेस्ट है।
जब किसी इंसान के शरीर में ANA की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो इसका मतलब है कि उसके शरीर में ऑटोइम्यून बीमारी का खतरा है। ऑटोइम्यून बीमारी में इंसान के अपने इम्यून सिस्टम के एंटीबॉडीज उसके खुद के शरीर के सेल्स को अटैक करते हैं। एएनए टेस्ट ऑटोइम्यून बीमारी की पहचान करने के लिए किया जाता है।
एएनए टेस्ट आपके खून में एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी (antinuclear antibodies) की मात्रा को नापता है। साथ ही ये एक ऑटोइम्यून बीमारी (autoimmune disease) की पहचान करने में मदद करता है। ये टेस्ट आपके शरीर के ऑटो एंटीबॉडी (autoantibodies) की मात्रा को जांच करने के लिए किया जाता है जो आपके शरीर के अंदर खुद के कोशिकाओं (cells) और ऊतकों (tissues) पर हमला करते हैं।
ऑटोइम्यून बीमारियों के डायग्नोस के लिए एएनए टेस्ट (ANA Test) क्यों जरूरी है?
एएनए टेस्ट ऑटोइम्यून बीमारी की पहचान करने के लिए जरूरी है क्योंकि ये शरीर में एएनए की मात्रा को नापता है। ऑटोइम्यून बीमारी तब होता है जब इम्यून सिस्टम खुद के शरीर के सेल्स को अटैक करता है। एएनए टेस्ट में एएनए के प्रजेंस का पता लगता है, जो ऑटोइम्यून बीमारी को पहचानने में मदद करता है। इसलिए, एक पॉजिटिव एएनए टेस्ट से डॉक्टर को ऑटोइम्यून बीमारी की पहचान करने में मदद कर सकते हैं।
पॉजिटिव एएनए टेस्ट ऑटोइम्यून बीमारी की स्ट्रांग सिग्नल है। शुरुआती डायग्नोसिस, इफेक्टिव ट्रीटमेंट और डिजीज मैनेजमेंट के लिए जरूरी है। अगर ऑटोइम्यून बीमारी की शुरुआती स्टेज में डायग्नोस किया जाए तो इफेक्टिव ट्रीटमेंट और डिजीज मैनेजमेंट के मौके बढ़ जाते हैं। शुरुआती स्टेज डायग्नोसिस के लिए एएनए टेस्ट जैसे टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है।
एएनए टेस्ट (ANA Test) कैसे किया जाता है?
एएनए टेस्ट का प्रोसीजर ब्लड सैंपल कलेक्शन से शुरू होता है। ब्लड सैंपल कलेक्शन के लिए पेशेंट के खून का सैंपल लिया जाता है। इस सैंपल को लेबोरेटरी में टेस्ट के लिए भेजा जाता है।
एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडीज का पता लगाने के लिए, लेबोरेटरी में कुछ मेथड्स का इस्तेमाल किया जाता है। सबसे आम तरीका, इनडायरेक्ट इम्यूनोफ्लोरेसेंस एसे (IFA) है। इनडायरेक्ट इम्यूनोफ्लोरेसेंस एसे (IFA) एक तकनीक है जो प्रोटीन या एंटीजन की पहचान करने के लिए इस्तेमाल होती है। आईएफए में, पेशेंट के सीरम (serum) में एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडीज को डिटेक्ट करने के लिए फ्लोरोसेंट लेबल एंटीबॉडीज का इस्तेमाल किया जाता है। अगर एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी मौजूद हैं तो, फ्लोरोसेंट लेबल वाले एंटीबॉडी उन्हें डिटेक्ट कर सकते हैं।
एएनए टेस्ट के लिए कोई खास तैयारी की जरूरत नहीं होती है। ब्लड सैंपल कलेक्शन से पहले, पेशेंट को कुछ कुछ बातें बताई जाती है जैसे कि कुछ दवाएं अवॉइड करना, फास्टिंग करना।
ANA टेस्ट रिजल्ट को कैसे इंटरप्रेट किया जा सकता है
पॉजिटिव और नेगेटिव रिज़ल्ट: सबसे पहले, जांचें कि आपका टेस्ट पॉजिटिव या नेगेटिव है। पॉजिटिव रिज़ल्ट का मतलब है कि एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी (ANA) आपके शरीर में मौजूद हैं, जबकि नेगेटिव रिज़ल्ट का मतलब है कि कोई ऐसे एंटीबॉडी नहीं हैं ।
