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Malaria Ke Lakshan - मलेरिया के कारण, पहचान, इलाज, पूरी जानकारी

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Medically Reviewed By
Dr Divya Rohra

Written By Komal Daryani
on Oct 16, 2023

Last Edit Made By Komal Daryani
on Oct 15, 2024

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Malaria ke lakshan
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आपकी सेहत ही आपकी विशेष संपत्ति है, और इसकी सुरक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मलेरिया बुखार संक्रमित एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है जिससे हजारों लोग हर साल प्रभावित होते हैं, और इसके लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण होता है। मलेरिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के बाद कुछ ही दिनों में प्रकट होते हैं, और उन्हें सही समय पर पहचानना और उपचार करवाना जीवन बचाने में मदद कर सकता है।

मलेरिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 10 दिन से 4 सप्ताह के भीतर प्रकट होते हैं। सामान्य लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, पसीना, थकान, और मतली शामिल हैं।

इस ब्लॉग में, हम मलेरिया के लक्षण कारण और बचाव के बारे में चर्चा करेंगे ताकि आप समय पर उपचार करवा सकें और इस खतरनाक बीमारी से बच सकें। मलेरिया के बारे में जागरूक होना आपकी सेहत को सुरक्षित रखने में मदद करेगा और इसे नियंत्रित करने में हमारी मदद करेगा।

मलेरिया के कारण (Malaria Resons)

मलेरिया एक मुख्य रूप से प्लास्मोडियम परवम संक्रमण के कारण होता है, जो मादा एनोफिल्स मॉस्कीटों के काटने के माध्यम से होता है। मलेरिया के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. प्लास्मोडियम परवम संक्रमण ( Plasmodium Parasite Infection) -  मलेरिया का प्रमुख कारण प्लास्मोडियम परवम नामक एक परजीवी के संक्रमण का होता है, जो मादा एनोफिल्स मॉस्कीटों के काटने के बाद व्यक्ति के रक्त में प्रवेश करता है।
  2. मॉस्कीटों बायट मार्क्स: ( Mosquito Bite Marks ) -एनोफिलीज मॉस्कीटों के काटने से जन्म लेने वाले प्लास्मोडियम परवम के संक्रमित मांसपेशियों का रक्त पीने से मलेरिया का संक्रमण होता है।
  3. लक्षणों का विकास (Development of Symptoms ) - प्लास्मोडियम परवम शरीर में पहुँचते ही यह उत्तेजना का कारण बनता है और मलेरिया के लक्षण दिखाने लगते हैं, जैसे कि ठंड और बुखार ।
  4. अन्य जीवाणुओं के संक्रमण ( Infections by Other Microorganisms) मलेरिया के संक्रमण के बाद, शरीर कमजोर हो जाता है और अन्य संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है।
  5. सामाजिक कारण (Social Causes) कुछ क्षेत्रों में मलेरिया के बढ़ते हुए संक्रमण के पीछे सामाजिक कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, विवाद, और गरीबी।

मलेरिया के संक्रमण को रोकने के लिए, एक्स्पोज़ होने से बचने के लिए मॉस्कीट बायट मार्क्स का खास ध्यान देना और उपयुक्त मलेरिया की दवाओं का उपयोग करना जरूरी होता है। 

मलेरिया मच्छर की पहचान: (Identification of Malaria Mosquito)

मलेरिया मच्छर की मुख्य पहचान होती है जैसे - 

  1. मलेरिया मच्छर का रंग सामान्यत: काला, भूरा या सफेद होता है।
  2. मलेरिया मच्छर के शरीर का आकार सामान्यतया लगभग 4-7 मिलीमीटर लम्बा होता है।
  3. मलेरिया मच्छर रात के समय अधिकांश उच्च स्थानों पर उड़ते हैं। ये मच्छर धीरे-धीरे उड़कर जाते हैं और उड़ान के दौरान उनकी पीठ पर एक बारीक ध्वनि उत्पन्न होती है।
  4. पंखों पर काले और सफेद रंग के धब्बे होते हैं। 
  5. इन मच्छरों के आंखें बड़ी होती हैं और एक चौड़ी लकीर की आंखों के बीच में दिखाई देती हैं।
  6. इनके डंक सामान्य मच्छरो से बड़े होते है। 
  7. बैठे हुए इनका पेट हवा में उठा हुआ दीखता है।

मलेरिया के प्रकार (Types of Malaria)

मलेरिया के प्रमुख प्रकार हैं:

