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टाइफाइड बार-बार क्यों होता है? कारण, लक्षण, बचाव

Fever

टाइफाइड बार-बार क्यों होता है? कारण, लक्षण, बचाव

Medically Reviewed By
Dr. Mayanka Lodha Seth

Written By Komal Daryani
on Apr 1, 2025

Last Edit Made By Komal Daryani
on Apr 1, 2025

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टाइफाइड बार-बार क्यों होता है? कारण, लक्षण, बचाव
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टाइफाइड बुखार एक संक्रमण है जो Salmonella Typhi नाम के बैक्टीरिया से होता है। इसमें तेज़ बुखार, फ्लू जैसे लक्षण और कभी-कभी दस्त या पेट दर्द भी हो सकता है। खास बात ये है कि कई बार बिना लक्षण के भी कोई व्यक्ति इस बीमारी से संक्रमित हो सकता है। टाइफाइड गंभीर और जानलेवा हो सकता है, इसलिए इसका इलाज तुरंत एंटीबायोटिक दवाओं से करना ज़रूरी होता है। 

अक्सर देखा जाता है कि टाइफाइड का इलाज होने के बावजूद कुछ लोगों को यह बार-बार हो जाता है। इसकी वजह शरीर में बैक्टीरिया का पूरी तरह खत्म न होना या कुछ अन्य कारण हो सकते हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि टाइफाइड बार-बार क्यों होता है?, इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय क्या हैं।

टाइफाइड बार-बार होने के मुख्य कारण

पूरा इलाज न होना 

कई बार मरीज एंटीबायोटिक्स को बीच में ही छोड़ देते हैं या डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा पूरी नहीं लेते। इससे बैक्टीरिया पूरी तरह खत्म नहीं हो पाता और टाइफाइड दोबारा हो सकता है।

बैक्टीरिया का शरीर में छिपा रहना

टाइफाइड के बैक्टीरिया कुछ मामलों में शरीर के अंदर, खासकर गॉल ब्लैडर (पित्ताशय) में छिपे रह जाते हैं। ये बैक्टीरिया फिर से सक्रिय होकर संक्रमण फैला सकते हैं और रोग को दोबारा जन्म देते हैं।

कमजोर इम्यून सिस्टम

अगर व्यक्ति की इम्यून सिस्टम कमजोर हो तो टाइफाइड के बैक्टीरिया से लड़ने की ताकत कम हो जाती है। इससे रोग ठीक होने के बाद भी व्यक्ति जल्दी से फिर संक्रमित हो सकता है।

संक्रमित पानी और भोजन का सेवन

टाइफाइड दूषित पानी और खाने से फैलता है। यदि ठीक होने के बाद भी व्यक्ति संक्रमित पानी या भोजन का सेवन करता है, तो उसे दोबारा टाइफाइड हो सकता है।

हाइजीन का ध्यान न रखना

अच्छी स्वच्छता का ध्यान न रखने से हाथों के जरिए बैक्टीरिया पेट में चले जाते हैं और दोबारा टाइफाइड हो सकता है।

टीकाकरण न करवाना

टाइफाइड से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। यदि व्यक्ति ने टाइफाइड वैक्सीन नहीं लगवाई है तो संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है और रोग बार-बार हो सकता है।

टाइफाइड बार-बार होने के लक्षण

नीचे टाइफाइड बुखार के प्रमुख लक्षण दिए गए हैं-

तेज़ और लगातार बुखार- टाइफाइड का सबसे आम लक्षण है लगातार बना रहने वाला बुखार। शुरूआती दिनों में यह हल्का होता है लेकिन धीरे-धीरे तेज़ हो जाता है और लंबे समय तक बना रहता है।

थकान और कमजोरी- मरीज को बहुत अधिक थकावट महसूस होती है, जिससे उसका शरीर सुस्त हो जाता है और रोजमर्रा के काम भी करना मुश्किल हो जाता है।

पेट में दर्द और भारीपन- टाइफाइड में पेट के निचले हिस्से में दर्द और गैस जैसी परेशानी आम बात है। कुछ मरीजों को पेट भारी महसूस होता है।

तेज़ सिरदर्द- सिर में लगातार तेज दर्द बना रहना भी इस बीमारी का एक सामान्य लक्षण है।

गुलाबी रंग के दाने (Rose Spots)- कुछ मरीजों की छाती या पेट पर छोटे-छोटे गुलाबी रंग के फ्लैट दाने दिखाई देते हैं जिन्हें ‘रोज़ स्पॉट’ कहा जाता है।

