Arthritis Meaning in Hindi – गठिया के कारण, लक्षण तथा उपचार

Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra
Written By Komal Daryani
on Feb 3, 2024
Last Edit Made By Komal Daryani
on Jan 7, 2025

गठिया, जिसे आमतौर पे अर्थराइटिस कहा जाता है, एक गंभीर और सामान्यतः बुजर्गो में होने वाला एक रोग है जिसमें जोड़ों में दर्द होता है, परन्तु आजकल के भागदौड़ भरी जिंदगी तथा बिजी लाइफस्टाइल में यह रोग बच्चो तथा वयस्कों तक पहुंच गया है, इस लेख में हम अर्थराइटिस (गठिया ) के बारे में विस्तार से जानेंगे तथा इसके कारण, लक्षण,बचाव और उपचार आदि के बारे में बात करेंगे।
अर्थराइटिस (गठिया ) क्या है – What is Arthritis
अर्थराइटिस, जिसे हिंदी में गठिया रोग कहा जाता है, एक व्यापक शब्द है जो जोड़ों की संक्रमण, जोड़ों की सूजन और दर्द को संकेत करता है। अर्थराइटिस ( गठिया ) यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण होने वाली बीमारी है,जिसमे शरीर में सामान्य से अधिक यूरिक एसिड बनाने लगता है, जिसमे कोहनी, घुटने, हाथों की अंगुलियों के जोड़ों आदि में दर्द होता है। इतना ही नहीं, आर्थराइटिस शरीर के दूसरे टिशू को भी प्रभावित करता है, जिसके कारण दिल, फेफड़ों आंखों, खून या नसों में समस्याएं पैदा होने लगती हैं। पुरषो की तुलना में यह बीमारी महिलाओ को अधिक प्रभावित करती है, गठिया और रुमेटोलॉजी, 2016, विश्व स्तर पर 350 मिलियन से अधिक लोगों को गठिया है (ग्लोबल आरए नेटवर्क, 2021)। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र, 2020 के मुताबिक अमेरिका में, 4 में से 1 वयस्क गठिया से पीड़ित है। अर्थराइटिस (गठिया ) कई प्रकार के होते है जैसे –
अर्थराइटिस (गठिया ) के प्रकार – Types of Arthritis
अर्थराइटिस यानि गठिया कई प्रकार का होता है जिसमे से मुख्य प्रकार है –
ओस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) – जोड़ों की कवच की कमजोरी या क्षति के कारण होने वाला रोग।
राखित अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) – राखित अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून रोग है जिसमें शरीर की रोग प्रतिक्रिया के कारण जोड़ों में सूजन और दर्द होता है
गठिया अर्थराइटिस (Gouty Arthritis) – उच्च मात्रा में मूत्र अम्ल के आत्म-उत्सर्जन के कारण होने वाला रोग।
लुपस अर्थराइटिस (Lupus Arthritis) – लुपस रोग के साथ जुड़ा हुआ अर्थराइटिस।
प्लेकिया अर्थराइटिस (Psoriatic Arthritis) – त्वचा की बीमारी प्लेकिया के साथ जुड़ा हुआ अर्थराइटिस।
ज्युवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस (Juvenile Idiopathic Arthritis) – बच्चों में होने वाला अर्थराइटिस
ये सभी प्रमुख गठिया रोग के प्रकार है, हर एक प्रकार का रोग अपनी विशेषताओं और उपचार के साथ आता है, और इसके सही निदान और उपचार के लिए एक चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है।आपको कैसे पता चलेगा की आप आर्थराइटिस यानि गठिया से पीड़ित है, तो इसके लिए आपका आर्थराइटिस के लक्षणों को पहचानना बहुत जरुरी है ताकि आप समय रहते इसका इलाज करवा सके।
अर्थराइटिस (गठिया ) के कारण – Causes Of Arthritis
अर्थराइटिस (गठिया ) कई कारणों से होता है जैसे की –
