अगर आपको शरीर मे बुखार, इन्फेक्शन (infection), कमज़ोरी, और थकान महसूस हो रही है तो डॉक्टर आपको सीबीसी टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं |यह टेस्ट खून की मात्रा जांचने, कैंसर और सर्जरी (surgery) से पहले खून की जानकारी के लिए भी किया जाता है | इसके अलावा डॉक्टर कई बीमारियों को जांचने के लिए भी कह सकते हैं |
सीबीसी टेस्ट कराने के कई फायदे है, यह एक सामान्य ब्लड टेस्ट है जो आपके स्वास्थ्य के बारे मे बताता है जैसे की ल्यूकेमिया (leukemia) या एनीमिया (anemia)| सिकल सेल एनीमिया (sickle cell anemia) जैसे बिमारी का पता लगाने के लिए भी डॉक्टर यह टेस्ट कराने के लिए कहते हैं| यह टेस्ट ब्लड डिसऑर्डर ( blood disorder) को मापने के लिए भी कराया जाता है | हीमोग्लोबिन की मात्रा को जांचने के लिए भी यह टेस्ट करवाया जाता है |
Complete Blood Count (CBC) Test
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सीबीसी टेस्ट कराने के क्या लक्षण हैं?
- थकान
- कमजोरी होना
- बुखार
- अचानक वजन घटना
- खून मे आयरन (iron) की कमी होना
- लगातार खून का बहना
- संक्रमण (infection) को जांचने के लिए
- खून मे ल्यूकेमिया (leukemia) का कारण पता लगाने के लिए
- दवा और उपचार के बारे मे पता लगाने के लिए
सीबीसी टेस्ट किन बीमारियों मे करवाना चाहिए
- बोन मेरो (bone marrow) की बीमारिया
- एनीमिया
- कैंसर
- ह्रदय (heart) रोग मे
- हाइपरटेंशन (hypertension)
- संक्रमण
- सूजन (inflammation)
सीबीसी टेस्ट कोशिकाओं (cells) को जांचने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण टेस्ट है, यह कोशिकाएं हैं :
- लाल रक्त कोशिकाएं (Red blood cells)- यह सेल्स हमारे शरीर से ऑक्सीजन (oxygen) ले जाकर शरीर के दूसरी सेल्स को देती है और कार्बन डाइऑक्साइड (carbon dioxide) को हटाती है| यह टेस्ट खून मे लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा के बारे मे बताते हैं|
- सफेद रक्त कोशिकाएं (white blood cells)- यह सेल्स शरीर मे संक्रमण को रोकती हैं | यह सेल्स बिमारी और इन्फेक्शन से लड़ती हैं| सीबीसी ब्लड टेस्ट हमारे शरीर मे सफेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा के बारे मे बताता है|असामान्य मात्रा से सूजन और बीमारियों के बारे मे बताती है, कम मात्रा इन्फेक्शन के संक्रमण के खतरे को बड़ा सकती है|
- प्लेटलेट्स (platelets)- इन सेल्स का कार्य ब्लड क्लॉट (blood clot) और ब्लीडिंग (bleeding) कंट्रोल (control) करने का होता है| चोट लगने पर बहते हुए खून को बंद करने के लिए प्लेटलेट्स की एक प्रमुख भूमिका है |अगर इनकी मात्रा कम या ज़्यादा हो जाती है तो कई तरह की बीमारिया हो सकती हैं और डॉक्टर से तुरंत उपचार कराना चाहिए|
- हीमोग्लोबिन (haemoglobin) – सीबीसी ब्लड टेस्ट आपके खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा का पता लगाता है| शरीर मे इसकी सामन्य मात्रा 14-17 ग्राम प्रति डेसीलिटर (gm/dL) पुरषो मे और 12-15 ग्राम प्रति डेसीलीटर महिलाओ मे होनी चाहिए|
- हेमाटोक्रिट (hematocrit)- इसकी कम मात्रा आयरन (iron) की कमी के बारे मे बताता है और अधिक मात्रा पानी की कमी जांचता है |
- मीन कर्पुसकुलर हीमोग्लोबिन (mean corpuscular haemoglobin)- यह टेस्ट लाल रक्त कोशिकाओं मे हीमोग्लोबिन की मात्रा के बारे मे बताता है|
- मीन कर्पुसकुलर वॉल्यूम (mean corpuscular volume)- इसकी ज़्यादा मात्रा विटामिन ब्१२ (Vitamin B12) की कमी के बारे मे सूचित करता है|
प्रेगनेंसी मे सीबीसी टेस्ट का क्या महत्व है?
