सर्वाइकल का रामबाण उपचार – जानें असरदार घरेलू तरीके

Medically Reviewed By
Prof. Ashok Rattan
Written By Komal Daryani
on May 8, 2025
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 19, 2025

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और घंटों कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करने की आदत ने गर्दन और रीढ़ से जुड़ी समस्याओं को तेजी से बढ़ा दिया है। इन्हीं में से एक आम लेकिन परेशान करने वाली समस्या है सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस (Cervical Spondylitis)।
बहुत से लोग इसे मामूली गर्दन दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन जब यह लगातार बना रहे तो यह आपके दैनिक जीवन को बाधित कर सकता है। अच्छी खबर ये है कि समय रहते सही देखभाल, जीवनशैली में बदलाव और कुछ घरेलू उपायों से सर्वाइकल से राहत पाई जा सकती है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे सर्वाइकल के कारण, लक्षण, और उसके रामबाण उपचार जो आपको दवाइयों पर निर्भर हुए बिना आराम दिला सकते हैं।
सर्वाइकल क्या है?
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस गर्दन की हड्डियों (Cervical Vertebrae) और डिस्क से जुड़ी एक अवस्था है, जिसमें उम्र बढ़ने, गलत पॉश्चर या अत्यधिक दबाव के कारण हड्डियों और डिस्क में घिसाव शुरू हो जाता है।
यह मुख्य रूप से गर्दन में जकड़न, दर्द और कभी-कभी हाथों और उंगलियों में झनझनाहट का कारण बनता है। सर्वाइकल को आम भाषा में गर्दन की नस चढ़ना या गर्दन का दर्द भी कहा जाता है।
सर्वाइकल के प्रमुख कारण
- गलत बैठने या सोने की आदतें- लंबे समय तक झुककर बैठना, ऊंचा तकिया लगाकर सोना या गलत पॉश्चर से गर्दन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
- कंप्यूटर और मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल- लगातार स्क्रीन देखने से गर्दन एक ही पोजीशन में रहती है, जिससे सर्वाइकल की समस्या बढ़ती है।
- उम्र बढ़ना- जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हड्डियों और डिस्क में घिसाव होता है, जिससे यह समस्या हो सकती है।
- चोट लगना- कभी-कभी गर्दन में लगी पुरानी चोट भी सर्वाइकल का कारण बन सकती है।
- मोटापा और निष्क्रिय जीवनशैली- वजन ज्यादा होने पर रीढ़ की हड्डी और गर्दन पर दबाव बढ़ता है, जिससे सर्वाइकल की आशंका बढ़ जाती है।
सर्वाइकल दर्द के लक्षण – जानिए कब सतर्क होना जरूरी है
सर्वाइकल दर्द यानी गर्दन का दर्द केवल मामूली परेशानी नहीं है। यह कई तरह के लक्षणों के साथ आता है, जो आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसके मुख्य लक्षण:
- गर्दन में जकड़न- गर्दन को घुमाने या झुकाने में कठिनाई और अकड़न महसूस होना।
- स्थानीय दर्द- गर्दन के एक हिस्से में लगातार दर्द या भारीपन रहना।
- कंधे और हाथों तक फैलने वाला दर्द- दर्द का कंधों, पीठ और बाजुओं तक फैल जाना।
- सिरदर्द- गर्दन की नसों में खिंचाव के कारण सिर के पिछले हिस्से में दर्द होना।
- मांसपेशियों में ऐंठन- गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव या अकस्मात ऐंठन आना।
- झुनझुनी और सुन्नपन- हाथों या उंगलियों में झुनझुनी और सुन्नपन महसूस होना।
- 7. कमजोरी- भुजाओं में कमजोरी आना या चीजें पकड़ने में दिक्कत होना।
- नींद में परेशानी- दर्द के कारण आरामदायक तरीके से न सो पाना।
- सिर हिलाने पर दर्द- गर्दन मोड़ने या झुकाने पर दर्द बढ़ जाना।
