Hepatitis B in Hindi: लक्षण, कारण, उपचार और रोकथाम
Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra
Written By Komal Daryani
on Jun 4, 2024
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jun 4, 2024
हेपेटाइटिस बी क्या है?
हेपेटाइटिस बी एक गंभीर लिवर इन्फेक्शन है जो हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) के कारण होता है। ये वायरस खून, वीर्य (semen), योनि स्राव (vaginal discharge) और थूक के जरिये फैलता है। इन्फेक्टेड पर्सन के शरीर के संपर्क में आने से या माँ से बच्चे में ये बीमारी हो सकती है। इसके लक्षण में पीलिया , थकान , मतली , पेट दर्द शामिल हैं लेकिन कई बार शुरुआत में लक्षण नहीं भी दिखते।
इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है सुरक्षित यौन संबंध बनाना (practice safe sex) , खून व शरीर द्रव के संपर्क से बचना और टीकाकरण कराना। समय रहते इलाज न कराने पर ये लिवर की गंभीर बीमारी, लिवर सिरोसिस (cirrhosis) और लिवर कैंसर का कारण बन सकता है। इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
हेपेटाइटिस बी से लड़ना क्यों जरूरी है?
हेपेटाइटिस बी एक गंभीर बीमारी है और इससे लड़ना बहुत जरूरी है, क्योंकि ये
- लिवर को नुकसान : हेपेटाइटिस बी वायरस लिवर में सूजन और क्षति (inflammation) का कारण बनता है। लिवर शरीर का एक जरूरी ऑर्गन है जो विषैले पदार्थों (toxic substances) को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। लिवर को नुकसान होने से शरीर कई गंभीर समस्याओं का सामना कर सकता है।
- लंबी अवधि के दुष्प्रभाव : कई बार हेपेटाइटिस बी लम्बे समय तक हो जाता है। ऐसे में लिवर सिरोसिस (hardening of the liver) और लिवर कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है, जो जानलेवा हो सकता है।
- आसान संचरण : हेपेटाइटिस बी शरीर के द्रवों जैसे खून, वीर्य (semen), योनिस्राव (vaginal discharge) आदि के जरिये बहुत आसानी से एक इंसान से दूसरे में फैल सकता है। माँ से बच्चे में भी ये इंफेक्शन हो सकता है।
- बचाव संभव : हेपेटाइटिस बी से बचाव मुमकिन है - टीकाकरण (vaccination), सुरक्षित यौन (safe sex) संबंध और खून/शरीर द्रव के संपर्क से बचकर (avoiding contact with blood/body fluids) । क्योंकि एक बार इन्फेक्टेड होने पर इलाज मुश्किल हो जाता है।
इन कारणों से हेपेटाइटिस बी से लड़ना और इसकी बचाव करना बहुत जरूरी है। समय रहते इलाज और टीकाकरण से इससे बचा जा सकता है।
हेपेटाइटिस बी टेस्ट कैसे किया जाता है?
हेपेटाइटिस बी का टेस्ट खून के नमूने यानी की ब्लड सैंपल से किया जाता है। इसके लिए ये सब जांच किए जाते हैं:
- हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीजन (HBsAg) जांच (Hepatitis B Surface Antigen (HBsAg) Test) : ये टेस्ट हेपेटाइटिस बी वायरस की पहचान करता है। अगर HBsAg पॉजिटिव आता है, तो ये संकेत देता है कि इंसान में हेपेटाइटिस बी है।
- हेपेटाइटिस बी ई एंटीजन (HBeAg) जांच (Hepatitis B Antigen (HBeAg) Test): ये टेस्ट वायरस की एक्टिविटी का पता लगाने में मदद करता है। HBeAg की उपस्थिति संकेत देती है कि वायरस अत्यधिक सक्रिय (highly active) है और इन्फेक्टेड है।
- हेपेटाइटिस बी कोर एंटीबॉडी (HBcAb) जांच (Hepatitis B Core Antibody (HBcAb) Test) : ये टेस्ट पता लगाता है कि इंसान पहले कभी हेपेटाइटिस बी से गुजरा है या नहीं।
- हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीबॉडी (HBsAb) जांच (Hepatitis B surface antibody (HBsAb) test) : ये टेस्ट बताता है कि क्या इंसान हेपेटाइटिस बी वैक्सीन से प्रतिरक्षित (immune) है या नहीं।
- हेपेटाइटिस बी वायरल लोड जांच (Hepatitis B Viral Load Test) : ये वायरस की मात्रा का पता लगाने में मदद करता है और बताता है कि लिवर किस हद तक इफेक्टिव है।
आमतौर पर, डॉक्टर हेपेटाइटिस बी का पता लगने के लिए एक से अधिक जांचे करते हैं। खून के नमूने के अलावा, डॉक्टर लिवर फंक्शन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड (ultrasound) या बायोप्सी (biopsy) भी कर सकते हैं।