भूख में कमी और वजन घटना- टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति की भूख कम हो जाती है, जिससे शरीर को ज़रूरी पोषण नहीं मिल पाता और धीरे-धीरे वजन भी घटने लगता है।

पाचन से जुड़ी समस्याएं- इस बीमारी में मरीज को दस्त या कभी-कभी कब्ज की समस्या हो सकती है।

लिवर और तिल्ली में सूजन- गंभीर मामलों में लिवर (जिगर) और स्प्लीन (तिल्ली) में सूजन आ सकती है, जो खतरे का संकेत होता है।

बदलता तापमान- टाइफाइड बुखार में कभी अचानक ठंड लगती है तो कभी अचानक पसीना आने लगता है।

सूखी खांसी- कुछ मरीजों में सूखी खांसी भी देखी जाती है, जो लंबे समय तक रह सकती है।

इन लक्षणों में से अगर कोई भी लक्षण लंबे समय तक बना रहता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। शुरुआती जांच और इलाज से टाइफाइड को गंभीर होने से रोका जा सकता है।

टाइफाइड की जांच कैसे की जाती है?

टाइफाइड के लक्षणों की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर ये जांचें करने की सलाह देते हैं-

वाइडल टेस्ट (Widal Test)-

यह टाइफाइड की पुष्टि के लिए सबसे सामान्य टेस्ट है, जो शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज को मापता है।

ब्लड कल्चर टेस्ट-

इस टेस्ट में रक्त का नमूना लेकर यह देखा जाता है कि उसमें साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया मौजूद है या नहीं।

स्टूल और यूरीन टेस्ट-

इन टेस्ट से भी टाइफाइड बैक्टीरिया की पहचान की जाती है।

टाइफाइड में क्या खाना चाहिए?

टाइफाइड से जल्दी रिकवरी के लिए सही आहार का चयन करना बेहद जरूरी है। टाइफाइड में हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिए।

खाने में शामिल करें-

  • उबला हुआ चावल और खिचड़ी
  • दलिया और सूप
  • ताजे फल और नारियल पानी
  • दही और छाछ
  • उबली हुई सब्जियां

इन चीजों से बचें-

  • मसालेदार और तला-भुना भोजन
  • अत्यधिक तेल और मिर्च युक्त खाना
  • बाहर का दूषित भोजन और पानी

टाइफाइड से बचाव कैसे करें?

1. टीकाकरण करवाएं

टाइफाइड से बचने का सबसे प्रभावी तरीका टाइफाइड वैक्सीन लगवाना है। वैक्सीन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर संक्रमण से बचाती है।

2. स्वच्छता का पालन करें

  • खाने से पहले और शौचालय के बाद हाथ धोना चाहिए।
  • साफ और उबला हुआ पानी ही पिएं।
  • बाहर के खुले खाने से बचें।

3. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं

टाइफाइड संक्रमित व्यक्ति से संपर्क करने से बैक्टीरिया फैल सकते हैं। ऐसे में सावधानी रखना जरूरी है।

4. भोजन को अच्छी तरह पकाएं

कच्चा या अधपका भोजन बैक्टीरिया को जीवित रख सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

टाइफाइड होने पर क्या करें?

1. डॉक्टर की सलाह लें-

टाइफाइड के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक टेस्ट करवाएं।

2. एंटीबायोटिक्स को पूरा करें

डॉक्टर द्वारा दी गई एंटीबायोटिक्स को कोर्स पूरा होने तक जरूर लें। बीच में दवा बंद करने से बैक्टीरिया दोबारा सक्रिय हो सकते हैं।

3. तरल पदार्थ ज्यादा ले

टाइफाइड के दौरान शरीर में पानी की कमी हो सकती है। नारियल पानी, सूप और फलों का रस लेना फायदेमंद होता है।

निष्कर्ष

टाइफाइड का बार-बार होना अक्सर अधूरे इलाज, कमजोर इम्यून सिस्टम और खराब स्वच्छता की वजह से होता है। यदि टाइफाइड का सही समय पर और पूरा इलाज न किया जाए तो यह दोबारा हो सकता है।

टाइफाइड से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाना, साफ पानी पीना और स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है। सही इलाज और सावधानी बरतने से टाइफाइड को पूरी तरह रोका जा सकता है। यदि बार-बार टाइफाइड हो रहा हो तो डॉक्टर से उचित परामर्श लें और आवश्यक जांच करवाएं।

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