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साइनस का परमानेंट इलाज: जानिए क्या होता है , कारण और लक्षण

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साइनस का परमानेंट इलाज: जानिए क्या होता है , कारण और लक्षण

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Medically Reviewed By
Dr. Mayanka Lodha Seth

Written By Komal Daryani
on Jul 1, 2025

Last Edit Made By Komal Daryani
on Jul 1, 2025

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आपने देखा होगा कि कुछ लोग मौसम बदलते ही जुकाम, सिरदर्द या नाक बंद जैसी समस्याओं की शिकायत करने लगते हैं। नाक से सांस लेने में तकलीफ, आंखों के पास दबाव महसूस होना और बार-बार छींक आना – ये सभी साइनस के सामान्य लक्षण हैं। 

अक्सर लोग इसे सामान्य सर्दी समझकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन जब यह बार-बार होने लगे, तो समझ जाइए कि यह साइनस की समस्या हो सकती है। आइए जानते हैं कि साइनस क्या होता है, इसके कारण क्या हैं, लक्षण कौन-कौन से हैं, और सबसे महत्वपूर्ण – साइनस का परमानेंट इलाज। इन सभी सवालों के जवाब हम इस ब्लॉग में देने की कोशिश करेंगे।

साइनस क्या होता है ?

देखो, हमारे चेहरे के अंदर कुछ छोटे-छोटे खाली हिस्से होते हैं, जिन्हें साइनस कहा जाता है। ये नाक से जुड़े होते हैं और इनमें थोड़ा-बहुत बलगम बनता रहता है, जो नाक को साफ रखने और धूल-मिट्टी से बचाने का काम करता है।

अब जब ये साइनस ब्लॉक हो जाते हैं – जैसे मौसम बदलने पर, सर्दी लगने पर या एलर्जी से – तो बलगम अंदर ही जमा हो जाता है। फिर शुरू होती है असली परेशानी: सिर भारी लगना, आंखों के पास दबाव, नाक बंद, और कभी-कभी बुखार भी। इसे ही हम साइनस की दिक्कत कहते हैं।

आपने देखा होगा, कुछ लोग मौसम बदलते ही हर बार बीमार पड़ जाते हैं – बार-बार छींक, जुकाम, सिरदर्द... तो समझ लो कि उनके साइनस रूठ गए हैं 

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साइनस के कारण

साइनस की दिक्कत ऐसे ही अचानक नहीं होती, इसके पीछे कुछ कारण होते हैं जो हमारी लाइफस्टाइल और आस-पास के माहौल से जुड़े होते हैं। चलो एक-एक करके समझते हैं:

बार-बार सर्दी-जुकाम होना

हर थोड़े दिन में नाक बहना, छींक आना, गला खराब होना – ये सब साइनस को ट्रिगर कर सकते हैं।

एलर्जी (धूल, धुआं, पराग कण वगैरह)

धूल-मिट्टी, धुआं, फूलों का पराग, पालतू जानवरों के बाल – इनसे एलर्जी होती है और साइनस कैविटी में सूजन आ जाती है।

ठंडी हवा या ठंडा पानी ज्यादा लेना

कुछ लोग AC या कूलर के ज्यादा शौकीन होते हैं या बहुत ठंडा पानी पीते हैं – इससे साइनस ब्लॉक हो सकते हैं।

धूम्रपान या प्रदूषण में रहना

सिगरेट का धुआं या वायु प्रदूषण साइनस की अंदरूनी परत को खराब कर देता है।

बलगम सही से बाहर न निकलना

अगर बलगम नाक या गले में ही जमा रह जाए और बाहर न निकले, तो वो अंदर फंसकर साइनस को जाम कर देता है।

वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन

साधारण सर्दी अगर ठीक से न सुलझे, तो वह वायरल या बैक्टीरियल साइनुसाइटिस में बदल सकती है।

साइनस के लक्षण – जानिए कब सतर्क होना जरूरी है

इए जानते हैं साइनस के मुख्य लक्षण क्या होते हैं:

लगातार नाक बंद रहना या बहना

साइनस होने पर नाक में बलगम जमा हो जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। कई बार नाक से लगातार पानी जैसा स्राव भी होता है।

