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किडनी की बीमारी के 10 संकेत: समय पर पहचानें और सतर्क रहें ​ ​

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किडनी की बीमारी के 10 संकेत: समय पर पहचानें और सतर्क रहें

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Medically Reviewed By
Dr. Geetanjali Gupta

Written By Komal Daryani
on Dec 23, 2024

Last Edit Made By Komal Daryani
on Dec 23, 2024

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किडनी की बीमारी के 10 संकेत: समय पर पहचानें और सतर्क रहें
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किडनी हमारे शरीर का एक ऐसा महत्वपूर्ण अंग है, जिसकी कार्यप्रणाली पर हमारी संपूर्ण स्वास्थ्य व्यवस्था निर्भर करती है। यह न केवल रक्त को शुद्ध करती है, बल्कि हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालकर, रक्तचाप को नियंत्रित करके और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखती है। किडनी हमारे शरीर के लिए वह अदृश्य सुरक्षा कवच है, जो हमें बीमारियों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

हालांकि, जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। समस्या यह है कि किडनी की बीमारियों के लक्षण अक्सर शुरुआत में हल्के होते हैं और लोग उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। किडनी की बीमारियों को समझने और इनके शुरुआती संकेतों की पहचान करना बेहद जरूरी है ताकि समय पर इलाज हो सके। इस लेख में हम किडनी की बीमारी के 10 प्रमुख संकेतों पर विस्तार से चर्चा करेंगे और समझेंगे कि इनसे बचाव कैसे किया जा सकता है।

1. थकावट और कमजोरी महसूस करना

यदि आप बिना किसी कारण के लगातार थकान और कमजोरी महसूस कर रहे हैं, तो यह किडनी की खराबी का प्रारंभिक संकेत हो सकता है। किडनी हमारे रक्त को साफ करती है और हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालती है। जब किडनी यह कार्य सही तरीके से नहीं कर पाती, तो रक्त में विषैले तत्व जमा होने लगते हैं।

कारण

  • किडनी की खराबी के कारण हीमोग्लोबिन का उत्पादन प्रभावित होता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है।
  • यह स्थिति एनीमिया का कारण बनती है, जिससे थकावट और कमजोरी होती है।

क्या करें?

यदि आपको सामान्य काम करते समय भी थकान महसूस हो रही है या आप हर समय ऊर्जा की कमी का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। खून की जांच के साथ-साथ किडनी की जांच करवाना जरूरी है।

2. मूत्र में बदलाव

मूत्र में किसी भी प्रकार का बदलाव किडनी की खराबी का शुरुआती संकेत हो सकता है। चूंकि किडनी का मुख्य कार्य ही पेशाब के जरिए अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना है, इसलिए किडनी की खराबी का प्रभाव सबसे पहले आपके पेशाब पर दिखाई देता है।

लक्षण

  • बार-बार पेशाब आना, खासकर रात के समय।
  • पेशाब का रंग गहरा, झागदार, या उसमें खून के निशान।
  • पेशाब करते समय जलन या दर्द महसूस होना।
  • पेशाब का कम या ज्यादा आना।

क्या करें?

यदि आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या है या पेशाब का रंग असामान्य है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह किडनी संक्रमण (UTI) या किडनी फेलियर का संकेत हो सकता है।

3. शरीर में सूजन

किडनी शरीर से अतिरिक्त पानी और सोडियम को बाहर निकालती है। जब किडनी इस कार्य में असफल रहती है, तो यह अतिरिक्त तरल पदार्थ शरीर के विभिन्न हिस्सों में जमा हो जाता है, जिससे सूजन होती है।

लक्षण

  • पैरों, टखनों और चेहरे पर सूजन।
  • हाथों और अंगुलियों में सूजन, जो दिन के अंत में बढ़ सकती है।

क्या करें?

अगर आपके शरीर के किसी हिस्से में बिना चोट या अन्य कारण के सूजन हो रही है, तो यह किडनी खराबी का संकेत हो सकता है। समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

4. त्वचा पर खुजली और रूखापन

किडनी खराबी का प्रभाव आपकी त्वचा पर भी पड़ सकता है। किडनी जब खून को सही तरीके से साफ नहीं कर पाती, तो शरीर में टॉक्सिन्स का स्तर बढ़ जाता है, जिससे त्वचा में खुजली और रूखापन होता है।

लक्षण

  • त्वचा का अत्यधिक खुजली करना।
  • त्वचा बेजान और रूखी नजर आना।
  • चकत्ते या लाल धब्बे पड़ना।

क्या करें?

