पीलिया में परहेज: क्या खाएं और क्या न खाएं

Medically Reviewed By
Prof. Ashok Rattan
Written By Komal Daryani
on May 1, 2025
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 8, 2025

पीलिया एक आम बीमारी है, जिसमें त्वचा, आंखों का सफेद हिस्सा और म्यूकस झिल्ली पीली हो जाती है। यह लक्षण बिलीरुबिन नामक पदार्थ के शरीर में बढ़ने की वजह से होते हैं। बिलीरुबिन एक अपशिष्ट पदार्थ है जो लिवर के ठीक से काम न करने पर जमा हो जाता है।
अच्छी बात यह है कि दवाओं के अलावा सही खान-पान से भी पीलिया में सुधार लाया जा सकता है। लिवर की सेहत इस बात पर निर्भर करती है कि आप क्या खाते हैं। पीलिया के दौरान हल्का और पौष्टिक आहार लेना जरूरी है, जिससे पेट पर ज़्यादा दबाव न पड़े और लिवर को आराम मिले।
इस लेख में हम बताएंगे कि पीलिया में क्या खाना चाहिए और किन चीज़ों से बचना चाहिए, ताकि आप तेजी से ठीक हो सकें।
पीलिया के लक्षण क्या होते हैं?
पीलिया तब होता है जब शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है। इसके कारण त्वचा, आंखों का सफेद भाग और म्यूकस मेम्ब्रेन पीले दिखाई देने लगते हैं। यह लिवर की खराब कार्यक्षमता का संकेत हो सकता है।
इसके अन्य आम लक्षण हैं:
- गहरा पीला पेशाब
- मल का रंग हल्का या सफेद होना
- पेट में दर्द या सूजन
- जोड़ों में दर्द
- लगातार थकान महसूस होना
- हल्का बुखार
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह लिवर की गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पीलिया से जल्दी ठीक होने में सही आहार क्यों जरूरी है?
पीलिया से उबरने और उसकी रोकथाम में संतुलित और सही आहार की भूमिका बेहद अहम होती है। लीवर हमारे शरीर का वह हिस्सा है जो पित्त (Bile) बनाकर वसा के पाचन में मदद करता है। इसके साथ ही, लीवर शरीर में पोषक तत्वों, विषैले तत्वों और दवाओं को फिल्टर करने और प्रोसेस करने का भी काम करता है। जब लीवर कमजोर या संक्रमित होता है, तो इस पर काम का दबाव बढ़ जाता है।
अगर हम ऐसा भोजन करते हैं जिसे पचाना भारी होता है – जैसे ज्यादा तैलीय चीजें, रिफाइंड शुगर, नमक या प्रोसेस्ड फूड – तो लीवर को और ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे उसकी स्थिति और बिगड़ सकती है। इसके अलावा, शराब और कुछ दवाइयां लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे पीलिया की परेशानी बढ़ सकती है।
इसलिए, पीलिया के दौरान ऐसा आहार लेना जरूरी होता है जो लीवर को आराम दे, पाचन को आसान बनाए और शरीर से टॉक्सिन्स (विषैले तत्वों) को बाहर निकालने में मदद करे। हल्का, पोषक तत्वों से भरपूर और आसानी से पचने वाला भोजन यकृत (लीवर) की रक्षा करता है और जल्दी रिकवरी में सहायक होता है। यही वजह है कि डॉक्टर पीलिया के मरीजों को खास डाइट फॉलो करने की सलाह देते हैं, ताकि लीवर पर अतिरिक्त दबाव न पड़े और वह जल्दी स्वस्थ हो सके।
पीलिया डाइट चार्ट: किन चीजों को आहार में शामिल करें और किनसे बचें
कैटेगरी | शामिल करने योग्य आहार सामग्री | किन आहार सामग्री से बचें |
फल | पपीता, सेब, अनार, केला, संतरा, तरबूज | कच्चे फल, अत्यधिक खट्टे फल (यदि एसिडिटी पैदा कर रहे हों) |
सब्ज़ियाँ | गाजर, चुकंदर, पालक, लौकी, टमाटर, कद्दू | गैस बनाने वाली सब्जियाँ (फूलगोभी, पत्तागोभी, मूली) |
साबुत अनाज | ओट्स, ब्राउन राइस, साबुत गेहूं, जौ, क्विनोआ | रिफाइंड आटे से बने आइटम्स (जैसे सफेद ब्रेड और पेस्ट्री) |
