Typhoid ke Lakshan - प्रकार, कारण, इलाज, पूरी जानकारी

Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra
Written By Komal Daryani
on Aug 24, 2023
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jan 9, 2025

आजकल की जीवनशैली में व्यस्तता और अव्यवस्थित खानपान के कारण अनेक प्रकार की बीमारियाँ बढ़ रही हैं। इनमें से एक बीमारी जिसका नाम "टाइफाइड" है, यह आमतौर पर गंभीर परिप्रेक्ष्य में आने वाली एक खतरनाक बीमारी है। इस लेख में, हम टाइफाइड के लक्षण, कारण और इलाज पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
टाइफाइड के प्रकार
टाइफाइड के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- शामिलानी टाइफाइड (Typhoid Fever): यह सबसे सामान्य टाइफाइड प्रकार है और इसके कारणज जीवाणु Salmonella Typhi होते हैं। इसके लक्षण बुखार, पेट दर्द, उल्टी, पसीने का आना आदि होते हैं।
- पैराटाइफाइड (Paratyphoid Fever): इसमें जीवाणु Salmonella Paratyphi के कारण बुखार, पेट दर्द और अन्य लक्षण होते हैं। यह टाइफाइड के लक्षणों से कम गंभीर होता है।
- अब्डोमिनल टाइफाइड (Abdominal Typhus): यह बुखार के साथ-साथ पेट के आसपास की इलाके में दर्द के लक्षणों के साथ होता है।
- डायरीहल टाइफाइड (Diarrheal Typhoid): इस प्रकार में बुखार के साथ-साथ दस्त के लक्षण भी होते हैं।
- नॉन-टाइफाइड सल्मनेलोसिस (Non-Typhoidal Salmonellosis): यह एक और प्रकार का सल्मनेला जीवाणु के कारण होने वाला संक्रमण है जिसमें बुखार, पेट दर्द और दस्त के लक्षण होते हैं।
टाइफाइड का टीका
टाइफाइड के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई प्रकार के टीके उपलब्ध हैं जिनमें से दो प्रमुख टीके हैं:
टाइफाइड कॉन्जगेट वैक्सीन (Typhoid Conjugate Vaccine, TCV): यह टीका बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए उपलब्ध है और टाइफाइड के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। यह वैक्सीन टाइफाइड के साथ-साथ पैराटाइफाइड जीवाणु से भी बचाव करता है। यह दोस्ताने से और आंतरगत दोनों प्रकार के टीकों के रूप में उपलब्ध है।
टाइफाइड पोलिसैक्चराइड वैक्सीन (Typhoid Polysaccharide Vaccine): यह वैक्सीन वयस्कों के लिए प्राप्त करने के लिए उपलब्ध है और टाइफाइड के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
टीके की खुराक और अन्य विवरण आपके चिकित्सक द्वारा परामर्शित की जानी चाहिए, क्योंकि विभिन्न वय और स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर टीके की स्थिति भिन्न हो सकती है।
टाइफाइड के संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता और हाइजीन अदान-प्रदान, सुरक्षित पानी पीना, स्वच्छ खाद्य सामग्री का सेवन करना भी महत्वपूर्ण है।
टाइफाइड में क्या खाना चाहिए?
