महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण: पहचानें संकेत और उपाय

Medically Reviewed By
Dr. Geetanjali Gupta
Written By Komal Daryani
on Mar 21, 2025
Last Edit Made By Komal Daryani
on Mar 21, 2025

आजकल की खराब जीवनशैली, कार्य का दबाव और विषाक्त वातावरण लोगों को दिन-प्रतिदिन डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या से जूझने पर मजबूर कर रहा है। डिप्रेशन एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति लंबे समय तक तनावग्रस्त रहता है।
इसका कारण मानसिक, आर्थिक या अन्य व्यक्तिगत समस्याएँ हो सकती हैं, जिससे तनाव लगातार बढ़ता रहता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्तर पर लगभग 5% वयस्क इस समस्या से पीड़ित हैं और यह संख्या हर साल तेजी से बढ़ रही है।
वैसे तो यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखी जाती है, लेकिन आज हम विशेष रूप से महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षणों पर बात करेंगे। महिलाओं में डिप्रेशन के कारण, इसके प्रभाव और इससे बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
इस ब्लॉग के माध्यम से हम इन महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करेंगे, जिससे महिलाएँ अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें और इस समस्या से बाहर निकलने के सही उपाय अपना सकें।
महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण ( Signs of Depression in women )
डिप्रेशन एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जो महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक देखी जाती है। यह सिर्फ उदासी तक सीमित नहीं रहता, बल्कि व्यक्ति के संपूर्ण जीवन को प्रभावित कर सकता है।
लगातार उदासी और खालीपन महसूस करना ( Persistent sadness and emptiness )
कई दिनों या हफ्तों तक लगातार दुखी रहना, बिना किसी स्पष्ट कारण के रोने का मन करना।
रुचियों की कमी ( Lack of interests )
जिन चीजों में पहले रुचि थी, उनमें अब आनंद न आना, यहां तक कि परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का भी मन न करना।
थकान और ऊर्जा की कमी ( Fatigue and lack of energy )
हमेशा थका हुआ और कमजोर महसूस करना, छोटी-छोटी गतिविधियां भी भारी लगना।
नींद की समस्या ( Sleep problems )
जरूरत से ज्यादा सोना या बिल्कुल नींद न आना, बार-बार रात में जागना।
भूख में बदलाव ( Changes in appetite )
ज्यादा खाने की आदत या बिल्कुल भूख न लगना, जिससे वजन में अचानक बदलाव आ सकता है।
चिड़चिड़ापन और गुस्सा ( Irritability and anger )
छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना, धैर्य कम हो जाना, हर समय चिड़चिड़ापन महसूस करना।
आत्मग्लानि और नकारात्मक विचार ( Self-reproach and negative thoughts )
खुद को बेकार समझना, हर चीज के लिए खुद को दोषी ठहराना, आत्मविश्वास में कमी आना।
ध्यान केंद्रित करने में परेशानी ( Trouble concentrating )
काम या पढ़ाई में ध्यान न लगना, फैसले लेने में कठिनाई महसूस करना।
शारीरिक लक्षण ( Physical Symptoms )
सिरदर्द, बदन दर्द, पेट खराब रहना या अन्य शारीरिक समस्याएं जिनका कोई चिकित्सीय कारण न हो।
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महिलाओं में डिप्रेशन के 6 महत्वपूर्ण कारण ( 6 important causes of depression in women )
जिससे वे कुछ विशेष कारणों से अधिक अवसादग्रस्त हो सकती हैं।
हार्मोनल बदलाव
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मासिक धर्म (Periods) – पीरियड्स के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में बदलाव से मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और अवसाद की संभावना बढ़ जाती है।
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गर्भावस्था (Pregnancy) – गर्भधारण के दौरान मानसिक और शारीरिक बदलाव डिप्रेशन को ट्रिगर कर सकते हैं।
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प्रसवोत्तर अवसाद (Postpartum Depression) – डिलीवरी के बाद हार्मोनल असंतुलन, नई जिम्मेदारियों का दबाव और थकान डिप्रेशन का कारण बन सकती है।
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मेनोपॉज (Menopause) – उम्र बढ़ने के साथ हार्मोन में बदलाव और शारीरिक परिवर्तन भी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
