898 898 8787

गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस: इसके प्रकार,और कॉसटिव एजेंट्स क्या हैं? - MyHealth

Hindi

गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस: इसके प्रकार,और कॉसटिव एजेंट्स क्या हैं?

author

Medically Reviewed By
Dr. Ragiinii Sharma

Written By Prekshi Garg
on Jun 30, 2022

Last Edit Made By Prekshi Garg
on Mar 18, 2024

share
Water Borne Diseases What are the Types, and Causative Agends
share

जल पृथ्वी की सतह पर उपलब्ध सबसे जरूरी  रिसोर्सेज में से एक है। पीने, खाना पकाने और नहाने के सभी कार्यों (purposes) के लिए स्वच्छ पानी की आवश्यकता होती है। देश में बढ़ती पापुलेशन के साथ, हर किसी के पास साफ पानी नहीं है। इसलिए, हमारे देश में बहुत से लोग पुअर सैनिटेशन(poor sanitation)और अनहाइजीनिक कंडीशंस (unhygienic conditions)में रहते हैं। ये एडवर्स कंडीशंस( adverse conditions) गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस को जन्म देती हैं। इस  आर्टिकल  में,आइए भारत में गंदे पानी से होने वाले कॉमन प्रचलित डिसीसेस, उनके कॉसटिव  एजेंट, लक्षण और ट्रीटमेंट की स्टडी करें।

गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस का क्या मतलब हैं? (What are water borne diseases?)

बीमारियों का एक समूह है जो दूषित पानी (contaminated water)या भोजन(food) के माध्यम से या हानिकारक वायरस, बैक्टीरिया के संपर्क में आने से फैलता है। गंदे पानी से होने वाली डिसीसेस भारत में होने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है। भारत के योजना आयोग (planning commission)के अनुसार, भारत की 85% पापुलेशन वाटर  इंफ्रास्ट्रक्चर से कवर्ड  है। 5 वर्ष से कम आयु के लगभग 400000 से 500000 बच्चों की मृत्यु के लिए डायरिया को प्रमुख फैक्टर बताया गया है। वायरल हेपेटाइटिस(viral hepatitis) के रिपोर्ट किए गए 100000 लोगों में लगभग 12 मामले हैं।

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO-डब्ल्यूएचओ) और UNICEF की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अनहाइजीनिक लिविंग  कंडीशंस और पानी की खराब क्वालिटी (quality), पानी से होने वाले डिसीसेस के मुख्य कारण हैं। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ हेल्थ इंटेलिजेंस, इंडिया के अनुसार, पिछले एक दशक में एंटेरिक फीवर(enteric fever),हैजा(cholera), वायरल हेपेटाइटिस (viral hepatitis)और डायरिया(diarrhoea) जैसी  बीमारिया गंदे पानी के कारण बनी हुई हैं। स्केलेटल फ्लोरोसिस (skeletal fluorosis) भी भारतीय पापुलेशन  में होने वाली एक कॉमन कंडीशन  है क्योंकि देश भर में 25 मिलियन से अधिक लोग पर्मिसिबल  लिमिट (permissible limit) से अधिक फ्लोराइड लेवल  वाले पानी का सेवन करते हैं।

गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस कितने प्रकार के होते हैं?(What are the types of water borne diseases?)

भारतीय  पापुलेशन में गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस के विभिन्न प्रकार होते हैं। विभिन्न रोगों में कॉसटिव एजेंट, लक्षण और ट्रीटमेंट अलग-अलग होते हैं। भारत में  गंदे पानी से होने वाले सबसे कॉमन डिसीसेस के बारे में विस्तृत जानकारी नीचे सूचीबद्ध है।

1.टाइफाइड (Typhoid)

अध्ययन के अनुसार, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में टाइफाइड बुखार के इन्सिडेन्स (incidence) प्रति 1000 व्यक्तियों में से 2 प्रति वर्ष हैं और 5-10 वर्ष की आयु के बच्चों में प्रति वर्ष प्रति 1000 पापुलेशन में से 5.1 है।

कॉसेटिव एजेंट: बैक्टीरिया साल्मोनेला टाइफी(Bacteria Salmonella typhi)

लक्षण:

  • हाई फीवर(high fever) 
  • मांसपेशियों में दर्द(Muscle pain)
  • कमज़ोरी (weakness)
  • दस्त(Diarrhoea)
  • कब्ज(Constipation)
  • भूख में कमी(Loss of appetite)
  • खाँसी(cough)
  • वजन घटना(Weight loss)
  • त्वचा पर रैशेस (Rashes on skin)
  • पेट में दर्द(Abdominal pain)
  • ठंड लगना(Chills)

ट्रीटमेंट :

  • एंटीबायोटिक दवाएं (Antibiotics)
  • ओरल  फ्लुइड्स (Oral fluids)
  • आई वी(IV)
  • सर्जरी (surgery)

2.हैज़ा(Cholera)

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन(डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में हैजा के मामले लगभग 3 से 5 मिलियन हैं जो प्रति वर्ष लगभग 100000 से 130000 मौतों का कारण बनते हैं।

कॉसटिव एजेंट: बैक्टीरिया विब्रियो कोलेरी(Bacteria Vibrio cholerae)

लक्षण:

  • बार-बार  लूज़ स्टूल पास होना (Frequent stools that are loose)
  • मांसपेशियों में ऐंठन(Muscle cramps)
  • जी मिचलाना(Nausea)
  • बार-बार प्यास लगना(Frequent thirst)
  • उल्टी(Vomiting)
  • पेट में दर्द(Abdominal pain)

ट्रीटमेंट :

  • रिहाइड्रेशन(Rehydration)
  • आई वी फ्लुइड्स(IV fluids)
  • एंटीबायोटिक दवाएं (Antibiotics )
  • जिंक की सप्लीमेंट्स (Zinc supplements)

3.मलेरिया(Malaria)

वर्ल्ड मलेरिया रिपोर्ट 2019 के अनुसार, ग्लोबल मलेरिया बर्डन (global malaria burden)में भारत का योगदान लगभग 3% है।

कॉसटिव एजेंट: मादा एनोफिलीज मच्छर(Female Anopheles mosquito)

लक्षण:                                             

  • हाई फीवर(high fever) 
  • ठंड लगना(Chills)
  • उल्टी(Vomiting)
  • जी मिचलाना(Nausea)
  • लगातार पसीना आना
  • दस्त(Diarrhoea)
  • सिरदर्द(Headache)
  • मांसपेशियों में दर्द(Muscle pain)
  • पेट में दर्द(Abdominal pain)
  • कमज़ोरी (weakness)
  • ब्लडी  स्टूल्स (Bloody stools)
  • कन्वल्शन्स (Convulsions)

ट्रीटमेंट :

ड्रग्स और  मेडिसिन्स (drugs and medicines)

4.जिआर्डियासिस(Giardiasis)

जिआर्डियासिस डायरिया रोग के मुख्य कारणों में से एक है जो भारत में लगभग 0.4% से 70% मामलों में होता है।

कॉसटिव एजेंट: परजीवी जिआर्डिया लैम्ब्लिया(Parasite Giardia lamblia)

लक्षण:

  • जी मिचलाना(Nausea)
  • दस्त(Diarrhoea)
  • उल्टी(Vomiting)
  • पेट में दर्द(Abdominal pain)
  • भूख में कमी(Loss of appetite)
  • असहजता(discomfort)
  • वजन घटना(Weight loss)
  • सिरदर्द(Headache)
  • थकान(Tiredness)

ट्रीटमेंट :

एंटी -पैरासिटिक ड्रग्स (Anti-parasitic drugs)

5.हेपेटाइटिस ए(Hepatitis A)

अध्ययन के अनुसार, भारत में हेपेटाइटिस ए के मामले 15 वर्ष से कम उम्र के लोगों में लगभग 3.4% से 12.3% और 13-20 वर्ष की आयु के लोगों में लगभग 27% से 62% हैं।

कॉसटिव एजेंट: हेपेटाइटिस ए वायरस(Hepatitis A virus)

लक्षण:

  • पीली त्वचा(Yellowish skin)
  • थकान(Tiredness)
  • बुखार(fever)
  • पेट में दर्द(Abdominal pain)
  • बदन दर्द(Body pain)
  • हल्के रंग का स्टूल्स (Light colored stools)
  • कमज़ोरी(weakness)
  • डार्क यूरिन (Dark urine)
  • भूख में कमी(Weight loss)
  • वजन घटना(Weight loss)

ट्रीटमेंट :

