महिलाओं में घुटने का दर्द: कारण, उपचार और जांच

Medically Reviewed By
Dr. Mayanka Lodha Seth
Written By Sheena Mehta
on Oct 28, 2025
Last Edit Made By Sheena Mehta
on Oct 28, 2025

महिलाओं में घुटने का दर्द एक छोटी समस्या नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन शैली को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। सुबह उठते ही अगर सीढ़ियां चढ़ने में दर्द महसूस हो, कुर्सी से उठते वक्त घुटनों में खिंचाव लगे या चलने-फिरने में असहजता हो तो ये सभी घुटने के दर्द के लक्षण हो सकते हैं।
महिलाओं में पुरुषों की तुलना में घुटने का दर्द ज्यादा आम है, जो उम्र बढ़ने के साथ ख़ासकर 45 के बाद शुरू होता है लेकिन यह सिर्फ उम्र बढ़ने का नतीजा नहीं है, बल्कि शरीर की बनावट, हार्मोनल बदलाव और दैनिक गतिविधियों से भी जुड़ा है। ऐसे दर्द के कारण जानना और सही तरीके से उसका इलाज करना बहुत जरूरी होता है।
महिलाओं में घुटने के दर्द का कारण
महिलाओं में घुटने के दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जो उनकी शारीरिक बनावट, उम्र, जीवनशैली, और हार्मोनल बदलावों से जुड़े होते हैं। सबसे आम कारणों में गठिया (ऑस्टियोआर्थराइटिस) है। एक अध्ययन के अनुसार, 45 वर्ष से अधिक उम्र की लगभग 69% महिलाओं में घुटने का ऑस्टियोआर्थराइटिस होता है। इसमें घुटने की हड्डियों के बीच की कार्टिलेज (सुरक्षात्मक परत जो हड्डियों को एक-दूसरे से रगड़ने से रोकती है) घिस जाती है। इसके कारण घुटना दर्द और सूजन महसूस होती है।
महिलाओं में हार्मोनल बदलाव जैसे मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिससे जोड़ों की मजबूती कमजोर हो जाती है और कुछ महिलाओं में घुटने का दर्द बढ़ जाता है।
मोटापा भी एक बड़ा कारण है क्योंकि ज्यादा वजन के कारण घुटनों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे दर्द और चलने-फिरने में समस्या होती है। इसके अलावा, चोट लगना, ज़्यादा चलना-फिरना या गलत तरीके से व्यायाम करना, टेंडिनाइटिस (टेंडन की सूजन), और लिगामेंट या मेनिस्कस (घुटने का कार्टिलेज) की चोट भी दर्द के मुख्य कारण होते हैं।
महिलाओं के लिए घुटने के दर्द का उपचार
महिलाओं के लिए घुटने के दर्द से राहत पाने के कई आसान और असरदार तरीके हैं। ये तरीके काफ़ी असरदार माने जाते हैं और इनसे कई महिलाओं को फायदा भी मिला है:
1. आराम और बर्फ की सिकाई
यदि घुटने में सूजन या दर्द हो, तो शुरुआत में आराम करना जरूरी है। दर्द वाले हिस्से पर 15-20 मिनट के लिए बर्फ लगाना सूजन कम करने में मदद करता है। इससे दर्द में जल्दी राहत मिलती है।
2. घरेलू उपाय
कुछ आसान घरेलू उपाय भी मददगार हो सकते हैं जैसे:
- मेथी के दाने: रात भर गायब किए हुए मेथी के दाने सुबह खाली पेट खाने से सूजन कम होती है।
- अदरक और शहद: अदरक की चाय पीना या पिसा अदरक घुटने पर लगाना दर्द कम करता है क्योंकि इसमें प्राकृतिक दर्द निवारक गुण होते हैं।
- हल्दी वाला दूध: हल्दी वाली गर्म दूध की एक कप रात को पीने से भी आराम मिलता है।
3. फिजियोथेरेपी
