मेटाबॉलिज्म कम होने के लक्षण: कारण, पहचान और समाधान (Low Metabolism Symptoms in Hindi)

Medically Reviewed By
Dr. Mayanka Lodha Seth
Written By Ankita Mishra
on Dec 15, 2025
Last Edit Made By Ankita Mishra
on Dec 15, 2025

हमारी पूरी सेहत, वजन प्रबंधन, ऊर्जा स्तर और हार्मोनिक बैलेंस, सब कुछ एक चीज पर आधारित है: मेटाबॉलिज्म (चयापचय)।
मेटाबॉलिज्म वह जटिल प्रक्रिया है जिसके माध्यम से शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है। जब यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है, तो शरीर कई तरह के संकेत देने लगता है जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। बहुत से लोग वजन बढ़ने को ही कम मेटाबॉलिज्म का एकमात्र लक्षण मानते हैं, जबकि इसके संकेत पाचन, हार्मोन, त्वचा, बाल, दिमाग और मूड तक को प्रभावित करते हैं।
यह विस्तृत ब्लॉग आपको कम मेटाबॉलिज्म को पहचानने, इसके लक्षण, कारणों को समझने और इसे प्राकृतिक एवं मेडिकल तरीकों से ठीक करने में मदद करेगा।
मेटाबॉलिज्म क्या है? (What is Metabolism in Hindi)
मेटाबॉलिज्म दो मुख्य प्रक्रियाओं से मिलकर बना है:
- Catabolism (अपचय): भोजन को तोड़कर ऊर्जा में बदलना।
- Anabolism (उपचय): शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत करना और नए ऊतकों (जैसे मांसपेशियां) का निर्माण करना।
जब यह पूरी प्रक्रिया धीमी हो जाती है, तो शरीर कम कैलोरी जलाता है और शरीर के सभी फंक्शन धीमे (Sluggish) होने लगते हैं| यही स्थिति लो मेटाबॉलिज्म (Slow Metabolism) कहलाती है।
मेटाबॉलिज्म कम होने के 12 मुख्य लक्षण (Low Metabolism Symptoms)
ये संकेत आपके शरीर में धीमी गति से चल रहे मेटाबॉलिज्म की ओर इशारा करते हैं, जिनमें से कई सीधे थायरॉइड हार्मोन की कमी (Hypothyroidism) से जुड़े होते हैं:
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क्र.सं. |
लक्षण (Symptom) |
वैज्ञानिक कारण (Scientific Reason) |
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1. |
वजन जल्दी बढ़ना या वजन कम न होना |
धीमे मेटाबॉलिज्म में शरीर की बेसल मेटाबॉलिक रेट (BMR) कम हो जाती है, जिससे कैलोरी सही से खर्च नहीं होती और फैट जमा होने लगता है। |
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2. |
हर समय थकान रहना (Chronic Fatigue) |
ऊर्जा उत्पादन धीमा होने के कारण पूरे दिन सुस्ती और कमजोरी बनी रहती है। सुबह उठने के बाद भी तरोताज़ा महसूस नहीं होता। |
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3. |
ज़्यादा ठंड लगना (Cold Intolerance) |
मेटाबॉलिज्म शरीर के हीट प्रोडक्शन (Thermogenesis) को नियंत्रित करता है। धीमे मेटाबॉलिज्म में शरीर कम गर्मी पैदा करता है। |
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4. |
बालों का झड़ना और नाखून कमजोर होना |
पोषक तत्वों के सर्कुलेशन और थायरॉइड हार्मोन की कमी से बाल पतले होकर तेजी से झड़ने लगते हैं। नाखून भी भंगुर (Brittle) और टूटने लगते हैं। |
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5. |
कब्ज और पाचन समस्याएँ |
आंतों की गति (Gut Motility) धीमी हो जाती है, जिससे लगातार कब्ज, गैस, बदहजमी और पेट फूलना (Bloating) बना रहता है। |
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6. |
त्वचा का रूखी होना और ग्लो कम होना |
रक्त परिसंचरण (Blood Circulation) और पोषण की कमी से त्वचा ड्राई, फीकी (Dull) और पपड़ीदार हो जाती है। |
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7. |
भूख का पैटर्न असामान्य होना |
हॉर्मोन जैसे लेप्टिन (Leptin) और घ्रेलिन (Ghrelin) असंतुलित हो जाते हैं, जिससे या तो भूख बिलकुल नहीं लगती या अचानक बहुत ज्यादा भूख लगने लगती है। |
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8. |
मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन |
हॉर्मोनल इंबैलेंस और ऊर्जा की कमी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, जिससे मूड बार-बार बदलता है और हल्का अवसाद (Depression) या बेचैनी महसूस हो सकती है। |