मानसिक और भावनात्मक कारण
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अकेलापन और आत्मसम्मान की कमी – खुद को कमजोर, असफल या महत्वहीन महसूस करना।
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रिश्तों में तनाव – विवाह, प्रेम संबंधों में धोखा, घरेलू हिंसा या तलाक से मानसिक दबाव बढ़ सकता है।
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बचपन का ट्रॉमा – शारीरिक, मानसिक या यौन शोषण का अनुभव डिप्रेशन को जन्म दे सकता है।
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चिंता और ओवरथिंकिंग – हर छोटी बात पर ज्यादा सोचने और चिंता करने की आदत।
सामाजिक और पारिवारिक दबाव
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परिवार और करियर में संतुलन बनाने का दबाव – महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे परिवार और नौकरी दोनों संभालें, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
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घरेलू हिंसा और दहेज प्रथा – कई महिलाओं को समाज और परिवार में भेदभाव, शोषण और हिंसा का सामना करना पड़ता है।
जीवनशैली और शारीरिक कारण
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नींद की कमी – पर्याप्त नींद न लेना मानसिक और शारीरिक तनाव को बढ़ा सकता है।
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असंतुलित आहार – पोषण की कमी से शरीर और दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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शारीरिक बीमारियां – थायरॉइड, डायबिटीज, पीसीओडी (PCOD) जैसी बीमारियां मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकती हैं।
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नशे और दवाओं का दुरुपयोग – शराब, धूम्रपान और नशीली दवाओं का अधिक सेवन डिप्रेशन को बढ़ा सकता है।
महिलाओं में डिप्रेशन से बचने के उपाय ( Ways to prevent depression in women )
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं ( Adopt a healthy lifestyle )
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नियमित व्यायाम करें – योग, मेडिटेशन और वॉक से तनाव कम होता है और मूड अच्छा रहता है।
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संतुलित आहार लें – हरी सब्जियां, फल, नट्स और प्रोटीन से भरपूर भोजन लें।
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पर्याप्त नींद लें – रोज़ कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें, जिससे दिमाग शांत रहेगा।
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कैफीन और नशे से बचें – शराब, धूम्रपान और अधिक चाय-कॉफी का सेवन डिप्रेशन को बढ़ा सकता है।
भावनात्मक संतुलन बनाए रखें ( Maintain emotional balance )
- अपनी भावनाओं को दबाएं नहीं – जो महसूस कर रही हैं, उसे दोस्तों, परिवार या किसी भरोसेमंद व्यक्ति से साझा करें।
- समय-समय पर ब्रेक लें – अपने लिए समय निकालें, अपने पसंदीदा शौक पूरे करें।
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खुद को महत्व दें – अपनी जरूरतों को भी प्राथमिकता दें और ‘ना’ कहना सीखें।
3. सकारात्मक सोच अपनाएं ( Adopt a positive attitude )
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आत्मविश्वास बढ़ाएं – खुद को कमजोर या असफल मानने के बजाय अपनी उपलब्धियों पर ध्यान दें।
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ओवरथिंकिंग से बचें – हर छोटी बात पर ज़रूरत से ज़्यादा सोचने से मानसिक तनाव बढ़ता है।
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छोटी-छोटी खुशियों को एन्जॉय करें – जीवन की छोटी खुशियों पर ध्यान दें, जैसे सुबह की ताज़ी हवा, परिवार के साथ समय बिताना आदि।
4. रिश्तों को मजबूत बनाएं ( Make relationships stronger )
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अच्छे दोस्तों का साथ बनाए रखें – दोस्तों और परिवार से बातचीत करने से मन हल्का रहता है।
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रिश्तों में संतुलन बनाए रखें – अनावश्यक तनाव से बचें और ज़रूरत पड़ने पर प्रोफेशनल काउंसलिंग लें।
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सोशल मीडिया की तुलना से बचें – अपनी ज़िंदगी को दूसरों की दिखावटी ज़िंदगी से न जोड़ें।