टाइटर (Titer) लेवल: ANA टेस्ट में पॉजिटिव रिज़ल्ट के साथ आमतौर पर एक टाइटर नंबर दी जाती है, जैसे 1:80, 1:160, 1:320। यह नंबर बताते हैं कि आपके शरीर में ANA की मात्रा कितनी है। जैसे कि, एक 1:80 टाइटर नंबर का मतलब है कि ANA की मात्रा कम है, जबकि 1:320 टाइटर नंबर का मतलब है कि ANA की मात्रा अधिक है। यह मात्राएं पेशेंट के शरीर में बदलाव को देखने में मदद करती हैं।
एएनए टेस्ट के रिजल्ट का इंटरप्रिटेशन, टेस्ट के पैटर्न और टाइट्स पर डिपेंड करता है। एएनए टेस्ट पैटर्न में कुछ कॉमन पैटर्न है जैसे कि होमोजीनियस, धब्बेदार, न्यूक्लियर आदि।
होमोजीनियस पैटर्न में, एंटीबॉडीज का डिस्ट्रीब्यूशन यूनिफॉर्म होता है। इस पैटर्न को लुपस (Lupus) जैसे ऑटोइम्यून बीमारी के साथ जोड़ा जाता है। धब्बेदार पैटर्न में, एंटीबॉडी के डिस्ट्रीब्यूशन में इरेगुलेरिटीज दिखती हैं। न्यूक्लियर पैटर्न में, एंटीबॉडीज के डिस्ट्रीब्यूशन में न्यूक्लियोली के इर्द-गिर्द इरेगुलेरिटीज दिखती हैं।
पॉजिटिव ANA टेस्ट, ऑटोइम्यून बीमारी की मौजूदगी को कन्फर्म नहीं करता है, लेकिन ऑटोइम्यून बीमारी होने के लक्षणों को बता सकता है। पॉजिटिव एएनए टेस्ट के साथ, और भी टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है, जैसे कि ऑटोइम्यून रोग के स्पेसिफिक एंटीबॉडीज के लिए टेस्ट।
एएनए टेस्ट के रिजल्ट को प्रभावित करने वाले फैक्टर्स:
- आयु (age): बूढ़े लोगों में एएनए पॉजिटिव ज्यादा नॉर्मल हो सकता है, यहां तक कि बिना किसी कनेक्टेड ऑटोइम्यून (connected autoimmune) बीमारियों के भी। जो लोग एएनए पॉजिटिव होते हैं उन लोगों में बढ़ती उम्र के साथ बदलाव दिखाई दे सकते हैं।
- दवाएं(medicines): कुछ दवाएं गलत पॉजिटिव ANA रिजल्ट दे सकती हैं। एएनए टेस्ट के लिए जाने से पहले हेल्थ केयर प्रोवाइडर को एंटीहाइपरटेन्सिव (antihypertensive) एंटीबायोटिक्स(Antibiotics) और एंटीकॉनवल्सेंट (anticonvulsant) जैसी दवाओं के बारे में बताया जाना चाहिए।
- संक्रमण(Infection): कुछ वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन एएनए लेवल में टेंपरेरी बढ़ावे का कारण बन सकते हैं। जैसे एपस्टीन-बार वायरस (ईबीवी) या हेपेटाइटिस सी जैसे इंफेक्शन एक पॉजिटिव एएनए रिजल्ट को ट्रिगर कर सकते हैं | लेकिन ये ऑटोइम्यून बीमारी का इशारा नहीं देता है।
और भी कई मेडिकल कंडीशन: जैसे कि पुराने इंफेक्शन, लीवर रोग और कुछ कैंसर, पॉजिटिव ANA रिजल्ट से जुड़े हो सकते हैं। ANA टेस्ट के रिजल्ट को समझने के दौरान इन बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
ANA टेस्ट एक जांच है जो शरीर के रक्त में विद्यमान एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी (ANA) के लेवल को मापता है। एएनए टेस्ट का इस्तेमाल अलग-अलग क्लिनिकल बीमारियों की जांच के लिए किया जाता है, जिनमें लुपस(lupus) एक क्लिनिकल बीमारी है जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों को हमला करता है। इस टेस्ट से डॉक्टर क्लिनिकल डिजीज की जांच करते हैं ताकि सही इलाज किया जा सके। इसलिए ANA टेस्ट बहुत ज्यादा जरूरी है। खास करके उन लोगों के लिए जिनको इस परेशानी से जुड़े सिम्टम्स का सामना करना पड़ रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. ANA टेस्ट क्या होता है?