  • रिहाइड्रेशन(Rehydration)
  • घर का बना खाना खाने से(Consuming home cooked food)
  • शराब से बचें(Avoid alcohol)

6.शिगेलोसिस(Shigellosis)

शिगेलोसिस एक इंटेस्टिनल इन्फेक्शन (intestinal infection) है जो दुनिया भर में लगभग 140 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है और प्रति वर्ष लगभग 60000 मौतें होती हैं।

कॉसटिव एजेंट: शिगेला बैक्टीरिया  (Shigella bacterIa)

लक्षण:

  • पेट दर्द(Abdominal pain)
  • बुखार(Fever)
  • बार-बार दस्त(Frequent diarrhoea)
  • स्टूल में ब्लड (Blood in stools)
  • उच्च बुखार(High fever)
  • अत्यधिक प्यास(Excessive thirst)
  • `पेट में ऐंठन(Abdominal cramps)
  • जी मिचलाना(Nausea)
  • उल्टी(Vomiting)

ट्रीटमेंट 

  • रिहाइड्रेशन(Rehydration)
  • एंटीबायोटिक दवाएं (Antibiotics)

7.अमोएबीएसिस (Amoebiasis)

 नेशनल हेल्थ पोर्टल ऑफ़ इंडिया के अनुसार, देश भर में अमीबायसिस के मामले देश की पापुलेशन  का लगभग 15% है।

प्रेरक एजेंट: प्रोटोजोआ एंटामोइबा हिस्टोलिटिका(Protozoan Entamoeba histolytica)

लक्षण:

  • लूज़  स्टूल (loose stool)
  • थकान(Tiredness)
  • पेट में ऐंठन(Abdominal cramps)
  • वजन घटना(Weight loss)
  • अत्यधिक पेट फूलना(Excessive flatulence)
  • स्टूल में ब्लड (Blood in stools)

ट्रीटमेंट :

दवाइयाँ(Medicines)

निष्कर्ष  (conclusion)

गंदे पानी से होने वाली बीमारियां  भारत में सबसे अधिक होने वाली बीमारियों में से एक है। स्वच्छता का पालन करना और खुद को और अपने आस-पास की जगह को साफ रखना बहुत जरूरी है ताकि हम ऐसी बीमारियों को फैलने से रोक सकें। अब जब आप भारत में होने वाली प्रमुख बीमारियों और इन बीमारियों से जुड़े लक्षणों को जान गए हैं, तो आप बेहतर ढंग से एनालाइज कर पाएंगे कि आप गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस से प्रभावित हैं या नहीं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)(Frequently Asked Questions (FAQs))

1.मैं अपने आप को गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस  से कैसे बचा सकता हूँ?

आप कुछ सिंपल टिप्स को फॉलो करके गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस को रोक सकते हैं जैसे:

  • अपने पर्यावरण और आसपास को स्वच्छ रखें(Keep your environment and surroundings clean)
  • अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता का अभ्यास करें(Practice good personal hygiene)
  • खाद्य सुरक्षा सावधानी बरतें(Take food safety precautions)
  • स्वच्छ जल का ही सेवन करें(Consume clean water only)

2.गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस कैसे होते हैं?

गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस निम्न के द्वारा होते हैं

  • दूषित पानी पीना(Drinking contaminated water)
  • उचित स्वच्छता की कमी(Lack of proper hygiene and sanitation)
  • जलीय इन्वेर्टेब्रेट ऑर्गैनिस्म (Aquatic invertebrate organism)
  • पानी पर चलने वाले कीटाणु (Insects that propagate on water)

3.गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस  को किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है?

गंदे पानी से होने वाले डिसीसेस की विभिन्न श्रेणियां हैं:

  • गंदे पानी से होने वाले माइक्रोबायोलोजिकल डिसीसेस(Water borne microbiological disease)
  • जल स्वच्छता डिसीसेस(Water hygiene disease)
  • गंदे पानी से होने वाले केमिकल  डिसीसेस (Water borne chemical disease)
  • जल वेक्टर हैबिटैट डिसीसेस(Water vector habitat disease)
  • जल कांटेक्ट डिसीसेस(Water contact disease)
  • जल एरोसोल  डिसीसेस(Water aerosol disease)
  • एक्सक्रेटा डिस्पोजल डिसीसेस(Excreta disposal disease)

Leave a comment

Consult Now

Share MyHealth Blog