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9. |
पीरियड्स अनियमित होना (महिलाओं में) |
धीमी गति से हार्मोन (Oestrogen/Progesterone) बनने के कारण पीरियड्स देरी से आते हैं, फ्लो कम या ज्यादा हो सकता है, या वे मिस हो सकते हैं। यह Hypothyroidism का एक प्रमुख संकेत है। |
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10. |
दिल की धड़कन धीमी होना (Low Heart Rate) |
मेटाबॉलिज्म कम होने पर हृदय की रफ्तार (Pulse Rate) भी धीमी हो जाती है। यह एक गंभीर संकेत हो सकता है। |
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11. |
दिमाग भारी लगना / फोकस न होना |
दिमाग को पर्याप्त ग्लूकोज (Glucose) और ऊर्जा नहीं मिलने से ध्यान कम लगता है, दिमाग धुंधला (Brain Fog) लगता है और चीजें भूलने की समस्या होती है। |
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12. |
शरीर में सूजन (Water Retention/Puffiness) |
धीमा मेटाबॉलिज्म शरीर में पानी और अपशिष्ट पदार्थों को रोकने लगता है, जिससे आँखों के नीचे, पैरों या चेहरे पर सूजन (Puffiness) दिखाई देती है। |
मेटाबॉलिज्म कम होने के मुख्य वैज्ञानिक कारण (Causes of Slow Metabolism)
आपका मेटाबॉलिज्म कई कारणों से धीमा हो सकता है, जिनमें जीवनशैली और मेडिकल फैक्टर शामिल हैं।
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हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)
यदि आपकी थायरॉइड ग्रंथि पर्याप्त T3 और T4 हार्मोन नहीं बनाती, तो आपके शरीर की बेसल मेटाबॉलिक रेट कम हो सकती है। इससे आपका मेटाबॉलिज्म सुस्त हो सकता है। -
कम कैलोरी वाला आहार (Starvation Mode)
यदि आप बहुत कम कैलोरी का सेवन कर रहे हैं, तो आपका शरीर ऊर्जा बचाने के लिए “स्टार्वेशन मोड” में चला जाता है। इस स्थिति में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। -
नींद की कमी (Lack of Sleep)
यदि आप पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं, तो कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ सकता है और भूख से जुड़े हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं। इसका असर आपके मेटाबॉलिज्म पर तुरंत दिखाई दे सकता है। -
उम्र बढ़ना (Aging)
40 साल की उम्र के बाद आपके मांसपेशियों का द्रव्यमान धीरे-धीरे कम होने लगता है। चूंकि मांसपेशियाँ कैलोरी जलाने में मदद करती हैं, उनके घटने से आपका मेटाबॉलिक रेट भी स्वाभाविक रूप से घटता है। -
तनाव और कोर्टिसोल (Stress & Cortisol)
लगातार तनाव में रहने से आपके शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है। इससे फैट जमा होता है और मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। -
प्रोटीन की कमी (Low Protein Intake)
यदि आप अपने आहार में पर्याप्त प्रोटीन नहीं ले रहे हैं, तो आपका शरीर कम ऊर्जा खर्च करता है। प्रोटीन पचाने में अधिक कैलोरी बर्न होती है, इसलिए इसकी कमी मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकती है। -
शारीरिक गतिविधि की कमी (Sedentary Lifestyle)
यदि आप ज्यादा समय बैठे रहते हैं और सक्रिय नहीं हैं, तो मांसपेशियों का द्रव्यमान कम हो सकता है। मसल्स आपके मेटाबॉलिज्म को तेज रखने में मदद करती हैं।
मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए आप क्या कर सकते हैं
- हाई प्रोटीन डाइट अपनाएँ: अपने हर भोजन में अंडे, दाल, टोफू या चिकन जैसे प्रोटीन शामिल करें। यह आपके शरीर को अधिक कैलोरी खर्च करने में मदद करेगा।
- स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें: सिर्फ कार्डियो ही नहीं, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से भी मेटाबॉलिज्म तेज होता है। मसल्स बनाने से आपका शरीर आराम करते हुए भी ज्यादा कैलोरी बर्न करता है।
- पर्याप्त नींद लें: रोजाना 7–8 घंटे की नींद लेने की आदत डालें। इससे आपके हार्मोन संतुलित रहते हैं और मेटाबॉलिज्म सही रहता है।
- पर्याप्त पानी पिएँ: यदि आप पर्याप्त पानी नहीं पीते, तो आपका मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करें और पूरे दिन हाइड्रेटेड रहें।