ANA टेस्ट (एंटी-न्यूक्लियर एंटिबॉडी टेस्ट) एक प्रकार की जांच है जो शरीर में मौजूद ऑटोइम्यून विकारों की जांच करती है। यह विभिन्न ऑटोइम्यून विकारों के लक्षणों और संकेतों का पता लगाने में मदद करता है।
2. ANA टेस्ट क्यों किया जाता है?
ANA टेस्ट का उपयोग ऑटोइम्यून विकारों की जांच के लिए किया जाता है। यह विभिन्न रोगों जैसे स्लीपलेस नाइटरिया, स्क्लेरोडर्मा, रेवमेटोइड आर्थराइटिस, लुपस इरिथेमाटोसस, इन्फ्लामेटरी बौहवेर रोग और अन्य ऑटोइम्यून विकारों के लिए सुझाव देता है।
3. ANA टेस्ट कैसे किया जाता है?
ANA टेस्ट के लिए, एक छोटा सा रक्त परीक्षण किया जाता है जिसमें रक्त के नमूने को लैब में भेजा जाता है। यहां परीक्षक शरीर के खिलाफ बने एंटी-न्यूक्लियर एंटिबॉडीज की मौजूदगी की जांच करते हैं।
4. ANA टेस्ट के परिणाम का मतलब क्या होता है?
ANA टेस्ट के परिणाम के आधार पर आपके डॉक्टर आपके लक्षणों, परीक्षणों और अन्य फैक्टर्स के संदर्भ में आपको विश्लेषण और निर्धारण करेंगे। यह परीक्षण एक मात्रात्मक जांच है और किसी विशेष रोग की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन यह आपके डॉक्टर को विश्लेषण में मदद करता है कि क्या आपके शरीर में ऑटोइम्यून विकार हो सकते हैं।
5. ANA टेस्ट में नागेटिव परिणाम का क्या अर्थ होता है?
नागेटिव ANA टेस्ट परिणाम आमतौर पर यह संकेत करता है कि आपके शरीर में कोई ऑटोइम्यून विकार नहीं है हालांकि यह पूरी तरह से ऑटोइम्यून रोगों की अस्तित्व को खारिज नहीं करता है। अगर आपके लक्षण जारी रहते हैं तो आपके डॉक्टर अन्य टेस्ट और जांच की सलाह देंगे।
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3 Comments
Abbas Ali KUPDAWALA
Dec 17, 2024 at 2:49 AM.
Mera blood ana report .41 aayahe. Kya ye figure normal he Good he ya bed he
Myhealth Team
Dec 17, 2024 at 12:42 PM.
A hemoglobin level of 0.41 g/dL is extremely low and indicates severe anemia. This is a serious condition that requires immediate medical attention. It could be caused by various factors such as iron deficiency, blood loss, or other underlying health issues. Please consult a doctor as soon as possible for proper diagnosis and treatment.
Shashi shukla
Sep 19, 2024 at 4:30 AM.
Smd1 +++ 4 52 any test mein yah aaya hai iska kya matlab hota hai iski gambhirta bataen
Myhealth Team
Sep 22, 2024 at 6:44 AM.
SMD1 +++ 4 52 का मतलब है कि आपकी रिपोर्ट में SMD1 (स्रावित म्यूटेशन डिटेक्शन) का स्तर उच्च है, जो संभावित रूप से एक संक्रमण या बीमारी का संकेत दे सकता है। "+++" का मतलब है कि यह स्तर काफी बढ़ा हुआ है। गंभीरता का निर्धारण करने के लिए अन्य लक्षणों और परीक्षण परिणामों को देखना आवश्यक है। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें ताकि वे सही निदान कर सकें और उचित उपचार की योजना बना सकें।
surinder pal singh
Aug 15, 2024 at 6:08 PM.
kya 0.272 ana test ki normal range ha
MyHealth Team
Aug 17, 2024 at 11:40 AM.
A result of 0.272 for a test is generally considered low. However, whether it is normal depends on the specific test and its reference range. It’s important to compare this value with the reference range provided by the lab or consult a healthcare provider for an accurate interpretation and any necessary follow-up.