सीबीसी टेस्ट गर्भवती महिला मे खून की कमी का पता लगा सकता है। खून की कमी के कारण बच्चे और माँ मे बहुत सारी बीमारियां हो सकती है जो बाद मे बच्चे की ज़िन्दगी पर बुरा प्रभाव डालती हैं| इस अवस्था मे हीमोग्लोबिन ११ ग्राम / डीएल (11 gm/dL) सफेद रक्त कोशिकाएं 4,500 से 10,000 कोशिकाएं प्रति माइक्रोमीटर (cells/mL) और लाल रक्त कोशिकाएं 4.1/5.1 मिलियन सेल / एमसीएल होनी चाहिए|
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https://redcliffelabs.com/myhealth/hindi/how-much-does-cbc-test-cost/
सीबीसी टेस्ट की रीडिंग्स का क्या मतलब देखिये:
सीबीसी टेस्ट से मरीज के स्वास्थ्य का पता लगाया जा सकता है और बीमारियों का इलाज समय पर किया का सकता है :
- अगर रिपोर्ट मे लाल रक्त कोशिका की ज़्यादा मात्रा है तो पॉलीसाइथेमिया (polycythemia) और हृदय रोग हो सकता है, कम मात्रा एनीमिया (anemia) के बारे मे बताता है|
- रिपोर्ट मे कम सफेद रक्त कोशिका की मात्रा ऑटोम्यून्यून (autoimmune) बीमारी और ज़्यादा मात्रा सूजन और संक्रमण बताता है| यह टेस्ट बोन मेरो डिजीज (bone marrow disease) और इम्यून (immune) संबंदित बिमारी के बारे मे जांचता है|
- प्लेटलेट काउंट की कम मात्रा थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (thrombocytopenia) और अधिक मात्रा थ्रोम्बोसाइटोसिस (thrombocytosis) के बारे मे बताता है|
आप अपनी सीबीसी की रिपोर्ट डॉक्टर को दिखायें और वो आपको सही इलाज टाइम पर देकर बहुत सारी बीमारियों से बचा सकते हैं|
सीबीसी टेस्ट कैसे किया जाता है:
इस टेस्ट के लिए खाली पेट रहने की ज़रुरत नहीं है लेकिन फिर भी टेस्ट कराने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर ले| जांच के समय बाजू (arms) के ऊपर बैंड (band) लगाया जाता है और नस से खून निकाला जाता है| खून निकालने से पहले त्वचा को साफ़ किया जाता है और फेलबोटॉमिस्ट (phlebotomist) सुई (syringe) से खून निकालता है| खून को एक शीशी मे रख कर जांचने के लिए लैब मे भेज दिया जाता है | बैंड को निकाल दिया जाता है और बैंडऐड (band aid) लगाकर बंद कर दिया जाता है|सीबीसी टेस्ट हमारे शरीर में बहुत सारी बिमारियों का पता लगा सकता है। यह हमारे खून में रेड ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और वाइट ब्लड सेल्स की जाँच करता है| यह टेस्ट लेकिमिया (leukemia), एनीमिया (anemia), खून मे संक्रमण और कई बीमारियों का पता लगा सकता है| यह बिमारी का स्तर और उपचार की प्रगति के बारे मे भी बताता है| डॉक्टर आपको कीमोथेरेपी (chemotherapy) और दवाइयों के सेवन से शरीर पर होने वाले प्रभाव के बारे मे जानने के लिए भी इस टेस्ट को कराने के लिए कह सकते हैं |