HLA B27 का पूरा नाम, ह्यूमन लुकोसाइट एंटीजन B27 (Human Leukocyte Antigen) होता है। यह HLA एक तरह का प्रोटिन होता है जो कि सभी न्यूक्लियस कोशिकाओं (cells) में पाया जाता है पर ये सबसे ज्यादा सफेद रक्त कोशिकाओं (White blood cells) में पाया जाता है।
यह HLA हमारे इम्यून सिस्टम का एक ऐसा हिस्सा होता हैं जो हमारे शरीर को इंफेक्शन या बाहरी हमले से बचाते हैं। लेकिन जब यह HLA हमारे शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं (healthy cells) पर हमला करके उनको ही नष्ट करने लगता है। तो यह एक बहुत बड़ी बीमारी की तरफ संकेत देती हैं। अब यह बीमारी होती क्यों है? इसका इलाज कैसे किया जाता है? आइए जानते हैं।
HLA B27 Test By RT PCR
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HLA B27 टेस्ट क्या होता है?
HLA एक प्रोटीन है, जिसके अब 27 से ज्यादा प्रकार मिल चुके हैं। HLA प्रोटीन की मदद से हमारा डिफेंस सिस्टम शरीर में मौजूद कोशिकाओं और बाहरी सेल्स के बीच में अंतर पता लगाने का काम कर पाती है। दरअसल, एक स्वस्थ इंसान के शरीर में HLA किसी भी तरह के संक्रमण से बचाने के लिए, शरीर को हानिकारक तत्व या किसी भी बाहरी इन्फेक्शन से बचाने में मदद करता है। लेकिन कई बार यह गलती से शरीर की अपनी कोशिकाओं पर भी हमला कर देता है। तब यह ऑटो इम्यून बीमारी का रूप ले लेती हैं। समय रहते ही इन बीमारियों का इलाज न मिलने पर यह बीमारियां एक गंभीर रूप ले लेती हैं।
HLA B27 टेस्ट क्यों किया जाता हैं?
HLA B27 टेस्ट, कोशिकाओं में प्रोटीन नंबर 27 की जांच करने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट कुछ विशेष ऑटोइम्यून डिजीज की मौजूदगी और गैर-मौजूदगी का पता लगाने में भी मदद करता हैं।
लेकिन ऑटोइम्यून बीमारी की पहचान आसान नहीं होती है, इसलिए ऑटोइम्यून बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर को आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानना होता है। इसके लिए वो आपका फिजिकल एग्जामिनेशन के साथ, खून में ऑटो एंटीबॉडीज का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट सहित कई और टेस्ट कर सकते हैं।
ऑटोइम्यून बीमारी के लक्षण
ऑटोइम्यून बीमारी शरीर में लगभग किसी भी अंग या जगह को प्रभावित कर सकती हैं। इस बीमारी के लक्षण अलग उम्र के लोगों में, अलग तरह से दिखते हैं। जैसे –
- मांसपेशियों में दर्द
- जोड़ों का दर्द या कमजोरी
- बुखार आना
- नींद न आना
- वजन घटना
- गर्मी बिलकुल सहन न होना
- मूत्रमार्ग की सूजन
- रीढ़, गर्दन या छाती में सूजन या कठोरता महसूस करना
- आँख में सूजन
- दिल का तेज धड़कना
- नाक और गालों पर एक तितली के आकार के दाने आना
- बालों का झड़ना
- स्किन पर या मुंह के अंदर सफेद धब्बे पड़ना
- पैरों या हाथों में झुनझुनी होना या सुन्न होना
- पेट में दर्द या दस्त होना
- मुंह के अल्सर, यानी होंठ के भीतर की तरफ, मसूड़ों पर, जीभ पर छाले होना।
- खून के थक्के यानी शरीर के अंदर नसों में खून जम जाना।
अगर आपको ऊपर बताए गए ऑटोइम्यून बीमारी के लक्षण बार-बार दिखते है तो तो डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ के पास जाकर उनकी सलाह ज़रूर लें।
ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण हैं
ऑटोइम्यून बीमारियों होने का सही कारण अभी तक डॉक्टर भी नहीं जान पाए है। हालांकि, कुछ ऐसे जोखिम कारक हैं जो ऑटोइम्यून बीमारी होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं। जैसे –
- अधिक दवाओं का सेवन करने से दवाओं के दुष्प्रभावों की वजह से ऑटोइम्यून बीमारी हो सकती हैं।ऑटोइम्यून बीमारियों वाले रिश्तेदार होना या फिर अनुवांशिक हो सकते हैं , जैसे ये बीमारी सदियों से परिवारों में चलती आ रही हो।
- अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों में भी यह समस्या दिखना आम हैं।
- अगर पहले से ही एक ऑटोइम्यून बीमारी है। तो दूसरों में फैलने का जोखिम होता है।
- ऑटोइम्यून बीमारी होने के ज्यादा चांसेज महिलाओं में होते है। देखा जाए तो सभी लोगों में से करीब 70% महिलाएं ही इस बीमारी से प्रभावित होती हैं।
- मोटापा या इन्फेक्शन बढ़ने के कारण से भी यह बीमारी बढ़ सकती हैं।
HLA B27 से जुड़ी कुछ बीमारियां
- एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis)- इस रोग में जोड़ों के साथ स्पाइन, गर्दन और छाती में सूजन आ जाती है और ये धीरे-धीरे अकड़ने भी लगती है।
- रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)- ये एक ऐसी बीमारी है, जिसमें जोड़ों की ऊपर की परत पर असर पड़ता है, जिससे सूजन व दर्द होता है। ।
- सोरायटिक आर्थराइटिस (Psoriatic Arthritis)- सोरायसिस की वजह से होने वाले आर्थराइटिस को सोरियाटिक गठिया कहा जाता है। ये एक गठिया का ही रूप है, जो सोरायसिस जैसी त्वचा की स्थिति को प्रभावित करता है।
- रिएक्टिव आर्थराइटिस (Reactive arthritis)- रिएक्टिव आर्थराइटिस में होने वाला दर्द आमतौर पर घुटनों, टखनों और पैरों को प्रभावित करती है। वहां, सूजन आंखों, त्वचा और शरीर से यूरिनल ट्यूब को भी ये प्रभावित कर सकती है।
- यूवेइटिस (Uveitis): इस बीमारी में आंखों में सूजन, जलन जैसी समस्या बनी रहती हैं। आमतौर पर जिस बीमारी की वजह से यूवेइटिस होता है, अगर वो बीमारी एक बार ठीक हो जाती है तो ये भी अपने आप ठीक हो जाता है।
HLA B27 से जुड़ी बीमारी का इलाज
ऑटोइम्यून बीमारियों का कोई भी असरदार इलाज मौजूद नहीं है। लेकिन शुरुआती दौर में इस समस्या को दूर कम करने के लिए, डॉक्टर आपकी दिनचर्या में बदलाव के साथ ही लक्षणों के आधार पर आपको कुछ दवाएं दे सकते हैं। HLA B27 टेस्ट या तो पॉजिटिव आता है या नेगेटिव, अगर आपका HLA B27 टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो इसका मतलब है की आपको ऑटो इम्यून बीमारी है।
इसके साथ में डॉक्टर आपको कुछ और टेस्ट भी लिखता है और आपका इलाज करना शुरू कर देते है। इनमें पेन किलर दवाएं, सूजन को कम करने की दवाएं और इम्यूनोसप्रेसेंट जैसी दवाएं शामिल होती हैं।
इसके अलावा जिन लोगों को चलने-फिरने में दिक्कत हो रही हो, उनको फिजिकल थैरेपी की सलाह दी जाती है। कुछ लोगों में अगर कुछ कमी होती है, जैसे टाइप-1 डायबिटीज में इंसुलिन की कमी होना। तो उन्हें कुछ सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है।
ऑटोइम्यून बीमारियों को कैसे रोका जा सकता है?
ऑटोइम्यून बीमारियों को रोकना संभव नहीं, लेकिन कुछ विशेषज्ञ सलाह की मदद से आप शुरुआती चरण में आप इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं।
- रोजाना व्यायाम और योग करें।
- धूम्रपान से दूर रहें।
- एक स्वस्थ डाइट प्लान को अपनी ज़िंदगी में शामिल करें।
- खराब जीवनशैली और गलत खानपान से बचे।
- ताजा एवं हल्का गर्म खाना ही खाएं।
4 replies on “HLA B27 Test in Hindi – अर्थ, क्यों जरूरी है और कैसे काम करता है”
HLB27 BY PCR test Negative
Negative HLA-B27 by PCR suggests the absence of the genetic marker. Consult a healthcare professional for a comprehensive evaluation if you have concerns about associated conditions.
Hlab27
HLA-B27 is a genetic marker linked to autoimmune conditions like ankylosing spondylitis. Consult a healthcare professional for a comprehensive evaluation if you have concerns or symptoms related to these conditions.