  1. प्लास्मोडियम फैलसिपारम मलेरिया (Plasmodium falciparum): यह मलेरिया का सबसे गंभीर प्रकार है और अक्सर संक्रमित व्यक्तियों में जीवनकी खतरे की अधिक संभावना होती है।
  2. प्लास्मोडियम विवाक्स मलेरिया (Plasmodium vivax): यह प्रकार भी मलेरिया का होता है और यहाँ तक कि यह बार-बार आपको संक्रमित कर सकता है।
  3. प्लास्मोडियम ओवेल मलेरिया (Plasmodium ovale): यह भी एक प्रकार की मलेरिया होती है, लेकिन यह अधिक गंभीर नहीं होती है जैसे कि प्लास्मोडियम फैलसिपारम और प्लास्मोडियम विवाक्स मलेरिया होती हैं।
  4. प्लास्मोडियम मैलेरी मलेरिया (Plasmodium malariae): यह एक और प्रकार की मलेरिया होती है, जो आमतौर पर गंभीर नहीं होती है, लेकिन यह लंबे समय तक आपके रक्त में रह सकती है।

यहाँ तक कि कई अन्य प्रकार की प्लास्मोडियम स्पीशीज (Plasmodium species) भी मलेरिया के कारण होती हैं, लेकिन ये उपर्युक्त प्रमुख प्रकार हैं। मलेरिया के प्रकार और उनके लक्षणों को सही तरीके से पहचानने और उपचार करने के लिए चिकित्सक की सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है।

मलेरिया के लक्षण (Malaria Symptons in Hindi)

मलेरिया एक पर्जीवी बीमारी है जो मौसम के अनुसार बदल सकती है और पुरषों, महिलाओं, और बच्चों को प्रभावित कर सकती है। मलेरिया के लक्षण आमतौर पर बीमारी के प्रकार और ग्रेड के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ मुख्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं जैसे की - 

बुखार (ज्यादातर इसका प्रमुख लक्षण होता है)

यह आमतौर पर मलेरिया का सबसे प्रमुख लक्षण होता है। बुखार अचानक शुरू होता है और इसकी तीव्रता 38-40 °C तक हो सकती है।

ठंड लगना या पसीना आना 

मलेरिया के दौरान कई लोगों को ठंड लगने और पसीना आने की समस्या होती है, जो बुखार के दौर में बढ़ जाती है।

सिरदर्द

मलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को अक्सर तेज सिरदर्द होता है, जिससे दैनिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।

शरीर में दर्द 

मलेरिया के कारण शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द महसूस होता है, जो थकान और कमजोरी को बढ़ा सकता है।

तनाव और थकान

मलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति में थकान और मानसिक तनाव बढ़ सकता है, जिससे उन्हें आराम की आवश्यकता होती है।

उल्टियाँ और बेहोशी की अवस्था (गंभीर मामलों में)

गंभीर मलेरिया के मामलों में उल्टियाँ और बेहोशी की स्थिति भी हो सकती है।

खून की कमी (गंभीर मामलों में)

 यह मलेरिया के गंभीर मामलों में हो सकता है, जिससे शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है।

आंखों के पास खून की लाइन बनना 

 मलेरिया से ग्रस्त व्यक्तियों में आंखों के चारों ओर खून की रेखाएँ भी देखी जा सकती हैं।

डायरिया 

कुछ मामलों में, मलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को डायरिया की समस्या भी हो सकती है।

एनीमिया

मलेरिया के कारण रक्त की कमी हो सकती है, जिससे शरीर में थकान और कमजोरी महसूस होती है।

कोमा में चले जाना 

गंभीर मलेरिया के मामलों में, व्यक्ति को कोमा में जाने की स्थिति भी बन सकती है।

चक्कर आना

 मलेरिया के लक्षणों में चक्कर आना भी शामिल हो सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है।

तेज से सांस लेना

 मलेरिया से ग्रस्त व्यक्तियों में तेज सांस लेने की समस्या भी हो सकती है, जो गंभीरता को दर्शाती है।

मलेरिया का इलाज (Malaria Tratment)

मलेरिया का इलाज दवाओं के साथ किया जा सकता है, लेकिन डॉक्टर के परामर्श के साथ। मलेरिया के इलाज के लिए डॉक्टर आपके स्वास्थ्य और इन्फेक्शन के प्रकार के आधार पर सही दवाएं निर्धारित करेंगे। साथ ही, संवेदनशीलता और आदेशों का पालन भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों के काटने से बचना भी अच्छा है।

यदि आपको मलेरिया के संकेत हो रहे हैं या आपको लगता है कि आपको मलेरिया हो सकता है, तो कृपया तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें, क्योंकि इसका सही इलाज जीवन की बचाव के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

मलेरिया के इलाज में फायदेमंद घरेलू उपाय (Beneficial Home Remedies in the Treatment of Malaria)