प्रोटीन | मूंग दाल, टोफू, पनीर , उबले अंडे का सफेद भाग | लाल मांस, तली हुई दालें, मसालेदार और भारी प्रोटीन |
डेरी | कम वसा वाला दूध, छाछ, दही | फुल-फैट डेयरी प्रोडक्ट, पनीर और क्रीम |
वसा और तेल | जैतून का तेल, नारियल का तेल(कंट्रोल में) | गहरे तले हुए चीजें, ज्यादा मक्खन, घी |
पेय | नारियल पानी, हर्बल चाय, नींबू पानी | शराब, शर्करायुक्त पेय, कैफीनयुक्त पेय |
मसाले और मसाला | हल्दी, जीरा, धनिया | अधिक नमक, मसालेदार और तैलीय ग्रेवी |
मिठाई | गुड़ आधारित मिठाइयाँ (कंट्रोल में), शहद | रिफाइंड शुगर, मिठाईयाँ और चॉकलेट्स |
क्या गर्भावस्था के दौरान पीलिया खतरनाक हो सकता है?
गर्भावस्था के समय पीलिया होना एक सामान्य स्थिति मानी जाती है, और अधिकतर मामलों में यह हल्का होता है जिसे सही इलाज और देखभाल से कंट्रोल किया जा सकता है।
दुर्भाग्यवश, प्रेग्नेंसी के दौरान पीलिया को पूरी तरह रोकने का कोई पक्का तरीका नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां अपनाकर इसके खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं को अपनी दिनचर्या में स्वच्छता और स्वस्थ जीवनशैली को शामिल करना चाहिए।
- साफ-सफाई का रखें ध्यान: हमेशा खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोएं। बाहर के खुले और अस्वच्छ भोजन से बचें, खासकर सड़क किनारे मिलने वाले खाने से दूरी बनाएं।
- भारी और तली-भुनी चीजों से परहेज करें: ऑयली और डीप फ्राई फूड्स लीवर पर दबाव डालते हैं और बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहना बेहतर है।
- जरूरी टीकाकरण करवाएं: हेपेटाइटिस-बी जैसे संक्रमणों से बचाव के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सभी वैक्सीन्स समय पर लगवाएं।
- साफ पानी और हाइजीनिक फूड लें: हमेशा उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी पीएं और ताजा, घर का बना खाना ही खाएं।
पीलिया होने पर गर्भवती महिलाएं किन चीजों से करें परहेज?
पीलिया की स्थिति में डॉक्टर अक्सर मरीजों को तेज मसालेदार भोजन से दूर रहने की सलाह देते हैं। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए यह और भी जरूरी हो जाता है क्योंकि अधिक मसाले स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं। इसके अलावा, जंक फूड का सेवन भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में मसाले और तेल होते हैं, जो लीवर के लिए हानिकारक साबित होते हैं।
गर्भवती महिलाओं को चाय और कॉफी जैसे कैफीन युक्त पेय पदार्थों से भी परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं और लीवर पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।
पीलिया के दौरान अचार का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें अधिक नमक और तेल होता है। इसी तरह, ज्यादा नमक वाली चीजों से भी दूरी बनानी चाहिए ताकि लीवर पर负 भार न पड़े।
इसके अलावा, मीट, चिकन और अंडे जैसे भारी और वसायुक्त खाद्य पदार्थों से भी बचना जरूरी है क्योंकि इन्हें पचाना लीवर के लिए मुश्किल होता है और यह स्थिति को और खराब कर सकते हैं।
निष्कर्ष
पीलिया के दौरान सही खानपान जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है गलत चीजों से परहेज करना। ऐसा आहार चुनें जो लीवर को राहत दे और उसकी सफाई और सुधार की प्रक्रिया में मदद करे। याद रखें, थोड़ी सी सावधानी आपके स्वास्थ्य को तेजी से सुधारने में अहम भूमिका निभा सकती है।