- ग्रीन टी और काली कॉफी का सेवन करें: ग्रीन टी के कैटेचिन और कॉफी का कैफीन आपके कैलोरी बर्न को बढ़ा सकते हैं और मेटाबॉलिज्म को अस्थायी रूप से सक्रिय कर सकते हैं।
- छोटे और नियमित मील्स लें: दिन में छोटे, संतुलित भोजन लेने से आपका शरीर स्टार्वेशन मोड में नहीं जाता और मेटाबॉलिक एक्टिविटी बनी रहती है।
- तनाव कम करने की आदत डालें: योग, मेडिटेशन, गहरी साँसें और हल्की वॉक जैसी गतिविधियाँ कोर्टिसोल स्तर को नियंत्रित रखती हैं और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाती हैं।
कब डॉक्टर से संपर्क करें
यदि आप लगातार वजन बढ़ना, अत्यधिक थकान, ठंड बर्दाश्त न कर पाना, बाल झड़ना या पीरियड्स का अनियमित होना महसूस कर रहे हैं और जीवनशैली सुधार के बावजूद कोई बदलाव नहीं आया है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।सही समय पर जाँच और उचित इलाज से आप अपने हार्मोन संतुलन को सुधार सकते हैं और लंबी अवधि की जटिलताओं से बच सकते हैं।
आवश्यक जाँच:
- थायरॉइड फंक्शन टेस्ट (TSH, T3, T4)
- विटामिन B12 की कमी की जाँच
- अन्य जरूरी टेस्ट जैसे ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप
समय पर जाँच और सही इलाज से हार्मोन संतुलन बेहतर किया जा सकता है और लंबे समय की जटिलताओं से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
कम मेटाबॉलिज्म केवल वजन बढ़ने की समस्या नहीं है; यह पूरे शरीर को प्रभावित करता है, त्वचा, पाचन, हार्मोन, बाल, मूड और ऊर्जा पर भी असर डालता है। इसका सबसे आम कारण अक्सर हाइपोथायरायडिज्म होता है। अच्छी नींद, प्रोटीन युक्त आहार, नियमित स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और समय पर हॉर्मोनल जाँच से इसे आसानी से सुधारा जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- मेटाबॉलिज्म कम होने पर कौन सा टेस्ट होता है?
मेटाबॉलिज्म कम होने की स्थिति में सबसे पहले थायरॉइड फंक्शन टेस्ट (TSH, T3, T4) कराया जाता है| यदि मेटाबॉलिक सिंड्रोम का संदेह हो, तो ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल प्रोफाइल और रक्तचाप की जाँच भी की जाती है। - क्या नींबू पानी मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है?
नींबू पानी शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और पाचन में मदद करके मेटाबॉलिज्म को हल्का बढ़ावा देता है। - क्या एक्सरसाइज से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है?
हाँ, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और HIIT जैसी कसरतें मेटाबॉलिज्म को तेज करती हैं और कैलोरी बर्न बढ़ाती हैं। - क्या पर्याप्त नींद मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है?
हाँ, अच्छी नींद हार्मोन संतुलन बनाए रखती है और मेटाबॉलिज्म को सक्रिय रखती है। - क्या प्रोटीन लेने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है?
हाँ, प्रोटीन का थर्मिक इफ़ेक्ट अधिक होता है, इसलिए इसे पचाने में शरीर ज्यादा कैलोरी खर्च करता है। - क्या ठंडा पानी पीने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है?
ठंडा पानी पीने से शरीर को पानी को गर्म करने के लिए कैलोरी खर्च करनी पड़ती है, जिससे थोड़ी मात्रा में मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। - क्या स्ट्रेस मेटाबॉलिज्म धीमा करता है?
हाँ, उच्च तनाव और कोर्टिसोल लेवल मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकते हैं और फैट जमा होने को बढ़ावा देते हैं। - क्या उम्र बढ़ने से मेटाबॉलिज्म धीमा होता है?
हाँ, उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों का द्रव्यमान कम होता है, जिससे BMR स्वाभाविक रूप से घटता है। - क्या ग्रीन टी मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है?
हाँ, ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन अस्थायी रूप से कैलोरी बर्न बढ़ाकर मेटाबॉलिक रेट को तेज कर सकते हैं। - क्या छोटे और नियमित मील्स लेने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है?
हाँ, छोटे और संतुलित भोजन मेटाबॉलिक एक्टिविटी बनाए रखते हैं और शरीर को स्टार्वेशन मोड में जाने से रोकते हैं।