मलेरिया एक गंभीर रोग है और इसका उपचार चिकित्सा द्वारा किया जाना चाहिए। परन्तु समय पर चिकित्सा ना प्राप्त कर पाने की स्तिथि में हम कुछ घरेलु उपायों को अपना कर आराम पा सकते है। 

  • नीम के पत्ते - नीम के पत्ते पीसकर पानी में मिलाकर पिने से फायदा होता है 
  • गिलोय - गिलोय मलेरिया तथा डेंगू के इलाज के लिए रामबाड औषधि मानी जाती है गिलोय को उबाल कर पिने से या इसका काढ़ा पिने से मरीज को आराम मिलता है।
  • प्याज: प्याज के रस को शहद में मिला कर पिने से काफी हद तक आराम मिलता है।
  • तुलसी के पत्ते - 8 से 10 तुलसी पत्ते तथा 7 -8 काली मिर्च को एक साथ पीस कर शहद में मिला कर खाने से बुखार में आराम मिलता है।
  • निम्बू - मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को निम्बू के साथ सेंधा नमक तथा काली मिर्च को एक साथ मिलाकर देने से फायदा मिलता है।
  • अदरक: अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से थकान और बुखार में राहत मिल सकती है।
  •  खट्टे फल - खट्टे फलो में विटामिन c पाया जाता है और विटामिन स को इम्युनिटी बूस्टर कहा जाता है , मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को विटामिन c जैसे की अंगूर, संतरा, नींबू और ब्लैकबेरी जैसे खट्टे फल खिलने पर बुखार से छुटकारा मिलता है तथा सक्रमण से लड़ने में भी सहायता मिलती है।
  • हल्दी - हल्दी एक अद्भुत एंटी-ऑक्सीडेंट है ,रात को एक गिलास हल्दी वाला दूध पिने से फायदा होता है।
  • दालचीनी - दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो मुख्य रूप से मलेरिया के लक्षणों से निपटने में मदद करते हैं. दालचीनी और काली मिर्च पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खाने पर आराम मिलता है।
  • मेथी दाना - मेथी के दानो को रत भर पानी में भीगा कर रखे तथा सुबह उठ कर उस पानी का सेवन करे इससे मलेरिया जैसी घातक बीमारी से लड़ने की शक्ति मिलती है।

ध्यान रखे यह सिर्फ एक घरेलू उपाय है मलेरिया की गंभीर स्थिति दिखने पर चिकित्सक से सम्पर्क जरूर करे।

मलेरिया का वैश्विक प्रभाव ( Global Impact of Malaria )

आंकड़े:

  • WHO के अनुसार, 2023 में दुनिया भर में लगभग 26 करोड़ मलेरिया के मामले दर्ज किए गए थ
  • अफ्रीका में मलेरिया के मामलों का 90% हिस्सा है।
  • मलेरिया से होने वाली मौतों में से 67% बच्चे होते हैं, जिनकी उम्र 5 साल से कम होती है।

मलेरिया से बचाव (Malaria Prevention) 

मलेरिया से बचाव के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण होता है जैसे की - 

मलेरिया एक प्रकार की मच्छरों द्वारा फैलने वाली जीवाणुओं के कारण होने वाली एक जीवाणुजन्य बीमारी है। इसके बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम निम्नलिखित हैं:

1. मच्छरों से बचाव:

  • मच्छरों के काटने से बचने के लिए, रात्रि को अधिकांश जगहों पर अंधेरे में रहने से बचें और अधिकांश केवल पहनने के लिए कपड़े पहनें।
  • मच्छरों के काटने से बचने के लिए, आपके बेडरूम में नियमित रूप से मच्छरों के खिलौने जैसे की मच्छरों के खिलौने और मोस्किटो नेट्स का इस्तेमाल करें।

2. जीवाणु जन्य मलेरिया के खिलाफ दवाओं का इस्तेमाल:

  • मलेरिया के प्रबंधन और बचाव के लिए कई प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं, जैसे की क्लोरोक्विन और आरटेमिसिन-लुमेफैन्ट्राइन कॉम्बिनेशन।
  • यदि आप किसी मलेरिया प्रदूषण क्षेत्र में जा रहे हैं, तो एक चिकित्सक से पर्याप्त समय पहले सलाह लें और उनकी सुझावों का पालन करें।

3. बाहर जाने से पहले मलेरिया के खिलाफ टीके:

  • कुछ क्षेत्रों में मलेरिया के खिलाफ वैक्सीन उपलब्ध हो सकता है। अपने स्वास्थ्य प्रदाता से चेक करें कि आपके बच्चों और खुद के लिए क्या टीकाकरण उपलब्ध है।

4. ज्यादा जानकारी और समर्थन:

  • मलेरिया के इलाज और बचाव के लिए एक चिकित्सक से सलाह लें।
  • मलेरिया के लक्षणों को पहचानें, जैसे की बुखार, शीघ्र पेट दर्द, थकान, उल्टी, और तनाव।
  • यदि आप मलेरिया के संक्रमण के बारे में संदेह करते हैं, तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।

मलेरिया एक संवेदनशील बीमारी है, और सही बचाव उपायों का पालन करने से आप इससे बच सकते हैं।

ध्यान दे 

  • मलेरिया मच्छर के काटने से होने वाली एक संक्रामक बीमारी है।
  • मलेरिया के इलाज के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें और दवाओं का सही तरीके से उपयोग करें।
  • मलेरिया के खिलाफ टीकाकरण और साबुन से हाथ धोने की अच्छी आदतें डालें।
  • मलेरिया एक गंभीर बीमारी हो सकती है, इसलिए यदि आपको बुखार और अन्य संकेत होते हैं, तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
  • मलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाने में मदद करें और अपने समुदाय में सभी को सही जानकारी प्रदान करें, ताकि इस बीमारी का प्रसार रोका जा सके।

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FAQS 

1. क्या मलेरिया संक्रामक है? 

हां, मलेरिया संक्रामक है जो मौसमिक मच्छर के काटने से होता है।

2. क्या मलेरिया बैक्टीरिया से होता है?

नहीं, मलेरिया बैक्टीरिया से नहीं होता है, यह प्लासमोडियम प्रोटोजोआंस के कारण होता है।

3. क्या मलेरिया एक जलजनित रोग है?

नहीं, मलेरिया एक मानव रोग है जो मच्छरों के काटने से होता है।

4. मलेरिया के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए?

मलेरिया के मरीजों को आम तौर पर कोई खाने-पीने की विशेष प्रतिबंध नहीं होती है, लेकिन उन्हें खास ध्यान देना चाहिए कि वे स्वस्थ और पौष्टिक आहार खाएं ताकि उनका शरीर लक्ष्य को पूरा कर सके. उन्हें ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है ताकि वे खुद को हाइड्रेटेड रख सकें. उन्हें भारपूर पौष्टिक आहार खाने की सलाह दी जाती है, जैसे कि फल, सब्जियां, दाल, अंडे, मीट, और दूध आदि.

5. मलेरिया में कौन सा खाना खाना चाहिए?

मलेरिया में आपको पौष्टिक आहार खाना चाहिए, जिसमें फल, सब्जियां, दाल, अंडे, मीट, और दूध शामिल हो सकते हैं. फल और सब्जियां विशेष रूप से पौष्टिक होते हैं, क्योंकि वे विटामिन, मिनरल्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं और शरीर को मजबूती देते हैं.

6. मलेरिया का सबसे अच्छा इलाज क्या है?

मलेरिया का इलाज आमतौर पर डॉक्टर द्वारा प्रदान किया जाता है, और इसके लिए विशेष दवाओं का उपयोग किया जाता है, जैसे कि क्विनीन और अर्तेमिसिनीन की तरह दवाएं. डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य स्थिति और मलेरिया के प्रकार के आधार पर सही दवा का चयन करेंगे. मलेरिया का सबसे अच्छा इलाज डॉक्टर की सलाह और दिए गए दवाओं का सही तरीके से पालन करना होता है.

7. मलेरिया में कौन सा फल सबसे अच्छा होता है?

मलेरिया में फलों का सेवन करना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि फल विटामिन, मिनरल्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं और शरीर को ताक़त देते हैं. मलेरिया में खासकर नींबू, आम, पपीता, अनार, अदरक, और सीताफल जैसे फल फायदेमंद हो सकते हैं क्योंकि वे विटामिन सी और अन्य पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं.

8. क्या मलेरिया में दूध पी सकते हैं?

हां, मलेरिया में दूध पी सकते हैं. दूध एक पौष्टिक खाद्य है और आपके शरीर को ऊर्जा और पौष्टिकता प्रदान करता है. मलेरिया में दूध पीने से आपकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो सकता है.

9. मलेरिया ठीक होने में कितना समय लगता है?

मलेरिया के इलाज के बाद, रोगी की स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर यह निर्भर करता है कि मलेरिया ठीक होने में कितना समय लगेगा. आमतौर पर, सामान्य मलेरिया के इलाज के बाद कुछ हफ्तों तक लग सकता है तकी रोगी पूरी तरह से ठीक हो सके.

10. मलेरिया में कितने डिग्री बुखार होता है?

मलेरिया के बुखार का तापमान आमतौर पर 104 डिग्री फारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) तक हो सकता है।

 

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