टाइफाइड में आहार का चयन करते समय सतर्कता बरतना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि सही आहार संक्रमण को कम करने और शरीर की शक्ति बनाए रखने में मदद कर सकता है। यहां कुछ आहार सुझाव दिए गए हैं जिन्हें टाइफाइड के समय सेवन किया जा सकता है:
1. पौष्टिक खाद्य सामग्री: अपने आहार में पौष्टिकता से भरपूर आहार शामिल करें जैसे कि दाल, चावल, सब्जियाँ, फल, दही आदि।
2. प्रोटीन युक्त आहार: मांस, मछली, अंडे, पनीर आदि प्रोटीन स्रोतों को शामिल करने से शरीर की मजबूती बनी रह सकती है।
3. पानी: पीने के पानी की पूरी तरह से प्यास बुझाएं। सुरक्षित और स्वच्छ पानी पीने से संक्रमण से लड़ने की शक्ति मिल सकती है।
4. लिक्विड आहार: दस्त या उल्टी की स्थिति में शरीर को पूरे दिन भर में छोटे-छोटे मात्राओं में पानी, नमकीन पानी, नींबू पानी, शोरबा, चाय आदि का सेवन करने से शारीर में जरूरी पौष्टिकता की दरकार पूरी हो सकती है।
5. सूप और दलिया: टाइफाइड के रोगी को सूप और दलिया जैसे हलके आहार की सलाह दी जा सकती है, जो उनके पाचन को सहायक हो सकते हैं।
6. सूजी, ब्रेड, टोस्ट: यह आहार भी टाइफाइड के रोगी को आरामपूर्वक खा सकते हैं।
7. फल और सब्जियाँ: सेवन के पहले उन्हें अच्छे से धोकर तैयार करें और चीलन या कटाई के दौरान सचित सुरक्षा बरतें।
ध्यान दें कि हर व्यक्ति की स्थिति अलग हो सकती है, इसलिए आहार की जानकारी अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उनकी सलाह के अनुसार आहार का चयन करें।
टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिए?
टाइफाइड में कुछ आहार और पेय की सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि आपकी बीमारी को बढ़ने और शरीर के लिए हानि पहुंचने से बचा जा सके। निम्नलिखित आहार और पेय को टाइफाइड के समय नहीं खाना चाहिए:
1. तले हुए, बाजारी या जंक फूड: तले हुए खाने, बाजारी चिप्स, नमकीन, समोसे, पिज़्ज़ा, बर्गर आदि का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ये आहार आपके पाचन प्रणाली को बिगाड़ सकते हैं।
2. ज्यादा तली हुई या मसालेदार खाने: अधिक तेल में तले हुए आहार और ज्यादा मसाले वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें क्योंकि ये पाचन प्रणाली को दिक्कत पहुंचा सकते हैं।
3. गरमी में बाजार में बेकी हुई खाद्य सामग्री: गरमी में बाजार में बेकी हुई खाद्य सामग्री खाने से बचें, क्योंकि इसमें जीवाणु बढ़ सकते हैं और आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
4. अधिक मिठाई और चीनी: अधिक मिठाई, चॉकलेट, केक आदि की संख्या कम करें क्योंकि अधिक चीनी का सेवन इन्फेक्शन के लिए अनुकूल नहीं हो सकता है।
5. अल्कोहल और कॉफी: टाइफाइड के समय अल्कोहल और कॉफी का सेवन बचना चाहिए क्योंकि ये आपके शरीर की प्राकृतिक बायोलॉजिक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
6. अनपेक्षित खाद्य पदार्थ: खुद तैयार किए जाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन में सावधानी बरतें और स्पष्ट स्वच्छता की सुनिश्चित करें।
7. खासतर सड़े हुए फल और सब्जियाँ: सड़े हुए फल और सब्जियाँ खाने से बचें क्योंकि ये संक्रमण के आसार बन सकते हैं।
8. प्राकृतिक रस और फास्ट फूड: टाइफाइड के समय भीगे हुए अंडे और फास्ट फूड का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ये इंफेक्शन के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
9. खूबानी और आलूका: खूबानी और आलूका जैसे फलों का भी सेवन कम करें, क्योंकि ये पाचन प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं।
टाइफाइड बुखार कैसे फैलता है?