सिर में भारीपन या दर्द

माथे, आंखों के ऊपर या कनपटी में दर्द होना साइनस का प्रमुख लक्षण है। यह दर्द झुकने पर या सुबह के समय अधिक महसूस होता है।

चेहरे में दबाव या सूजन

गालों, आंखों के नीचे और नाक के पास सूजन या भारीपन महसूस होना आम है। कई बार हल्का-सा छूने पर भी दर्द होता है।

गले में बलगम जमा रहना (Post Nasal Drip)

नाक से बलगम गले में जाकर जमा हो जाता है, जिससे गले में खराश, जलन या खांसी हो सकती है।

सूंघने और स्वाद की क्षमता कम हो जाना

साइनस की वजह से नाक बंद रहती है, जिससे व्यक्ति को न तो खाने का स्वाद आता है और न ही कोई खुशबू महसूस होती है।

सांस से दुर्गंध आना (Bad Breath)

जमे हुए म्यूकस में बैक्टीरिया पनपते हैं, जिससे मुंह से बदबू आने लगती है।

थकान और हल्का बुखार

अगर साइनस इंफेक्शन के कारण है, तो शरीर में सुस्ती, थकावट और कभी-कभी हल्का बुखार भी हो सकता है।

साइनस का परमानेंट इलाज 

आपने देखा होगा कुछ लोगों को हर मौसम में नाक बंद, सिर दर्द और आंखों के पास भारीपन रहता है – ये सब साइनस के लक्षण हैं। अगर ये बार-बार हो रहा है, तो परमानेंट इलाज ज़रूरी है।

भांप और नेटी पॉट

रोज़ भांप लेने और नेटी पॉट से नाक धोने से म्यूकस साफ होता है और नाक के रास्ते खुलते हैं।

ठंडी चीज़ें छोड़ो, गर्म चीज़ें अपनाओ

दही, आइसक्रीम से बचें। हल्दी दूध, अदरक वाली चाय, आंवला से इम्युनिटी बढ़ती है।

 योग और आयुर्वेद

अनुलोम-विलोम और नस्य क्रिया (नाक में आयुर्वेदिक तेल डालना) साइनस को जड़ से ठीक कर सकते हैं।

 एलर्जी से दूरी

धूल, धुआं, पालतू जानवरों से बचें – ये साइनस को ट्रिगर करते हैं।

FAQ

 Q1. साइनस क्या होता है?

साइनस हमारे चेहरे की हड्डियों में स्थित हवा भरी खाली जगहें होती हैं। जब इनमें सूजन या म्यूकस जमा हो जाता है, तो इसे साइनसाइटिस कहते हैं।

Q2. साइनस के मुख्य लक्षण क्या हैं?

नाक बंद, सिरदर्द, चेहरे में दबाव, आंखों के पास भारीपन, गले में बलगम, बदबूदार सांस, और स्वाद या गंध कम महसूस होना।

Q3. क्या साइनस का परमानेंट इलाज संभव है?

हाँ, सही घरेलू उपाय, एलर्जी से बचाव, योग, आयुर्वेद और जरूरत पड़ने पर सर्जरी (FESS) से साइनस का स्थायी इलाज संभव है।

Q4. क्या साइनस संक्रामक (Infectious) होता है?

नहीं, आमतौर पर साइनस संक्रमण व्यक्ति से व्यक्ति में नहीं फैलता। लेकिन वायरल इंफेक्शन के साथ होने पर सावधानी ज़रूरी है।

Q5. साइनस के लिए कौन सा योग फायदेमंद है?

अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, कपालभाति और जलनेती साइनस के लिए बेहद लाभकारी माने जाते हैं।

Q6. साइनस का इलाज कितने समय में होता है?

अगर हल्का इंफेक्शन है तो 7–10 दिन में ठीक हो सकता है। लेकिन क्रॉनिक साइनस को ठीक होने में हफ्तों या महीनों लग सकते हैं।

Q7. क्या साइनस में डाइट का असर होता है?

हाँ, ठंडी चीज़ें (जैसे दही, आइसक्रीम) साइनस को बढ़ा सकती हैं। गर्म पेय और विटामिन C युक्त चीजें मदद करती हैं।

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