अंगरक्षक प्रतिक्रिया (Autoimmune Reaction): अर्थराइटिस के कई प्रकार इस कारण से हो सकते हैं, जिसमें शरीर का स्वतंत्र रूप से उत्पन्न होने वाला प्रतिक्रिया जोड़ों की कोशिकाओं को हमला करती है और उन्हें क्षति पहुंचाती है। राइट्स, रेव्यूमेटॉयड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis), और लुपस (Lupus) इस श्रेणी में आते हैं।
यूरिक एसिड की अधिकता (High Uric Acid): यह गठिया के कुछ प्रकार के कारण हो सकता है, जैसे कि गठिया अर्थराइटिस (Gout Arthritis)। यूरिक एसिड की अधिकता जोड़ों में क्रिस्टल्स का निर्माण कर सकती है, जो जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनते हैं।
कार्टिलेज का क्षय (Cartilage Deterioration): जोड़ों के बीच कार्टिलेज का क्षय भी अर्थराइटिस का कारण हो सकता है। वृद्धि या घातक घातक प्रभाव, जैसे कि व्यायाम की अभावशीलता या जोड़ों के ऊपर अधिक बोझ का होना, कार्टिलेज को क्षति पहुंचा सकता है।
इन्फेक्शन (Infection): कई बार जोड़ों में इन्फेक्शन भी अर्थराइटिस का कारण बन सकता है। इसमें बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन शामिल हो सकते हैं।
जोड़ों की असमान्य उपयोग (Joint Misuse): यदि किसी जोड़ को असमान्य रूप से उपयोग किया जाए, या फिर उसमें चोट लगे, तो इससे भी गठिया हो सकती है।
आयु (Age): आयुबढ़ते हुए, जोड़ों की कार्टिलेज और बोन्स में परिवर्तन हो सकता है, जिससे गठिया होने की संभावना बढ़ सकती है।
आनुवंशिक (Genetic): कुछ प्रकार की गठिया आनुवंशिक भी हो सकती है, जिसका मतलब है कि यह परिवार के आसपास हो सकती है।
अर्थराइटिस (गठिया ) के लक्षण – Symptoms of Arthritis
अर्थराइटिस (गठिया ) से पीड़ित व्यक्ति में निम्न लक्षण दिखाई दे सकते है जैसे की –
जोड़ों में दर्द: गठिया रोग के प्रमुख लक्षणों में से एक है जोड़ों में दर्द का अनुभव करना। यह दर्द आमतौर पर लंबे समय तक बना रहता है और जोड़ों की स्थिति के अनुसार बदलता रहता है।
सुन्नता या स्थिरता: गठिया रोग के कारण जोड़ों में सुन्नता या स्थिरता का अनुभव हो सकता है। यह आपको जोड़ों की आरामदायकता में कठिनाई का अनुभव करा सकता है।
संयमितता या ठंडापन: गठिया रोग के मरीजों में सामान्य रूप से जोड़ों की संयमितता या ठंडापन का अनुभव होता है।
सुजन और लालिमा: जोड़ों में सुजन और लालिमा की उपस्थिति गठिया रोग की एक आम संकेत हो सकती है।
जोड़ों की स्थिति में परिवर्तन: गठिया रोग के कारण जोड़ों की स्थिति में परिवर्तन हो सकता है। यह जोड़ों की लचीलापन, स्थिरता, या वृद्धि के रूप में प्रकट हो सकता है।
गठिया के अन्य संकेत: अन्य गठिया रोग के संकेत में शामिल हो सकते हैं मांसपेशियों की कमजोरी, जोड़ों के लकवे, जोड़ों की कठिनाई या अवसाद, सांस लेने में कठिनाई, त्वचा की रंजानता, और आमतौर पर शारीरिक गतिविधियों में कमी।
यदि आपको इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो आप अपने चिकित्सक से जरूर सलाह ले।
अर्थराइटिस (गठिया ) से बचाव के कुछ उपाय – Prevention of Arthritis
गठिया (अर्थराइटिस) से बचाव के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं –
सही आहार: आहार में शामिल किए जाने वाले खाद्य पदार्थों का ध्यान रखें जो गठिया में सहायक होते हैं, जैसे कि उच्च विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स वाले आहार। हर्बल चायें भी सहायक होती हैं।
नियमित व्यायाम: मानव शरीर को सुचारू रूप से गतिशील रखने के लिए नियमित व्यायाम करना महत्वपूर्ण है। यह मांसपेशियों को मजबूत और जोड़ों के सुधार में मदद करता है।
वजन कम करें: यदि आपका वजन ज्यादा है तो पहले अपना वजन काम करे, यह गठिया से निजात दिलाने में काफी मदद करता है।
योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम की अभ्यास करना जोड़ों को सुधारने में मदद कर करता है और शारीरिक स्थिति को सुधरता है।
दवाओं का सही से इस्तेमाल: यदि डॉक्टर ने किसी दवा की सलाह दी है, तो इसे नियमित रूप से और उनकी निर्देशों के अनुसार लें।
नियमित जांच: गठिया के मरीजों को नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह पर जांच कराना चाहिए ताकि उनकी स्थिति को नियंत्रित रखा जा सके।
ध्यान रहे कि ये सामान्य सुझाव हैं और व्यक्ति की आवश्यकताओं पर निर्भर करते हैं। लेख में दिए गए सुझावों को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर ले।
अर्थराइटिस (गठिया ) का घरेलू इलाज – Home Remedies of Arthritis
अर्थराइटिस (गठिया ) के इलाज के लिए बहुत सरे घरेलू उपाय उपलब्ध है, जिसे अपनाकर आप अर्थराइटिस के दर्द से कुछ समय के लिए राहत पा सकते है जैसे –
- गुग्गुल (Guggul): गुग्गुल का सेवन जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है।
- हल्दी और दूध (Turmeric and Milk): हल्दी में मौजूद कुर्क्यूमिन जोड़ों की सुजन को कम करने में मदद करता है। इसे गरम दूध के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है।
- लहसुन (Garlic): लहसुन में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द को कम कर करते हैं।
- अदरक (Ginger): अदरक में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो अर्थराइटिस के दर्द को शांत करने में मदद कर करते हैं।
- मेथी दाना (Fenugreek Seeds): मेथी दाना जोड़ों के दर्द को कम करने में सहायक हो होता है। इसे पीसे हुए दानों के साथ या गरम पानी में भिगोकर सेवन किया जा सकता है।
- सरसो का तेल (Mustard Oil): सरसो के तेल में गरमी और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसे जोड़ों पर मालिश करने से लाभ हो होता है।
- जैतून का तेल (Olive Oil): जैतून के तेल में एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ होती हैं जो जोड़ों के दर्द को कम कर करती हैं।
- अश्वगंधा (Ashwagandha): अश्वगंधा का सेवन शरीर को ताकत प्रदान करने में मदद कर करता है, और जोड़ों के दर्द को कम करता है।
- अदुसा (Adusa): अदुसा की पत्तियां अर्थराइटिस के दर्द को कम करने में मदद करती हैं।
- व्हीटग्रास जूस (Wheatgrass Juice): व्हीटग्रास में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो जोड़ों की स्वस्थता को बनाए रखने में मदद करता हैं।
कृपया ध्यान दें कि ये सुझाव केवल सामान्य रूप से स्वास्थ्य की देखभाल के लिए हैं और किसी भी नए चिकित्सा योजना की शुरुआत से पहले डॉक्टर सेपरामर्श करें ।
अर्थराइटिस (गठिया ) का निदान – Diagnosis of Arthritis
गठिया या अर्थराइटिस का निदान मुख्यतः रोगी के लक्षणों, इतिहास, और विशेषज्ञ के द्वारा किए जाने वाले चिकित्सा जाँचों पर आधारित होता है। चिकित्सक द्वारा सुझाए गए कुछ विशेष जाँचें और टेस्ट हो सकते हैं जैसे की –
रेडिओग्राफी (X-रे): रेडिओग्राफी के द्वारा जोड़ों की छवियों को देखा जाता है, जो गठिया के लक्षणों को प्रदर्शित कर सकती हैं, जैसे कि जोड़ों की सूजन और क्षय दृष्टि।
सीडीआर (संज्ञानशील डिवाइसेजेस इंडेक्स): यह टेस्ट अन्य रूपों की इंफ्लैमेटरी आज्ञाएँ और गठिया की दृष्टि से रोगों को बाहर करने में मदद करता है।