निम्नलिखित तरीकों से टाइफाइड बुखार का संक्रमण फैल सकता है:
- गंदा पानी पीना: सलमोनेला टाइफी जीवाणु अक्सर गंदे पानी में पाए जाते हैं, जैसे कि सड़ा हुआ पानी, गंदे नदियों का पानी आदि। यदि कोई व्यक्ति इस गंदे पानी का सेवन करता है, तो उनके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- संक्रमित खाद्य सेवन: सलमोनेला टाइफी बैक्टीरिया खाद्य में भी पाए जा सकते हैं, जैसे कि सड़ी हुई मांस, अधिक अंडे, अधिक मसाले युक्त खाने, गरमी में बाजार में बेची जाने वाली खाद्य सामग्री आदि।
- अशुद्ध हाथों से खाना: यदि कोई व्यक्ति अशुद्ध हाथों से खाद्य सामग्री को छूता है और फिर अपने मुंह को छूता है, तो संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
- अधिक आवश्यकता से कम हाइजीन: अधिकांश टाइफाइड संक्रमण स्थलों पर होते हैं जहाँ हाइजीन स्थितियाँ अच्छी नहीं होती हैं, जैसे कि गंदे शौचालय, खुले बाथरूम, अधिकारी खाद्य बिना धोए हाथों से सेवन करना आदि।
- संक्रमित व्यक्ति से संपर्क: टाइफाइड संक्रमित व्यक्ति से निकलने वाले खाद्य, पानी या सामग्री से संक्रमित हो सकता है।
इन सभी स्थितियों में, स्वच्छता, हाइजीन, सुरक्षित पानी और सावधानी बरतकर आहार और पानी की सेवन करना आवश्यक होता है ताकि टाइफाइड के संक्रमण से बचा जा सके।
टाइफाइड के लक्षण (Thyroid ke Lakshan)
टाइफाइड (Typhoid) एक खतरनाक संक्रामक बीमारी है जो सामान्यतः संक्रमित पानी और खाने के साथ होती है, जिसमें बैक्टीरिया Salmonella Typhi होते हैं। यह बीमारी बुखार, पेट दर्द और अन्य लक्षणों के साथ प्रकट होती है। टाइफाइड के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं :
बुखार: टाइफाइड का प्रमुख लक्षण बुखार होता है जिसकी शुरुआत हल्की होती है और धीरे-धीरे बढ़ता है। बुखार आमतौर पर बीते हुए सप्ताह में ऊंचा होता है और यह लंबे समय तक बना रह सकता है।
सिरदर्द: टाइफाइड में सिरदर्द भी एक आम लक्षण होता है, जिसमें सिर का दर्द और भारीपन हो सकता है।
पेट दर्द: पेट में दर्द और असमर्थता की भावना होती है, जिसका कारण पेट के अंदरी भाग में संक्रमण होना है।
खोखलापन: टाइफाइड में आपकी भूख कम हो सकती है और आपका खोखलापन महसूस हो सकता है।
थकान: टाइफाइड में आपको बहुत ज्यादा थकान महसूस हो सकती है, जिसके कारण आपको शारीरिक काम में दिक्कत हो सकती है।
उलझन: टाइफाइड के मरीजों को आमतौर पर उलझन महसूस हो सकती है, जो उनके मानसिक स्थिति का प्रमुख कारक हो सकती है।
डायरिया या कब्ज: पेट की समस्याएँ जैसे कि डायरिया या कब्ज भी टाइफाइड के लक्षणों में शामिल हो सकती है।
आँखों का पीलापन: टाइफाइड में मरीज की आँखों और त्वचा का रंग पीला हो सकता है, जिसे जौंडिस कहा जाता है।
यदि आपको टाइफाइड के संदेह है तो आपको तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि यह गंभीर बीमारी हो सकती है जो उचित उपचार से ही संभावतः ठीक हो सकती है।
टाइफाइड के कारण
टाइफाइड बुखार एक जीवाणु इन्फेक्शन से होता है जिसका कारण Salmonella typhi नामक जीवाणु होता है। यह इंसान के पाचन तंत्र में प्रवेश करके वहाँ विकार पैदा करता है।
टाइफाइड के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं जैसे की -
खाद्य पानी से संक्रमण: टाइफाइड जीवाणु आमतौर पर दूषित पानी और खाद्य से प्रसारित होते हैं। अगर आप दूषित पानी पीते हैं या अच्छे से साफ नहीं किए खाद्य प्रतियोगिताओं का सेवन करते हैं, तो आपको टाइफाइड होने का खतरा बढ़ जाता है।
अशुद्ध हाथों से खानपान: टाइफाइड बुखार बिना साबुन और पानी से हाथ धोकर खाने से भी फैल सकता है।
संक्रमित व्यक्ति से संपर्क: यदि आप किसी टाइफाइड संक्रमित व्यक्ति से संपर्क करते हैं और उनके शरीर से आपके हाथों या खाद्य पानी में जीवाणु पहुंचते हैं, तो आपको संक्रमण होने का खतरा होता है।
बच्चों में अधिक प्रसार: बच्चों में टाइफाइड का प्रसार अधिक होता है क्योंकि उनका पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं होता है।
अन्य लक्षणों का कारण: टाइफाइड के संक्रमण से पहले दस्त, उल्टी, बुखार और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
टाइफाइड के संक्रमण को रोकने के लिए साफ़ पानी पीने, स्वच्छता का ध्यान रखने, संक्रमित व्यक्तियों से संरक्षण, और हाथों की सफाई का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है। अगर आपको टाइफाइड के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज क्या है?
