एंटीबॉडी साइक्लिक सिट्रुलिनेटेड पेप्टाइड टेस्ट (Antibody cyclic citrullinated peptide test) यानी की Anti-CCP Test। ये एक तरह की ऑटो एंटीबॉडी होती है और यह एंटीबॉडी हमारे शरीर में ऑटोइम्यून डिस्ऑर्डर (Autoimmune Disorder) यानी कि ऑटोइम्यून बीमारी का कारण बनती है। आमतौर पर कई तरह के ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होते हैं, उनमें से एक रूमेटाइड आर्थराइटिस ऑटोइम्यून डिसऑर्डर हैं। जिसको हम आम भाषा में गठिया बोलते हैं। ये भी एक तरह का ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होता है।
Anti Cyclic Citrullinated Peptide Antibodies Test (Anti CCP)
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ऑटोइम्यून डिसऑर्डर क्या होते हैं?
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम हमारे खराब पार्टिकल्स को मारने के बजाय अपने ही हेल्दी सेल्स को मारने लग जाता है। इस स्थिति को ऑटोइम्यून डिसऑर्डर कहा जाता है और इम्यून सिस्टम, जो एंटीबॉडी बनाता है (खराब पार्टिकल्स को मारने के लिए) उसको एंटीबॉडी बोला जाता है।
एंटी सीसीपी टेस्ट
एंटी सीसीपी टेस्ट एक तरह का ब्लड टेस्ट है जो ये पता लगाता है कि हमारे खून में एंटी-सीसीपी एंटीबॉडीज़ या साइक्लिक सिट्रुलिनेटेड पेप्टाइड की मात्रा कितनी है। एंटी सीसीपी टेस्ट से हमें गठिया जैसी बीमारी का पता चलता है और साथ ही अगर गठिया जैसी बीमारी है, तो कितनी मात्रा में है ये भी पता चलता है। साथ ही इस टेस्ट से हमें ये भी पता चलता है कि फ्यूचर में गठिया जैसी बीमारी हो सकती है क्या? इस बीमारी के लक्षण हर इंसान में अलग-अलग होते हैं।
एंटी सीसीपी टेस्ट कैसे होता है
एंटी सीसीपी टेस्ट हमेशा रूमेटाइड फैक्टर (rheumatoid factor) रिमाइंडर फैक्टर के साथ कराया जाता है। रिमाइंडर फैक्टर भी एक तरह का ब्लड टेस्ट है जो इंसान के इम्यून सिस्टम से बना प्रोटीन होता है | आमतौर पर इंसान का इम्यून सिस्टम इन जर्म्स पर हमला करने के लिए एंटीबॉडी नाम का प्रोटीन बनाता है, जो आपको बीमार कर सकते हैं। लेकिन एंटी सीसीपी टेस्ट ज्यादा फायदेमंद होता है, रूमेटाइड फैक्टर (RF) टेस्ट से।
एंटी सीसीपी टेस्ट रिपोर्ट का नार्मल रेंज 0।5 u/ml से कम होना चाहिए। अगर इससे ज्यादा होता है तो पॉजिटिव और कम है तो नेगेटिव माना जाता है। यदि एंटी सीसीपी टेस्ट और RF टेस्ट दोनों पॉजिटिव है तो उस इंसान को पॉजिटिव गठिया जैसी बीमारी है जिससे दर्द और सूजन पैदा होती है। लेकिन अगर एंटी सीसीपी टेस्ट पॉजिटिव है और RF टेस्ट नेगेटिव है तो ये माना जाएगा कि उस इंसान को गठिया जैसी बीमारी है लेकिन वक़्त से पहले या फिर शुरुआती स्टेज में और आगे आने वाले समय में और बढ़ सकता है, लेकिन अगर दोनों ही टेस्ट नेगेटिव है तो आपको गठिया जैसी बीमारी नहीं है।
एंटी सीसीपी की बात की जाए तो इंसान के शरीर में एंटी सीसीपी की मात्रा बहुत ही कम होती है। लेकिन जब गठिया जैसी बीमारी होती है तो इंसान के शरीर एंटी सीसीपी को ज्यादा प्रोड्यूस करने लग जाती है इससे एंटी सीसीपी की मात्रा भी बढ़ जाती है।
क्यों जरूरी है एंटी सीसीपी टेस्ट ?
