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Insomnia Meaning in Hindi: जानें नींद की समस्या का हल

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Insomnia Meaning in Hindi: जानें नींद की समस्या का हल

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Medically Reviewed By
Dr. Geetanjali Gupta

Written By Muskan Taneja
on Jan 14, 2025

Last Edit Made By Muskan Taneja
on Jan 14, 2025

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Insomnia Meaning in Hindi: जानें नींद की समस्या का हल
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Insomnia Meaning in Hindi: अनिद्रा, जिसे अंग्रेजी में इंसोम्निया कहते हैं, एक नींद संबंधित विकार है जिसमें नींद न आना या पूरी रात कुछ न कुछ सोचते रहना जैसा होता है। यह विकार लाखों लोगों को दुनिया भर में प्रभावित कर चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 93% भारतीयों को पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती क्योंकि उनके जीवनशैली और भागदौड़ भरी जिंदगी नींद पूरी करने का समय नहीं देती। इसके और भी कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें हम इस ब्लॉग के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे।

नींद न आने का कारण चाहे जो भी हो, अनिद्रा (Insomnia) के कारण आपको शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके से प्रभावित किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि अनिद्रा (Insomnia) क्या है, इसके लक्षण और कारण क्या हैं, और अनिद्रा की वजह से कौन सी बीमारियां प्रभावित कर सकती हैं।

अनिद्रा के 7 प्रमुख लक्षण  ( 7 Major Symptoms of Insomnia ) 

अगर आप या आपके किसी परिचित को अनिद्रा के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो यह समय है ध्यान देने का। यहां हम अनिद्रा के कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में बात करेंगे

नींद न आना

अनिद्रा का सबसे प्रमुख लक्षण यह है कि व्यक्ति को रात में सोने में कठिनाई होती है। यदि आप बिस्तर पर लेटने के बावजूद नींद नहीं पा रहे हैं, तो यह अनिद्रा का संकेत हो सकता है।

बार-बार जागना

अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति रात में कई बार जागता है और फिर सोने में मुश्किल महसूस करता है। यह लगातार जागने का अनुभव शरीर को आराम लेने से रोकता है।

बहुत जल्दी जागना

अनिद्रा का एक और लक्षण यह है कि व्यक्ति बहुत जल्दी जाग जाता है और फिर उसे फिर से सोने में कठिनाई होती है। यह लक्षण भी अनिद्रा का हिस्सा हो सकता है।

सुबह जल्दी उठकर थका हुआ महसूस करना

यदि आप रात में पूरी नींद नहीं ले पाते हैं तो सुबह उठने के बाद थकान और सुस्ती महसूस हो सकती है, जो पूरे दिन की ऊर्जा को प्रभावित कर सकती है।

दिमागी उलझन और तनाव

अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति अक्सर मानसिक तनाव और चिंताओं का सामना करता है। नींद की कमी मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करती है, जिससे दिमागी उलझन और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है।

अवसाद और चिड़चिड़ापन

अनिद्रा लंबे समय तक रहने पर व्यक्ति को अवसाद (depression) और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। इसका असर कार्यक्षमता और व्यक्तिगत रिश्तों पर भी पड़ सकता है।

शारीरिक थकावट और सिरदर्द

नींद पूरी न होने से शरीर में थकावट, सिरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन लक्षणों से व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

Also Read: https://redcliffelabs.com/myhealth/health/depression-symptoms-in-hindi/

अनिद्रा के 7 प्रमुख कारण ( 7 Main Causes of Insomnia) 

तनाव और चिंता ( Stress and anxiety )

दैनिक जीवन की समस्याओं, काम का दबाव, या भविष्य की चिंता से नींद पर असर पड़ता है। मस्तिष्क जब अधिक सक्रिय होता है, तो आराम करना मुश्किल हो जाता है।

गलत दिनचर्या ( Wrong Routine )

सोने और जागने का सही समय न होना, देर रात तक जागना, और दिन में ज़्यादा सोना अनिद्रा को बढ़ावा देता है।

डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग ( Excessive use of digital devices )

सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी का इस्तेमाल आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है। स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मस्तिष्क को जागृत रखती है।

कैफीन और अल्कोहल का सेवन ( Caffeine and alcohol consumption )

कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक्स, और अल्कोहल का अधिक सेवन आपके नींद के चक्र को बिगाड़ सकता है। कैफीन आपकी मस्तिष्क की सतर्कता बढ़ाता है, जिससे नींद में रुकावट आती है।

स्वास्थ्य समस्याएं ( Health Problems )

डिप्रेशन, दमा, हार्मोनल असंतुलन, और हृदय रोग जैसी समस्याएं भी अनिद्रा का कारण बन सकती हैं।

अनियमित खानपान (Irregular Eating )

सोने से पहले भारी भोजन करना या भूखे पेट सोने जाना, दोनों ही स्थितियां आपकी नींद को बाधित कर सकती हैं।

पर्यावरणीय कारक ( Environmental Factors )

शोरगुल, तेज़ रोशनी, असुविधाजनक बिस्तर, या बहुत अधिक गर्मी-सर्दी जैसे कारक भी अच्छी नींद में बाधा डालते हैं।

अनिद्रा का इलाज ( Insomnia Treatment ) 

यदि आप अनिद्रा से परेशान हैं, तो इन उपायों को अपनाकर राहत पा सकते हैं:

1. नियमित दिनचर्या अपनाएं

  • रोज़ाना एक ही समय पर सोने की आदत बनाएं।
  • दिन में ज़्यादा न सोएं, खासकर दोपहर के बाद।

2. तनाव कम करें

  • योग और ध्यान करें।
  • ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ (सांस की तकनीक) अपनाएं।

3. खानपान में बदलाव

  • सोने से पहले हल्का और पौष्टिक भोजन करें।
  • कैफीन और अल्कोहल से बचें, खासकर शाम के समय।

4. डिजिटल डिटॉक्स करें

  • सोने से 1-2 घंटे पहले मोबाइल, लैपटॉप और टीवी का इस्तेमाल बंद कर दें।
  • कमरे में तेज़ रोशनी और शोर से बचें।

5. शारीरिक व्यायाम

  • नियमित रूप से व्यायाम करें, लेकिन सोने से ठीक पहले भारी कसरत से बचें।
  • सुबह या शाम की सैर फायदेमंद हो सकती है।

6. घरेलू उपाय

  • सोने से पहले हल्का गर्म दूध पीएं।
  • तुलसी या अदरक की चाय का सेवन करें।

FAQ 

1- क्या तनाव अनिद्रा का मुख्य कारण हो सकता है?

हाँ, तनाव और चिंता अनिद्रा के सबसे सामान्य कारणों में से एक हैं। मानसिक अशांति मस्तिष्क को आराम करने नहीं देती, जिससे नींद में बाधा आती है।

2- क्या मोबाइल और लैपटॉप के इस्तेमाल से नींद पर असर पड़ता है?

जी हाँ, सोने से पहले डिजिटल उपकरणों का उपयोग नींद को प्रभावित करता है। इनसे निकलने वाली नीली रोशनी मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ाती है।

3- कैफीन का सेवन किस हद तक अनिद्रा को बढ़ा सकता है?

कैफीन (कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक्स) का सेवन नींद को बाधित करता है, खासतौर पर अगर इसे सोने से कुछ घंटे पहले लिया जाए।

4- क्या स्वास्थ्य समस्याएं भी अनिद्रा का कारण बन सकती हैं?

हाँ, जैसे डिप्रेशन, हार्मोनल असंतुलन, हृदय रोग, और दमा जैसी बीमारियां अनिद्रा को बढ़ा सकती हैं।

5- क्या दिनचर्या में बदलाव अनिद्रा से बचने में मदद कर सकता है?

हाँ, नियमित दिनचर्या और समय पर सोने-उठने की आदत अनिद्रा को दूर करने में सहायक होती है।

6- क्या खानपान का अनिद्रा से कोई संबंध है?

हाँ, सोने से पहले भारी भोजन करना या खाली पेट सोना नींद को प्रभावित कर सकता है। हल्का और पोषक भोजन मददगार होता है।

7- कितनी नींद आवश्यक होती है?

आमतौर पर, एक वयस्क व्यक्ति को 7-8 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। हालांकि, यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है।

8- अगर अनिद्रा लंबे समय तक बनी रहे तो क्या करें?

अगर अनिद्रा लंबे समय तक बनी रहे, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। यह किसी गहरी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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