माइग्रेन रोग क्या है? कारण, लक्षण और इलाज

Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra
Written By Komal Daryani
on May 8, 2025
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 19, 2025

तो यह माइग्रेन हो सकता है। माइग्रेन कोई सामान्य सिरदर्द नहीं, बल्कि एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो सिर के एक हिस्से में तेज़ दर्द के साथ होता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 20 करोड़ से अधिक भारतीय जीवन के किसी न किसी चरण में माइग्रेन से प्रभावित होते हैं। यह बहुत बड़ा आंकड़ा है, जो दर्शाता है कि कितने लोग इससे परेशान हैं। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, माइग्रेन दुनिया की शीर्ष 10 विकलांगता उत्पन्न करने वाली बीमारियों में से एक है।
लेकिन माइग्रेन रोग क्यों बढ़ रहा है?
आजकल बड़े शहरों में लोगों की जो जीवनशैली बन चुकी है, उससे वह लोग भी माइग्रेन से ग्रसित हो सकते हैं, जिन्हें पहले कभी यह समस्या नहीं थी।
खराब खानपान, बढ़ता स्क्रीन टाइम, और रात को देर तक जागना – ये सभी माइग्रेन होने के मुख्य कारण बन सकते हैं।
तो आइए जानें –
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माइग्रेन रोग क्या है?
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इसके लक्षण क्या हैं?
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घरेलू उपाय कौन-कौन से हैं?
इन सभी सवालों के जवाब हम इस ब्लॉग के माध्यम से देने की कोशिश करेंगे।
माइग्रेन रोग क्या है?
माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें व्यक्ति को आमतौर पर सिर के एक तरफ़ तेज़ और धड़कता हुआ दर्द महसूस होता है। यह केवल सामान्य सिरदर्द नहीं होता, बल्कि इसके साथ मतली, उल्टी, रोशनी और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
कुछ लोगों को माइग्रेन शुरू होने से पहले ऑरा (Aura) का अनुभव भी होता है — जैसे आँखों के सामने चमकदार लकीरें दिखना, धुंधलापन या बोलने में कठिनाई।
यह स्थिति कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकती है और व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
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माइग्रेन के लक्षण
सिरदर्द
आमतौर पर सिर के एक तरफ़ तेज़, धड़कता हुआ दर्द महसूस होता है। यह दर्द धीरे-धीरे बढ़ सकता है और कई घंटे या दिन तक रह सकता है।
मतली और उल्टी
माइग्रेन के दौरान व्यक्ति को उल्टी आ सकती है, और उसे खाने-पीने में समस्या हो सकती है।
संवेदनशीलता
रोशनी और आवाज़ के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता। व्यक्ति को तेज़ रोशनी और शोर से परेशानी हो सकती है।
ऑरा (Aura)
माइग्रेन से पहले कुछ लोगों को ऑरा का अनुभव होता है, जैसे आँखों में धुंधलापन, चमकदार लकीरें या देखने में कठिनाई।
चक्कर आना
माइग्रेन के दौरान व्यक्ति को चक्कर आ सकते हैं या सिर घूमता हुआ महसूस हो सकता है।
सिर के पीछे या गर्दन में दर्द
सिरदर्द के अलावा, कुछ लोगों को गर्दन या सिर के पीछे भी हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
स्लीप डिसॉर्डर
माइग्रेन के दौरान नींद में कठिनाई भी हो सकती है, या व्यक्ति को अत्यधिक नींद आ सकती है।
माइग्रेन के कारण
माइग्रेन के कारण कई हो सकते हैं, और यह हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
जैविक कारण
माइग्रेन का मुख्य कारण मस्तिष्क के अंदर के रासायनिक और न्यूरोलॉजिकल बदलाव हो सकते हैं, जो सिरदर्द का कारण बनते हैं।
जेनेटिक्स