हेपेटाइटिस बी टेस्ट के रिजल्ट्स
हेपेटाइटिस बी टेस्ट के रिजल्ट्स की व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है:
HBsAg (हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीजन) पॉजिटिव:
- ये बताता है कि इंसान में हेपेटाइटिस बी वायरस है।
- अगर HBeAg भी पॉजिटिव है तो ये संकेत है कि वायरस ज्यादा एक्टिव है।
HBsAg नेगेटिव, HBcAb पॉजिटिव:
- इसका मतलब है कि इंसान पहले हेपेटाइटिस बी से इन्फेक्ट था, लेकिन अब इंफेक्शन ठीक हो गया है।
- HBsAb पॉजिटिव होना दर्शाता है कि इंसान अब इंफेक्शन से सुरक्षित है।
HBsAg नेगेटिव, HBcAb और HBsAb दोनों नेगेटिव:
- इसका मतलब है कि इंसान कभी हेपेटाइटिस बी से इन्फेक्ट नहीं हुआ और न ही टीका लगवाया है।
- ऐसे लोग हेपेटाइटिस बी के लिए सेंसिटिविटी होते हैं।
वायरल लोड उच्च (Viral Load High) :
- हाई वायरल लोड संकेत देता है कि वायरस अधिक एक्टिव है और लिवर को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।
लिवर फंक्शन टेस्ट असामान्य :
- यदि लिवर एंजाइम लेवल हाई है, तो ये लिवर क्षति (liver damage) का संकेत देता है।
डॉक्टर इन रिजल्ट्स के आधार पर इलाज और देखभाल की योजना करते हैं। जल्दी इलाज हेपेटाइटिस बी से होने वाले गंभीर परिणामों से बचाव में मदद कर सकता है।
हेपेटाइटिस बी के लक्षण
हेपेटाइटिस बी के लक्षण कुछ इस तरह :-
- पीलिया (Jaundice) (त्वचा और आँखों का पीला पड़ना): ये हेपेटाइटिस बी का सबसे आम लक्षण है। जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, तो बिलिरुबिन (bilirubin) का लेवल खून में बढ़ जाता है, जिससे त्वचा और आँखों का रंग पीला पड़ जाता है।
- थकान और कमजोरी : कई लोगों को गंभीर थकान और कमजोरी का अनुभव होता है, जिससे दिनभर के काम को करना मुश्किल हो जाता है।
- उल्टी और मतली (Vomiting and Nausea): कुछ लोगों को हेपेटाइटिस बी इन्फेक्शन्स के दौरान उल्टी और मतली (nausea) की परेशानी हो सकती है।
- पेट में दर्द (Stomach pain): लिवर सूजन के कारण पेट में दर्द और असुविधा हो सकती है।
- भूख न लगना (Loss of appetite): कई मरीजों को पेट न भरने जैसा अनुभव होता है।
- यूरिन का गहरा रंग : जब लिवर ठीक से काम नहीं करता है, तो यूरिन का रंग गहरा लाल या पीला हो जाता है।
- दस्त (Diarrhea): कुछ लोगों को दस्त की शिकायत हो सकती है।
हालांकि, बहुत से लोगों में हेपेटाइटिस बी के स्टार्टिंग लेवल में कोई लक्षण नहीं होते हैं। यही कारण है कि नियमित जांच जरूरी है। समय रहते इलाज लक्षणों को कम करने और गंभीर जटिलताओं से बचने में मदद कर सकता है।
हेपेटाइटिस बी, वायरस (HBV) के कारण होने वाला एक गंभीर लिवर इन्फेक्शन है। ये इन्फेक्टेड खून, वीर्य (semen), योनि द्रव (vaginal fluids) और लार (saliva) के माध्यम से फैलता है। इसके लक्षणों में पीलिया, थकान, मतली और पेट दर्द शामिल हैं। गंभीर जटिलताओं से बचने के लिए जल्दी इलाज जरूरी हैं। हेपेटाइटिस बी से लड़ना जरूरी है क्योंकि ये लिवर को नुकसान पहुंचाता है, दीर्घकालिक यानी की लंबे समय का जोखिम रहता है, ये आसानी से फैलता है और इससे बचाव मुमकिन है।
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1 Comments
Ramraksha Pal
Oct 21, 2024 at 7:07 AM.
Mujhe hepatitis b chek ke bad pojetive aaya hai hme kya karna chahiye
Myhealth Team
Oct 21, 2024 at 1:08 PM.
Agar aapka Hepatitis B positive aaya hai, toh yeh zaroori hai ki aap jaldi se jaldi ek liver specialist ya hepatologist se consult karein. Hepatitis B ek viral infection hai jo liver ko affect karta hai, lekin isko control aur manage karne ke liye ilaj aur lifestyle changes kaafi madadgar ho sakte hain. Doctor aapka liver function test (LFT) karega aur aapko ilaj ke liye theek raasta bataega, jaise antiviral medications agar zaroorat ho.
Aapko alcohol aur fatty foods se bachna chahiye, aur apne immunity ko majboot rakhne ke liye healthy diet lena zaroori hai.