टाइफाइड का इलाज मुख्य रूप से अन्यान्य दवाओं के माध्यम से होता है, जो बुखार को कम करने और संक्रमण को खत्म करने में मदद करते हैं। जब व्यक्ति को टाइफाइड होता है, तो उन्हें उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। निम्नलिखित तरीके आमतौर पर टाइफाइड के इलाज में शामिल होते हैं:
1. आराम और पूरे आहार: टाइफाइड के समय व्यक्ति को पूरी तरह से आराम करना चाहिए और पूरे आहार का सेवन करना चाहिए। व्यक्ति को अच्छे से हीट किया गया पानी पीना चाहिए और स्वस्थ आहार खाना चाहिए जो उनकी शक्ति को बनाए रखे।
2. दवाएँ: डॉक्टर आमतौर पर एंटीबायोटिक्स (जीवाणुशोधक दवाएँ) की सलाह देते हैं, जिनका उपयोग टाइफाइड के कारणज जीवाणु को मारने और संक्रमण को खत्म करने में मदद करता है।
3. पैन पेनिकिलिन और एंटीबायोटिक्स की उपयोग का सही तरीका: डॉक्टर की सलाह के बिना अंटीबायोटिक्स का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह अधिकतर समय जीवाणु की सुरक्षा को कम कर सकता है और उसकी संतानशीलता को बढ़ा सकता है।
4. विश्राम और पूरे पानी की पूरी तरह से प्यास बुझाना: समुचित आराम और पूरी तरह से पानी की पूरी तरह से प्यास बुझाना टाइफाइड के उपचार में महत्वपूर्ण है।
5. सफ़ाई और आदर्श व्यवस्था: टाइफाइड संक्रमण के रोगी को उनके आसपास की जगह को साफ और स्वच्छ रखना चाहिए, ताकि संक्रमण फैलने की संभावना कम हो।
टाइफाइड के संक्रमण को जड़ से खत्म करने के लिए डॉक्टर की सलाह और उनके निर्देशों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
FAQS
आंत्र ज्वर किस आयु वर्ग में अधिक आम है?
आंत्र ज्वर बच्चों, शिशुओं, और युवा वयस्कों में अधिक मात्रा में पाया जाता है।
पैराटाइफाइड और टाइफाइड बुखार में क्या अंतर है?
पैराटाइफाइड और टाइफाइड बुखार में अंतर है। आंत्र ज्वर या टाइफाइड बुखार बैक्टीरिया साल्मोनेला टाइफी से उत्पन्न होता है, जबकि पैराटाइफाइड बुखार साल्मोनेला पैराटाइफी से होता है। हालांकि, दोनों बीमारियों में लक्षण और गंभीरता में लगभग समानता होती है।
टाइफाइड की मृत्यु दर क्या है?
टाइफाइड बुखार में मृत्यु दर लगभग 0.2% होती है। उचित एंटीबायोटिक पाठ्यक्रम के साथ, टाइफाइड बुखार एक अल्पकालिक बीमारी होती है और इसके लिए आमतौर पर 5-6 दिनों की अस्पताल में भर्ती की जाती है।
क्या टाइफाइड बुखार में शारीरिक गतिविधि प्रतिबंधित है?
टाइफाइड बुखार में मरीजों को शारीरिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने की सिफारिश की जाती है। उन्हें घर पर ही आराम करने की सलाह दी जाती है और वे ठीक होने तक अधिक शारीरिक श्रम से बचने की सिफारिश की जाती है।
टाइफाइड बुखार कितने दिन में ठीक होता है?
टाइफाइड बुखार का इलाज आमतौर पर 1 से 3 हफ्तों में हो जाता है, लेकिन यह व्यक्ति की प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता और उपचार पर निर्भर करता है। अगर सिम्पटम्स बने रहें, तो चिकित्सक से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।