माइग्रेन का पारिवारिक इतिहास होने पर व्यक्ति को इस बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है। यदि आपके परिवार में किसी को माइग्रेन है, तो आपको भी यह हो सकता है।
हार्मोनल परिवर्तन
महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन (जैसे मासिक धर्म, गर्भावस्था, या रजोनिवृत्ति) माइग्रेन के उत्पन्न होने का कारण हो सकते हैं।
आहार और पीने की आदतें
कुछ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ, जैसे चॉकलेट, कैफीन, शराब, और प्रोसेस्ड फूड माइग्रेन को उत्पन्न कर सकते हैं।
तनाव और मानसिक दबाव
मानसिक तनाव, चिंता और अन्य मानसिक स्थितियाँ माइग्रेन के लिए ट्रिगर बन सकती हैं।
नींद की कमी
नींद का कम होना या नींद का अनियमित होना माइग्रेन के हमलों को बढ़ा सकता है।
मौसम परिवर्तन
मौसम का अचानक बदलना, जैसे ठंडी से गर्मी में बदलाव, माइग्रेन को उत्तेजित कर सकता है।
आंखों पर अत्यधिक दबाव
लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग करने से आंखों में दबाव पड़ सकता है, जिससे माइग्रेन हो सकता है।
दवाइयों का असर
कुछ दवाइयां और उनकी साइड इफेक्ट्स भी माइग्रेन का कारण बन सकती हैं।
पर्यावरणीय कारण
धुंआ, तेज़ रोशनी, शोर, या अन्य पर्यावरणीय कारक भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं।
माइग्रेन को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपचार
ठंडी सेंक
एक बर्फ़ के टुकड़े को कपड़े में लपेटकर सिर या गर्दन के प्रभावित हिस्से पर रखें। इससे सूजन कम हो सकती है और दर्द में राहत मिल सकती है।
गर्म सेंक
गर्दन और सिर के पीछे गर्म पैड या गर्म पानी की बोतल रखने से रक्त प्रवाह बेहतर हो सकता है और दर्द में आराम मिल सकता है।
पानी पीना
माइग्रेन की स्थिति में शरीर में पानी की कमी (dehydration) होने से स्थिति और बिगड़ सकती है। पर्याप्त पानी पीने से शरीर में जल की कमी पूरी होती है, जिससे सिरदर्द कम हो सकता है।
अदरक
अदरक का सेवन माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। आप अदरक की चाय बना सकते हैं या अदरक के टुकड़े चबाकर खा सकते हैं। यह उल्टी और मतली को भी नियंत्रित करता है।
पुदीने का तेल
पुदीने के तेल को माथे और मस्तिष्क के पीछे हल्के से मसाज करने से सिरदर्द में राहत मिल सकती है। पुदीने का तेल सिर में ठंडक का एहसास देता है और मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है।
लैवेंडर का तेल
लैवेंडर के तेल माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। इसे एक बाउल में डालकर गहरी सांसें लें या माथे पर लगाएं।
कैफीन का सेवन
कभी-कभी थोड़ा कैफीन (जैसे एक कप कॉफी) माइग्रेन के दर्द को कम कर सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि अधिक कैफीन से स्थिति बिगड़ भी सकती है, तो इसे सीमित मात्रा में ही लें।
स्नान
गर्म पानी से स्नान करने से शरीर की मांसपेशियाँ रिलैक्स होती हैं और दर्द कम हो सकता है। यह शरीर में खिंचाव और तनाव को भी कम करता है।
नींद और विश्राम
माइग्रेन के दौरान आराम और नींद सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। अंधेरे और शांत वातावरण में कुछ समय आराम करने से दर्द में राहत मिल सकती है।
लहसुन
लहसुन का सेवन भी माइग्रेन के दर्द को कम कर सकता है। आप लहसुन की कुछ कलियाँ कच्ची खा सकते हैं या इसके रस को पानी के साथ ले सकते हैं।
योग और ध्यान
योगासन और ध्यान (Meditation) से मानसिक तनाव कम होता है, जिससे माइग्रेन के हमले की संभावना कम हो सकती है। विशेष रूप से प्राणायाम और श्वास की तकनीकों से राहत मिल सकती है।