त्वचा संबंधी इन समस्याओं को हल्के में न लें। यह किडनी के साथ-साथ शरीर में अन्य गंभीर गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।

5. भूख न लगना और मतली

किडनी की खराबी आपके पाचन तंत्र को भी प्रभावित कर सकती है। जब शरीर में अपशिष्ट पदार्थ जमा होते हैं, तो यह आपके पाचन को धीमा कर देता है और भूख कम लगने लगती है।

लक्षण

  • लगातार भूख न लगना।
  • खाना खाने पर उल्टी जैसा महसूस होना।
  • वजन का तेजी से कम होना।

क्या करें?

यदि आप लगातार भूख में कमी या मतली महसूस कर रहे हैं, तो यह किडनी की बीमारी का संकेत हो सकता है। डॉक्टर से संपर्क करें।

6. सांस लेने में कठिनाई

किडनी की खराबी के कारण शरीर में तरल पदार्थ का जमाव होता है, जो फेफड़ों में भर सकता है और सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है।

लक्षण

  • थोड़ी मेहनत करने पर भी सांस फूलना।
  • लेटने पर सांस लेने में दिक्कत।
  • सीने में भारीपन।

क्या करें?

सांस लेने में कठिनाई हार्ट फेलियर या फेफड़ों की समस्या का भी संकेत हो सकता है। इस लक्षण को हल्के में न लें।

7. रक्तचाप का बढ़ना

किडनी रक्तचाप को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किडनी खराबी के कारण रक्तचाप असामान्य रूप से बढ़ सकता है।

लक्षण

  • लगातार उच्च रक्तचाप।
  • सिरदर्द और चक्कर आना।
  • आंखों के सामने अंधेरा छा जाना।

क्या करें?

अगर उच्च रक्तचाप दवाओं के बावजूद नियंत्रित नहीं हो रहा है, तो किडनी की जांच कराना जरूरी है।

8. एकाग्रता में कमी और मानसिक थकावट

किडनी की खराबी के कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है।

लक्षण

  • ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।
  • मानसिक थकावट और सुस्ती।
  • याददाश्त कमजोर होना।

क्या करें?

यदि आप लंबे समय तक मानसिक थकावट महसूस कर रहे हैं, तो इसे अनदेखा न करें।

9. मांसपेशियों में ऐंठन

किडनी की खराबी के कारण शरीर का इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बिगड़ सकता है, खासकर कैल्शियम और पोटैशियम का।

लक्षण

  • मांसपेशियों में अचानक ऐंठन।
  • लगातार दर्द रहना।

क्या करें?

ऐंठन या दर्द के मामले में शरीर के मिनरल स्तर की जांच कराएं।

10. पीठ और कमर दर्द

किडनी की बीमारी का एक सामान्य लक्षण पीठ और कमर दर्द है, जो अक्सर किडनी स्टोन या संक्रमण के कारण होता है।

लक्षण

  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द।
  • दर्द जो पेट और जांघों तक फैल सकता है।

क्या करें?

लंबे समय तक पीठ दर्द को हल्के में न लें। विशेषज्ञ से संपर्क करें।

किडनी की बीमारी से बचाव के उपाय

  • रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • नमक और चीनी का सेवन सीमित करें।
  • शराब और धूम्रपान से बचें।
  • मधुमेह और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखें।
  • नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।

निष्कर्ष

किडनी हमारे शरीर का एक अनमोल अंग है, जिसका सही तरीके से काम करना हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। किडनी की बीमारी के संकेत अक्सर धीरे-धीरे प्रकट होते हैं और शुरुआत में हल्के लग सकते हैं। लेकिन इन लक्षणों को नजरअंदाज करना गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

यदि आप थकावट, मूत्र में बदलाव, सूजन, या अन्य लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित स्वास्थ्य जांच, स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार के जरिए किडनी की बीमारियों से बचा जा सकता है।

याद रखें, स्वस्थ किडनी का मतलब है स्वस्थ जीवन। समय रहते सतर्क होकर न केवल आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि गंभीर जटिलताओं से भी बच सकते हैं।

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