- गलत मुद्रा से दर्द बढ़ना- लंबे समय तक गलत पॉश्चर में बैठने या खड़े रहने से दर्द का बढ़ना।
सर्वाइकल का रामबाण उपचार
अब बात करते हैं उन उपायों की, जिन्हें अपनाकर आप सर्वाइकल की समस्या से काफी हद तक राहत पा सकते हैं। ये उपचार घरेलू हैं, आसान हैं और नियमित पालन करने से दवाइयों की जरूरत भी नहीं पड़ती।
1. गर्म पानी की सिकाई (Hot Fomentation)-
गर्दन की मांसपेशियों को रिलैक्स करने और दर्द कम करने के लिए गर्म पानी से सिकाई बेहद फायदेमंद होती है।
रुई के कपड़े या हीटिंग पैड से दिन में 2-3 बार गर्दन की सिकाई करें। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और जकड़न में राहत मिलती है।
2. हल्दी वाला दूध-
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है, जो सूजन और दर्द को कम करता है।
रोज रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं।
3. गर्दन के लिए विशेष योगासन- योग सर्वाइकल के लिए रामबाण इलाज साबित हो सकता है। कुछ आसान योगासन जैसे —
- ग्रीवा चालन (Neck Rotation)
- भुजंगासन (Cobra Pose)
- मरजरी आसन (Cat-Cow Stretch)
ये आसन गर्दन और रीढ़ को मजबूत बनाते हैं और लचीलापन बढ़ाते हैं। योग करते समय किसी प्रशिक्षक की देखरेख में अभ्यास करें।
4. मेथी दाना का सेवन- मेथी में भी सूजन और दर्द कम करने वाले तत्व होते हैं।
रोज सुबह खाली पेट 1 चम्मच मेथी पाउडर गुनगुने पानी के साथ लें।
5. एरंड (अरंडी) तेल मालिश-
अरंडी का तेल गहरी मांसपेशियों तक पहुंचकर दर्द और सूजन को कम करता है।
गुनगुने अरंडी के तेल से रोज हल्के हाथों से गर्दन और कंधे की मालिश करें।
6. त्रिफला का सेवन-
त्रिफला पाचन को दुरुस्त रखता है और शरीर की सूजन को कम करता है। रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर पिएं।
7. एक्यूप्रेशर-
गर्दन के खास एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर हल्के दबाव देने से सर्वाइकल दर्द में राहत मिल सकती है। बेहतर परिणाम के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह और मार्गदर्शन लेना उचित होगा।
8. कैल्शियम और विटामिन D युक्त आहार-
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम और विटामिन D बेहद जरूरी हैं।
अपना आहार इस प्रकार बनाएं
- दूध, दही, पनीर
- बादाम, तिल
सूरज की रोशनी में रोज कुछ समय बिताएं
सर्वाइकल में क्या न करें?
- ऊंचा तकिया इस्तेमाल न करें
- देर तक एक ही पोजीशन में न बैठें
- अचानक गर्दन न झटकें
- भारी सामान सिर या कंधे पर न रखें
- मोबाइल को नीचे झुककर देखने की आदत छोड़ें
कब डॉक्टर से सलाह लें?
घरेलू उपायों के बावजूद अगर दर्द बढ़ता जा रहा हो, हाथ-पैर में कमजोरी महसूस हो या सिर में लगातार चक्कर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। MRI या X-ray द्वारा सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
निष्कर्ष
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। सही समय पर पहचाना जाए तो इसे घरेलू उपायों और जीवनशैली में बदलाव के जरिए पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है।
योग, संतुलित आहार और सही पॉश्चर अपनाकर आप इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। याद रखें, नियमितता ही सबसे बड़ा इलाज है।
अगर आप भी सर्वाइकल दर्द से परेशान हैं, तो इन उपायों को अपनाएं और फर्क महसूस करें। लेकिन किसी भी गंभीर लक्षण के मामले में डॉक्टर से सलाह जरूर लें।