रेडियोलॉजिकल टेस्ट्स: ये टेस्ट्स जोड़ों की स्थिति को विश्लेषण करने में मदद कर करता हैं, जैसे कि उल्टे जोड़ों की स्थिति और उनकी स्वस्थता।
राधियोन्यूक्लाइड विमोचन स्कैन (Bone Scan): इस टेस्ट से जोड़ों की सूजन और इंफ्लेमेशन की स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है।
ब्लड टेस्ट्स: रक्त परीक्षण जॉइंट इंफ्लेमेशन और अन्य रोग के मार्ग में मदद कर सकते हैं, जैसे कि रीयुमेटॉयड फैक्टर और C-रीएक्टिव प्रोटीन (CRP) आदि।
सिंवोवियटीस (सिनॉविअल बायोप्सी): यह टेस्ट जॉइंट की स्थिति का निरूपण करने के लिए सुरक्षित हो होता है और इसके लिए जॉइंट से एक छोटा सा नमूना लिया जाता है।
अर्थराइटिस (गठिया ) का इलाज – Treatment of Arthritis
व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करना आराम दिलाने में मदद कर सकता है। यह आपकी स्थिति को सुधारने और जोड़ों को लचीला बनाए रखने में मदद कर सकता है।
उचित आहार: अपने आहार में ताजगी से भरपूर फल, सब्जियां, और अंडे जैसे पोषण से भरपूर आहार को शामिल करें।
विशेषज्ञ की सलाह: गठिया के इलाज के लिए एक चिकित्सक या विशेषज्ञ से मार्गदर्शन प्राप्त करें।
दवाएँ: आपके चिकित्सक द्वारा सुनिश्चित किए गए सुरक्षित और प्रभावी दवाओं का सेवन करें।
पर्याप्त आराम: अधिकतम आराम और सुरक्षित ढंग से आदतें बनाएं, ताकि आपके जोड़ों को आराम मिल सके।
ध्यान रखें –
- अगर आपके जोड़ों में जरा सा भी दर्द, शरीर में हल्की अकड़न है डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।
- नमी वाले स्थान व ठंडे पानी के संपर्क में न रहें.
- दर्द में पालथी मारकर न बैठें.
- घूमने-फिरने जाते समय छड़ी का इस्तेमाल करें.
डिस्क्लेमर – यह लेख केवल सामान्य सूचना के लिए है, रेडक्लिफ लैब्स इसकी पुष्टि नहीं करता, कोई भी बड़ा कदम उठाने से पहले डॉक्टर्स से जरूर सम्पर्क करे।
FAQS
1. आर्थराइटिस क्या है?
आर्थराइटिस एक जोड़ों की स्थिति है जिसमें एक या एक से अधिक जोड़ों में सूजन, दर्द, और गठिया हो सकती है। यह जोड़ों की कंधों, हड्डियों, हड्डियों के संयोजन स्थानों, और अन्य स्थानों को प्रभावित कर सकती है।
2. आर्थराइटिस से कौन से अंग प्रभावित होते हैं?
आर्थराइटिस किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकती है, लेकिन सबसे आम रूप से हड्डियों, कंधों, घुटनों, हाथों, और पैरों को प्रभावित करती है।
3. आर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
शुरुआती लक्षण में शामिल हो सकते हैं: जोड़ों में दर्द, सूजन, गर्मी, और सुबहों को जोड़ों की खिचाक की कमी।
4. आर्थराइटिस के मुख्य कारण क्या है?
आर्थराइटिस के कई प्रकार हो सकते हैं, जिनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस, रीऊमेटॉइड आर्थराइटिस, गठिया आर्थराइटिस, और अन्य शामिल हैं। कारण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे कि जीवाणु, गलत आहार, और उम्र।
5. क्या आर्थराइटिस दूर हो सकता है?
कुछ आर्थराइटिस प्रकारों को पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन उपयुक्त उपचार और जीवनशैली परिवर्तनों से लाभ हो सकता है।
6. क्या अर्थराइटिस कैंसर का कारण हो सकता है?
नहीं, आर्थराइटिस कैंसर का कारण नहीं हो सकती है। यह दोनों ही अलग-अलग बीमारियाँ हैं जो विभिन्न कारणों से हो सकती हैं।
7. आर्थराइटिस कितना गंभीर है?
आर्थराइटिस की गंभीरता उपयोगकर्ता के स्थिति पर निर्भर करती है। कुछ लोगों को मामूल्य दर्द हो सकता है, जबकि दूसरों को जीवनसंगीनी रूप से प्रभावित कर सकता है।



