थायराइड में कहां-कहां दर्द होता है? जानें लक्षण और कारण
Medically Reviewed By
Dr. Geetanjali Gupta
Written By Komal Daryani
on Mar 19, 2025
Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 19, 2025

क्या आपको पता है कि थायराइड हमारे शरीर में कितनी अहम भूमिका निभाता है?
थायराइड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है, जो गले के सामने वाले हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि हमारे शरीर में थायराइड हार्मोन के निर्माण में मदद करती है। यह हार्मोन हमारे लिए भोजन जितना ही जरूरी होता है, क्योंकि इसकी थोड़ी सी भी असंतुलनता शरीर की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में 13 से 15% लोग थायराइड की समस्या से ग्रस्त पाए गए हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसे गंभीरता से न लिया जाए। जब थायराइड असंतुलित होता है, तो शरीर के कई हिस्सों में दर्द होना शुरू हो जाता है।
इस ब्लॉग के माध्यम से हम जानने की कोशिश करेंगे कि थायराइड के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं, थायराइड में कौन-कौन से हिस्सों में दर्द होता है, और कुछ घरेलू उपचार जिनसे इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। इन सभी सवालों के जवाब हम इस ब्लॉग के माध्यम से देने का प्रयास करेंगे।
थायराइड के शुरुआती लक्षण ( Early Symptoms of Thyroid )
थायराइड ग्रंथि से जुड़ी समस्या के कुछ प्रमुख शुरुआती संकेत होते हैं:
थकान और कमजोरी ( Fatigue and Weakness )
अगर बिना किसी भारी काम के भी आपको हर समय थकान महसूस होती है, तो यह थायराइड का संकेत हो सकता है। हाइपोथायरायडिज्म में खासतौर पर सुस्ती और आलस्य बढ़ जाता है।
वजन में बदलाव ( Weight Changes )
थायराइड हार्मोन मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है। हाइपोथायरायडिज्म में वजन बढ़ने लगता है, जबकि हाइपरथायरायडिज्म में बिना किसी कारण के वजन कम हो सकता है।
बालों का झड़ना और त्वचा में बदलाव ( hair loss and skin changes )
थायराइड असंतुलन के कारण बाल ज्यादा झड़ने लगते हैं और त्वचा रूखी व बेजान हो जाती है। नाखून भी कमजोर हो सकते हैं।
ठंड या गर्मी की संवेदनशीलता ( Sensitivity to cold or heat )
अगर आपको सामान्य से अधिक ठंड लगती है, तो यह हाइपोथायरायडिज्म का संकेत हो सकता है। वहीं, अगर अधिक गर्मी महसूस होती है, तो यह हाइपरथायरायडिज्म का लक्षण हो सकता है।
दिल की धड़कन में बदलाव ( Changes in heartbeat )
हाइपोथायरायडिज्म में दिल की धड़कन धीमी हो सकती है, जबकि हाइपरथायरायडिज्म में दिल की धड़कन तेज हो जाती है, जिससे घबराहट महसूस हो सकती है।
मूड स्विंग और डिप्रेशन ( Mood Swings and Depression )
थायराइड का प्रभाव दिमाग पर भी पड़ता है। हाइपोथायरायडिज्म में डिप्रेशन और उदासी महसूस होती है, जबकि हाइपरथायरायडिज्म में चिंता और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है।
कब्ज या दस्त ( Constipation or diarrhea )
थायराइड के कारण पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है। हाइपोथायरायडिज्म में कब्ज की समस्या होती है, जबकि हाइपरथायरायडिज्म में बार-बार दस्त लग सकते हैं।
गर्दन में सूजन या गांठ ( swelling or lump in the neck )
अगर आपकी गर्दन में सूजन महसूस हो रही है, तो यह थायराइड ग्रंथि में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। इसे गोइटर भी कहा जाता है।
थायराइड में कहां-कहां दर्द होता है ( Where does thyroid pain occur? )
थायराइड से जुड़ी समस्याओं में दर्द किन हिस्सों में हो सकता है? aaiye jaante h
गर्दन में दर्द और सूजन ( Pain and swelling in the neck )
थायराइडाइटिस (Thyroiditis) नामक स्थिति में थायराइड ग्रंथि में सूजन आ जाती है, जिससे गर्दन में दर्द हो सकता है।
गले में खराश और असहजता ( sore throat and discomfort )
अगर थायराइड ग्रंथि में सूजन या इंफेक्शन हो जाए, तो गले में जलन, खराश या दबाव महसूस हो सकता है।
कान और जबड़े में दर्द ( Pain in the ear and jaw )
सबएक्यूट थायराइडाइटिस (Subacute Thyroiditis) के मामलों में दर्द गर्दन से कान और जबड़े तक फैल सकता है।
सिरदर्द और आंखों में दर्द ( Headache and eye pain )
ग्रेव्स डिजीज (Graves' Disease) के कारण होने वाले हाइपरथायरायडिज्म में आंखों में सूजन, दबाव और हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द ( Muscle and Joint Pain )
हाइपोथायरायडिज्म में शरीर में सूजन आ सकती है, जिससे मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द महसूस हो सकता है।
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थायराइड के घरेलू उपचार ( Home Remedies for Thyroid )
ग्रीन टी का सेवन करें ( Drinking green tea )
ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो थायराइड ग्रंथि के सही कार्य में मदद कर सकते हैं। दिन में 1-2 कप ग्रीन टी पीना फायदेमंद हो सकता है।
नारियल तेल अपनाएं ( Use coconut oil )
नारियल तेल में मीडियम चेन फैटी एसिड होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और थायराइड को सक्रिय रखने में मदद कर सकते हैं। इसे अपने भोजन में शामिल करें।
आयोडीन युक्त आहार लें ( Eat an iodine-rich diet )
थायराइड संतुलन बनाए रखने के लिए आयोडीन आवश्यक होता है। इसके लिए सेंधा नमक, दही, दूध, मछली और समुद्री शैवाल को अपने आहार में शामिल करें।
अदरक और हल्दी का उपयोग करें ( Use ginger and turmeric )
अदरक और हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो थायराइड से जुड़ी सूजन को कम कर सकते हैं। अदरक की चाय या हल्दी वाला दूध पीना फायदेमंद हो सकता है।
सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)
सेब का सिरका शरीर के पीएच स्तर को संतुलित करने और मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद कर सकता है। इसे गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।
अखरोट और अलसी के बीज खाएं ( Eat walnuts and flax seeds )
अखरोट और अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो थायराइड ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखते हैं। रोजाना 4-5 अखरोट और एक चम्मच अलसी के बीज खाना लाभकारी हो सकता है।
योग और प्राणायाम करें ( Do yoga and pranayam )
योग और प्राणायाम थायराइड को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। विशेष रूप से सर्वांगासन, मत्स्यासन और अनुलोम-विलोम जैसे योगासन थायराइड के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
तनाव कम करें ( Reduce Stress )
अत्यधिक तनाव थायराइड हार्मोन के संतुलन को बिगाड़ सकता है। ध्यान (Meditation) और पर्याप्त नींद लेना तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।
गले की हल्की मालिश करें ( Gently massage your throat )
गले की हल्की मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे थायराइड ग्रंथि का कार्य बेहतर होता है।
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विटामिन-डी का ध्यान रखें ( Take care of vitamin D )
सूरज की रोशनी विटामिन-डी का अच्छा स्रोत है, जो थायराइड हार्मोन के संतुलन में मदद करता है। रोजाना 15-20 मिनट धूप में समय बिताएं।