मांसपेशियों को मजबूत करने और घुटने के साथ उनका लचीलापन बढ़ाने के लिए फिजियोथेरेपी बहुत उपयोगी है। यह दर्द को कम करने और चलने-फिरने में आसानी लाने में मदद करती है। विशेषज्ञ की मदद से सही व्यायाम करना जरूरी होता है। 2024 में हुए एक अध्ययन में फिजियोथेरेपी आधारित व्यायाम और वजन नियंत्रण को महिलाओं में घुटने के दर्द कम करने में सबसे प्रभावी पाया गया।
4. वजन कम करना
मोटापे से घुटनों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, इसलिए स्वस्थ वजन बनाए रखना दर्द कम करता है। सिर्फ 1 किलो वजन कम करने से घुटनों पर 8 किलो तक का दबाव कम हो सकता है। अच्छे खान-पान और नियमित एक्सरसाइज से वजन नियंत्रित रखा जा सकता है।
5. दवाइयां और इंजेक्शन
जरूरत पड़ने पर डॉक्टर सूजन घटाने वाली दवाइयां या दर्दनिवारक इंजेक्शन दे सकते हैं। ये दर्द को अस्थायी रूप से कम करते हैं, लेकिन इन्हें डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए।
6. गरम और ठंडा पैक
घुटने पर गरम और ठंडे पैक लगाकर मांसपेशियों को आराम दिया जा सकता है। पहले 15 सेकंड गरम पैक रखें फिर ठंडा, यह चक्र दोहराने से दर्द में लाभ होता है।
7. प्राकृतिक तेलों से मालिश
पुदीने का तेल, सरसों का तेल या जैतून का तेल घुटने पर हल्की मालिश करने से रक्त संचार बढ़ता है और दर्द कम होता है। इसमें सूजन को घटाने वाले गुण होते हैं।
6. सही जूते पहनना
ऐसे जूते चुनें जो घुटनों को सहारा दें और चलने में आरामदायक हों। ऊँची एड़ी वाले जूते या बहुत फ्लैट सैंडल्स से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि ये घुटने पर अधिक दबाव डाल सकते हैं।
महिलाओं में घुटने के दर्द की जांच
अगर घुटने के दर्द के उपचारों को अपनाने के बाद भी आपका दर्द कम नहीं हो रहा है तो जांच की जरूरत पर सकती है। सही जांच से दर्द का सही कारण पता चलता है और इलाज आसान हो जाता है।
घुटने के दर्द की जांच डॉक्टर की सलाह से शुरू होती है। डॉक्टर पहले आपके दर्द के बारे में पूछते हैं, जैसे कि दर्द कब शुरू हुआ, कहां दर्द होता है, और क्या चलने-फिरने में तकलीफ होती है। इसके बाद घुटने की जांच करते हैं, जैसे कि सूजन, लालिमा या गर्माहट है या नहीं।
अगले चरण में, डॉक्टर आपके घुटने की तस्वीर लेने के लिए एक्स-रे की सलाह दे सकते हैं। एक्स-रे से पता चलता है कि घुटने की हड्डियां ठीक हैं या नहीं, और क्या कार्टिलेज घिस गई है? यह जांच गठिया (ऑस्टियोआर्थराइटिस) की पुष्टि करने में मदद करती है, जो महिलाओं में आम है।
कभी-कभी एमआरआई (MRI) की जरूरत पड़ सकती है। यह जांच घुटने के अंदर की मांसपेशियों, लिगामेंट्स और मेनिस्कस की स्थिति दिखाती है। अगर चोट या फटने का शक हो, तो यह जांच बहुत उपयोगी होती है।
खून की जांच भी की जा सकती है, खासकर अगर गाउट या रूमेटॉइड गठिया का शक हो। इससे सूजन या अन्य समस्याओं के कारण पता चलते हैं।
महिलाओं में घुटने का दर्द न सिर्फ चलने-फिरने में तकलीफ देता है, बल्कि रोजमर्रा के कामों, परिवार की देखभाल और खुद के लिए समय निकालने तक में बाधा डालता है। हार्मोनल बदलाव, शारीरिक बनावट और जीवनशैली के कारण महिलाएं इसके लिए अधिक संवेदनशील होती हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि वे इसे झेलती रहें। सही जानकारी, समय पर जांच और उचित उपचार के साथ दर्द से राहत मिल सकती है।