एंटी सीसीपी टेस्ट रुमेटॉइड आर्थराइटिस यानी कि गठिया जैसी बीमारी को ठीक करने के लिए जरूरी है, इस टेस्ट से रोगी के सही स्थिति का पता लगाया जाता है जिससे डॉक्टर को सही इलाज करने में मदद मिलती है।
उचित निदान : एंटी सीसीपी टेस्ट गठिया जैसी बीमारी का पता लगाने में मदद करता है। ये टेस्ट खून में मौजूद एंटी-साइक्लिक सिट्रुलिनेटेड पेप्टाइड एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाता है। जो इंसान के शरीर में गठिया के होने के संकेत हो सकते हैं।
दूसरे जोड़ों के रोगों से अलग: गठिया कई प्रकार के होते है एंटी सीसीपी टेस्ट गठिया के प्रकार को जानने में मदद करता है क्योंकि अलग-अलग अर्थराइटिस के लिए अलग-अलग इलाज हो सकता है।
एक अच्छी इलाज योजना : एक इफेक्टिव ट्रीटमेंट प्लान डॉक्टरों को इलाज करने में मदद कर सकता है। एंटी सीसीपी टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर डॉक्टर गठिया जैसी बीमारी के लिए के लिए सही इलाज तैयार कर सकते है। यदि टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आता है खासकर रेट्रोक्टोर्य अर्थराइटिस में, तो रोगी की सही स्थिति का अनुमान लगा कर एक अच्छी इलाज की योजना तैयार कर सकते है।
जल्दी निदान: एंटी सीसीपी टेस्ट के रिजल्ट से रोगी की स्थिति को समझ कर इन्फेक्शन पर नियंत्रण के लिए उचित दवा और सही ट्रीटमेंट प्लान किया जा सकता है।
इलाज का प्रभाव : एंटी सीसीपी टेस्ट से जोड़ों में संक्रमण (infection) का जो इलाज किया जा रहा है उसके असर पता लगाने में मदद करता है,जिससे सही इलाज की योजना तैयार करने में और कुछ अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत है या नहीं यह भी पता लगाया जा सकता है।
अगर गठिया जैसी बीमारी के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो, वे कब और कैसे शुरू हुए, और समय के साथ वे कैसे बदल गए हैं, ये सब भी पता चलता है एंटी सीसीपी से।
एंटी सीसीपी टेस्ट से जुड़ी कुछ जरूरी बातें
- एंटी सीसीपी टेस्ट के लिए फास्टिंग सैंपल की कोई जरूरत नहीं होती।
- इस टेस्ट में ब्लड का सैंपल SST Tube से लिया जाता है, जो कि गोल्डन कलर का होता है।
- टेस्ट की रिपोर्ट उसी दिन मिल जाता है जिस दिन टेस्ट कराया जाता है।
- अगर आप कोई दवा और सप्लीमेंट ले रहे हैं तो डॉक्टर को इस बारे में टेस्ट से पहले जरूर बताएं क्योंकि ये आपके टेस्ट रिजल्ट को इफेक्ट कर सकता है।
रुमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण
- जोड़ों में दर्द और सूजन होना,जब आप आराम करते हैं या चलते हैं।
- जोड़ों और पैर के निचले हिस्से में सूजन ।
- जोड़ों में सुबह के समय जकड़न महसूस होना ।
- हल्की मात्रा में बुखार (Fever) होना ।
- दिन में कई बार आराम करने के बाद भी थकान महसूस होना।
एंटी सीसीपी टेस्ट एक टेस्ट जो गठिया जैसी बीमारी से परेशान लोगों के लिए बहुत जरुरी है। ये गठिया जैसी बीमारी की जांच करने में मदद करता है और इससे आपको बीमारी की मात्रा और उसकी मौजूदगी के बारे में जानकारी मिलती है। ये टेस्ट अक्सर रूमेटाइड फैक्टर (RF) टेस्ट के साथ किया जाता है। यदि आपको जोड़ों में दर्द, सूजन, सुबह के समय जकड़न, बुखार, थकान और कमजोरी के लक्षण हो रहे हैं। तो आपको डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए और यदि एंटी सीसीपी टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है तो टेस्ट भी करवा लेना चाहिए।